Vivek Jyoti - July 2024Add to Favorites

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I denne utgaven

1. महापुरुषों के सत्संग से सम्पूर्ण जीवन बदल जायेगा : विवेकानन्द २९४
2. गुरु की ऊर्जा सूर्य-सी (डॉ. जया सिंह) २९८
3. भगवान जगन्नाथ और उनकी ब्रह्मवस्तु (डॉ. अन्वय मुखोपाध्याय) ३००
4. भारत के मन्दिर और उनकी संरचना (रीता घोष) ३०७
5. हमारा सबकुछ ठाकुर का है, अपना कुछ भी नहीं (स्वामी सत्यरूपानन्द) ३१४
6. (बच्चों का आंगन) गुरु-शिष्य परम्परा : शिक्षा ग्रहण करने की पवित्र परम्परा
(श्रीमती मिताली सिंह) ३१५
7. (युवा प्रांगण) जो जैसा बोएगा, वैसा ही काटेगा (स्वामी गुणदानन्द) ३१८
8. श्रीराम और श्रीरामकृष्ण (स्वामी निखिलात्मानन्द) ३२१
9. कलियुग के दोष और उनसे बचने के उपाय (राजकुमार गुप्ता)

Vivek Jyoti Magazine Description:

UtgiverRamakrishna Mission, Raipur

KategoriReligious & Spiritual

SpråkHindi

FrekvensMonthly

भारत की सनातन वैदिक परम्परा, मध्यकालीन हिन्दू संस्कृति तथा श्रीरामकृष्ण-विवेकानन्द के सार्वजनीन उदार सन्देश का प्रचार-प्रसार करने के लिए स्वामी विवेकानन्द के जन्म-शताब्दी वर्ष १९६३ ई. से ‘विवेक-ज्योति’ पत्रिका को त्रैमासिक रूप में आरम्भ किया गया था, जो १९९९ से मासिक होकर गत 60 वर्षों से निरन्तर प्रज्वलित रहकर यह ‘ज्योति’ भारत के कोने-कोने में बिखरे अपने सहस्रों प्रेमियों का हृदय आलोकित करती रही है । विवेक-ज्योति में रामकृष्ण-विवेकानन्द-माँ सारदा के जीवन और उपदेश तथा अन्य धर्म और सम्प्रदाय के महापुरुषों के लेखों के अलावा बालवर्ग, युवावर्ग, शिक्षा, वेदान्त, धर्म, पुराण इत्यादि पर लेख प्रकाशित होते हैं ।

आज के संक्रमण-काल में, जब भोगवाद तथा कट्टरतावाद की आसुरी शक्तियाँ सुरसा के समान अपने मुख फैलाएँ पूरी विश्व-सभ्यता को निगल जाने के लिए आतुर हैं, इस ‘युगधर्म’ के प्रचार रूपी पुण्यकार्य में सहयोगी होकर इसे घर-घर पहुँचाने में क्या आप भी हमारा हाथ नहीं बँटायेंगे? आपसे हमारा हार्दिक अनुरोध है कि कम-से-कम पाँच नये सदस्यों को ‘विवेक-ज्योति’ परिवार में सम्मिलित कराने का संकल्प आप अवश्य लें ।

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