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यह है काटे की टक्कर
वाइएसआरसीपी प्रमुख जगन रेड्डी और टीडीपी सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू के बीच मुकाबला आर-पार का है. नायडू के एनडीए गठबंधन में शामिल होने से आंध्र के मुख्यमंत्री रेड्डी के लिए दोबारा कुर्सी पाने के सपने का हकीकत बनना आसान नहीं
किसकी गारंटी करेगी काम
पीएम नरेंद्र मोदी के करिश्मे और उनकी फ्लैगशिप स्कीमों के असर से निबटने के लिए कांग्रेस नए जोशोखरोश के साथ सीएम सिद्धरामैया की अगुआई में अपनी कल्याणकारी गारंटी योजनाओं पर भरोसा कर रही
यहां लड़ाई दो सियासी सितारों की
शशि थरूर कांग्रेस के लिए लगातार चौथी बार तिरुवनंतपुरम जीतने की उम्मीद कर रहे पर भाजपा के राजीव चंद्रशेखर इस दफा चौंकाने वाले नतीजे ला सकते हैं
गढ़ बचाने और भेदने के पैंतरे
कांग्रेस अपने आखिरी गढ़ों में से एक पर काबिज रहने, वामपंथी फिर अपने पुरुत्थान और भाजपा सेंध लगाने की कोशिश में. केरल का रुख आखिर होगा किस ओर?
दक्षिण का भगवा सिंघम
पूर्व आइपीएस अधिकारी अन्नामले भाजपा को तमिलनाडु में मुख्य \"दावेदार के मंच पर खड़ा करने के मिशन पर. तो क्या कोयंबत्तूर लोकसभा सीट इसकी आधारशिला बनने जा रही?
इस मोर्चे में दरार थोड़ी मुश्किल
तमिलनाडु में डीएमके के नेतृत्व वाला गठबंधन 2019 के लोकसभा चुनाव की जीत को दोहराना चाहता है. एआईएडीएमके और भाजपा का अलग-अलग लड़ना उसके लिए मददगार हो सकता है पर कुछ चौंकाने वाले नजारे भी दिखना मुमकिन
क्या भाजपा दक्षिण दुर्ग भेद सकेगी?
चार सौ से ज्यादा सीटें पाने की महत्वाकांक्षा के लिए बेहद जरुरी पांच दक्षिणी राज्यों में युद्ध स्तर पर जुटी भाजपा, लेकिन हर मजबूत किले में चुनौती इतनी कड़ी कि धावा बोलना जितना आसान, भेदना उतना ही मुश्किल
डंकी गणराज्य
हिमालय से बहकर आने वाली नदियां अपनी चंचलता के लिए मशहूर हैं - गोल-गोल घूमती हैं, चक्करदार रास्तों से गुजरती हैं और भटककर दूर चली गईं तो ज्यादा बड़ी नदियां उन्हें खुद में समो लेती हैं.
वादाखिलाफी से नाराज कुर्मी
एसटी का दर्जा नहीं मिलने की वजह से राज्य और केंद्र से नाखुश कुर्मी समुदाय कई सीटों पर निर्दलीय लड़ेगा जहां उसने 2019 में भाजपा को जिताने में मदद की थी
म्यान से फिर बाहर तलवार
केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रुपाला की ओर से दलितों के महिमामंडन ने क्षत्रियों को नाराज कर दिया और वे अब उनकी उम्मीदवारी वापस लेने की मांग कर रहे
नए प्रत्याशियों की डगमग नाव
दिल्ली की सात सीटों में से छह पर उम्मीदवार बदलने की भाजपा की रणनीति जमीनी स्तर पर पार्टी के लिए चुनौती बन रही
बनने से पहले ही गठबंधन बिखरने का खेला
डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी ने पर्चा वापस लेने से किया इनकार तो पार्टी शर्मनाक स्थिति में फंसी. बाप से गठजोड़ भी टूटा
महारथियों का महाभारत
दरअसल, विपक्ष मंच से नैतिकता की बड़ी-बड़ी बातें करते हुए कहीं ज्यादा शक्तिशाली सत्ता पक्ष को धूल चटाने की महत्वाकांक्षा जता रहा है, मगर उसके कदम उसके इरादों से मेल नहीं खाते. बड़े खिलाड़ी मैदान में उतरने से घबरा रहे हैं!
सबको मिले इंसाफ
कोर्ट रूम ड्रामा पटना शुक्ला अभिनेत्री रवीना टंडन की ओर से ज्वलंत सामाजिक मुद्दों पर बात करने की एक कोशिश है
"जलेबी सी स्वादिष्ट है फिजिक्स"
जहां सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं 2 अप्रैल को खत्म हुईं वहीं आइएससी और आइसीएसई बोर्ड के स्टूडेंट्स ने भी 3 अप्रैल को आखिरी पेपर लिखा. मगर बोर्ड इयर वाले छात्रों के लिए यह शायद ही आराम लेकर आया हो. जहां 12वीं के बाद छात्र तमाम कंपटिशन की तैयारी में जुट जाएंगे, वहीं 10वीं की परीक्षा दे चुके स्टूडेंट इस समय इस माथापच्ची के बीच होंगे कि 11वीं में आखिर कौन सा विषय लें. इस बीच इंडिया टुडे के असिस्टेंट एडिटर (डिजिटल) धनंजय कुमार की मुलाकात एक ऐसी शख्सियत से हुई जो नौवीं कक्षा में फेल हो गए थे, लेकिन फिर आइआइटी कानपुर में टॉपर बन वापसी की. उसी आइआइटी में 15 साल तक पढ़ाया और देश के बड़े परमाणु वैज्ञानिक बन गए. डॉ. हरीश चंद्र वर्मा, जिनकी किताबें 'कॉन्सेप्ट्स ऑफ फिजिक्स' और 'क्वांटम फिजिक्स' शायद ही किसी साइंस के स्टूडेंट ने न पढ़ी हों, को साल 2020 में फिजिक्स की दुनिया में अपने अपने योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया. छात्रों के बीच एचसीवी के नाम से मशहूर प्रोफेसर वर्मा ने बातचीत में भारतीय शिक्षा पद्धति और स्कूल सिस्टम, परीक्षा एवं फिजिक्स पढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की, कुछ अंश:
माफिया की मौत पर सवाल
बांदा जेल में सजा काट रहे मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत के बाद जेल प्रशासन पर उठ रही उंगलियां उत्तर प्रदेश में पिछले सात वर्ष में दस कुख्यात गैंगस्टरों की न्यायिक और पुलिस हिरासत में मौत हो चुकी है
भितरघात बनी बड़ी चुनौती
कम से कम छह सीटों पर भाजपा असंतुष्टों से घिरी. वजहें कई हैं जिनमें बाहरी लोगों को टिकट देने से लेकर मौजूदा सांसद का नाकारापन तक शामिल
भाजपा का शाही दांव
शाही परिवार की एक सदस्य ने सियासत में पैर जमाने के लिए भगवा अपनाया और टीएमसी की आलोचना को न्योता दिया
मॉलीवुड कूदा मैदान में
केरल से सियासी फलक पर फिल्मी सितारे भी जलवा दिखा रहे हैं. अपने मंसूबे पूरे करने के लिए भाजपा ने भी सितारों पर जताया भरोसा
लड़ने से पहले ही डाल रहे हथियार
क्या राजस्थान में कांग्रेस ने जबरदस्ती दिए हैं टिकट? क्योंकि कई नेताओं ने चुनाव लड़ने से साफ मना कर दिया
अपने अड़ंगों में फंसा इंडिया गठबंधन
मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए बने इंडिया गठबंधन की सबसे ज्यादा संभावनाएं शुरुआत में बिहार में नजर आ रही थीं लेकिन उम्मीदवारों की घोषणा का मौका आते-आते इसमें शामिल दल आपसी खींचतान में फंस गए
गढ़ बचाने की कठिन चुनौती
मुरादाबाद और रामपुर लोकसभा सीट पर सपा उम्मीदवारों : को लेकर पार्टी के भीतर असंतोष. मुरादाबाद में आजम खान तो रामपुर में अखिलेश यादव की प्रतिष्ठा दांव पर
"पहले से ही यहां अघोषित आपातकाल है"
इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस (इंडिया) के संयोजक के तौर पर मल्लिकार्जुन खड़गे के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा का मुकाबला करने के लिए एक साझा नैरेटिव बनाने तथा सीट बंटवारे की व्यवस्था पर 26 पार्टियों में एकराय बनाने की बड़ी चुनौती है. 81 वर्षीय कांग्रेस अध्यक्ष को 2019 के लोकसभा चुनाव में 52 सीटों तक सिमटने के अपने निराशाजनक प्रदर्शन में भी सुधार करने के लिए ग्रैंड ओल्ड पार्टी को प्रोत्साहित करना होगा. खड़गे ने अपने व्यस्त कार्यक्रम में से वक्त निकालकर ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर राज चेंगप्पा और एग्जीक्यूटिव एडिटर कौशिक डेका से कई अहम चुनावी मुद्दों पर बातचीत की. पेश हैं उसके प्रमुख अंश:
दावेदारों में कितना दम?
विपक्ष के लिए मुश्किलें अनेक, लेकिन सुनियोजित रणनीति और नैरेटिव के जरिए वह भाजपा की बेहिसाब आकांक्षाओं को रोकने में सक्षम हो सकता है
लाल को आखिरी सलाम!
साल 2023 में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच 22 मुठभेड़ हुई थीं तो वहीं 2024 में अब तक यह आंकड़ा 57 तक पहुंच चुका है
खुली से ज्यादा छिपी बेरोजगारी
भारत की विकास गाथा विरोधाभासों से भरी है. मानव विकास संस्थान (आइएचडी) और अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आइएलओ) की ओर से संयुक्त रूप से प्रकाशित 'भारत रोजगार रिपोर्ट 2024' में पाया गया कि बेरोजगारी का ग्राफ जहां नीचे आ रहा है और श्रम बाजार में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है, वहीं गुणवत्तापूर्ण और उत्पादक रोजगार की कमी चिंता बढ़ा रही है.
बना दिया बात का बतंगड़
वास्तव में, भारतीय जनता पार्टी का मकसद कच्चातिवु को एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाना है, और इसके जरिए खासकर विपक्षी गठबंधन के सहयोगियों द्रमुक और कांग्रेस पर निशाना साध उन्हें मुश्किल में डालना है
अब एक नए रण में
बायोपिक स्वातंत्र्य वीर सावरकर में अभिनेता रणदीप हुड्डा इसके निर्देशन और पटकथा लेखन का भी जिम्मा उठाया
अपनी शर्तों पर काम करती नई पीढ़ी
नई पीढ़ी जेनरेशन जेड या जेन जी क्यों किसी डेस्क या नौकरी के बंधन को में खुद कड़ना नहीं चाहती
कृष्णा दखलकार
कर्नाटक संगीत की जटिल जड़ों के अनुरूप किए गए टीएम कृष्णा के प्रयोग इसे और अधिक समावेशी बनाने में मददगार ही साबित हुए हैं. किसी पुरस्कार को लेकर मचा कोलाहल समय के साथ बीत जाएगा