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सूर्यग्रहण एवं इससे जुड़ी सावधानियां
जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी पूर्ण या आंशिक रूप से एक रेखा में आ जाते हैं। वे संरेखित होकर एक अनोखा व रोमांचक दृश्य प्रस्तुत करते हैं, जो पृथ्वी वासियों के लिए अत्यंत कौतूहल का विषय बन जाती है।
किशोरों के जीवन में हस्तक्षेप की सीमारेखा अनिवार्य है
यदि हम बच्चों पर अपनी पसंद थोप देंगे तो इसकी संभावना अधिक है कि वे अपने दोस्तों के बीच में उपहास के पात्र बन जाएं। इससे उनके व्यक्तित्व का विकास बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है जो हर तरह से उनकी उन्नति में बाधक होगा।
सुहागिनों का लोक पर्व गणगौर
होली के दूसरे दिन से ही गणगौर का त्यौहार आरंभ हो जाता है जो पूरे सोलह दिन तक लगातार चलता रहता है। इस दिन भगवान शिव ने पार्वती जी को तथा पार्वती जी ने समस्त स्त्री समाज को सौभाग्य का वरदान दिया था। सुहागिनें व्रत धारण करने से पहले रेणुका (मिट्टी) की गौरी की स्थापना करती हैं एवं उनका पूजन करती हैं।
चैत्र नवरात्रि पर भगवान श्रीराम की पूजा का क्या है महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को रामनवमी कहते हैं और मानते हैं इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जन्म हुआ था इसीलिए यह पर्व रामनवमी के पर्व के रूप में मनाया जाता है।
आंखों का दुश्मन ग्लूकोमा
ग्लूकोमा एक नेत्र रोग है, जो आंख के अंदर के द्वव्य का दबाव बढ़ने से होता है । इलाज न करवाने पर इंसान अंधा भी हो सकता है।
लंबी सीटिंग से सेहत को खतरा
लगातार बैठना आज वजह बन रहा कई स्वास्थ्य समस्याओं की । इन्हें नज़र अंदाज करना खतरनाक हो सकता है। जानिए कुछ ऐसे ही परिणामों के बारे में-
गर्भावस्था के दौरान दांतों का रखें ऐसे ख्याल
गर्भावस्था के दौरान दांतों की समस्या गर्भवती महिला और उसके होने वाले बच्चे दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए गर्भावस्था में दांतों की ख़ास देखभाल की जरूरत होती है।
सेहत के साथ लें स्वाद का लुत्फ
अच्छे खाने का शौकीन भला कौन नहीं होता है । खाना अगर स्वाद के साथ सेहतमंद भी हो तो बात ही क्या है। सवाल ये उठता है कि अपनी पसंदीदा खाद्य सामग्रियों का सेवन करके फिट कैसे रहा जाए?
डायबिटीज के कारण यूटीआई का खतरा
यूं तो यूटीआई महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है, पर मधुमेह के कारण यूटीआई के संक्रमण का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है।
हर मौसम में उठाएं इन हैल्दी फूड्स का मज़ा
वैसे तो कहा जाता है कि मौसम के अनुसार खाना खाना चाहिए, लेकिन कुछ ऐसी भी खाद्य सामग्रियां हैं, जिन्हें खाने के लिए आपको किसी मौसम विशेष का चयन करने की आवश्यकता नहीं है । क्या हैं वो फूड्स आइए जानें-
घरेलू हिंसा की गहरी होती जड़ें
हम भले ही समाज के अच्छे पहलुओं की चर्चा कर लें, लेकिन महिलाओं के प्रति आम सामाजिक नजरिया बहुत सकारात्मक नहीं है। बल्कि घरेलू हिंसा तक को कई बार सहज और सामाजिक चलन का हिस्सा मानकर इसकी अनदेखी करके परिवार के हित में महिलाओं को समझौता कर लेने की सलाह भी दी जाती है।
आत्मघाती है संपदा अथवा प्रकृति का विनाश करना
हमारे शास्त्र केवल भक्ति और संस्कार ही नहीं सिखाते, अपितु प्रकृति के प्रति प्रेम करना भी सिखाते हैं। भगवान श्री कृष्ण की गोवर्धन कथा इसका साक्षात उदाहरण है, जहां भगवान कृष्ण मनुष्यों को प्रकृति से प्रेम करने की सीख दे रहे हैं।
नारी तू जगत कल्याणी
भारत देश में एक कहावत बड़ी प्रचलित है की 'एक कन्या सौ ब्राह्मणों से उत्तम' अर्थात कन्या के अंदर ऐसे बहुत से गुण होते हैं की जिससे वे कुल का उद्धार कर सकती हैं।
सौहार्द का प्रतीक पावन होली
होली का रंगीन उत्सव भी केवल मावे की महंगी गुझिया या फागुनी दावतों तक सीमित नहीं है। पर्व के रूप में होली एक ऐसा सतरंगी आयोजन है।
शिव नाम स्मरण से होते हैं सभी पाप नष्ट
संस्कृत में शिव का व्यापक अर्थ है- कल्याणकारी और शुभकारी। `शि' जो पापों का नाश करने वाला है, 'व' का अर्थ देने वाला अर्थात दाता है।
अविनाशी शिव हैं परम वैष्णव
महादेव भोलेनाथ का ध्यान करते ही, हमारी आंखों के आगे, उनके कई रूप साकार हो उठते हैं और मन उनके हर रूप पर मुग्ध होता है। उन्हें हम सभी ने ध्यान में लीन देखा है, प्रश्न यह भी उठता है मन में कि महादेव जिनकी भक्ति संसार करता है वह किसकी भक्ति करते हैं?
शिव को प्रसन्न करने के लिए करें रुद्राभिषेक
शास्त्रों के अनुसार, भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करने से सभी देवताओं की पूजा एक साथ हो जाती है और एक साथ सभी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
काशी की शिव-पार्वती बारात है अद्भुत और सबसे प्रसिद्ध
हिंदू मान्यताओं के अनुसार भोलेनाथ और पार्वती के विवाह में देवी-देवता, असुर-गण, साधू-संत और भूत भी बाराती बनकर आए थे। शिव का औघड़ रूप देखकर पार्वती की मां मैना देवी मूर्छित हो जाती हैं और वह अपनी बेटी का विवाह शिव से करने से मना कर देती हैं।
महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर ये चीजें चढ़ाने से मिलेगा विशेष फल
भगवान भोलोनाथ के लिए कहा जाता है कि स्वभाव से बड़े भोले होते हैं। वह भक्त की भक्ति से तुरंत प्रसन्न होने वाले देवता हैं। देव, मानव और असुर सभी उनकी कृपा के पात्र रहे हैं। इसलिए कहते हैं कि एक लोटे जल से वह अपनी कृपा बरसा देते हैं।
तरबूज है गुणों की खान
गर्मी में अक्सर हमारे शरीर में पानी की कमी हो जाती है, तरबूज़ का सेवन, इस समस्या से निजात पाने का अच्छा विकल्प है। विटामिन ए और सी से भरपूर तरबूज़ में एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं।
अपने शरीर की रोज करें जांच
उम्र चाहे कोई भी हो, हमें हमेशा सजग रहना चाहिए और अपने शरीर का निरीक्षण - परीक्षण करते रहना चाहिए। लक्षण देखाई दे तो सतर्क हो जाना चाहिए और विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए ताकि किसी कमी या बीमारी के बढ़ने से पूर्व ही उसे ठीक किया जा सके।
मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए अपनाएं उचित खानपान
डायबिटीज के मरीजों को फुल फैट मिल्क की बजाय लो फैट या स्किम्ड मिल्क पीना चाहिए। इसके अलावा बटर की अपेक्षा घी का सेवन अधिक फायदेमंद हो सकता है। डायबिटीज में पनीर का सेवन किया जा सकता है।
खतरनाक हो सकता है प्रोस्टेट कैंसर न करें नजरअंदाज
पुरुषों में बार-बार पेशाब जाने की आदत सामान्य नहीं है। यदि आपके घर के किसी पुरुष व्यक्ति को पेशाब में जलन या पेशाब करते समय दर्द होता है तो उसका मतलब है कि उन्हें कोई गंभीर समस्या हो। हो सकता है कि प्रेस्टेट कैंसर के शुरुआती लक्षण हों।
कैंसर के उपचार में उपयोगी है आनिक चिकित्सा पद्धति-इम्यूनोथेरेपी
पिछले कुछ सालों से एक नई चिकित्सा पद्धति 'इम्यूनोथेरेपी' काफी प्रचलन में है जो कैंसर को कंट्रोल करने या उपचार में काफी कारगर मानी जा रही है।
कहीं नाश्ता न कर दे सब नाश
हमारे उत्तम स्वास्थ्य के लिए सुबह का नाश्ता करना बेहद जरूरी है। यह तो हम सब जानते ही हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके द्वारा किया जाने वाला नाश्ता ही आपकी सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। कैसे? आइये जानते हैं।
संगीत और अभिनय का मधुर संबंध दिलजीत सिंह दोसांझ
दिलजीत सिंह दोसांझ पंजाबी संगीत और फिल्म जगत की जानी मानी हस्ती बन चुके हैं। जालंधर पंजाब प्रांत के एक गांव दोसांझ कलां में इनका जन्म हुआ है, जिसके कारण दिलजीत सिंह अपने नाम के आगे 'दोसांझ' लगाते हैं। दिलजीत का जन्म 06 जनवरी, 1984 को 12.00 बजे, मीन लग्न में मकर राशि के अन्तर्गत जाब के जालंधर शहर में हुआ है।
प्रेम की राह में रंगों का असर
प्रत्येक रंग का अपना विशेष महत्त्व होता है। जो भी रंग के हम कपड़े पहनते हैं उसका प्रभाव हमारे प्रेम पर भी पड़ता है। क्या कहते हैं हमारे रंग? जानते हैं लेख से।
तुलसी के पौधे की परिक्रमा करते हुए ऐसे करें माता लक्ष्मी को प्रसन्न
तुलसी के पौधे को माता लक्ष्मी का रूप माना जाता है। हिन्दू धर्म के मान्यता के अनुसार इस एक पवित्र पौधा गया है। इसका महत्व वेदों और पुराणों में स्पष्टता से बताता गया है। तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल हिन्दू धर्म के पूजा पाठ में किया जाता है। तुलसी के पत्ते भगवान विष्णु और इनके स्वरूपों को चढ़ाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु को बिना तुलसी के पत्तों से भोग नहीं चढ़ाया जाता है, बल्कि भगवान विष्णु के भोग में तुलसी पत्र अनिवार्य है। भगवान विष्णु समेत, कृष्ण और हनुमानजी को भी तुलसी के पत्तों के साथ ही भोग अर्पित करते हैं। केवल गणेशजी, शिवजी और देवियों को तुलसी पत्र नहीं चढ़ाया जाता है।
अयोध्या तथा श्रीराम के पूर्वज
भविष्य पुराण के प्रतिसर्ग पर्व में वर्णित है कि श्वेत वाराह नामक कल्प में बह्मा जी के वर्ष में मौन दिन में सुप्त मुहूर्त के अवसर पर वैवस्वत मनु का जन्म हुआ था।
प्राण प्रतिष्ठा क्या है, कौन से नियम हैं जिनका करना पड़ता है पालन
हाल ही में अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन किया गया है जिसमे राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया का भी समापन हुआ। बहुत से लोगों को नहीं पता की प्राण प्रतिष्ठा क्या है। तो आइए जान लेते हैं इस बारे में।