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क्या है दिवाली पूजन की सही विधि?
मां लक्ष्मी धन व समृद्धि की देवी हैं। दीपावली पर लोग इनकी आराधना कर सुख-समृद्धि प्राप्त करते हैं। तो आइये, जानते हैं मां लक्ष्मी की आराधना कर उन्हें प्रसन्न करने के सरल उपाय।
युगों पुरानी है जुए की परम्परा
भले ही आज जमाना बदल गया हो परंतु आज भी लोग दिवाली की रात जुआ खेलते हैं। जुए की यह परम्परा कोई नई नहीं है युगों पुरानी है। कितनी पुरानी है यह प्रथा तथा कितना व कैसे बदला है इसका रूप व महत्त्व जानें इस लेख से।
सिंदूर सुहाग का प्रतीक है: कैसे?
सुहागिन महिलाएं सिन्दूर क्यों लगाती हैं? दरअसल सिंदूर माथे के ऊपर मध्य भाग में लगाया जाता है। कबीरदास ने तो कह दिया कि सिंदूर प्रेम का प्रतीक है लेकिन थोड़ा गहरे रूप में विचार करने पर कुछ और बात समझ में आती है।
खुलकर हंसिए और तनाव से बचिए
हंसना मानव की स्वाभाविक क्रिया है, सृष्टि का कोई दूसरा प्राणी हंसता नहीं है, इसलिए विचारक मानव को हंसने वाला प्राणी भी कहते हैं, परंतु आज भागमभाग वाली जिंदगी ने इंसान को हंसना, गुनगुनाना भुला दिया है, इससे उसका शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ रहा है इंसान मुसीबतों में जकड़ गया में है, आज प्राय हर चेहरे पर चिंता की रेखाएं स्पष्ट दिखाई देती हैं, भौतिकता पाने के लालच में इंसान प्रसन्नता का सुख भूल गया है।
मोटापा दूर करने में सहायक-स्नान
मोटापा कम करने के लिए लोग कई उपाय करते हैं। कोई डायट कंट्रोल करता है, कोई जिम जाता है, तो कोई घरेलू उपाय अपनाता है। वहीं मोटापा से छुटकारा दिलाने में कुछ स्नान भी सहायक हैं। कैसे व किस प्रकार? जानें लेख से।
मेवों से पाएं स्वाद और स्वास्थ्य
स्वाद व सेहत से भरपूर ड्राई फ्रूट्स का सेवन आपको कई रोगों से दूर रखता है। आइये जानते हैं ड्राई फ्रूट्स में छिपे पोषक तत्त्वों व उनको सही तरीके से खाने की विधि के बारे में
शाकाहार भी हिंसा है मगर सूक्ष्म हिंसा है
क्या आप जानते हैं कि शाकाहार भी एक प्रकार की हिंसा है और केवल मांसाहारी ही नहीं, शाकाहारी भी हिंसा को अपनाते हैं? यदि नहीं, तो इस बारे में विस्तार से जानें इस लेख में
कहीं नाश्ता न कर दे सब नाश
हमारे उत्तम स्वास्थ्य के लिए सुबह का नाश्ता करना बेहद जरूरी है। यह तो हम सब जानते ही हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके द्वारा किया जाने वाला नाश्ता ही आपकी सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है? कैसे? आइये जानते हैं।
जैसा आहार वैसा व्यवहार
अमूमन हम अपने व्यवहार, स्वभाव एवं व्यक्तित्व तथा बर्ताव आदि का जिम्मेदार अन्य लोगों, रिश्तों, किस्मत एवं परिस्थितियों आदि को ही समझते हैं। हमें लगता है इन्हीं सब के कारण हम चिंतित एवं दुखी हैं, परंतु क्या आप जानते हैं कि हमारे व्यवहार का कारण हमारा आहार भी हो सकता है? नहीं, तो जानिए किस तरह हमारा आहार हमारे व्यवहार को प्रभावित करता है।
दीया जलाएं अनिष्ट मिटाएं
हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य में दीपक की उपस्थिति अनिवार्य मानी गई है। आइये जानते हैं कि दीपक कितने प्रकार के होते हैं, उसके क्या लाभ हैं तथा क्या है दीपक द्वारा आरती करने की सही विधि?
दीपक की यात्रा कथा
हमारे सभी संस्कारों व पर्वों में दीपक की मौजूदगी इसकी महत्ता को बयां करती है। हमारी संस्कृति से अभिन्न रूप से जुड़े इस दीपक के बारे में और भी कई रोचक बातें जानने के लिए पढ़ें यह लेख।
भोजन जो दिमाग बढ़ाए
आजकल फास्ट फूड खाने वाले बच्चों को ऐसे आहार (डाइट) की जरूरत है जो शारीरिक क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ दिमाग को चुस्त और ध्यान को दुरुस्त कर सके। आइए, जानें उन खाद्य पदार्थों के बारे में जो आपके बच्चों के लिए जरूरी हैं।
क्या एक दूसरे के पूरक हैं दर्शनशास्त्र और विज्ञान?
ज्ञान को हम दो भागों में विभक्त करते हैं। एक है विज्ञान और दूसरा दर्शनशास्त्र। अमूमन विज्ञान और दर्शनशास्त्र पृथक माने जाते हैं। किन्तु कई विषयों पर दोनों में पूरकता भी नजर आती है। दर्शन और विज्ञान के इस संबंध पर आइए विस्तार से चर्चा करें।
वास्तु अनुरूप गणेश जी का स्वरूप
वास्तु एवं फेंग शुई की बढ़ती लोकप्रियता ने देवी-देवताओं की मूर्तियों एवं चित्रों को पूजा घर के साथ-साथ ड्रॉइंग रूम, गेस्ट रूम और प्रवेश द्वार का भी हिस्सा बना दिया है। विशेषकर गणेश जी की प्रतिमा को लोग शुभ एवं सुरव-सौभाग्य के साथ जोड़कर देखने लगे हैं। वास्तु अनुसार भगवान गणेश की प्रतिमा किस प्रकार आपके जीवन में सुख-समृद्धि ला सकती है, जानें इस लेख से।
ले सर्व सुहागन करवड़ा....
कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को अपने अखण्ड सौभाग्य व पति की दीर्घायु के लिए सुहागिनें श्रद्धापूर्वक करवाचौथ का व्रत रखती हैं। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान आदि स्थानों पर यह पर्व विशेषरूप से मनाया जाता है। 'करवे' का अर्थ है- मिट्टी का बर्तन और 'चौथ' का अर्थ है- चतुर्थी।
जय मां नीलेश्वरी काली जन्म दाती से जगत जननी तक
इस पृथ्वी पर धरा एक ऐसी शक्ति है जिसमें सभी बुद्धिजीवी प्राणी कृपा पाते हैं, जिसके रूप अनेक हैं, कोई किसी नाम से कोई किसी नाम से मां आदि शक्ति की पूजा करते हैं।
नौ कन्याओं का पूजन क्यों?
नवरात्र में कन्या पूजन का विशेष महत्त्व है। नौ कन्याओं को नौ देवियों के रूप में पूजन कर अपने सामर्थ्यनुसार दक्षिणा देकर भक्त माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
शक्ति के नौ रूप, नौ दिन
मां दुर्गा अर्थात् शक्ति की अधिष्ठात्री देवी के नौ रूप होते हैं। इन्हें `नवदुर्गा' कहते हैं। आइए जानें शक्ति के इन नौ स्वरूपों और उनके अर्थ।
शरीर को सबल बनाए नमक
नमक हमारे भोजन का अनिवार्य तत्व है। यह भोजन के स्वाद की वृद्धि करता है। नमक के बिना भोजन फीका और बेस्वाद लगता है।
ਰ हेपेटाइटिस को हल्के में ना लें
हेपेटाइटिस एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी है । हर साल 28 जुलाई को वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे यानी विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है। आइए जानें, इससे बचाव और इलाज के बारे में जरूरी बातें-
हर महिला के लिए आवश्यक है स्क्रीनिंग टेस्ट
इन दिनों बीमारियां बिना बताए ही दस्तक दे देती हैं, इसलिए आपके लिए बेहतर है कि एक महिला होने के नाते अपने स्वास्थ्य की नियमित जांच कराते रहें।
मालिश और स्नान से नवजात को बनाएं स्वस्थ और सुरक्षित
मां बनना बेहद खास और सुखद अहसास है। बच्चे के घर में आने से मां की दुनिया ही बदल जाती है। लेकिन इस बदलाव के साथ मां पर नन्हे शिशु की ढेर सारी चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारियां भी आती हैं । नन्हे शिशु की सही देखभाल के साथ उसकी मालिश और स्नान कराना अपने आप में एक खास अनुभव है...
कैसे लगाएं पढ़ाई में मन?
अच्छे अंक के लिए जरूरी है तेज दिमाग, कड़ी मेहनत और नियमित अभ्यास और यह सब काफी हद तक निर्भर करता है आपके आसपास के माहौल एवं वातावरण पर क्योंकि वह न केवल हमारे दिमाग व पढ़ाई में रुचि को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है, बल्कि हमारे पढ़ाई-लिखाई में सहयोगी भी होता है। इसलिए क्य करें कि पढ़ाई में मन लगे, आइए जानते हैं।
अनंत सुख का वरण करो
इस दिव्य जीवन को जिओ। इस दिव्य जीवन के क्षेत्र में प्रवेश करो। यहीं पर दुःख समाप्त होता है, समस्त बंधन टूटते हैं, सारा अज्ञान निवृत्त होता है और यहीं असीम संतोष एवं आनंद उस सिद्ध योगी की परिपूर्णावस्था के अद्वितीय आत्मसाक्षात्कार में चार चांद लगाते हैं।
भगवान भी प्रेम के भूखे होते हैं
संसार के सब मनुष्य, पशु-पक्षी, जीव-जन्तु सब को प्रेम चाहिए और सब प्रेम भी करते हैं, परन्तु प्रेम को प्रकट करने का तरीका सबका R स अलग-अलग होता है।
भगवान श्रीकृष्ण का जीवन दर्शन
भगवान विष्णु के आठवें अवतार कृष्ण को निष्काम कर्मयोगी एवं दार्शनिक भी माना जाता है। भगवद्गीता में वर्णित उनका उपदेश जीवन जीने की कला का मार्गदर्शन करता है।
कृष्ण सुदामा की दोस्ती
दोस्ती का रिश्ता सबसे खास होता है और इसी रिश्ते के नाम होता है अगस्त का पहला रविवार। सच्ची मित्रता में अमीरी-गरीबी के सारे भेद मिट जाते हैं। और यह सिद्ध करती है कृष्ण और सुदामा की दोस्ती।
अनवरत प्रेम का नाम है भक्ति
भक्ति मानव जीवन की वो आवश्यकता है जिसके द्वारा मानव अपूर्णता से पूर्णता की ओर निराशा से आशा की ओर बढ़ता है। भक्ति के अभाव में सब कुछ नीरस, स्वार्थ परक, भावना शून्य है।
अष्टांग योग संपूर्ण उपचार पद्धति
यूं तो स्वास्थ्य और निरोगी रहने के कई तरीके हैं, पर योग उसमें सबसे अहम और कारगर है क्योंकि इसके कोई दुष्परिणाम भी नहीं होते। अष्टांग योग, योग का ही एक हिस्सा है जो कि अपने आप में एक पूर्ण उपचार पद्धति है, कैसे? आइए जानते हैं।
स्वास्थ्य रक्षक गरम पेय
गर्म पेय पदार्थ का सेवन हमारे शरीर के लिए कई मायनों में लाभकारी होता है, कैसे व कौन से गर्म पदार्थ हमारे लिए किस प्रकार व कितने लाभदायक है? आइए जानते हैं लेख से।