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सैली की पूंछ
जंपी बंदर और सैली गिलहरी की दोस्ती पूरे चंपकवन में प्रसिद्ध थी. दोनों का बसेरा एक ही पेड़ पर था.
वैलेंटाइन डे की खुशी
मिहिर मोर बड़ा घमंडी था. उसे अपनी सुंदरता पर बड़ा गर्व था. वह अपने पंखों को देख कर फूला नहीं समाता. उसे लगता था कि उस के जैसा पूरे चंदनवन में दूसरा कोई नहीं है. उसे दूसरे जानवर और पक्षी बेकार लगते थे. उसे लगता कि इन सब से दोस्ती करना मूर्खता है, क्योंकि वे सब उस की दोस्ती के योग्य नहीं हैं. मिहिर केवल मोरों से ही बात करता था. उसे दूसरी जाति के पक्षियों से बात करना और उन के साथ रहना पसंद नहीं था.
जंगल में भूत
रोबिन अपने पापा के साथ अकसर गांव से सटे जंगल में घूमने जाता था. उस के पापा को जड़ीबूटियों का अच्छा ज्ञान था. वे जंगल से जड़ीबूटियां ले कर आते और उन से दवा बना कर गांव वालों को देते. उन के साथ रह कर रोबिन को भी पेड़पौधों की अच्छी पहचान हो गई थी.
सियारों को गरम कपड़े
सुंदरवन में लोकतंत्र की बहाली हुई तो जानवर काफी खुश हुए. पहले वनराज का बेटा ही विरासत में राजगद्दी का हकदार होता था, भले ही वह उस के योग्य न हो, लेकिन अब आम जानवर भी चुनाव लड़ सकते थे.
गुप्पी की शीतकालीन यात्रा
गुप्पी गिलहरी ने कड़ी मेहनत कर के सर्दियों के लिए मेवे जमा किए थे. उन का पैकेट बना कर वह रखने ही जा रही थी कि चैन्नई से उस की बचपन की सहेली कोको गिलहरी का फोन आया.
दीया और अका का गणतंत्र दिवस
दीया और अका एक छोटे से शहर चेरापूंजी में रहती थीं. वे टैलीविजन पर गणतंत्र दिवस परेड देखने के लिए बहुत उत्साहित थी. दादाजी ने अपने दोस्तों को अगले दिन परेड देखने और उत्सव मनाने के लिए आमंत्रित किया था. घर सजाने के लिए दीया और अका झंडे बनाने में व्यस्त थीं.
चिपकू दोस्त
नील बड़बड़ाते हुए स्कूल से घर लौटा. उस का मूड देख कर मम्मी ने पूछा, “अरे, क्या हुआ? आज तुम्हारा मूड औफ क्यों है?\"
चंपकवन में गणतंत्र दिवस
26 जनवरी यानी कि भारतीय राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस आने वाला था. हर बार की तरह इस बार भी नई दिल्ली में धूमधाम से गणतंत्र दिवस की परेड की तैयारी चल रही थी. यहां तक कि चंपकवन के राजा शेरसिंह भी इस में शामिल होना चाहते थे.
हल हो गई मुश्किल
शाम ढलते ही भिनभिनाने वाली बजी मच्छर अपने छिपने की जगह से बाहर निकली. वह दिन से भूखी थी. उसे एक ऐसे इनसान की तलाश थी, जिस का खून चूस कर वह अपनी भूख मिटा सके. एक घर में घुसते ही उसे बुजुर्ग जीवन अंकल दिखाई दे गए. वे एक कुरसी पर बैठे थे और दूसरी पर अपना दायां पैर रखा हुआ था. उन्होंने एक पतला सा पाजामा पहन रखा था. शायद मच्छरों के डर से उन्होंने यह काम किया था. बजी ने इधरउधर देखा, आसपास कोई नहीं था और जीवन अंकल कुरसी पर बैठे ऊंघ रहे थे.
अनुवाद, अनिरुद्ध और मामोनी
आप कैसा महसूस करते हैं, जब मित्र नहीं बना पाते हैं, क्योंकि आप और आप के सहपाठी एक ही भाषा नहीं बोलते?
पतंग ड्रोन
सरिस्का के जंगल से एकएक कर कई बाघ गायब हो रहे हैं. सारे जानवर परेशान थे कि आखिर उन के साथ कौन सा हादसा हुआ होगा ?
तारू की यात्रा का अंत
जैसे ही ट्रेन स्टेशन से रवाना हुई, तारू जल्दी से बड़ी खिड़की वाली सीट के पास बैठ गई और स्टेशन को पीछे छूटते हुए देखने का आनंद लेने लगी. ट्रैन पहले धीरेधीरे फिर तेज गति पकड़ने लगी.
बैडी का संकल्प
बैडी लोमड़ बहुत झगड़ालू था. उसे लड़नेझगड़ने में मजा आता था. वह छोटे या बड़ों का भी खयाल नहीं रखता था, जो भी मिलता उस से झगड़ने लगता.
पतंगबाजी और ढोल की थाप
आनंद सोसायटी में हर कोई काफी उत्साहित और व्यस्त था. चारों ओर मकर संक्रांति, लोहड़ी मेले और पतंगबाजी के परचे लगे हुए थे. सामान्यतौर पर होने वाली 'सब से ऊंची उड़ान वाली पतंग' और 'पतंगबाजी' प्रतियोगिता के अलावा इस साल सर्वश्रेष्ठ 'डिस्प्ले पतंग शो' के लिए एक नई श्रेणी भी आयोजित की गई थी.
एक नई शुरुआत
नए साल का पहला दिन नजदीक था. 12 वर्षीय आर्यन ने इसे अपने प्यारे दादादादी और उनके दोस्तों के लिए एक विशेष दिन बनाने के लिए संकल्प लिया.
फ्रेडी और स्टैपी
फ्रेडी मेढक और स्टैपी गौरैया एक घास के मैदान में रहते थे. वे दोनों बहुत दोस्त थे. वे अकसर घास के मैदानों पर एकसाथ घूमते और खेलते थे.
सब से अच्छा खिलाड़ी
वान्या स्कूल बस से नीचे उतरी तो उसे मम्मी नहीं दिखी. आज उस की बस थोड़ा जल्दी आ गई थी, इसलिए मम्मी बसस्टौप पर नहीं पहुंच पाई थीं. वान्या का घर स्टौप से 10 मिनट की दूरी पर था.
क्रिसमस वाली रात
\"क्रिसमस का त्योहार आने वाला है और तुम मुंह लटकाए बैठे हो?” रोबिन हिरन को उदास बैठे देख कर कोबी भालू ने पूछा.
होशियार बिल्ली चिंगरी
पापा सयारी और विपुल के व्यवहार में कुछ बदलाव देख रहे थे. उन दोनों ने बाहर जा कर खेलना बिलकुल बंद कर दिया था. वे या तो स्कूल का काम करते या फिर अपने मोबाइल फोन लैपटौप पर समय बिताते थे.
प्रिय सैंटा...
रविवार का दिन था और मैरी घर की सफाई में लगी हुई थी. क्रिसमस आने वाला था और अभी उस की बहुत सारी तैयारी बाकी रह गई थी.
चीकू और ब्लैकी जासूस
चीकू खरगोश और ब्लैकी भालू जो खुद को बेहद काबिल और अनेक उलझे केस सुलझाने वाले जासूस बताते थे, सुबह की सैर के लिए निकले ही थे कि उन की नजर सेठ ताराचंद पांडा के घर पर पड़ी.
लूना का क्रिसमस ट्री
\"साल का यह बहुत ही लुभावना समय है,\" क्रिसमस के आभूषणों और सजावट के सामान का डब्बा खोलते हुए मौली ने कहा. डब्बे में कांच के पेड़, बर्फ के टुकड़े, पंख और अन्य बहुत सी चीजें थीं. उसे चमकदार लाल और हरे कांच की गेंदें और सुनहरे सितारे बड़े पसंद थे.
पेंग्विन से मुलाकात
दादी के साथ 10 वर्षीय गोकुल को समय बिताना बहुत पसंद था. वह उन्हें अपने स्कूल के सारे किस्से सुनाता और उन से ढेर सारे प्रश्न पूछता. दादी उस के हर प्रश्न का सटीक जवाब देतीं. दादी के साथ रहने के कारण उसे बहुत सारी बातों की जानकारी हो गई थी.
गहरी शीतकालीन नींद
हिमालय के उत्तरी क्षेत्र में हर कोई शीतकालीन नींद की तैयारी कर रहा था. इस समय कोई भी ऐक्टिविटी नहीं होती है, क्योंकि बाहर का मौसम कठोर और ठंडा होता है.
रहस्यमय बौक्स
चिराग और निधि की छुट्टियां चल रही थीं और *दोनों घर पर खेल रहे थे. उन के मम्मी पापा औफिस गए थे. तभी घंटी बजी, जब वे बाहर निकले कि देखा तो चिराग के नाम का कोरियर था.
एक प्याली स्वादिष्ठ चाय
\"अपना खयाल रखना जी, बाय परी बेटा, एक हफ्ते बाद फिर मिलते हैं,\" दादी ने दादू और मुझ से कहा, जब उन की टैक्सी गेट से दूर से चली गई.
रोमांचक स्लेज रेस
आर्कटिक महासागर और उत्तरी अटलांटिक महासागर के बीच स्थित विश्व के सब से बड़े द्वीप ग्रीनलैंड के कुलुसुक गांव में गर्मियों का मौसम खत्म हो गया था और झीलों व सागरों में बर्फ जमनी शुरू हो गई थी.
चीकू ने जीती रेस
चीकू खरगोश और टेरी कछुए में गहरी दोस्ती थी. दोनों साथ खेलते और पढ़ते थे. चीकू टेरी के लिए अपने बगीचे से फल भी लाया करता था, जिसे टेरी बड़े चाव से खाता था.
चंदन के दांत में दर्द
बच्चे बेसब्री से छुट्टी का इंतजार कर रहे थे. जैसे ही घंटी बजी सब के सब भाग कर ग्राउंड में आ गए. आर्यन, वरुण, ध्रुव और चंदन ने जल्दी से अपने टिफन बौक्स खोले दिए, लेकिन चंदन ने जैसे ही सेब का टुकड़ा मुंह में डाला, वह मुंह पकड़ कर बैठ गया.
जिग्गी का सपना
जिग्गी हाथी आनंदवन में रहता था. वह बहुत नटखट था, लेकिन उसे मस्ती करने में बड़ा मजा आता था. आनंदवन के पास एक बहुत बड़ी झील थी, जिस में मनुष्य नाव चलाते थे. जिग्गी छिपछिप कर नाव को देखता रहता था. उसे नाव पर बैठे लोग बहुत अच्छे लगते थे. वह अकसर अपने दोस्त मोंटी बंदर के साथ नाव पर घूमने की इच्छा जताता था.