CATEGORIES
Categorías
तोरिया की आधुनिक खेती
तोरिया 'कैच क्रौप' के रूप में खरीफ व रबी के मध्य में बोई जाने वाली तिलहनी फसल है.
सरसों की अगेती खेती
सरसों से हमारे शरीर को वसा की पूर्ति होती है. सरसों के तेल के बिना क्या अमीर, क्या गरीब, क्या छोटा, क्या बड़ा सब की थाली का भोजन फीका हो जाता है. ऐसे में भारत की सवा अरब की आबादी के लिए सरसों तेल की पूर्ति करने के लिए इस की उन्नतशील खेती पर ध्यान देना बहुत जरूरी हो जाता है.
जम्मू-कश्मीर में नदरू की खेती
जम्मू-कश्मीर की पारंपरिक खेती की बात की जाए, तो दाल, चावल और गेहूं की खेती वैसे ही होती है, जैसे भारत की दूसरी जगहों पर होती है. जब बात आती है जम्मूकश्मीर की, तो नदरू यानी कमल के तने की खेती वहां बहुत ही प्रचलित है. इस की सब्जी के बिना कश्मीरी पकवान अधूरा माना जाता हैं. इस की सब्जी ग्रेवी वाली भी बनती है और दही में भी इसे पकाया जाता है, जिसे यखनी कहते हैं.
पशुओं की प्राथमिक चिकित्सा और घरेलू उपचार
अफारा या पेट फूलना: पशु द्वारा अत्यधिक हरा चारा खा लेने के बाद पेट फूल जाता है और सांस लेने में तकलीफ होती है. दम घुटने से मौत भी हो सकती है. अफारा के उपचार हेतु 100 ग्राम टिम्पोल पाउडर या 100 मिलीलिटर ब्लोटोनील/ब्लोटासिल को कुनकुने पानी में मिला कर पिलाएं. इन के अभाव में कोई भी 100-200 मिलीलिटर खनिज तेल जैसे सरसों या अरंडी तेल को 25 मिलीलिटर तारपीन के तेल व 2 मिलीलिटर पिपरमैंट में मिला कर पिला सकते हैं.
धान की फसल में जिंक की कमी और उस का निदान
धान पूर्वी उत्तर प्रदेश की मुख्य खरीफ की फसल है, जिस की खेती पूर्वी उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में की जाती है. कृषि में सघन विधियां अपनाने एवं अधिक उपज देने वाली फसलों के लगातार उगाने से भूमि में नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश के साथसाथ सूक्ष्म मात्रिक तत्त्वों की भी कमी हो जाती है, इसलिए नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश उर्वरकों के भरपूर प्रयोग से भी हम धान की अच्छी पैदावार नहीं ले पा रहे हैं.
कीवी का बढ़ता व्यवसाय
कीवी फल चीन का मूल फल है, जिसे चीनी करौंदा भी कहा जाता है. कीवी फल मानव जाति की 20वीं शताब्दी की देन है. इस के फलों का उपयोग खाने में और प्रसंस्कृत पदार्थ जैसे जैम, जैली, कैंडी, जूस, स्क्वैश आदि तैयार करने में होता है. यह छोटा, मीठा और तीखा फल बहुत सारे पोषक तत्त्वों से भरा होता है जैसे विटामिन सी, विटामिन के, फास्फोरस, पोटाश एवं कैल्शियम और इस प्रकार कीवी कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है.
सितंबर महीने में खेती से जुड़े काम
हमारे यहां खेतीबारी के नजरिए से सितंबर का महीना यानी हिंदी का भादों का महीना काफी खास होता है. इस महीने में धान की फसल में कीट और बीमारियों के नियंत्रण पर खासा ध्यान दिया जाता है, क्योंकि धान की अगेती किस्में पकने की अवस्था में पहुंचने लगती हैं. इस के अलावा ज्वार, बाजरा जैसी फसलें भी पक रही होती हैं.
धान की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग और उन का प्रबंधन
धान एक प्रमुख खाद्यान्न फसल है, जो पूरे विश्व की आधी से ज्यादा आबादी को भोजन प्रदान करती है. चावल के उत्पादन में सर्वप्रथम चीन के बाद भारत दूसरे नंबर पर आता है. भारत में धान की खेती लगभग 450 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में की जाती है. छोटी होती जोत एवं कृषि श्रमिक न मिल पाने के चलते और जैविक, अजैविक कारकों की वजह से धान की उत्पादकता में लगातार कमी आ रही है.
किसानों के मुनाफे पर सरकार टैक्स नहीं लगा सकती - अमित शाह
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी डाटाबेस बनाने का 95 फीसदी काम पूरा हो चुका है.
गन्ना बोआई यंत्र शुगरकेन ट्रांसप्लांटर
गन्ने की खेती इस समय तमाम समस्याओं से दोचार हो रही है. एक तरफ गन्ने की तैयार फसल को चीनी मिलों द्वारा खरीदने के बाद भुगतान में हीलाहवाली, तो वहीं दूसरी तरफ खेती में घटती श्रम शक्ति और बढ़ती लागत ने किसानों को गन्ने की खेती से मुंह मोड़ने को मजबूर कर दिया है.
ड्रोन का खेती में महत्व
वर्ष 2050 तक वैश्विक आबादी लगभग 10 अरब होगी और भोजन की कमी से बचने के लिए कृषि उत्पादन को दोगुना करना होगा. बढ़ती विश्व जनसंख्या की जरूरतों को पूरा करने के लिए वैश्विक कृषि खाद्य उत्पादन में कम से कम 70 फीसदी की वृद्धि करनी होगी.
नवाचारी किसानों को फार्म एन फूड एग्री अवार्ड
भारतनेपाल सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के आकांक्षी जिला यानी बहुत ही पिछड़े जनपद सिद्धार्थ नगर में खेतीबारी, बागबानी सहित खेती से जुड़े दूसरे कामों में विशेष उपलब्धियों वाले किसानों के उत्साहवर्धन के लिए राज्य स्तरीय फार्म एन फूड अवार्ड' का आयोजन 26 अगस्त, 2023 को सिद्धार्थ नगर जिला मुख्यालय पर स्थित विकास भवन के डा. अंबेडकर सभागार में किया गया.
अगस्त माह में निबटाएं खेती से जुड़े जरूरी काम
खेती के लिहाज से अगस्त का महीना किसानों के लिए खास होता है, क्योंकि मानसून जोरों पर होता है. वर्षा वाले क्षेत्रों में झमाझम बारिश होती है या यह भी कह लें कि मानसून में बरसात की झड़ी लग जाती है. इस के चलते चारों तरफ हरियाली बढ़ जाती है.
किसान की पहल से काला नमक धान को मिली वैश्विक पहचान
सुगंधित धान काला नमक अपने न्यूट्रेशन वैल्यू और एरोमा के चलते पूरी दुनिया में अहम पहचान रखता है. वैसे तो काला नमक धान की खेती देश के अलगअलग हिस्सों में व्यावसायिक लैवल पर किए जाने के प्रयास जारी हैं, लेकिन इस की मूल पहचान उत्तर प्रदेश के नेपाल बौर्डर से सटे जिले सिद्धार्थ नगर से है, क्योंकि यहां के बर्डपुर ब्लौक से ले कर जनपद के कई ब्लौकों की विशेष जलवायु के चलते काला नमक चावल की गुणवत्ता, स्वाद और महक दूसरे जिलों से कई गुना बेहतर है, इसलिए सिद्धार्थ नगर जिले के काला नमक चावल की मांग देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी खूब है.
उत्तर प्रदेश आम महोत्सव - आम की सैकड़ों किस्मों से कराया रुबरु
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित अवध शिल्पग्राम में 14 जुलाई से 16 जुलाई तक चला यह आम महोत्सव इतना प्रभावी रहा कि लखनऊ सहित प्रदेश के अलगअलग जिलों के हजारों किसान आम की विभिन्न किस्मों का दीदार करने आए और आम के सफल बागबानों से आम की बागबानी के टिप्स भी लिए.
गरमी के मौसम में पशुओं को खिलाएं हरा चारा
गरमी में पशुओं को सेहतमंद रखने में हरे चारे की अपनी अहमियत है. हरा चारा जल्दी पचने और रुचिकर होने की वजह से पशुओं के लिए स्वास्थ्यवर्धक भी है.
'भारत में जल परिवहन' पुस्तक के लिए अरविंद सिंह को राजभाषा सम्मान
केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने 30 जुलाई, 2023 को राजभाषा शील्ड एवं मौलिक पुस्तक योजना के तहत वरिष्ठ पत्रकार और लेखक अरविंद कुमार सिंह को उन की पुस्तक 'भारत में जल परिवहन' के लिए सम्मानित किया.
मोटे अनाजों की खेती से जुड़े कुछ सवाल
मोटे अनाज की खेती को ले कर अब किसान भी जागरूक हो रहे हैं, फिर भी इन अनाजों की खेती को ले कर कुछ सवाल किसानों के मन में हैं. ऐसे ही कुछ सवालों के बारे में जानते हैं वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक प्रो. रवि प्रकाश मौर्य से.
धान में लगने वाले कीटों और उन का प्रबंधन
खरीफ फसलों में धान की खेती खास माने रखती है. देश के अनेक हिस्सों में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, बिहार, असम, ओडिशा, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल वगैरह में काफी मात्रा में धान की खेती की जाती है.
केले की वैज्ञानिक खेती
भारत में केला सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण फल है और लाखों लोगों के जीवनोपार्जन का साधन है.
कीटों से रहें सावधान फसल को कर सकते हैं नुकसान
गन्ने की फसल में कई तरह के कीट लगने का खतरा रहता है, जो पूरी फसल को बरबाद कर सकते हैं. इन से बचने के लिए किसानों को सब से पहले तो बोआई के समय ही कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिस से कीट न लगें. लेकिन फिर भी अगर कीट लग जाते हैं, तो उस के लिए किसानों को उचित कीटनाशक का इस्तेमाल करना चाहिए.
भिंडी की लाल किस्म 'काशी लालिमा'
हमारे देश में भिंडी को खेती के नजरिए से देखा जाए, तो अभी तक देश के अधिकांश भूभाग पर भिंडी के हरे किस्म की खेती की जाती रही है.
धान की कटाई के बाद गेहूं की सीधी बिजाई करे सुपर सीडर
सुपर सीडर मशीन से धान की कटाई के फौरन बाद गेहूं की बिजाई कर सकते हैं, जिस से धान और गेहूं की लंबी अवधि की किस्में उगाई जा सकती हैं.
मक्का की खेती
सवाल किसानों के, जवाब प्रो. रवि प्रकाश मौर्य के
मेज थ्रैशर यंत्र से मक्का की गहाई
मक्का फसल तैयार होने के बाद भुट्टे यानी गिल्ली में से अनाज अलग करने के लिए ज्यादातर मक्का थ्रैशर यंत्र का प्रयोग किया जाता है. मक्के की गहाई के लिए इस यंत्र को ट्रैक्टर के साथ जोड़ कर चलाया जाता है.
बढ़ते तापमान में मुरगीपालक बरतें सावधानी
अंडा उत्पादन के लिए 20 से 25 डिगरी सैंटीग्रेड तापमान जरुरी होता है, जबकि मुरगियों का तापमान 37 से 39 डिगरी सैंटीग्रेड तक तापमान होता है. इस कारण गरम मौसम में लेयर मुरगियों पर काफी प्रभाव पड़ता है.
नमो चौपाल के जरीए खेती की जानकारी
मध्य प्रदेश में किसानों की सहायता के लिए यह एक प्रशासनिक और सामाजिक पहल है, जो ग्राम पंचायतों में अपनाई जाएगी. इस का मुख्य उद्देश्य किसानों, ग्रामीणों और कृषि वैज्ञानिकों को एकसाथ आ कर खेतीकिसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और चर्चा करना है.
रूरल एग्रो टूरिज्म : सुकून और सेहत भरी जिंदगी का एहसास
गरमियों की छुट्टियों में जो लोग कुछ पल के सुकून और शांति के लिए हिल स्टेशनों, ठंडे और पहाड़ी पर्यटक स्थलों पर घूमने जाने का मूड बना रहे हैं, पर वहां भीड़भाड़ ज्यादा है तो उन के लिए एग्रो और रूरल टूरिज्म काफी अच्छी जगह साबित हो सकती है, क्योंकि यहां न केवल प्रकृति से जुड़ने का मौका मिलता है, बल्कि यहां ठहरने और खाने का देशी अंदाज भी आप को रोमांच से भर देता है.
पत्तागोभी की फसल के बीज उत्पादन से कमाएं ज्यादा मुनाफा
भारत में शरद ऋतु में उगाई जाने वाली सब्जियों में पत्तागोभी का विशेष स्थान है, फिर भी इस की खेती विभिन्न ऋतुओं में लगभग पूरे वर्ष हमारे देश में की जाती है. पत्तागोभी में खनिज पदार्थ, विटामिन ए, विटामिन बी-1 और विटामिन सी की अधिक मात्रा पाई जाती है, जिस के कारण इस के बीज की मांग दिनोंदिन बढ़ती जा रही है.
पशुओं में खुरपकामुंहपका रोग
खुरपकामुंहपका (एफएमडी) बेहद संक्रामक वायरल रोग है. यह मवेशियों, भैंसों, बकरियों, भेंड़ों, सूअरों और जुगाली करने वाले जंगली पशुओं को प्रभावित करता है.