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'यूक्रेन की संप्रभुता बहाल करना ही हमारा लक्ष्य है'
जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए 2 मार्च को भारत आए अमेरिकी विदेश मंत्री ऐंटनी ब्लिंकन ने इंडिया टुडे टीवी की विदेश मामलों की संपादक गीता मोहन के साथ खास बातचीत की. पेश हैं इसके कुछ अंश...
शोले भड़काने की साजिश
बिहार में सब ठीक है ? सेफ है ? आना ठीक रहेगा? ये सवाल बीते कुछ दिनों में बिहार के पत्रकारों से बार-बार पूछा जा रहे थे.
गुजराती भाषा को घर में मिला सम्मान
भाषाई आधार पर गठित एक राज्य के संदर्भ में यह बात हैरान करने वाली ही है कि गुजरात को अपने सभी स्कूलों में प्राथमिक कक्षाओं तक मूल भाषा यानी गुजराती की पढ़ाई को अनिवार्य बनाने में छह दशक लग गए.
अब एकदम नई महामारी की दस्तक
असल में कोविड-19 महामारी का आदी हो जाने के कारण लोगों ने ज्यों ही सतर्कता में ढिलाई बरती, उन्होंने अपने और अपनी कमजोर हो गई रोग प्रतिरोधक प्रणालियों को दूसरे वायरसों के आगे निहत्था कर दिया. ऐसे ही एक फ्लू सरीखे संक्रामक वायरस-एडीनोवायरस – ने उग्र मोड़ ले लिया और पश्चिम बंगाल के बच्चों के पीछे पड़ गया है.
गेहूं की फसल पर गर्मी की आफत
इस साल भारत की खाद्य सुरक्षा संकट में आ सकती है. बढ़ता तापमान इसकी सबसे बड़ी वजह इ हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार और गुजरात जैसे गेहूं उत्पादक क्षेत्रों में खतरे की घंटी बजा दी है.
खतरे की आहट
भारत की जीडीपी वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही में महज 4.4 फीसद बढ़ी, जबकि पिछले वित्त विर्ष की इसी तिमाही में यह 5.2 फीसद बढ़ी थी.
नाम बदलने का खेल
उस्मानाबाद और औरंगाबाद का नाम क्रमश: धाराशिव और छत्रपति संभाजीनगर करने की केंद्र की मंजूरी ने महाराष्ट्र में शहरों और क्षेत्रों के नाम बदलने की मांग को बढ़ा दिया है.
'ये है मेरी औकात'
अभिनेता, गायक, गीतकार, स्क्रीनराइटर पीयूष मिश्रा अपने पहले आत्मकथात्मक उपन्यास, उसके किरदारों, ग्वालियर में अपने पहले प्रेम और विपश्यना के बारे में
जिसने भुगता वो ही जाने
सेक्स ट्रैफिकिंग की शिकार रही एक महिला का शुरू किया गया एक संगठन आज उन जैसी हजारों औरतों को अपने अधिकार जानने और बेहतर भविष्य गढ़ने में मदद कर रहा
तितली, प्रेत शब्द और अ बंजारे
प्रगति मैदान, गेट नंबर चार से सीधे, फिर थोड़ा-सा बाएं हॉल नंबर पांच-चार-तीन-और आखिर में दो.
आज की अनारकली
अदिति राव हैदरी अनारकली का किरदार निभाने और पीरियड ड्रामों को लेकर अपनी दीवानगी पर
पर्यटन ने पकड़ ली जोरदार रफ्तार
कोविड-19 महामारी की छाया से बाहर आने के बाद अब पर्यटन क्षेत्र का भविष्य कैसा होगा, इस पर चर्चा के लिए इंडिया टुडे टूरिज्म सर्वे ऐंड अवॉर्ड्स में आला अफसर और उद्योग जगत की हस्तियां एक साथ आईं
बुढ़ा गए तो अब किस काम के
गुजरा में तेज शहरीकरण, खेती में मशीनों के इस्तेमाल और गोरक्षा के आक्रामक अभियानों की बदौलत गोवंश बोझ में बदला. आवारा मवेशियों की तादाद तेजी से बढ़ी. मसले से निबटने के लिए भाजपा की राज्य सरकार 50,000 सांडों का बधियाकरण करने में जुटी. पर क्या ऐसे फौरी समाधान कारगर होंगे?
बांध से मिटेगा बिहार का शोक!
पटना हाई कोर्ट के निर्देश के बाद सप्तकोसी हाइ डैम बनने की प्रक्रिया तेज होने की उम्मीद है, लेकिन यह परियोजना करीब आठ दशकों से अटकी क्यों रही और क्या यह स्थाई तौर पर उत्तरी बिहार को बाढ़ से निजात दिला सकती है?
अर्श से फर्श: दास्तान-ए-आजम
चार दशकों में यह पहला मौका है जब रामपुर के दबंग सपा नेता आजम खान के पास विधायिका में कोई सीट नहीं है. यही नहीं, उन्हें सदस्यता के अयोग्य घोषित किया जा चुका है. योगी शासन में उन पर पूरी तरह शिकंजा कस गया है
भाजपा की पूर्वोत्तर संपर्क क्रांति
त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय के नतीजे बताते हैं कि भाजपा ने विरोधियों और गठबंधन के साथियों, दोनों को मात दी है
भाजपा के नए पोस्टर बॉय
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को अपने आक्रामक और ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने वाले तेवरों और कार्रवाइयों के जरिये सुर्खियों में बने रहना काफी पसंद, और यह उनके लिए देशभर के लोगों में अपनी खास जगह बनाने में मददगार भी
भारी मुश्किल में भगवंत मान
पंजाब में भगवंत मान की आप सरकार एक ही साथ राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक संकट में घिरी, राज्य को अराजकता की आगोश में जाने से आखिर वे किस तरह से रोक पाएंगे?
कांग्रेस का पंजा बना मुक्का
भाजपा और आरएसएस जैसी विभाजनकारी ताकतों को हराने के लिए कांग्रेस के करोड़ों कार्यकर्ताओं को भारत जोड़ो यात्रा से उत्पन्न संवेग को आगे बढ़ाना होगा.
शिकंजे में सिसोदिया
राजधानी दिल्ली में दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर 27 फरवरी को आम आदमी की आवाजाही पर रोक थी और यहां आम आदमी पार्टी (आप) के मुख्यालय में विधायक आतिशी और अन्य नेताओं के साथ करीब सवा सौ कार्यकर्ताओं की भीड़ 'जेल के ताले टूटेंगे, मनीष सिसोदिया छूटेंगे' के नारे बुलंद कर रही थी.
जैसा है वैसा कह दो ना
नई तरह की पहलकदमियों को लेकर कभी न हिचकिचाने वाले अभिनेता सैफ अली खान अब ऑडिबल के लिए मार्वल के एक किरदार को अपनी जबान दे रहे हैं
कोई उम्मीद लौटी है शायद
मंच के आजमाए पुराने खलीफाओं और नाटकों की आ रही नई फसल से आश्वस्त थिएटर के नागरिक लौटे सभागारों की ओर कुछ बड़े नाम भी फिर से कर रहे स्टेज की ओर रुख
खुशगवारी की नौकरी
भारतीय कार्यस्थलों में खुशी का मतलब क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण हो गया है, इस पर चर्चा करने के लिए भारत की शीर्ष कॉर्पोरेट शख्सियतें एक साथ आई
फिर भी संतुलन कायम
अस्थिरता दिखी पर अदाणी समूह की फर्मों के संकट में होने के बावजूद भारतीय शेयर बाजार में टिकाऊपन कैसे बना हुआ है? मौजूदा दौर कब तक जारी रहेगा?
तालाबों पर खूबसूरती का खू खतरा !
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दरभंगा में तालाबों के किनारे ईंटों और कंक्रीट के इस्तेमाल के खिलाफ फैसला दिया है. एनजीटी का यह कदम देशभर में तालाबों के सौंदर्यीकरण की मुहिम के लिए काफी अहम साबित हो सकता है
आदिवासियों की अपनी 'सेना'
कई दशकों से हर साल दिसंबर में कंगला मांझी सरकार के वर्दीधारी 'सैनिक' छत्तीसगढ़ के एक गुमनाम से गांव में जमा होते हैं. यह 'सेना' सुभाष चंद्र बोस की भारतीय राष्ट्रीय सेना और समाजवादी विचारों से प्रेरित है. यह असंगठित 'सेना' आखिर किसके लिए लड़ रही है और इसका भविष्य क्या है?
2024 की उल्टी गिनती शुरू
प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा को बखूबी पता है कि इस साल कुछ महत्वपूर्ण राज्यों के विधानसभा चुनाव ही 2024 की दशा-दिशा निर्धारित करेंगे. और इस बीच, पार्टी की आंतरिक कलह और पूर्व सहयोगियों के कारण होने वाले नुक्सान से उबरने के लिए भी पुख्ता इंतजाम करने होंगे
दूर से वह सब देख रहा है
चीन में बने सीसीटीवी कैमरे क्या बीजिंग के आंख-कान की तरह काम कर रहे हैं? विशेषज्ञों ने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर जताए गहरे अंदेशे. लेकिन मौजूदा कानून और इसे लेकर जागरूकता का अभाव खतरे से मुकाबले के लिए नाकाफी
जीत के बाद भी जद्दोजहद जारी
दिल्ली - मेयर चुनाव
वादे निभाने की मंशा से घोषणाओं की झड़ी
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में चिल्ला रोड चौराहे पर सब्जी का ठेला लगाने वाले रामबाबू कभी यहां की इकलौती कताई मिल में फिटर की नौकरी करते थे. सन् 1981 में यूपी कंपनी के तहत खुली इस कताई मिल में उत्तर प्रदेश और आसपास के प्रदेशों के करीब दो हजार मजदूर काम करते थे.