Vivek Jyoti - March 2024Add to Favorites

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I denne utgaven

1. आपस में झगड़े की कोई आवश्यकता नहीं : विवेकानन्द १०२
2. भारत में रामकृष्ण संघ का प्रथम मन्दिर (स्वामी अलोकानन्द) १०५
3. शान्ति पाने का उपाय (स्वामी सत्यरूपानन्द) १११
4. शिव-तत्त्व : एक विमर्श (स्वामी संवित् सोमगिरि) ११२
5. (बच्चों का आंगन) आत्म-संघर्ष (श्रीमती मिताली सिंह) ११७
6. श्रीशिवताण्डवस्तोत्रम् (श्रीरावण) ११८
7. श्रीराम और श्रीरामकृष्ण (स्वामी निखिलात्मानन्द) १२०
8. (युवा प्रांगण) नेतृत्व में सशक्त महिलाएँ (स्वामी गुणदानन्द) १२३
9. सबकी श्रीमाँ सारदा (स्वामी चेतनानन्द) १२५

Vivek Jyoti Magazine Description:

UtgiverRamakrishna Mission, Raipur

KategoriReligious & Spiritual

SpråkHindi

FrekvensMonthly

भारत की सनातन वैदिक परम्परा, मध्यकालीन हिन्दू संस्कृति तथा श्रीरामकृष्ण-विवेकानन्द के सार्वजनीन उदार सन्देश का प्रचार-प्रसार करने के लिए स्वामी विवेकानन्द के जन्म-शताब्दी वर्ष १९६३ ई. से ‘विवेक-ज्योति’ पत्रिका को त्रैमासिक रूप में आरम्भ किया गया था, जो १९९९ से मासिक होकर गत 60 वर्षों से निरन्तर प्रज्वलित रहकर यह ‘ज्योति’ भारत के कोने-कोने में बिखरे अपने सहस्रों प्रेमियों का हृदय आलोकित करती रही है । विवेक-ज्योति में रामकृष्ण-विवेकानन्द-माँ सारदा के जीवन और उपदेश तथा अन्य धर्म और सम्प्रदाय के महापुरुषों के लेखों के अलावा बालवर्ग, युवावर्ग, शिक्षा, वेदान्त, धर्म, पुराण इत्यादि पर लेख प्रकाशित होते हैं ।

आज के संक्रमण-काल में, जब भोगवाद तथा कट्टरतावाद की आसुरी शक्तियाँ सुरसा के समान अपने मुख फैलाएँ पूरी विश्व-सभ्यता को निगल जाने के लिए आतुर हैं, इस ‘युगधर्म’ के प्रचार रूपी पुण्यकार्य में सहयोगी होकर इसे घर-घर पहुँचाने में क्या आप भी हमारा हाथ नहीं बँटायेंगे? आपसे हमारा हार्दिक अनुरोध है कि कम-से-कम पाँच नये सदस्यों को ‘विवेक-ज्योति’ परिवार में सम्मिलित कराने का संकल्प आप अवश्य लें ।

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