Vivek Jyoti - October 2024Add to Favorites

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I denne utgaven

1. यह वही देश है, जहाँ सीता-सावित्री का जन्म हुआ था : विवेकानन्द ४३८
2. नवदुर्गा प्रकीर्तिता: (स्वामी अलोकानन्द) ४४१
3. स्वामी विवेकानन्द ने रामकृष्ण देव से क्या सीखा? (स्वामी सत्यरूपानन्द) ४४८
4. देवी-तत्त्व (प्रो. डॉ. यज्ञेश्वर स. शास्त्री) ४५१
5. (बच्चों का आंगन) दुर्गा पूजा का आध्यात्मिक और वैज्ञानिक तत्व (श्रीमती मिताली सिंह) ४५४
6. दुर्गानाम की महिमा अपरम्पार (उत्कर्ष चौबे) ४५८
7. (युवा प्रांगण) महान व्यक्तित्त्व की संगति का प्रभाव (स्वामी गुणदानन्द) ४६३
8. शिल्पशास्त्र में महिषासुरमर्दिनी दुर्गा (डॉ. अरुपम सान्याल) ४६६

Vivek Jyoti Magazine Description:

UtgiverRamakrishna Mission, Raipur

KategoriReligious & Spiritual

SpråkHindi

FrekvensMonthly

भारत की सनातन वैदिक परम्परा, मध्यकालीन हिन्दू संस्कृति तथा श्रीरामकृष्ण-विवेकानन्द के सार्वजनीन उदार सन्देश का प्रचार-प्रसार करने के लिए स्वामी विवेकानन्द के जन्म-शताब्दी वर्ष १९६३ ई. से ‘विवेक-ज्योति’ पत्रिका को त्रैमासिक रूप में आरम्भ किया गया था, जो १९९९ से मासिक होकर गत 60 वर्षों से निरन्तर प्रज्वलित रहकर यह ‘ज्योति’ भारत के कोने-कोने में बिखरे अपने सहस्रों प्रेमियों का हृदय आलोकित करती रही है । विवेक-ज्योति में रामकृष्ण-विवेकानन्द-माँ सारदा के जीवन और उपदेश तथा अन्य धर्म और सम्प्रदाय के महापुरुषों के लेखों के अलावा बालवर्ग, युवावर्ग, शिक्षा, वेदान्त, धर्म, पुराण इत्यादि पर लेख प्रकाशित होते हैं ।

आज के संक्रमण-काल में, जब भोगवाद तथा कट्टरतावाद की आसुरी शक्तियाँ सुरसा के समान अपने मुख फैलाएँ पूरी विश्व-सभ्यता को निगल जाने के लिए आतुर हैं, इस ‘युगधर्म’ के प्रचार रूपी पुण्यकार्य में सहयोगी होकर इसे घर-घर पहुँचाने में क्या आप भी हमारा हाथ नहीं बँटायेंगे? आपसे हमारा हार्दिक अनुरोध है कि कम-से-कम पाँच नये सदस्यों को ‘विवेक-ज्योति’ परिवार में सम्मिलित कराने का संकल्प आप अवश्य लें ।

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