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मिले सुर मेरा तुम्हारा
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता संगीतकार अमित त्रिवेदी अपने ताजा गैर फिल्मी और विधा विशेष से मुक्त एल्बम आजाद कोलैब के बारे में, जिसमें 22 कलाकार शामिल
इंसानों की सोहबत में आलसी और बीमार
पालतू जानवर अपने इंसानी मालिकों की तरह ही लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं और उन्हें वही मेडिकल केयर मिल रही है. इसने पालतू जानवरों के लिए सुपर स्पेशलाइज्ड सर्जरी और इलाज के इर्द-गिर्द एक पूरी इंडस्ट्री को जन्म दिया
शहरी छाप स लौटी रंगत
गुजराती सिनेमा दर्शक और प्रशंसा बटोर रहा है क्योंकि इसके कथानक और दृश्य ग्रामीण परिवेश के बजाए अब शहरी जीवन के इर्द-गिर्द गूंथे जा रहे हैं. हालांकि सीमित संसाधन और बंटे हुए दर्शक अब भी चुनौती बने हुए हैं
चट ऑर्डर, पट डिलिवरी का दौर
भारत का खुदरा बाजार तेजी से बदल रहा है क्योंकि क्विक कॉमर्स ने तुरंत डिलिवरी के साथ पारंपरिक खरीदारी में उथल-पुथल मचा दी है. रिलायंस जियो, फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे कॉर्पोरेट दिग्गजों के इस क्षेत्र में उतरने से स्पर्धा तेज हो गई है जिससे अंत में ताकत ग्राहक के हाथ में ही दिख रही
'एटम बम खुद फैसले नहीं ले सकता था, एआइ ले सकता है”
इतिहास के प्रोफेसर और मशहूर पब्लिक इंटेलेक्चुअल युवाल नोआ हरारी एक बार फिर चर्चा में हैं. एआइ के रूप में मानव जाति के सामने आ खड़े हुए भीषण खतरे के प्रति आगाह करती उनकी ताजा किताब नेक्सस ने दुनिया भर के बुद्धिजीवियों का ध्यान खींचा है.
सरकार ने रफ्ता-रफ्ता पकड़ी रफ्तार
मुख्यमंत्री सिद्धरामैया उपचुनाव में कांग्रेस के शानदार प्रदर्शन की बदौलत राजनैतिक चुनौतियों से निबटने लोगों का विश्वास बहाल करने और विकास तथा कल्याण की महत्वाकांक्षी योजनाओं पर दे रहे जोर
हम दो हमारे तीन!
जनसंख्या में गिरावट की आशंकाओं ने परिवार नियोजन पर बहस को सिर के बल खड़ा कर दिया है, क्या परिवार बड़ा बनाने के पैरोकारों के पास इसकी वाजिब वजहें और दलीलें हैं ?
उमरता कट्टरपंथ
बांग्लादेश में हिंदुओं का उत्पीड़न जारी है, दूसरी ओर इस्लामी कट्टरपंथ तेजी से उभार पर है. परा घटनाक्रम भारत के लिए चिंता का सबब
'इससे अच्छा तो झाइदारिन ही थे हम'
गया शहर के माड़रपुर में गांधी चौक के पास एक बैटरी रिक्शे पर बैठी चिंता देवी मिलती हैं. वे बताती हैं कि वे कचहरी जा रही हैं. उनके पास अपनी कोई सवारी नहीं है, सरकार की तरफ से भी कोई वाहन नहीं मिला है.
डीएपी की किल्लत का जिम्मेदार कौन?
3त्तर प्रदेश में आजमगढ़ के किसान वैसे तो कई दिनों से परेशान थे लेकिन 11 दिसंबर को उन्होंने डीएपी यानी डाइअमोनियम फॉस्फेट खाद उपलब्ध कराने की गुहार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा दी.
गलता पीठ पर खींचतान
दोवैष्णव संप्रदायों की एक प्रतिष्ठित मठ-मंदिर के स्वामित्व पर दावेदारी, मुश्किलों में घिरा एक महंत, दशकों पुरानी अदालती व्यवस्था और धार्मिक स्थल की संपत्ति के कुप्रबंधन के आरोप-राजस्थान की प्रसिद्ध गलता पीठ इस समय ऐसे ही कई संकटों से जूझ रही है.
फिर साहसी शुरुआत
गठबंधन की राजनीति में एक हफ्ते की अच्छी-खासी अहमियत होती है. हेमंत सोरेन को 28 नवंबर को झारखंड के मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद 5 दिसंबर को मंत्रिमंडल का गठन करने में सात दिन लगे. यह अपने आप में बहुत कुछ कहता है.
चौकसी बरतने में चूक
खासे ऊहापोह वाली स्थिति थी कि आर्थिक वृद्धि को बढ़ देने के लिए ब्याज दरें घटाई जाएं या महंगाई पर काबू पाने के लिए जस की तस रखें.
डॉक्टरी की पढ़ाई 3 डी से होती आसान
मेडिकल कोर्सेज में दाखिला मिलना अमूमन मुश्किल होता है, लेकिन दाखिला मिलने के बाद वहां अच्छे से पढ़ाई और भी मुश्किल होती है.
सुखबीर के जीवन का निर्णायक क्षण
चार दिसंबर को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में सेवा देते हुए शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) नेता सुखबीर सिंह बादल को अप्रत्याशित खतरे का सामना करना पड़ा.
क़ुदरत के रंग-राग
बेंगलूरू में हो रहे इकोज ऑफ अर्थ म्यूजिक फेस्टिवल के सातवें संस्करण का लाइनअप जबरदस्त
टैंक को स्वदेशी बनाने की कनपुरिया तकनीक
कानपुर के कालपी रोड में इंडस्ट्रियल एस्टेट के प्लॉट नंबर 98 में चल रही तीन मंजिला फैक्ट्री आम कारखानों से अलग है.
पुरानी कारों का यूनीकॉर्न
पुरानी कार खरीदने में यही दुविधा रहती है कि कहीं चोरी की तो नहीं या पुलिस केस में तो नहीं फंसी है.
अफसानों का उस्ताद
फिल्म निर्माता इम्तियाज़ अली देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल के संरक्षक होने और दोबारा रिलीज हुई लैला मजनूं की सफलता वगैरह के बारे में
आखिरी नतीजे तक जंग
बस्तर में सुरक्षा बलों की भारी मौजूदगी, तकनीक का साथ और सरकार की तरफ से अभियान चलाने की पूरी आजादी के बूते 2024 में माओवादियों के खिलाफ लड़ाई भारी सफलता के साथ आगे बढ़ी
एसी के पीछे की गर्म हवा ! उसे भी साधने का है जुगाड़
पेशे से होम्योपैथिक चिकित्सक प्रमोद स्टीफन का मन ऐसी खोजों में रमता है जो लोगों के लिए लाभदायक तो हो साथ ही पर्यावरण के लिए भी मुफीद हो. उन्होंने इस बार ऐसा जुगाड़ तैयार किया है, जो एसी की गर्म हवा से बाहरी दुनिया को बचाता है.
चाय वालों के लिए वरदान 'फिल्टर कॉफी' मशीन
चंपारण के किसी शहर, कस्बे या बाजार में जाएं, आपको चाय दुकानों पर एक खास चीज नजर आएगी.
बैलों से बना रहे बिजली
लखनऊ में गोसाईंगंज को मोहनलालगंज से जोड़ने वाली सड़क पर पड़ने वाली नई जेल के पीछे तीन एकड़ जमीन पर बनी गोशाला और यहां लगी मशीनें अपनी ही बिजली से रौशन हैं.
पुराने फोन का बड़ा कारोबारी
पुराना मोबाइल बेचना और सुधरवाना बड़ा मुश्किल काम होता है. इनके रेट और रिपेयरिंग की लागत का कोई पैमाना ही नहीं. जितना दुकानदार बोलेगा उतना ही पैसा फाइनल होगा. लेकिन कैशीफाइ ने यह चलन बदल दिया है.
मेटा के बीस पर मुंबई में चार
महिंद्रा एक्सलेंस इन थिएटर अवार्ड्स के 20 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में उसके चार पुरस्कार विजेता नाटक एनसीपीए में खेले जाएंगे
कुदरत के रंग-राग
बेंगलूरू में हो रहे इकोज ऑफ अर्थ म्यूजिक फेस्टिवल के सातवें संस्करण का लाइनअप जबरदस्त
संतान सुख सबका अधिकार
यह कहानी शुरू होती है 46 साल पहले अगस्त, 1978 से. राजस्थान के उदयपुर में 12 नवंबर, 1952 को जन्मे डॉ. अजय मुर्डिया का पुरुषों के प्रजनन से संबंधित विषय पर एक रिसर्च पेपर विश्व प्रतिष्ठित जर्नल द लैंसेट में प्रकाशित हुआ.
गरीबों के सस्ते चूल्हे का खोजी
मोतिहारी शहर के गांधी चौक के पास स्थित मीना बाजार की तंग गलियों से होकर आप उनकी छोटी-सी दुकान तक पहुंचिए तो वे अक्सर आपको हथौड़े से टिन पीटते हुए मिलेंगे. यह उनकी लोहार की दुकान है. अभी वे ठंड के आ चुके सीजन के लिए एक बोरसीनुमा ऐसे चूल्हे को बनाने में जुटे हैं, जो बेकार समझकर फेंक दी जाने वाली धान और गेहूं की भूसी से जलता है.
महंगी दवाओं का 'इलाज'
केंद्र सरकार बार-बार इस बात को कहती है कि भारत आज 'विश्व की फार्मेसी' बन गया है. लेकिन इस दावे के पीछे एक कड़वी सचाई है कि भारत सिर्फ दवाओं का उत्पादन करके इनका निर्यात कर रहा है.
एक मुकदमे ने जेनसेट को बना दिया प्रदूषण रहित
शहर के एक मोहल्ले में गेट, ग्रिल और शटर जैसी चीजों का उद्यम चलाने वाले वीरेंद्र कुमार सिन्हा का जीवन एक मुकदमे ने बदल दिया.