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वॉटर वेट कम करने के तरीके
मोटापे की तरह वॉटर वेट कोई बड़ा मुद्दा नहीं है, लेकिन यह आपको थकान महसूस करवा सकता है। हम महिलाओं को वॉटर रिटेंशन असहज महसूस कराता है, खासकर मेंस्टूअल साइकल के दौरान।
खुश रहना है तो सोचने का नजरिया बदलिए
यह तो स्थापित सत्य है कि खुशी जो ताजगी चेहरे पर लाती है वही स्थाई रहती है और मन में अगर खुशी ना हो तो चेहरे की ताजगी और स्मार्टनेस दोनों ही बासी हो जाते हैं। प्रश्न यह है कि आखिर खुशी को बरकरार कैसे रखा जाए?
बुद्ध सारे संसार की ज्योति हैं
महात्मा बुद्ध का जीवन आज भी हमारे लिए प्रेरणास्रोत है। उनके सत्य बोध को समझना आज के सदर्भ में बहुत जरूरी है, क्योंकि उनके जीवन व शिक्षाओं में ज्ञान की एक ऐसी ज्योति समाहित है जिससे पूरा विश्व प्रकाशित हो सकता है।
सत्यनारायण व्रत का रहस्य
हिन्दू जाति के अजर-अमर होने के अनेक कारण हैं। उनमें से प्रमुख कारण हैं - उनका व्रत-पर्व एवं त्योहार प्रिय होना। प्रतिवर्ष, प्रतिमास एवं प्रतिदिन व्रतों, पर्वों एवं त्योहारों को मनाने की ललक। ऐसा ही एक व्रत है श्री सत्यनारायण व्रत । जिसका हिन्दू धर्म में विशेष माहात्म्य है।
मनुष्य जाति के पहले मनोवैज्ञानिक- बुद्ध
बुद्ध पहले मनुष्य हैं तथा मनुष्य जाति के पहले मनोवैज्ञानिक हैं। जिन्होंने मनुष्य का रोग क्या है? मनुष्य का रोग कहां है? मनुष्य दुखी क्यों है? आदि प्रश्नों का उत्तर दिया। बुद्ध ने इसको अविष्कृत किया इसका कारण जाना तथा निदान भी किया।
मां दुर्गा के अस्त्र-शस्त्र
आदि शक्ति मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की आराधना का पर्व है नवरात्र। दुष्टों का नाश करनेवाली मां दुर्गा के हाथों में सुशोभित विभिन्न अस्त्र-शस्त्रों की उत्पत्ति पर डालते हैं एक दृष्टि।
सर्वधर्म के लिए खुले हैं तिरुपति बालाजी मंदिर के द्वार
भगवान वेंकटेश को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। यह भारत के उन चुनिंदा मंदिरों में से एक है, जिसके पट सभी धर्मानुयायियों के लिए खुले हुए हैं। पचास हजार से भी अधिक श्रद्धालु इस मंदिर में प्रतिदिन दर्शन के लिए आते हैं।
पेड़ों से बंधी जीवन की डोर
धार्मिक मान्यताओं में पेड़ो का खास महत्त्व है। अच्छे से लेकर बुरे हालातों में इनका महत्त्व रहता है। ये मान्यताएं कोरी नहीं हैं, हिंदू की मान्यताओं में अक्सर वैज्ञानिक कनेक्शन पाया जाता है।
करें सूर्य देवता की आराधना
रविवार को व्रत कम ही लोग करते हैं। लेकिन इस व्रत की अपनी अलग ही मान्यता है। इसलिए इसे विधिवत कर्ण जरूरी हो जाता है।
दान द्वारा सुख-समृद्धि
हमारे धर्म-शास्त्रों में दान- पूण्य का विशेष महत्त्व बताया गया है। खासतौर पर किसी पर्व आदि के दिन दान करने से सुख-समृद्धि एवं मनोकामनाओं की प्राप्ति होती है।
सुख, शांति, समृद्धि के लिये घर में लगायें ये चित्र और मूर्तियां
वास्तु के अनुसार घर के निर्माण से लेकर साज-सजावट का संबंध भी आपकी तरक्की, आर्थिक स्थिति और खुशहाली से होता है। वास्तु शास्त्र में कुछ ऐसी मूर्तियों के बारे में बताया गया है जिन्हें घर में रखना बेहद शुभ होता है। इन मूर्तियों को घर में रखने से तरक्की और आर्थिक उन्नति प्राप्त होती है।
महाराष्ट्र के शिर्डी में करें साईं बाबा के दर्शन
शिर्डी के साईं बाबा का मंदिर आज एक विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बन चुका है, जहां प्रतिदिन भक्तों की भीड़ लगी रहती है। बाबा के भक्तों में सभी धर्म-जाती के लोग शामिल हैं। कोई बाबा के चरणों में शीश झुकता है तो कोई उनकी समाधि पर चादर चढ़ाता है।
बच्चों में जरूर डालें ये संस्कार
एक कहावत है कि बच्चों को बचपन से जैसे संस्कार दिए जाएंगे उनका विकास उसी ढंग से होगा। इसलिए अपने बच्चे के व्यक्तित्व के निर्माण के लिए आपको उसकी शिक्षा-दीक्षा, अच्छी आदतों तथा नैतिक मूल्यों के साथ- साथ अच्छे संस्कारों को भी बचपन से ही उनके अंदर डालने की आवश्यकता होती है। तभी बच्चा बड़ा होकर एक अच्छा नागरिक और एक अच्छा इंसान बन सकता है।
पाचन तंत्र को ठीक करने के 21 उपाय
अच्छा पाचनतंत्र बेहतर स्वास्थ्य की निशानी है। अगर आपका पाचनतंत्र ठीक नहीं है तो जरूरी है कि इन बातों का ध्यान रखें-
अपने शरीर की रोज करें जांच
उम्र चाहे कोई भी हो, हमें हमेशा सजग रहना चाहिए और अपने शरीर का निरीक्षण - परीक्षण करते रहना चाहिए। लक्षण देखाई दे तो सतर्क हो जाना चाहिए और विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए ताकि किसी कमी या बीमारी के बढ़ने से पूर्व ही उसे ठीक किया जा सके।
जब नमक बिगाड़ दे, सेहत का स्वाद
यह सच है कि नमक के बिना हर खाने का ज़ायका बिगड़ जाता है। इसी के साथ यह भी उतना ही सच है कि अति हर चीज़ की बुरी होती है। नमक की भी जानिए कैसे।
वर्कप्लेस पर खुद को फिट रखने के टॉप-6 टिप्स
हम आपको बता रहे हैं कुछ टिप्स, जिन्हें फॉलो करके आप अपने वर्कप्लेस पर भी फिट रह सकते हैं।
जानें महिलाओं में होने वाली मुख्य 5 स्वास्थ्य समस्याएं
महिलाएं हर हंसते-खेलते घर का आधार होती हैं, लेकिन ऐसा वे अक्सर अपने स्वास्थ्य की अनदेखी करते हुए भी करती हैं। समस्या को रोग बनने तक छिपाए रखना ज्यादातर महिलाओं की आदत होती है। जानिए इसी बारे में कुछ-
कहीं आपके बढ़ते वज़न के कारण नींद से तो नहीं जुड़े
अगर आप कम आहार के बावजूद अपने बढ़ते वज़न से परेशान हैं तो जानिए नींद से जुड़े कारणों के बारे में भी-
'कब से चला पिचकारी का चलन ?
होली एक ऐसा त्योहार है जिसमें हर व्यक्ति उल्लास और उमंग से भर उठता है और होली के रंगों में रंग कर अपनी हर तकलीफ और चिंता को भूल जाता है। पिचकारी में भर-भर कर एक दूसरे को रंगों में डुबा देना हमें एक विशेष प्रकार की खुशी से भर देता है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिस पिचकारी के बिना हम होली खेलने की कल्पना भी नहीं कर सकते वो पहली बार प्रयोग में कब आई होगी? आइए जानें।
आपकी थकावट का कारण, चीनी कम तो नहीं?
थकावट हम सब की जिंदगी का एक आम हिस्सा है। इसे हम यह सोचकर नजर अंदाज कर देते हैं कि यह हमारे अधिक काम और कम आराम करने का नतीजा जबकि यह जरूरी नहीं है। थकावट अच्छे आराम व बेहतर खान-पान के बाद भी संभव है, जिसकी वजह हमारे शरीर में शुगर यानी चीनी की कमी भी हो सकती है।
वास्तु अनुसार कैसा हो भवन निर्माण ?
जीवन भर व्यक्ति मेहनत करता है ताकि वह अपना सपनों का घर बना सके। घर बनाते समय व्यक्ति उसको सजाने-संवारने में कोई कमी नहीं छोड़ता। आपके इस घर में और भी कोई कमी न रहे इसके लिए जरूरी है वास्तु अनुसार ग्रह निर्माण | कैसा हो वास्तु अनुसार भवन निर्माण ? आइए जानते हैं लेख से।
कुछ संकेत भी देते हैं तिल
चेहरे पर तिल का अलग ही आकर्षण होता है, कई तिल तो आपके सौदर्य में चार चांद लगा देते हैं तो कई तिल चेहरे को असुन्दर भी बना देते हैं। किन्तु शरीर में जो तिल होते हैं उन सबका अलग-अलग प्रभाव और महत्त्व होता है । कोई तिल शरीर पर शुभ होता है तो कोई तिल अशुभ, आईए जानें कौन-सा तिल कहां शुभ है और कहां अशुभ।
होली पूजन का रहस्य
होली का पर्व प्रतिवर्ष मनाया जाता है। स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने द्वारिका वासियों, ब्रजवासियों, अपनी रानियों, पटरानियों एवं आहलादिनी शक्ति राधा के साथ होली का उत्सव मनाया है। देवता भी इस आनंद से पीछे नहीं रहे। भगवान शंकर ने तो शमशान की राख से ही होली खेल कर स्वयं को कृतकृत्य किया। भव्य उत्सव दो भागों में विभक्त है।
होली का वास्तविक स्वरूप
होली शब्द का एक और अर्थ 'शुद्धता एवं परिपूर्णता' से है तो दूसरी ओर इसका एक अर्थ यह भी है कि ये हमारे मन पर भूतकाल के किसी कर्म या घटना का कोई भी रागद्वेषात्मक प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए। हमारा मन सूर्य की भांति सदा परम शुद्ध, ज्ञानवर्धक तथा निरन्तर प्रगतिशील होना चाहिए, ऐसे मन को दिव्य मन कहते हैं जो परमपिता से सदा संयुक्त रहता है।
पैदल चलिए बुढ़ापे से बचिए
बगदाद का एक सरदार सिरदर्द से परेशान था। उसे किसी भी इलाज से लाभ नहीं हो रहा था।
रूप-लावण्य के प्रति सजगता भी जरूरी
स्वास्थ्य और सौंदर्य के लिए आपकी जीवनशैली और खान-पान काफी महत्त्व रखता है। कुछ छोटेमोटे उपायों को अपनाकर आप भी पा सकते हैं स्वस्थ एवं सुंदर शरीर। और ऐसे ही कुछ सुझाव शामिल हैं इस लेख में।
होली संग आए पकवान सेहत, सावधान!
त्योहारों के आते ही स्वादिष्ट और विशेष व्यंजनों को खाने से हम खुद को रोक नहीं पाते। लेकिन कई बार मजा किरकिरा हो जाता है, जब उटपटांग और अत्यधिक चटपटे खाने का असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। अपने आप पर थोड़ा नियंत्रण रख हम त्योहारों और पकवानों का आनंद उठा सकते हैं। डालते हैं एक नजर इस आलेख से।
सस्ती, सरल और असरकारक चिकित्सा - हास्य चिकित्सा
आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में हम स्वयं के लिए भी बड़ी मुश्किल से समय निकाल पाते हैं जिससे जन्म होता है तनाव का और उसके बाद कई बिमारियों का । हम 'हास्य-चिकित्सा' द्वारा इन समस्याओं का समाधान बड़ी सरलता से कर सकते हैं। कैसे ? आईए जानते हैं।
रंगीन आहार लाए जीवन में बहार
हमारे जीवन में रंगों का असर शुरू से ही रहा है। चाहे वह इंसान का रंगरूप, खून, बाल या फिर पहनावा हो, सभी में रंगों का अपना असर होता है।