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![सुख की परिभाषा सुख की परिभाषा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1562753/e7PjV-YHz1704784119742/1704784280395.jpg)
सुख की परिभाषा
नदी के दो किनारों की तरह है हमारा जीवन। एक किनारा सुख है तो दूसरा दुख है। जीवन में जो हमें प्रतिकूल लगता है वो दुख है और जो अनुकूल लगता है वो सुख है।
![गणतंत्र दिवस की सार्थकता गणतंत्र दिवस की सार्थकता](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1562753/CN0ZqZwgy1704783898640/1704784112360.jpg)
गणतंत्र दिवस की सार्थकता
गणतंत्र दिवस का दिन आज महज एक सरकारी छुट्टी का दिन बनकर रह गया है। बदलते समय के साथ इस दिन का महत्त्व कम होता जा रहा है। आइये, गणतंत्र दिवस के अवसर पर इस दिन के सही मायने समझें और इस पर्व की सार्थकता बनाए रखें।
![स्वामी विवेकानंद की जीवन यात्रा स्वामी विवेकानंद की जीवन यात्रा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1562753/ozpIKXdzc1704783484651/1704783875129.jpg)
स्वामी विवेकानंद की जीवन यात्रा
जिन्हें आज पूरा विश्व स्वामी विवेकानंद के नाम से जानता है उनका वास्तविक एवं बचपन का नाम नरेंद्र था। नरेंद्र से हुए विवेकानंद एवं विवेकानंद से हुए स्वामी विवेकानंद के पीछे भी एक दिलचस्प घटना एवं लंबी यात्रा है।
![मकर संक्रांति का अध्यात्मिक महत्त्व मकर संक्रांति का अध्यात्मिक महत्त्व](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1562753/VnkA8z81o1704783194764/1704783462436.jpg)
मकर संक्रांति का अध्यात्मिक महत्त्व
यूं तो हम सभी के लिए त्योहारों का मतलब होता है हंसी, उल्लास और उमंग लेकिन सही मायनों में त्योहारों का महत्त्व उससे कहीं बढ़ कर और गूढ़ होता है।
![परिवर्तन जीवन का दूसरा नाम परिवर्तन जीवन का दूसरा नाम](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1562753/1q5itAD1L1704782974371/1704783182609.jpg)
परिवर्तन जीवन का दूसरा नाम
चिंता किस बात की, भय किस बात का । यही तो प्रकृति का नियम है। प्रकृति कभी देती है तो कभी छीनती है। याद करो उन पलों को जब तुम सुखी थे। जब सब कुछ तुम्हारे अनुसार था।
![नए साल पर कुछ नया करें नए साल पर कुछ नया करें](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1562753/vAtchy_fQ1704782833832/1704782956305.jpg)
नए साल पर कुछ नया करें
2024 आपके घरों में आ चुका है। अपनी नई आशाओं के साथ 365 दिन यानी 365 दिन कुछ कर गुजरने के लिए आपको एक बार नये रूप में फिर आपके समक्ष ले आया है 2016 जब साल आता है तो दिल नई योजना बनाने लगता है परंतु कितने ही कारण ऐसे आ जाते हैं जिनके कारण हम जो सोचते हैं।
![मालिश से रखें सौंदर्य को बरकरार मालिश से रखें सौंदर्य को बरकरार](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1562753/gxdo-Zk1r1704782423702/1704782827404.jpg)
मालिश से रखें सौंदर्य को बरकरार
मालिश निष्क्रिय व्यायाम का एक रूप है। यह प्राकृतिक चिकित्सा का ऐसा महत्त्वपूर्ण साधन है, जो आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मददगार है। कैसे करें मालिश तथा कैसे यह हमें स्वस्थ रखने में सहायक है, जानने के लिए पढ़ें यह लेख।
![सर्दी में दें खुद को गर्मी का एहसास सर्दी में दें खुद को गर्मी का एहसास](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1562753/r2ccDMtve1704782188443/1704782408238.jpg)
सर्दी में दें खुद को गर्मी का एहसास
कंपकंपाती ठंड के इस मौसम में हर कोई खुद को गर्माहट महसूस कराने की कोशिश में जुट जाता है। इसलिए यहां हम आपको बता रहे हैं कि किन उपायों व खाद्य पदार्थों को अपनी दिनचर्या में शामिल कर आप खुद को इस मौसम में भी चुस्त रख सकते हैं।
![जब सताए जोड़ों का दर्द जब सताए जोड़ों का दर्द](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1562753/yhwHXWBlH1704781515983/1704782182428.jpg)
जब सताए जोड़ों का दर्द
सर्दियों का यह मौसम जोड़ों के दर्द से पीड़ित लोगों की मुश्किलें और बढ़ा देता है। ऐसे में इस मौसम में रोगियों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता रहती है। इसलिए हम यहां पर आपको बता रहे हैं जोड़ों के दर्द से मुक्ति पाने के आसान घरेलू उपाय।
![खांसी का घरेलू उपचार खांसी का घरेलू उपचार](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1562753/gk8OBrsUi1704781148219/1704781509692.jpg)
खांसी का घरेलू उपचार
खांसी कोई स्वतंत्र रोग नहीं, बल्कि दूसरे रोगों के कारण उत्पन्न होने वाली विकृति है। ऋतु परिवर्तन के समय प्रकृति विरुद्ध भोजन करने, अधिक शीतल पेय और खाद्य पदार्थों का सेवन करने से खांसी की उत्पत्ति होती है। तेल-मिर्च युक्त चीजें खाने व शीतल जल पी लेने से भी प्रायः खांसी हो जाती है।
![कैसे रहें ठंड में दुरुस्त? कैसे रहें ठंड में दुरुस्त?](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1562753/DIbY86qC01704780819418/1704781135830.jpg)
कैसे रहें ठंड में दुरुस्त?
माना सर्दियों का मौसम अपने साथ कई बिमारियों को लाता है लेकिन जरा सी सावधानी बरत कर आप इस मौसम में भी स्वस्थ रह सकते हैं। आइये जानते हैं कि सर्दियों के इस मौसम में भी स्वयं को व अपने परिवार को कैसे स्वस्थ रख सकते हैं।
![सर्दियों में रखें सेहत का ख्याल सर्दियों में रखें सेहत का ख्याल](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1562753/1yOQJm_Hb1704780507585/1704780812850.jpg)
सर्दियों में रखें सेहत का ख्याल
सर्दियों का मौसम अपने साथ कई बिमारियों को लेकर आता है, जिसमें सर्दी-जुकाम तथा श्वसन संबंधी रोग प्रमुख हैं। क्या हैं सर्दियों के मौसम में होने वाले प्रमुख रोग तथा किस तरह इनसे बचाव संभव है, जानने के लिए पढ़ें यह लेख।
![मसाले स्वास्थ्य के रखवाले मसाले स्वास्थ्य के रखवाले](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1527437/_lVbFBoQL1702377614287/1702377839024.jpg)
मसाले स्वास्थ्य के रखवाले
मसाले दिखने में जितने तीखे व आकर्षक मालूम होते हैं उतने ही असरदार भी होते हैं। भोजन में इनका उपयोग मात्र स्वाद के लिए ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी किया जाता है। भोजन में इनकी मात्रा एवं अनुपात हमारे स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने में सहायक होता है।
![वास्तु उपायों से बनाएं नववर्ष को मंगलमय वास्तु उपायों से बनाएं नववर्ष को मंगलमय](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1527437/YQiV4YVGw1702377161236/1702377605394.jpg)
वास्तु उपायों से बनाएं नववर्ष को मंगलमय
नया साल अपने साथ खुशियां और सौहार्द लेकर आता है। ऐसे में पूरे वर्ष को और भी ज्यादा खास बनाने के लिए वास्तु संबंधित कुछ उपाय अपनाए जा सकते हैं। इससे घर की परेशानियां दूर होने के साथ आर्थिक तंगी से भी छुटकारा मिलेगा।
![पेट के अल्सर को करें बेअसर पेट के अल्सर को करें बेअसर](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1527437/1q6YecyqR1702376887870/1702377157424.jpg)
पेट के अल्सर को करें बेअसर
पेट हमारे शरीर का सबसे महत्त्वपूर्ण अंग है। जिसका स्वस्थ रहना हमारे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। पर हमारी जीवनशैली के कारण हमें कोई न कोई रोग घेर ही लेता है। ऐसा ही एक रोग है पेट का अल्सर। कैसे पाएं इस रोग से छुटकारा? जानें इस लेख से।
![कैसे करें जीवनदायी तत्त्वों की साज-संभाल कैसे करें जीवनदायी तत्त्वों की साज-संभाल](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1527437/OYVCijtEZ1702376648132/1702376880471.jpg)
कैसे करें जीवनदायी तत्त्वों की साज-संभाल
जीवन के लिए कुछ आवश्यक तत्त्वों का होना बहुत जरूरी है। और यदि आप वर्तमान एवं भविष्य सुरक्षित रखना चाहते हैं तो आज से ही इसे बचाने के उपाय करें।
![एक्यूप्रेशर में पिरामिड का प्रयोग एक्यूप्रेशर में पिरामिड का प्रयोग](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1527437/A5DLoavtv1702376398534/1702376638106.jpg)
एक्यूप्रेशर में पिरामिड का प्रयोग
एक्यूप्रेशर से जुड़ी कई वस्तुओं को आपने देखा होगा जिनकी डिजाईन पिरामिड के समान होती है। पिरामिड को एक्यूप्रेशर में शामिल करने के क्या है लाभ जानते हैं लेख से
![खाद्य पदार्थ जो बढ़ाएं कैंसर का खतरा खाद्य पदार्थ जो बढ़ाएं कैंसर का खतरा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1527437/ROIe1nfFC1702376258771/1702376394487.jpg)
खाद्य पदार्थ जो बढ़ाएं कैंसर का खतरा
वैसे तो ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जो किसी विशेष खाद्य पदार्थ के सेवन को निर्दिष्ट करता हो, लेकिन आहार जैसी सामान्य सी चीज कुछ निश्चित स्वास्थ्य प्रकार के कैंसर को प्रोत्साहित कर सकती है।
![दांतों के लिए घातक है अधिक शक्कर दांतों के लिए घातक है अधिक शक्कर](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1527437/PAKp1fGIz1702376092607/1702376256333.jpg)
दांतों के लिए घातक है अधिक शक्कर
मीठा खाना सभी को पसंद है और बड़े चाव से खाया भी जाता है। किंतु अत्यधिक शक्कर खाने से हमारे दांतों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यदि शक्कर खा लेने के बाद मुंह साफ कर लिया जाए तो अवश्य उसका इतना असर नहीं होगा, जितना उसे दांतों के बीच पड़ा छोड़ देने से होता है।
![ओशो और विवेकः एक प्रेम कथा ओशो और विवेकः एक प्रेम कथा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1527437/Jd0ZYR4E-1702375915210/1702376079790.jpg)
ओशो और विवेकः एक प्रेम कथा
सू एपलटन अपने पूर्व जन्म से ही ओशो की प्रेमिका रही है। अप्रैल 1971 में ओशो द्वारा संन्यास दीक्षा ग्रहण की। ओशो ने उसे नया नाम मा योग विवेक दिया। मा विवेक दिसंबर 09, 1989 को अपने भौतिक जीवन से पृथक हो गई।
![पृथ्वी पर घटा चमत्कार था रजनीशपुरम पृथ्वी पर घटा चमत्कार था रजनीशपुरम](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1527437/_0MVjGfac1702375595419/1702375911450.jpg)
पृथ्वी पर घटा चमत्कार था रजनीशपुरम
अमेरिका के ऑरेगोन में बना रजनीशपुरम आज एक बार फिर चर्चा में है, और चर्चा का कारण नेटफ्लिक्स पर आई डॉक्यूमेंट्री 'वाइल्ड वाइल्ड कंट्री' है। जिसमें ओशो के अमेरिका में बसने और वहां रजनीशपुरम के बनाने और मिटाने की कहानी को दर्शाया गया है। आखिर रजनीशपुरम था क्या, क्या रजनीशपुरम की हकीकत वही थी जिसे फिल्म में दिखाया गया या कुछ और? अमेरिका में ओशो को जेल क्यों जाना पड़ा? क्या रजनीशपुरम ओशो की असफलता का कारण था? इन सभी प्रश्नों के उत्तर आइए ओशो की जुबानी ही जानते हैं
![शीला ने जितनी ओशो की सेवा की उतना नुकसान भी किया शीला ने जितनी ओशो की सेवा की उतना नुकसान भी किया](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1527437/sILr1muxP1702375428279/1702375593346.jpg)
शीला ने जितनी ओशो की सेवा की उतना नुकसान भी किया
'स्वामी संजय भारती' न केवल ओशो के लोकप्रिय पुराने संन्यासी हैं बल्कि सालों से ओशो की पुस्तकों एवं पत्रिकाओं के प्रकाशन व संपादन में सहयोगी भी रहे हैं। प्रस्तुत है 'वाइल्ड वाइल्ड कंट्री' के संदर्भ में लिए गए साक्षात्कार के प्रमुख अंश।
![ओशो ने मेरे अंदर की हर संभावना को प्रतिभा बनाया है ओशो ने मेरे अंदर की हर संभावना को प्रतिभा बनाया है](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1527437/nooZTmqRj1702375211788/1702375422252.jpg)
ओशो ने मेरे अंदर की हर संभावना को प्रतिभा बनाया है
ओशो के विदेशी संन्यासियों में से एक मुख्य नाम है 'मा प्रेम मनीषा'। जो न केवल ओशो के अंग्रेजी प्रवचनों में प्रश्न पूछती हुई नजर आती हैं बल्कि, आपने ओशो के संध्या दर्शन की 'दर्शन डायरी भी तैयार की हैं। प्रस्तुत है ओशो कम्यून में लिए गए साक्षात्कार के प्रमुख अंश।
![तुलसी से दूर करें वास्तुदोष तुलसी से दूर करें वास्तुदोष](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1527437/J5Ylz1Iet1702375051807/1702375168862.jpg)
तुलसी से दूर करें वास्तुदोष
हिन्दू धर्म में तुलसी का पौधा हर घर-आंगन की शोभा है। तुलसी सिर्फ हमारे घर की शोभा ही नहीं बल्कि शुभ फलदायी भी है। कैसे, जानें इस लेख से।
![सेहत से भरपूर है सुबह की सैर सेहत से भरपूर है सुबह की सैर](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1527437/XmOP0UXpa1702374841596/1702375039041.jpg)
सेहत से भरपूर है सुबह की सैर
कहते हैं कि जो व्यक्ति प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व जगता है वह सदैव स्वस्थ रहता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए जितना लाभदायक सूर्योदय से पूर्व जगना है उससे कहीं अधिक लाभदायक सुबह सैर करना है?
![शीला की कहानी ओशो की जुबानी शीला की कहानी ओशो की जुबानी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1527437/RBYAjLnTJ1702374561161/1702374821990.jpg)
शीला की कहानी ओशो की जुबानी
फिल्म 'वाइल्ड-वाइल्ड कंट्री' भले ही ओशो के हर प्रेमी व विरोधी ने न देखी हो पर सवाल देर-सबेर उभर ही गए हैं या भविष्य में उभर ही जाएंगे। सवाल, बवाल न बने, इसके लिए जरूरी है, शीला के बयानों पर ओशो के जवाब
![मेरी लीला अभी भी जारी है मेरी लीला अभी भी जारी है](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1527437/zrwT98Bs41702374437891/1702374555520.jpg)
मेरी लीला अभी भी जारी है
नहीं आऊंगा समझ में तुमको कुछ ऐसी मेरी तैयारी है, हो चुका हूं विदा इस देह से पर काम अभी भी जारी है। यह जो भी शीला-वीला है सब मेरी ही तो लीला है अभी होना बहुत कुछ बाकी है मेरी लीला अभी भी जारी है
![हिंदू धर्म में लक्ष्मी-गणेश का महत्त्व हिंदू धर्म में लक्ष्मी-गणेश का महत्त्व](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1497394/jgtQGLagR1699881799412/1699881945616.jpg)
हिंदू धर्म में लक्ष्मी-गणेश का महत्त्व
दिवाली के अवसर पर लक्ष्मी-गणेश की पूजा का विधान है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनके स्वरूप में जीवन का रहस्य छिपा हुआ है। आइये, जानते हैं क्या है हिन्दू धर्म में लक्ष्मी-गणेश की पूजा का अर्थ।
![गोवर्धन पूजा का महत्त्व व इतिहास गोवर्धन पूजा का महत्त्व व इतिहास](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1497394/gVYJUne911699881600172/1699881701989.jpg)
गोवर्धन पूजा का महत्त्व व इतिहास
दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है, लोग इसे अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं। गोवर्धन पूजन के महत्त्व के बारे में आइए विस्तार से जानें लेख से।
![क्या है दिवाली पूजन की सही विधि? क्या है दिवाली पूजन की सही विधि?](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1497394/e7TXt2vzi1699881371018/1699881596133.jpg)
क्या है दिवाली पूजन की सही विधि?
मां लक्ष्मी धन व समृद्धि की देवी हैं। दीपावली पर लोग इनकी आराधना कर सुख-समृद्धि प्राप्त करते हैं। तो आइये, जानते हैं मां लक्ष्मी की आराधना कर उन्हें प्रसन्न करने के सरल उपाय।