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खुद की देखभाल
हमेशा से अपडेट रहने वाली आप लॉकडाउन के चलते खुद से साथ निभाना तो नहीं भूली, ना? आपका लुक जो आपके लिए बेहद मायने रखता अगर इस दौरान उसे संवारना पीछे छोड़ चुकी हैं तो यह भूल मत कीजिए। अपनी देखभाल क्यों है जरूरी, बता रही हैं
छुटकू खुश है ना?
इन दिनों हम सब की जिंदगी पूरी तरह से बदल गई है। पर, इन बदलाव और चुनौती के बीच बच्चे की खुशियों को भूलने की गलती नहीं करें। कैसे घर के भीतर भी बच्चों को रखें खुश, बता रही हैं
कोरोना के खिलाफ आपकी लक्ष्मण रेखा
गर्भवती महिलाओं को सामान्य दिनों में भी ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। पर, इन दिनों उन्हें न सिर्फ ज्यादा देखभाल बरतने की, बल्कि सतर्क रहने की भी जरूरत है। कैसे खुद को और अपने होने वाले बच्चे को कोरोना से बचाएं, बता रही हैं
आराम वाला फैशन!
गर्मी का मौसम आ ही गया है, अब जाड़ों से अलग कपड़ों पहनने होंगे। गर्मी से बचने के लिए कपड़ों के फैब्रिक और स्टाइल दोनों पर ध्यान देना होगा। कौन- कौन सी फैशन टिप्स अपनाकर आप भी दे सकती हैं गर्मी के मौसम को मात, बता रही हैं
शौक से मिली एक नई पहचान
हम सबमें कोई न कोई हुनर है, पर बहुत कम लोग ही उस हुनर को व्यावसायिक रूप दे पाते हैं। अभिलाषा जैन उन्हीं कम लोगों में से एक हैं। उनकी कहानी साझा कर रही हैं,
गर्मी में भी घर रहेगा ठंडा
गर्मी से बचने और घर को ठंडा रखने के लिए सिर्फ एयर कंडीशनर ही एकमात्र उपाय नहीं है। घर को गर्मी में भी भीतर से ठंडा रखने के ढेरों उपाय हैं। ऐसे ही उपायों के बारे में बता रही हैं, -
मां की बात जिन्दगी भर का साथ
मदर्स डे मतलब मां को खास महसूस करवाने का दिन। कल मदर्स डे है। यही वो दिन भी है, जब मां की दी हुई सीखों को याद कर लिया जाना चाहिए, ताकि जिंदगी आसान बनी रहे, बता रही हैं
ऑनलाइन क्लास - घबराने की क्या बात !
ऑनलाइन क्लास आपके और बच्चे दोनों के लिए नई बात है। इस दौरान अगर आपको परेशानी हो रही है, तो घबराएं नहीं। बस थोड़ी समझदारी दिखाएं। लॉकडाउन में कैसे हो ऑनलाइन पढ़ाई,
तन ही नहीं मन भी रहे दुरुस्त
सब कहते हैं कोरोना से डरना नहीं लड़ना है। पर, क्या ऐसा मुमकिन है? हां, बिल्कुल। पर, ऐसा करने के लिए आपको सिर्फ अपनी और परिवार की इम्युनिटी पर ही नहीं, मन को ताकतवर और खुशहाल बनाने पर पर भी ध्यान देना होगा।
घर से काम बनाएं थोड़ा आसान
लॉकडाउन ने कामकाजी महिलाओं की जिम्मेदारियों को कई गुना कर दिया है। काम के बोझ के तले खुद को पूरी तरह दबा देने में समझदारी नहीं। कैसे अपनी ऊर्जा को सहेजते हुए घर से ऑफिस का काम करें,
जल्दी भोजन स्वस्थ जीवन
अपच, गैस, मोटापा और न जाने कितनी समस्या सिर्फ एक गलती से उपजती है। वो गलती है, रात का भोजन देर से करना।रात का खाना जल्दी खाने के क्या-क्या हैं फायदे, बता रही हैं
क्या इशारा कर रही है यह थकान ?
क्या आप भी हर पल काम और थकान से बोझिल रहती हैं? जवाब अगर हां है, तो समय आ गया। है कि आप इस परेशानी को स्वीकारें और समस्या का हल तलाशें। कैसे अपनी सारी ऊर्जा को खत्म होने से बचाएं, बता रही हैं
मुश्किल होगी आसान घर में मिलेगा समाधान
समस्या का समाधान उसको पार करके मिलता है। मुश्किल को आसान करने के लिए उसका समाधान तलाशने की दरकार होती है, ना कि उसमें उलझने की। ऐसी ही एक मुश्किल है कोरोना से बचाव के चीजों की बाजार में कमी। कैसे इन चीजों को घर में बनाएं, बता रही हैं दिव्यानी त्रिपाठी
मां बनें तब दिल हां कहे जब
शादी के तीन साल बाद भी बच्चा नहीं है। अरे, शादी की है तो बच्चा भी तो होना चाहिए। भारतीय परिवारों में शादी हुई नहीं कि बच्चे की चाहत सामने रख दी जाती है,यह सोचे-समझे बिना कि जोड़ा यह जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है भी या नहीं। मां बनने के सामाजिक दबाव का सामना कैसे करें, बता रही हैं चयनिका निगम
पुराने अखबार दीजिए बदले में पौधे लीजिए
नोएडा की सुधा सिंह ने पर्यावरण की बेहतरी के लिए एक अनूठा तरीका तलाशा है। वह लोगों से रद्दी अखबार और कागज लेती हैं और उसके बदले उन्हें पौधे देती हैं। इससे रद्दी का सही निबटान हो जाता है, अखबार रिसाइकल होकर फिर से उपयोग लायक बन जाता है। सुधा की कहानी साझा कर रही हैं, रिया शर्मा
दो रिश्ते में दूरी ही भली
माना कि दोस्त जिंदगी में बहुत जरूरी हैं। पर, यही दोस्त अगर साथी के साथ आपके रिश्ते में जरूरत से ज्यादा दखल देने लगे तो ठीक नहीं। कैसे करें यह सीमा रेखा तय, बता रही हैं
थाली में है जरुरी एक चुटकी प्रोटीन
खाने में क्या, कितना और कब खाना है इसका संतुलन ही आपकी थाली को पोषणयुक्त बनाता है। ऐसा ही एक पोषक तत्व है प्रोटीन, जिसकी मौजूदगी आपकी थाली में बेहद जरूरी है। पर क्या आप उसे सही मात्रा, तरीके और सही वक्त पर ले रही हैं? बता रही है
खुलेगा स्कूल सही करें नींद का शेड्यूल
अच्छी नींद सबके लिए जरूरी है, खासतौर से बच्चों के लिए। छुट्टियों में नींद के बिगड़े शेड्यूल को स्कूल खुलने से पहले क्यों और कैसे ठीक करें, बता रही हैं
सपनों की कोई उम्र नहीं होती
उम्र कभी भी आपके सपनों के बीच बाधा नहीं बन सकती, अगर आपके अंदर उत्साह का लावा धधकता हो। इस बात को साबित कर दिखाया है फाल्गुनी नायर ने। उनकी कहानी साझा कर रही हैं
मेकअप यूं चलाता है अपना जादू
सिर्फ ग्लैमरस दिखने के लिए ही मेकअप जरूरी नहीं। मेकअप ब्रश खुद में आत्मविश्वास का खजाना भी छुपाए रहता है। थोड़ा-बहुत मेकअप किस-किस तरह से आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, बता रही हैं
आईब्रो से आएगा असली निखार
आईब्रो में एक एक्स्ट्रा बाल आपको पसंद नहीं। पर मेकअप करते समय भी क्या आईब्रो पर आपकी इतनी ही तेज नजर रहती है? मेकअप के दौरान आईब्रो की खूबसूरती कैसे निखारें, बता रही हैं
सीधे बालों का जादू!
स्ट्रेट बाल कुछ अलग ही जादू बिखेरते हैं। अगर आप भी अपने बालों को स्ट्रेट करना चाहती हैं, पर केमिकल के इस्तेमाल से डरती हैं तो ये घरेलू नुस्खे आजमाकर देखें, बता रही हैं मोनिका अग्रवाल
मन में बसी रहे बस खुशी
क्या आपका स्वभाव चिड़चिड़ा हो गया है? अपने मूड स्विंग से आप खुद ही परेशान हो चुकी हैं। क्या अवसाद के लक्षण आपको खुद में नजर आने लगे हैं? अगर हां, तो समाधान आसान हैं। कैसे, बता रही हैं दिव्यानी त्रिपाठी
बस बेहतरी!
जन्म से ही कोई खुशमिजाज नहीं होता। खुशमिजाज लोग धीरे-धीरे यह कला सीखते हैं। कैसे हर हाल में सकारात्मकता को तलाशें, बता रही हैं
जमाना है दीवाना
फैशन ट्रेंड्स आते-जाते रहते हैं। आप पर वही ट्रेंड अच्छा दिखेगा, जिसे आप सही तरीके से अपना पाएंगी। स्किनी पैंट्स के ट्रेंड को कैसे बनाएं अपना, बता रही हैं
पलकें दिखेंगी घनी-घनी
पलकों का घना होना पूरे मेकअप को मानो परफेक्ट कर देता है। पर, सबकी पलकें घनी नहीं होती हैं। मेकअप की मदद से कैसे अपनी पलकों को बनाएं घना,
निडर-निर्भीक कानून प्रहरी
माना जाता है कि वकालत के पेशे में शामिल लोग सिर्फ पैसों को महत्व देते हैं। लेकिन इस क्षेत्र में काम कर रही कुछ महिला वकीलों ने इस धारणा को तोड़ा है। उन्होंने समाज में समानता कायम करने और उसे बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण काम किया है। ऐसी ही कुछ महिलाओं के बारे में बता रही हैं
नहीं बिगड़ेगा हार्मोन का संतुलन
हार्मोन के असंतुलन से लगभग हर महिला जूझती है। पर, इससे छुटकारा पाने के लिए दवाओं का रुख करने से बेहतर है कि प्राकृतिक तरीकों को अजमाया जाए। प्राकृतिक तरीके से कैसे हार्मोन्स को रखें संतुलित,
जिंदगी अब नहीं होगी समझौतों से भरी
हम महिलाएं जब अपनी बात करती हैं, तो पता नहीं क्यों हमारा सुर नीचे हो जाता है। हमारी इच्छाएं, सपने प्राथमिकता सूची में नीचे दफन हो जाते हैं। इस बार अंतरराष्टीय महिला दिवस से अपनी इच्छाओं की सुध लेना भी शुरू कीजिए। कैसे? बता रही हैं
क्योंकि अब टोकना जरूरी है
कुछ लोगों के बात करने का तरीका कितना गलत होता है ना? गाली- गलौज तो उनकी जुबान पर होती है। पर, क्या आप उन्हें टोकती या रोकती हैं? अगर नहीं, तो अब टोकना शुरू कीजिए। अब समय आ गया है कि वर्बल एब्यूज के खिलाफ सख्ती से खड़ा हुआ जाए। गलत को गलत कहा जाए। कैसे होगा यह संभव, बता रही हैं