भारतीय महिलाओं का सोने से लगाव सदियों से रहा है. महिलाओं में खुद की सुंदरता को प्रदर्शित करने की मनोवैज्ञानिक कमजोरी होती है, इस कारण वह सब से ज्यादा गहनों के रूप में ही अपनी अमीरी और सुंदरता को प्रदर्शित करती हैं. समाज में जिस की औरत जितना ज्यादा गहना पहने दिखाई देती है उस को उतने ही सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है, इसलिए भी लोगों में गहनों के प्रति एक विशेष प्रेम होता है.
सोना और भूमि 2 ऐसी चीजें हैं जिन के दाम समय के साथ बढ़ते ही गए, जिन के पास भी थोड़े पैसे आए तो उस पैसे को लोग या तो सोने में निवेश करते रहे या भूमि खरीद कर प्रोपर्टी बनाते रहे.
पुरानी कहावत है कि सोना और जमीन बुरे वक्त के लिए होते हैं. आजकल ये स्टेटस सिंबल बन गए हैं. अचल सम्पति में सब से अच्छा स्थान जमीन के बाद गहनों का ही माना जाता है. रिश्तेदार और मिलने वाले हमारे धन को उधार या अन्य रूप में उपयोग न कर लें, इसलिए भी बचत के धन को लोग गहनों और मकानजमीन में ही निवेश करते हैं.
धनवान महिलाओं में त्योहारोंसमारोहों में अन्य महिलाओं के आगे शोऔफ करने और दूसरे को नीचा दिखाने की भावना प्रबल होती है और वे इसी अहं भाव की संतुष्टि के लिए अपने पति और परिजनों को उकसाती हैं सोने के ज्यादा से ज्यादा गहने उस के लिए बनवाए जाएं. पति भी यही सोचता है कि चलो इस बहाने संपत्ति बन रही है, जो बुरे वक्त में काम आएगी.
धार्मिक और आर्थिक दोनों नजरिए से स्वर्ण धातु का महत्त्व है. यही वजह है कि सोना भारतीयों को बहुत प्रिय है, लेकिन महंगी कीमत के चलते इसे खरीदना इतना आसान नहीं होता है फिर भी आप को यह जान कर हैरानी होगी कि दुनिया में सब से ज्यादा सोना भारत के पास है.
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक भारतीय महिलाओं के पास करीब 21,000 टन सोना है और इस की कीमत 1 ट्रिलियन डॉलर यानी करीब 100 लाख करोड़ के आसपास है. भारतीय महिलाओं के पास सोने की यह मात्रा दुनिया में सब से ज्यादा है, क्योंकि दुनिया के टौप 5 बैंकों के पास भी इतना गोल्ड रिजर्व नहीं है.
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