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मंगलमयी, सुख-समृद्धिदायी गौ-सेवा
विश्वगुरु भारत कार्यक्रम पर विशेष
ईश्वर का वरदान : संजीवनी तुलसी
तुलसी पूजन दिवस : २५ दिसम्बर
दो कुंजियाँ जो खोल देंगी आपके अंदर का खजाना स्मृति योग और प्राणायाम
परमात्मा की तरफ का साधन थोड़ा ही हो पर साधक असाधन में न गिरे तो बाजी मार लेता है।
पूज्य बापूजी के साथ आध्यात्मिक प्रश्नोत्तरी
जीवन की बेचैनी मिटानी हो तो परमात्मा की जिज्ञासा करो।
रोग निवारण की अनंत शक्ति आपमें ही है!
सारी सृष्टि का स्वामी अपना आत्मा है, उसका अनादर करना अपना घात करना है।
मंत्रशक्ति से आरोग्यता व अन्य लाभ
('मंत्रशक्ति से आरोग्यता' गतांक का शेष)
बंधन केवल मान्यता है
जीव बंधन से जकड़ा हुआ है। कर्म में बंधन है पाप-पुण्य का। भोग में बंधन है सुख-दुःख का। प्रेम में बंधन है संयोगवियोग का। सृष्टि में चारों ओर भय, बंधन और परतंत्रता ही नजर आते हैं। ऐसे में भय से, बंधन से, पराधीनता से मुक्ति कैसे हो, यह जिज्ञासा उत्पन्न होती है।
... फिर गीता समझ में आ जाती है
भगवान श्रीकृष्ण की गीता मानवमात्र के जीवन को ज्ञान से, आनंद से, समता के सौंदर्य से सजाने में सक्षम है।
घटता पशुधन फिर भी दूध की भरमार... कहाँ से आ रहा है इतना दूध?
लम्पी रोग से झुलसती, मरती गायें
जीवन के विकास के दो पंख
जब सुख लेने की चाह चली गयी तो आप अपने-आपमें सुखी हैं।
आत्मसाक्षात्कार दिवस पर पूज्य बापूजी का मंगलमय संदेश
करना और पाना है माया, करना-पाना जहाँ से गुजर जाता है वह है आत्मानुभव।
स्वास्थ्य - कल्याण की बातें
(तन, मन, अंतरात्मा के) उत्तम स्वास्थ्य का मूल 'श्रद्धा' है।
शरीर की दवाई कम करो, मन की दवाई करो
यदि मन अपनी असलियत का चिंतन करता है तो वह मन ही परब्रह्मरूप हो जाता है।
रोग निवारण की अनंत शक्ति आपमें ही है!
मनुष्य अपने `मुक्त स्वभाव को जान सकता है, अपने परम स्वभाव को पा सकता है।
ईश्वर के रास्ते पग रख दिया तो पीछे हटना क्यों?
दुर्बलता के विचारों को पोषना अपने लिए खड्डा खोदना है।
मन का प्रभाव तन पर
ईश्वर के जगत में ऊँचे-से-ऊँचा कोई प्राणी बना है तो वह मनुष्य है।
भगवान के पिता : मेरे गुरुदेव
ब्रह्मलीन साँई श्री लीलाशाहजी महाराज का महानिर्वाण दिवस : २ नवम्बर
ऋषियों द्वारा दिया गया अमूल्य उपहार : दीपावली
दीपावली पर्व : २२ से २६ अक्टूबर
रोग का रहस्य और निरोगता का मूल
जो अपने को शरीर मानेगा और मन के साथ जुड़ा रहेगा वह पूर्ण संतुष्ट कभी नहीं होगा।
दीपावली पर लक्ष्मीप्राप्ति के लिए लक्ष्मीजी का मूलमंत्र
किसीको त्रिलोकी का राज्य भी मिल जाय पर ब्रह्मविद्या नहीं मिली तो वह व्यक्तिअभागा है।
आयुर्वेद के क्षेत्र में संत श्री आशारामजी बापू का योगदान
शाश्वत संबंध की स्मृति किये बिना जीव का कहीं परम कल्याण नहीं होता।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर पूज्य बापूजी द्वारा भेजा गया पावन संदेश
कैसी अद्भुत है श्रीकृष्ण की समता !
दोष प्रकृति में हैं और निर्दोष होने का सामर्थ्य तुममें है
मन को वश करने की कुंजी
सबसे ऊँची विद्या क्या है ?
आप अपने आत्मा-परमात्मा में बैठो।
ईश्वर के रास्ते पग रख दिया तो पीछे हटना क्यों ?
विद्यार्थी संस्कार
लम्बी आयु की सरल कुंजी
दीर्घायु का साधन
शुभ संकल्प की अथाह शक्ति को उजागर करनेवाला पर्व
रक्षाबंधन पर पूज्य बापूजी का मंगलमय संदेश
वटवृक्ष का महत्त्व क्यों?
दूसरे के हित की भावना से बुद्धि में अच्छे स्फुरण होने लगते हैं।
जीवन में गुरु की अनिवार्यता
जो गुरु व परमात्मा के प्रति अहोभाव रखते हैं, उन्हें प्रेमाभक्ति, परमात्म-रस मिलता है।
... तभी आपकी जन्माष्टमी पूर्ण हुई
जन्माष्टमी : १८ व १९ अगस्त