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टेक्नोलॉजी में लीडर बनने की आई वेला
भारत के दबदबे को और बढ़ाने के लिए इसकी मानव पूंजी की ताकत को भुनाना चाहिए और सामाजिक समस्याओं को प्रौद्योगिकी आधारित समाधानों के जरिये सुलझाना चाहिए
दुनिया भर में डिजिटल दबदबे की राह
आइटी सेवाओं से लेकर एआइ तक भारत रणनीतिक निवेशों और नवोन्मेषी नीतियों के बूते दुनिया की डिजिटल क्रांति की अगुआई करने को तैयार
तकनीक की डिजिटल कदमताल
बात चाहे क्वांटम कंप्यूटिंग की हो या फिर एआइ की, भारत सरकार और निजी क्षेत्र के उपक्रम दोनों ही नए जमाने की नई तकनीक को मिशन मोड में आगे बढ़ाने में जुटे. अब किसी तरह की गफलत की कोई गुंजाइश नहीं
भाग्य के साथ नई भेंट
आर्थिक स्वतंत्रता भारत की महान लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और राजनैतिक स्वतंत्रता की पूरक होनी चाहिए. कामकाजी होते हुए भी गरीब रहने की स्थिति को समाप्त करने के लिए नवाचारों की जरूरत है, खासकर वहां, जहां कौशल, शिक्षा और नौकरियों का मेल होता है
भविष्य के स्कूल ऐसे होंगे तैयार
स्कूल अभी भी पाठ्य पुस्तकों की सामग्री की जंजीर से बंधे हुए हैं और वे पढ़ाई सुनिश्चित करने के बारे में ज्यादा हैं. जैसा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में बताया गया है, स्कूलों को सीखने की स्वतंत्र, उदार जगह बनने की जरूरत है जो छात्रों को जीवन और काम के लिए तैयार कर सकें
दुनिया का अध्ययन केंद्र बनाना होगा भारत को
पुराने ढर्रे के पाठ्यक्रम, नाकाफी बुनियादी ढांचा और आधे-अधूरे ढंग से तैयार किए गए शिक्षक भारत में उच्च शिक्षा के अभिशाप रहे हैं. मानदंडों को वैश्विक स्तर तक उठाने के लिए ढांचागत सुधार, सख्त देखरेख और डिजिटल शिक्षा पर जोर जरूरी
काला अक्षर क्रांति बराबर
भारत की शिक्षा प्रणाली की गंभीर खामियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के जरिए दूर किया गया है. लेकिन वैश्विक मानक हासिल करने के लिए इसे सच्चे अर्थों में लागू करना जरुरी
दुनिया में धाक जमाने का मौका
भारतीय उद्योग को मेक इन इंडिया का मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहिए और सरकार की तरफ से सक्षम व्यापार और विदेश नीतियों के जरिए बनाए जा रहे मौकों का फायदा उठाना चाहिए ताकि वे न केवल अपने घरेलू क्षेत्र में बल्कि दुनिया में सिक्का चला सकें
कंपनी जगत अपनी महत्वाकांक्षा को जगाए
भारत के पास मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में वैश्विक दिग्गज बनने की क्षमता है. इसके लिए हमारी इंडस्ट्री को आगे की ओर साहसिक कदम उठाने होंगे और सरकार को एक कदम पीछे हटना होगा
भारतः चीन का प्लस वन
दुनिया चीन से परे देख रही है, ऐसे में भारत मैन्युफैक्चरिंग का हब बन सकता है. इसके लिए इनोवेशन, प्रतिस्पर्धा और टिकाऊ वृद्धि पर फोकस होना चाहिए
कल के कारखाने
10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के मोदी के विजन ने नीतिगत बदलाव में तेजी ला दी है जिसका मकसद भारत को वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग के शक्ति केंद्र के रूप में तब्दील करना है लेकिन चीन का दबदबा एक चुनौती है
बनाना होगा पर्यटन का पावरहाउस
संपन्न सांस्कृतिक विरासत और कुदरती सौंदर्य से भरपूर भारत वैश्विक पर्यटन का केंद्र बन सकता है. लेकिन इन सब कोशिशों के केंद्र में फिक्र इस बात की होनी चाहिए कि वह व्यवस्था टिकाऊ कैसे बने
बनेगा दुनिया भर के जहाजों का अड्डा
भारत का विमानन क्षेत्र वित्त वर्ष 2030 तक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की तादाद और विमान फ्लीट, दोनों को दोगुना कर बड़ी ग्रोथ के लिए तैयार है. यह तेज विस्तार भारत को अंतरराष्ट्रीय विमानन केंद्र के रूप में स्थापित करने का नायाब मौका
लॉजिस्टिक में नई जान डालने से होगा कमाल
बुनियादी ढांचे में निवेश करके, डेटा विजिबिलिटी बढ़ाकर, और डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर व परिसंपत्तियों का अधिकाधिक इस्तेमाल करके भारत विश्वस्तरीय लॉजिस्टिक सेक्टर का निर्माण कर सकता है
प्रगति की तेज रफ्तार आवाजाही
भारत का महत्वाकांक्षी इन्फ्रास्ट्रक्चर अभियान सड़क, रेलवे और विमानन की सूरत बदल रहा, जलवायु अनकूल कदमों की दिशा में भी तेजी से कदम बढ़ाकर 2047 तक देश तेज विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हो रहा
भविष्य के लिए विकास के सूत्र
भारत को आर्थिक क्षेत्र में एक नई ऊंचाई पर पहुंचने के लिए अपने मानव संसाधन को और मजबूत करना होगा और चहुंमुखी वृद्धि के लिए उभरती टेक्नोलॉजी का फायदा उठाना होगा. अगुआ राज्यों को आगे बढ़कर इसमें चालक की भूमिका निभानी चाहिए
प्रतिस्पर्धी भावना को धार
भारत को वर्ष 2047 में विकसित भारत के विजन के लिए अपने प्रतिस्पर्धी फायदों और खामियों की वास्तविक पहचान करने की जरूरत होगी
गरीबी से गरिमा तक
भारत को लगातार तेज वृद्धि हासिल करने के लिए हमें कमाई के मामले में निचले 50 फीसद लोगों का कायापलट करके उन्हें जनकल्याण योजनाओं के निष्क्रिय लाभार्थियों के बजाए अर्थव्यवस्था में सक्रिय योगदान देने वाला बनाना होगा
बूस्टर खुराक की जरूरत
अगर भारत को अगले दो दशक में उच्च वृद्धि वाली अर्थव्यवस्थाओं में शूमार होना है तो उसे अगले दो दशकों तक 7-8 फीसद की वृद्धि दर को बरकरार रखने के लिए अपनी नजर लक्ष्य पर गड़ाए रखनी होगी, एक पल को भी इधर-उधर देखने की गुंजाइश नहीं
मैक सर की क्लास
सदाबहार अभिनेता, नाटककार मकरंद देशपांडे अपने सदाबहार के साथ नाटक सर सर सरला, शास्त्रीय संगीतकार नीलाद्रि कुमार नाट्य-संगत, भारतीयता की तलाश और रंगकर्मियों की नई पौध पर
"घर बैठने से मेरा काम नहीं चलता"
फिल्में डायरेक्ट करने और फिल्म स्कूलों में पढ़ाने के बीच अनुराग कश्यप इस साल काफी अदाकारी भी कर रहे
शिक्षा की नई परिकल्पना
इंडिया टुडे एजुकेशन कॉन्क्लेव 2024 में शिक्षाविदों ने भारत को वैश्विक अगुआ बनाने और 21वीं सदी के लिए तैयार करने पर कई सत्रों में व्यापक पैमाने पर विचार विमर्श किया
बांग्लादेश से अवसर छीनने की तैयारी
उद्योगहीनता के लिए बदनाम बिहार में टेक्सटाइल और लेदर इंडस्ट्री मजबूती से पांव जमाती नजर आ रही. सरकार की लुभावनी नीति उद्यमियों को खासी भा रही अलग-अलग जगहों पर फैक्ट्रियां लगने के साथ बड़ी संख्या में कुशल प्रवासी मजदूर बिहार लौट रहे
सदन से साइकिल की सोशल इंजीनियरिंग
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने यूपी विधानमंडल से संसद तक अपने नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देकर पार्टी के पीडीए नारे को और व्यापक बनाने की कोशिश की
सींग पकड़कर सीखने लगे शर्मा
बहुत अनुभवी न होने के बावजूद मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाए गए भजनलाल अपनी काबिलियत साबित करने के लिए हर तरह की अग्निपरीक्षा दे रहे. अब धीरे-धीरे नीतियों पर भी अपनी छाप छोड़ने लगे. एक संजीदा, संतुलित और बड़ी दूरदर्शी सोच वाले नेता के रूप में बन रही छवि
रामबाण दवा या भानुमति का पिटारा?
एससी और एसटी के उपवर्गीकरण की इजाजत देने वाले सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले से बहस छिड़ गई है कि क्या आरक्षण से वाकई सामाजिक समता आएगी या फिर यह महज वोट बैंक साधने का सियासी औजार बनकर रह जाएगा
पडोसियों से भारत क्यों पसोपेश में
हर ओर उथल-पुथल के मद्देनजर भारत को अपनी पड़ोस प्रथम की नीति पर नए सिरे से विचार की दरकार, वरना कहीं ऐसा न हो कि चीन फायदा उठाकर अपनी पैठ मजबूत कर ले
बघेलखंड के अतीत की नई इबारत
बांधवगढ़ नेशनल पार्क में इतिहासकारों और पुरातत्ववेत्ताओं की हाल की खोज से कई ठोस ऐसी जानकारियां मिली हैं जिनसे पूर्वी मध्य प्रदेश में बघेलखंड क्षेत्र के इतिहास को फिर से लिखा जाएगा.
मंत्री की बगावत
मध्य प्रदेश में एक मंत्री की हालिया बगावत फिलहाल भले ही दबा दी गई हो लेकिन इसने भाजपा को साफ कर दिया है कि पार्टी अगर अपने वफादार दिग्गजों की जगह दलबदलुओं को तरजीह देती रही तो उसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है.
जेलों से चलता जरायम
केस-एकः 24 जनवरी 2024 की सुबह तकरीबन 10 बजे का वक्त. जयपुर के पुलिस कंट्रोल रूम में एक कॉल आई. उस अनजान कॉल को रिसीव करते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया.