CATEGORIES
Categorías
देवत्व से परे
मिलन मुदगिल का फोटो प्रोजेक्ट कैलाशमानसरोवर की जो छवि उकेरता है वह पौराणिक कथाएं नहीं कर सकतीं
मां से बेहतर भला किसे पता
असल जिंदगी में अतिस्नेही मां कल्कि केकलां अपनी नई फिल्म में रंजिशजदा बेटी का किरदार निभा रही हैं
बहने दो संगीत
एक नई डॉक्यूमेंट्री दिखाती है कि किस तरह गंगा किनारे साइकिल यात्रा ने कंपोजर शांतनु मोइत्रा को गहरे नुक्सान से उबरने में मदद की
कागज मुक्त होंगी बीमा पॉलिसी
संभावना यही है कि इस साल के आखिर तक नई बीमा पॉलिसी अभौतिक या डीमैट रूप में मिलने लगेंगी
छोटा है पर दमदार है
स्मॉल-कैप फंड्स में निवेश जोखिम भरा हो सकता है लेकिन उनमें निवेश करने का एक अच्छा पहलू भी है कि वे धन सृजन की महत्वपूर्ण रणनीति हो सकते हैं
जीवनरेखा की सुरक्षा
जीवन बीमा आपकी अचानक मौत की घड़ी में आपके परिवार को सुरक्षा प्रदान करने का एक तरीका है. यह आपकी अनुपस्थिति में परिवार के सपनों को जीवित रखने का वित्तीय साधन है
पहाड़ पर खून के दाग
उत्तराखंड में अंकिता भंडारी की हत्या से आम लोगों में गहरा आक्रोश है और आरोपी भाजपा नेता की भूमिका से भी कई सवाल उठ रहे हैं
नशे में घुली बदनीयती
डॉक्टर और स्टूडेंट काउंसलर डेट रेप ड्रग्स के इस्तेमाल से हो रहे अपराधों को लेकर फिक्रमंद
रिटायरमेंट के बाद भी भरोसा बरकरार
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आखिर किस रणनीति के तहत रिटायर हो चुके अफसरों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंप रहे हैं ?
बूचड़खाने की राह
बांग्लादेश तक मवेशियों की तस्करी अब पश्चिम बंगाल में बेहद संगठित धंधा बना, कथित तौर पर इस कमाऊ गोरखधंधे में नेता, प्रशासक और बीएसफ के कुछ अफसरों की मिलीभगत
भीतरी खतरे का खौफ
इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर पाबंदी ने देश के सामने मौजूद खतरों और अंतःकथाओं को उजागर किया. और कई सवालों को जन्म दिया
सूबेदार की बगावत!
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस के प्रथम परिवार की क्यों की नाफरमानी ? फिर क्यों मांगी माफी ? अब आगे क्या हो सकता है ?
प्रसारण से पारदर्शिता
सर्वोच्च न्यायालय में लाइव टेलीकास्ट के लिए कैमरे साढ़े दस बजे से कुछ समय पहले ही ऑन हो गए थे. कोर्ट स्टाफ मेजों को दुरुस्त कर रहा था.
यूजर सिक्योरिटी या प्राइवेसी का अंत!
एक तरह से देखा जाए तो स्पेक्ट्रम आत्मा के समान है, जिसे श्रीमद्भगवतगीता में ज अमर कहा गया है. आत्मा की तरह ही स्पेक्ट्रम भौतिक रूप से मौजूद नहीं दिखता लेकिन यह सर्वव्यापी है.
धैर्य की परीक्षा लेते रिजल्ट
इंदौर के आगरा-बंबई रोड पर एक अटपटा साइनबोर्ड आपका ध्यान खींचता है-पीसीएस फलाहार. ये फलों की दुकान है जिन्हें चार दोस्त चलाते हैं.
सबको लग रही है आंच
यूक्रेन में जंग
स्टीरियोटाइप से निकल जाऊंगा
मिर्जापुर के आइपीएस अफसर मौर्या से महारानी के नवीन कुमार, इनसाइड एज के मिश्रा जी और जामताड़ा के ब्रजेश भान तक अमित सियाल का करियर ग्राफ बीते कुछ वर्षों में तेजी से चढ़ा है. अब वे जामताड़ा के दूसरे सीजन में भी दिखने वाले हैं
लंबे मध्यांतर के बाद...
कश्मीर में 23 साल बाद सिनेमा की शानदार वापसी, घाटी को मिला पहला मल्टीप्लेक्स
अपने ही इलाके से बेदखल
लद्दाख में टकराव के बड़े ठिकानों से भारतीय सेना और चीन की पीएलए के एक-एक कर पीछे हटने से तनाव घटा, लेकिन चिंता यह है कि हर मुकाम पर एलएसी के अपनी ओर बफर जोन बनने से भारत अपने क्षेत्र से ही नियंत्रण खो रहा
सेमीकंडक्टर की आंच
केंद्र के साथ महाराष्ट्र सरकार को भी भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि वेदांता फॉक्सकॉन 1.5 लाख करोड़ रु. का सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट प्रदेश से चुनावी राज्य गुजरात ले जा रही है
आदिवासियों से बड़ी आस
केंद्र सरकार ने 15 आदिवासी समुदायों को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल करने का फैसला किया है, क्या भाजपा इस फैसले से आदिवासियों को रिझा पाएगी?
रोशन होने लगी कान्हा नगरी
मुख्यमंत्री योगी की अध्यक्षता में गठित ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने मथुरा-वृंदावन के तीर्थ स्थलों को दिया नया रूप, 25 हजार करोड़ की नई योजनाएं पर्यटन को विश्वस्तरीय पहचान दिलाएंगी
कैंसर नए करिश्माई इलाज
सेल्युलर इंटरवेंशन या कोशिका में हस्तक्षेप विधि से भारत में रोगों के राजा के निदान, इलाज और शायद ठीक होने के तौर-तरीकों में बड़े बदलाव की उम्मीद
बाई जावैली सिनेमाहॉल
पिछले ढाई साल राजस्थानी सिनेमा के लिए सूखे रहे हैं. जनवरी 2020 के बाद से अब तक सिर्फ एक फिल्म प्यारो बाबुल रिलीज हुई है. इस साल मई में रिलीज हुई इस फिल्म का एक गीत 'जग ने आ कैड़ी रीत बनाई, बाबुल रै घर बेटी पराई' इन दिनों खासा चर्चित हो रहा है.
मध्यम वजन का दावेदार
तेजस एमके2 फाइटर जेट
बढ़ रही है लालिमा
ऐसा दृश्य लोग लगभग भूल चुके थे कि कोलकाता के शैक्षणिक इलाके कॉलेज स्ट्रीट का बोईपाड़ा (पुस्तक बाजार) लाल रंग में रंगा हो. वाम दलों के हंसिया हथौड़ा और सितारों वाले झंडे और चे ग्वारा की छवि वाली पेंटिंग्स यहां एक बार फिर छाई थीं.
समान भाषा अधिकार
इंडिया, हिंडिया नहीं. उसी भूभाग से 1960 के दशक में अलगाववाद की हद तक विरोध का जो राग छेड़ा गया था, उसी का यह नरम और बदला हुआ संस्करण है. पर राष्ट्रीय भाषा के रूप में हिंदी को अस्वीकार करने की दृढ़ता अभी भी वैसी ही है.
कृषि मंत्री को गुस्सा क्यों आया?
पिछले दिनों बिहार के नए कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि उनके विभाग के सारे अफसर चोर हैं और वे चोरों के सरदार. यह बयान एक तरह से राज्य की उस अफसरशाही पर हमला था जिस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लंबे वक्त से भरोसा करते आए हैं. इस बयान ने पहले से हमलावर भाजपा को बैठे-बिठाए एक मुद्दा दे दिया, वहीं सुशासन के लिए मशहूर नीतीश की स्थिति ऐसी हो गई कि उनसे कुछ बोलते नहीं बन रहा था.
पायलट की चुनौती
वहां का माहौल गमगीन, पर सियासी रूप से अहम था.
सोरेन का बड़ा दांव
सरकारी नौकरियों में आरक्षण के दायरे को बढ़ाकर 77 फीसद तक करने और अधिवास (डोमिसाइल) की स्थिति निर्धारित करने के लिए 1932 को कट-ऑफ वर्ष बनाने की मंजूरी देने के झारखंड सरकार के कदम के एक दिन बाद 15 सितंबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक वीडियो ट्वीट किया जिसमें उनके उत्साहित समर्थक नारे लगा रहे थे, "झारखंड का मुख्यमंत्री कैसा हो, हेमंत सोरेन जैसा हो."