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भारतीय हितों की रक्षा के लिए दृढ़संकल्प डबल इंजन सरकार
चीन फिर से असहज हुआ है कि भारत अमेरिका की डिफेंस पार्टनरशिप उत्तराखंड-चीन बॉर्डर पर इतने साहस के साथ कैसे हो सकती है। कायदे से तो अमेरिका भारत को चीन को जवाब देना चाहिए कि ये काम दोनों ने वैसे ही कुछ साहस के साथ किया है जैसा चीन और रूस ने कुछ ही समय पहले प्रशांत महासागर में रूसी नेतृत्व वाले वोस्तोक संयुक्त नौसेना अभ्यास में अपनी समुद्री युद्धपोतों को दौड़ाकर किया है।
प्राथमिकता: उत्तराखण्ड के कायाकल्प में जुटे धामी
धामी सरकार द्वारा लिए गए नये फैसलों से साफ है कि उनकी मंशा अगले दो-तीन वर्षों में उत्तराखण्ड की तस्वीर बदलने की है। राज्य के गठन के बाद सरकारें चाहें किसी भी दल की रही हों, वर्तमान सरकार के प्रयासों की सुदूर ग्रामीण एवं पर्वतीय अंचलों में सराहना हो रही है। राजनीतिक दृष्टि से कहें तो साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को शत-प्रतिशत सफलता देने वाला राज्य एकमात्र उत्तराखण्ड ही रहने वाला है।
दुनियाभर के निवेशकों को लुभा रहा यूपी
उत्तर प्रदेश सरकार ने आईटी/आईटीईएस, डेटा सेंटर, ईएसडीएम, डिफेंस एवं एयरोस्पेस, इलेक्ट्रिक वाहन, वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स, पर्यटन, टेक्सटाइल, एमएसएमई आदि सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिए लगभग 25 नीतियों को तैयार करके नीति संचालित शासन के माध्यम से औद्योगिक विकास के लिए एक समय पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की दिशा में अनेक सुधारात्मक कदम उठाए हैं।
धर्म-धर्मांतरण और लव जिहाद का ट्रायंगल
सुप्रीम अदालत ने चेताया है कि यदि जबरन धर्मांतरण को नहीं रोका गया तो 'बहुत मुश्किल स्थिति' पैदा होगी, क्योंकि वे राष्ट्र की सुरक्षा के साथ-साथ नागरिकों के धर्म और विवेक की स्वतंत्रता को प्रभावित कर सकता है। एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि कथित धर्मांतरण का यह मुद्दा, अगर सही और सत्य पाया जाता है तो यह एक बहुत ही गंभीर मामला है, जो अंततः राष्ट्र की सुरक्षा के साथ नागरिकों के धर्म और विवेक की स्वतंत्रता को प्रभावित कर सकता है।
बीजेपी की राज्य सरकारें आगे मोदी सरकार पीछे क्यों!
उत्तर प्रदेश में बीजेपी के दोबारा सत्ता में आने के बाद प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की तैयारी कर रही है। इस संबंध में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य कहते हैं कि देश को अब इसकी जरूरत है। पूरे देश में एक कानून लागू किया जाए। अब उत्तराखंड सरकार प्रस्तावित समान नागरिक संहिता का प्रारूप सामने लाने वाली है, जिसके लिए एक समिति गठित की जा चुकी है जो कुमाउं और गढ़वाल दोनों स्थानों का दौरा करके जल्दी अपनी रिपोर्ट देने वाली है।
अब डेथओवर बॉलिंग की चिंता हुई दूर!
युवा गेंदबाज अर्शदीप सिंह के दमदार प्रदर्शन से खुश दिख रहे कोच राहुल द्रविड़
प्रदूषण से पृथ्वी की रक्षा हम सभी का राष्ट्रधर्म
पर्यावरण संरक्षण पृथ्वी माता की प्राण रक्षा का आधार है। इसको लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनेक बार बैठकें हुई हैं। सम्प्रति संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में मिस्र के शर्म अल शेख नगर में पिछले रविवार से बैठक चल रही है। यह सम्मेलन लगभग दो सप्ताह चलेगा। इसके पहले स्कॉटलैंड के ग्लास्गो में भी सम्मेलन हुआ था। ब्राजील के रिओ डी जेनेरिओ नगर में पहला पृथ्वी सम्मेलन हुआ था।
नाटो, पुतिन की महत्वाकांक्षा और वैश्विक समीकरणों के बीच भारत की स्थिति
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि हमारा दृढ़ विश्वास है कि वैश्विक व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर आधारित होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि यूक्रेन संघर्ष के लिए भारत का दृष्टिकोण मानव - केन्द्रित बना रहेगा। कम्बोज ने कहा कि संघर्ष से पहले ही अनगिनत जानें जा चुकी हैं और लोगों की खासतौर पर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की जिंदगी नारकीय बन चुकी है।
ओबीसी वोट बैंक को लुभाने में जुटीं भाजपा और आजसू
आजसू बिहार की तरह राज्य में भी जातीय जनगणना की मांग कर रही है। आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो का यह भी कहना है कि सरकार को ओबीसी के आरक्षण की सीमा बढ़ाने से पहले जातीय जनगणना कराना चाहिए था | पंचायत चुनाव की तरह राज्य के ओबीसी समुदाय नगर निकाय चुनाव में आरक्षण के लाभ से वंचित न रह जाए।
राजनीति की पदयात्रा
पार्टी को भले ही नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के रूप में मिल गया है, लेकिन वे आलाकमान के आदेश के बिना एक भी कदम उठा पाएंगे, ऐसा तो नहीं लगता है। फिर भी एक उम्मीद जगी है। पदयात्रा कर रहे राहुल ने उनके काम में हस्तक्षेप नहीं करने की बात कही है।
बदलाव की बयार हिन्दी में उच्च शिक्षा
हिन्दी में मेडिकल-इंजीनियरिंग पढ़ाई के लिए एमपी-यूपी सरकारों को साधुवाद
नफरती आजम खान का बुरा अंजाम!
बदजुबानी के चलते आजम खान को एमपी/एमएलए कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई है, जिसके चलते उनकी विधायिकी खतरे में है तो उनके सियासी सफर पर भी ग्रहण नजर आने लगा है। मामला 2019 का था। आजम लोकसभा का चुनाव लड़े थे। चुनाव प्रचार के दौरान सात अप्रैल को वह मिलक इलाके के खातानगरिया गांव में जनसभा को संबोधित करने गए थे।
उठने लगी पसमांदा मुसलमानों को आरक्षण की मांग
बीजेपी के पसमांदा मुसलमानों के बीच पैठ बनाने की ख़बरों के बीच उन्होंने एक बार फिर इस मांग को नए सिरे से उठाया है। संगठन का दावा है कि यदि मोदी सरकार वाकई में पसमांदा मुसलमानों का भला करना चाहती है तो उनकी पुरानी मांग को माना जाए। जानकारों की मानें तो बिना इस मांग को स्वीकार किए, पसमांदा मुसलमानों का बीजेपी के साथ जाना थोड़ा मुश्किल है। यही मांग बीजेपी और पसमांदा मुसलमानों के बीच दरार बन कर खड़ी करती है।
योगी सरकार का एक रुका हुआ फैसला
योगी सरकार की ओर से 11 जुलाई 2021 को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर प्रदेश के लिए नई जनसंख्या नीति की घोषणा की गई थी। इस बिल में साफ किया गया था कि दो से अधिक बच्चे वाले अभिभावकों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे लोग सरकारी नौकरी के लिए आवेदन भी नहीं कर पाएंगे। पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने पर भी ऐसे लोगों को रोकने का प्रावधान है। एक बच्चे वाले अभिभावकों को कई प्रकार की सुविधा देने की योजना है। इस बिल का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की जनसंख्या को नियंत्रण में लाने की है।
जनसंख्या विस्फोट पर नियंत्रण की तैयारी!
भाजपा और केन्द्र की मोदी सरकार विभिन्न राज्यों की अपनी डबल इंजन की सरकार के साथ बेतहाशा बढ़ती जनसंख्या पर लगाम लगाने की दिशा में भी गंभीरता से कोई देशव्यापी कानून बनाने की तैयारी में है। हालांकि इसे एआईएमआईएम के मुखिया ओवैसी जैसी सोच रखने और मुस्लिम परस्त राजनीति के हामी दल और नेता, इसे सीधे-सीधे मुस्लिम विरोधी करार दे रहे हैं। ऐसे में यह कहा जा सकता है मुस्लिमों को वोट बैंक मानकर राजनीति करने वाले नेता और राजनीतिक दलों के गले से यह प्रस्ताव आसानी से नहीं उतरने वाला।
सनातन ज्ञान और आधुनिक विज्ञान का संगम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइंटिफिक सोशल रिस्पांसिबिलिटी के कांसेप्ट को आगे बढ़ाने की अपील विज्ञान और उद्योग जगत से कर रखी है। आकाश सम्मेलन जैसे आयोजन देश की उसी स्वदेशी प्रौद्योगिकी और प्राचीन प्रौद्योगिकी के ज्ञान के संगम की धारा को प्रवाहित करने का प्रयास है। अंतरिक्ष क्षेत्र के मुद्दों पर संवाद और अन्तरसम्पर्क का माहौल देने से युवा वैज्ञानिकों की चेन बनाने में मदद मिल सकती है।
उत्तराखंड को सकारात्मक दृष्टिकोण की जरूरत
आओ अब थोड़ा पाजिटिव हो जाएं, मंजिल तो अभी बाकी है
...तो गुजरात में फिर खिलेगा कमल
विधानसभा में मध्य गुजरात में 68, सौराष्ट्र एवं कच्छ में 54, उत्तर गुजरात में 32 और दक्षिण गुजरात में 28 सीटें आती हैं। वर्ष 2017 में मध्य गुजरात की 68 में से 40 सीटें भाजपा के खाते में गईं थीं। कांग्रेस को 24 सीटें मिली थीं। वहीं, अन्य के खाते में चार सीटें गई थीं। साफ है कि मध्य गुजरात में भाजपा को बड़ी बढ़त मिली थी । कच्छसौराष्ट्र क्षेत्र में कांग्रेस का प्रदर्शन भाजपा से बेहतर था। कांग्रेस इस इलाके की 54 में से 30 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही थी।
विश्वास के संकट से जूझती पत्रकारिता
एक वह दौर था जब किसी समाचार पत्र का मालिक या संपादक अपने आपको राजनीति से बिल्कुल दूर रखता था। सरकार एवं शासन-प्रशासन के सामने नतमस्तक नहीं होता था। अक्सर कई राजनीतिक और रूतबेदार लोग समाचार पत्रों के कार्यालय पहुंच जाया करते थे, लेकिन संपादक ऐसे लोगों से मिलने के लिए अपने रूम से बाहर नहीं आते थे। उलटे आगंतुकों को संपादक के कमरे में जाकर हाजिरी लगाना पड़ती थी। ऐसा होता था संपादक का कद और पद।
नए मोर्चे की आहट
भाजपा से अलग होने के बाद विपक्ष को एकजुट करने में लगे नीतीश राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के साथ मिलकर रणनीति बना रहे हैं। सोनिया गांधी से मुलाकात के दौरान आम चुनाव में भाजपा को हराने के लिए एकजुट होने पर चर्चा हुई। मुलाकात के बाद नीतीश और लालू ने कुछ इसी तरह का संकेत दिया। कहा कि भाजपा को हराने और देश को बचाने के लिए सभी को साथ आना होगा। अब मुश्किल यह है कि क्या सभी विपक्षी नीतीश और लालू के प्रयास से कांग्रेस के झंडे तले खड़े हो जाएंगे।
बीजेपी की तेजी से हाथी की फूल रही सांस तो डगमगा रही साइकिल
एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक लगातार दौरे कर माहौल बनाने में जुटे हैं तो दूसरी ओर यूपी बीजेपी की कमान सम्भालने वाले प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी और प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने अपनी नई जिम्मेदारी संभालने के पहले ही दिन से क्षेत्रवार मंथन का दौर चला रखा है।
वक्फ बोर्ड से जुड़ा 33 वर्ष पुराना विवादित कानून - कांग्रेस सरकार में आया योगी राज में गया
योगी सरकार द्वारा समीक्षा के बाद सरकार ने करीब 33 वर्ष पुराने कांग्रेस काल के उस काले कानून को खत्म कर दिया है जिसके तहत तत्कालीन नारायण दत्त तिवारी सरकार ने तुष्टिकरण की सियासत के चलते वक्फ बोर्ड को असीम शक्तियां मिल गई थीं। सरकार द्वारा वक्फ की प्रॉपर्टी की जांच का फरमान जारी करते हुए वक्फ की सामान्य संपत्तियों की जांच और सीमांकन कराने का आदेश भी दे दिया है।
पांव पसारने में जुटी 'आप'
केजरीवाल ने जिस तरह से गुजरात, हरियाणा और हिमांचल प्रदेश में अपनी सक्रियता बढ़ाई है, उसे देखकर लग रहा है कि उनका अगला लक्ष्य अब इन राज्यों में 'झाडू' फेरना है। केजरीवाल अपने सहयोगियों के साथ लगातार इन राज्यों का दौरा कर रहे हैं और सरकार बनने पर विभिन्न गारंटी यथा - मुफ्त बिजली, बेहतर शिक्षा - स्वास्थ्य, पुरानी पेन्शन की बहाली देने का वादा कर रहे हैं।
खड़गे का कांग्रेस अध्यक्ष बनना तय
कांग्रेस में पिछले 50 वर्षों में दो बार ही अध्यक्ष पद के चुनावों में वोटिंग की नौबत आई। तय कार्यक्रम के तहत 17 अक्टूबर को मतदान होना है। पिछली बार 22 साल पहले 2000 में कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव हुआ था। तब सोनिया गांधी को जितेंद्र प्रसाद ने चुनौती दी थी। दरअसल, जून 1991 में लिट्टे के आत्मघाती हमले में पति और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद कुछ साल तक गांधी परिवार देश की सक्रिय राजनीति से अलग रहा।
अन्न बल से बड़ा इसकी निंदा न करें!
संकल्प मन से बड़ा है। चित्त संकल्प से बड़ा है। ध्यान चित्त से बड़ा है। ध्यान से विज्ञान बड़ा है। विज्ञान से बल बड़ा है, लेकिन अन्न बल से बड़ा है। अन्न की महिमा बताते हैं, दस दिन भोजन न करें। जीवित भले ही रहे तो भी वह अद्रष्टा, अश्रोता, अबोद्धा अकर्ता अविज्ञाता हो जाता है। अन्न की है प्राप्ति हो जाने पर वह द्रष्टा, श्रोता, बोद्धा कर्ता विज्ञाता हो जाता है।
मेडल की चाहत योगी-धामी ने खोला खजाना
यूपी और उत्तराखंड में खेलों को बढ़ावा देने की मुहिम में लगी योगी-धामी सरकार द्वारा प्रदेश के खिलाड़ियों को बेहतर खेल सुविधाओं के साथ उन्हें आर्थिक रूप से भी मदद देने की बडी पहल की जा रही है ताकि वे तनावमुक्त होकर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दे सकें। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश में खिलाड़ियों का स्वास्थ्य बीमा कराया जा रहा है। बीमा होने से खिलाड़ियों को बड़ी राहत मिलेगी। दूसरी तरफ खिलाड़ियों के उत्साहवर्धन के लिए धामी सरकार ने भी पुरस्कार राशि को दस गुना तक बढ़ाने की घोषणा की है।
मुस्लिम सियासत से बेपटरी सपा 24 में फिर बड़े दॉव की तैयारी
आजमगढ़-रामपुर लोकसभा उपचुनाव में हार के बाद अखिलेश यादव ने अपनी रणनीति में कई बदलाव किए हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि दरअसल, अखिलेश ने यह समझ लिया है कि उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव और यूपी में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव तक पार्टी को बीजेपी से मुकाबले के लिए तैयार रखना है तो फिर पार्टी में पूरी तरह एकजुटता कायम करनी होगी। इसी क्रम में उन्होंने पार्टी के पुराने नेताओं और सिपहसलारों को नए सिरे से जोड़ने की कवायद शुरू कर दी है। पिछले दिनों आजमगढ़ जाकर जेल में बंद रमाकांत यादव से मुलाकात करना और लगातार आजम खां का मुद्दा उठाना इसी रणनीति का हिस्सा है।
वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ निर्णायक प्रहार करती मोदी सरकार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के परिणामस्वरूप पहली बार छत्तीसगढ़ व झारखण्ड बॉर्डर के बूढ़ा पहाड़ और बिहार के चक्रबंधा एवं भीमबांध के अति दुर्गम क्षेत्रों में प्रवेश करके माओवादियों को उनके गढ़ से सफलतापूर्वक निकालकर वहां सुरक्षाबलों के स्थायी कैंप स्थापित किये गए हैं। यह सभी क्षेत्र शीर्ष माओवादियों के गढ़ थे और इन स्थानों पर सुरक्षाबलों द्वारा भारी मात्रा में हथियार, गोला बारूद, विदेशी ग्रेनेड, एरोबम व आईईडी बरामद किया गया है। निश्चित रूप से यह एक बड़ी उपलब्धि है।
टूटी कट्टरपंथियों की कमर पीएफआई प्रतिबंधित
बिहार पुलिस ने बिहार शरीफ में अतहर परवेज को गिरफ्तार किया, तो पता चला कि वह पहले प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का सदस्य रहा है। उसने वहीं किराए के मकान में कई राज्यों से आए लोगों को ट्रेनिंग भी दी है। इसके बाद देशभर की इंटेलिजेंस और सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हुए। पीएफआई का पूरा नेटवर्क खंगाला गया। 20 राज्यों और 100 से ज्यादा शहरों में इनका सर्विलांस शुरू हुआ। पता चला कि इनके मंसूबे खतरनाक हैं और नेटवर्क पूरे देश में फैल चुका है।
भारत के लिए लाभकारी है ताइवान पर अमेरिकी नीति
1949 में माओत्से तुंग के नेतृत्व में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने जीत हासिल कर राजधानी बीजिंग पर कब्जा कर लिया और हार के बाद सत्ताधारी नेशनलिस्ट पार्टी (कुओमिंतांग) के लोगों को भागना पड़ा। कुओमिंतांग पार्टी के सदस्यों को ताइवान में जाकर शरण लेनी पड़ी और वहीं पर उन्होंने अपनी सत्ता स्थापित कर ली। उसी वक्त से चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है जबकि ताइवान के लोग अपने को आजाद देश मानते हैं।