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सराहे जा रहे धामी सरकार के दो साल में लिए गए फैसले
यह सही है कि जनता की सरकार से अपार अपेक्षाएं होती हैं और जब सरकारें उन पर खरी नहीं उतरती तो निश्चित तौर पर नाराजगी भी होती है। युवा मुख्यमंत्री धामी से भी जनता की अपेक्षाएं अपार हैं, इसलिए आने वाले वर्षों में उनके सामने बड़ी चुनौतियां भी रहेंगी। जहां तक उनके अब तक के कार्यकाल का सवाल है तो उसे उत्तराखण्ड का सुनहरा दौर ही कहा जाएगा।
पहाड़ों में बढ़ते अपराधों से फूटने लगा लोगों में गुस्सा
हिंदू संगठनों के प्रमुख नेता उज्ज्वल पंडित का कहना है कि साजिश के तहत उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों में एक विशेष समुदाय के लोगों को कांग्रेस की पिछली सरकारों ने बसाया। जिस तरह से उत्तराखंड का जनसंख्या घनत्व बढ़ाया जा रहा है, वह राज्य के हित में नहीं है क्योंकि उत्तराखंड राज्य चीन और नेपाल की सीमा से लगा हुआ एक संवेदनशील राज्य है। उन्होंने इस पर्वतीय राज्य के जनसंख्या घनत्व को बिगाड़ने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर आरोप लगाया जिनकी तुष्टीकरण की नीति के कारण राज्य आज सांप्रदायिकता विस्फोट के मुहाने पर खड़ा है।
'न खाउंगा न खाने दूंगा' मोदी के नारे को धामी ने किया साकार
पहली बार सीएम धामी के निर्देश पर भ्रष्ट अफसरों पर कड़ी कार्रवाई शुरू हुई है। इससे पहले कभी इस प्रकार की सख्त कार्रवाई नहीं हुई। घोटालों की बात करें तो काफी लंबी फेहरिस्त है। ऐसा पहली बार ऐसा हो रहा है जब घोटाला करने वाले अफसरों पर सीएम स्वयं कड़े एक्शन लेने के अलावा उनसे वसूली तक करवा रहे है।
धुन के पक्के धामी बनाएंगे नजीर
मुख्यमंत्री धामी ही हैं जो न सिर्फ पूरा खम ठोक कर उत्तराखण्ड में यूसीसी लागू करने के लिए पूरी कसरत कर चुके हैं बल्कि अन्य राज्यों की सरकारों से भी अपने यहां इस कानून को लागू करने का आग्रह कर रहे हैं। उनकी इस साहसिक पहल को तब केन्द्र सरकार और भाजपा हाईकमान का पूरा समर्थन मिलता दिखा जब देश के गृहमंत्री अमित शाह ने तमाम सार्वजनिक मंचों पर कहा कि भाजपाशासित राज्यों में समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी।
यूसीसी से कमजोर पड़ेगी तुष्टीकरण की सियासत
उत्तरखंड यूसीसी लागू करने के मामले में काफी आगे बढ़ गया है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी यूसीसी की बात करने लगी है। प्रधानमंत्री मोदी ने भोपाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यूसीसी को देश की जरूरत बताकर इस मसले को और हवा दे दी, जिसके खिलाफ मुस्लिम संगठन और वह विपक्षी पार्टियां एकजुट नजर आ रही हैं जो मुस्लिम वोटों के सहारे आगे बढ़ी है।
जिधर फायदा, उधर रालोद और सुभासपा
आज भी राष्ट्रीय लोकदल सभी पार्टियों की चहेती बनी हुई है तो इसकी वजह है पश्चिमी यूपी में जाट वोटों पर उसकी दमदार पकड़ वेस्ट यूपी में जाट वोटर हमेशा निर्णायक भूमिका में रहते हैं। किसी भी राजनैतिक दल को रालोद से गठबंधन करने में परहेज नहीं रहता है तो रालोद भी मौके की नजाकत भांप कर किसी भी पार्टी के साथ समझौता करने को तैयार रहता है।
यूपी में योगी ही कर देंगे विपक्षी एकता की 'ताकत' को कुंद
2022 के विधानसभा चुनाव में 'कमल' खिलाने के बाद 'महाराज जी' ने स्थानीय निकाय चुनाव में भी भगवा परचम फहरा दिया। धुन के पक्के और वचनों के धनी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहकारिता चुनाव में भी भाजपा को बुलन्दियों पर पहुंचाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। नतीजा यह हुआ कि आज वहां भी भाजपा का ही जलवा कायम है।
मोदी-योगी के मुस्लिम प्रेम से विपक्ष में छटपटाहट
पहले कांग्रेस और उसके बाद सपा-बसपा ने इन लोगों का वोट तो खूब लिया, मगर इनके सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्तर में सुधार के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया | तमाम दल इन मुसलमानों को बीजेपी के खिलाफ उकसाते रहते थे। अब इन सब मुद्दों को हवा देकर बीजेपी पसमांदा समाज के मुस्लिम वोटरों को अपने पक्ष में लाना चाहती है तो इससे अखिलेश और मायावती चिढ़ी हुई हैं। पहले अखिलेश ने बीजेपी और मोदी पर हमला बोला था और अब मायावती हमलावर हैं।
साथ तो आ गए चलेंगे कहां तक?
दरअसल, ताजा राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए बीते नौ वर्षों से केन्द्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ पटना से विपक्षी दलों को एकजुट करने की कवायद शुरू हुई। इसके तहत बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार ने भाजपा के खिलाफ विभिन्न प्रांतों के राष्ट्रीय और क्षेत्रीय विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने का बीड़ा उठाया। नीतीश इस कवायद में खासे सफल भी रहे और उन्होंने पटना में एक साथ 15 दलों के 27 नेताओं को एकसाथ बैठा दिया।
मणिपुर हिंसा: यह आग कब बुझेगी?
मणिपुर में हुई हिंसा के पीछे कुछ और कारण होने की बात भी कही जा रही है। मणिपुर में सरकार के समर्थकों का कहना है कि जनजाति समूह अपने हितों को साधने के लिए सीएम बीरेन सिंह को सत्ता से हटाना चाहते हैं क्योंकि उन्होंने ड्रग्स के खिलाफ जंग छेड़ रखी है। प्रदेश में बीरेन सिंह की सरकार अफीम की खेती को नष्ट कर रही है और कहा जा रहा है कि इसकी मार म्यांमार के अवैध प्रवासियों पर भी पड़ रही है।
अदा शर्मा की बेहतरीन अदाकारी
मूवी रिव्यू: द केरल स्टोरी
खेलो इंडिया से निकली प्रतिभाएं बढ़ा रहीं भारत की चमक-धमक
2018 में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में खेलो इंडिया स्कूल गेम्स की शुरुआत हुई थी जिसका स्तर अब अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हो गया है। वर्तमान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स के 5 संस्करण और यूनिवर्सिटी गेम्स के 2 संस्करण आयोजित किए जा चुके है। खेलों इंडिया के दूसरे संस्करण की शुरूआत देश के जनमानस में बसे धर्म ग्रंथ रामायण पर एक प्रतीकात्मक कहानी के चित्रण के साथ हुई। इसे समृद्ध भारतीय संस्कृति और परंपरा को अष्टकोण के आकार की विशाल स्क्रीन पर प्रदर्शित किया गया जो जमीन से 50 फुट ऊपर हवा में लटकी थी।
मजबूत होती आइलैंड डिप्लोमेसी
भारत ने इस जी 7 की हिरोशिमा बैठक में रेसिलिएंट हेल्थ केयर सिस्टम, डिजिटल हेल्थ, यूनिवर्सल हेल्थ, वन अर्थ वन हेल्थ सिद्धांत ट्रेडिशनल मेडिसिन का प्रसार, स्वास्थ्य सुरक्षा, एकीकृत हेल्थ केयर जैसे विचारों और धारणाओं को मजबूती देने पर बल दिया। भारत की सोच है कि 20 और 7 के एजेंडा के बीच एक महत्वपूर्ण लिंक बनाने के लिए काम करना जरूरी है, साथ ही ग्लोबल साउथ की आशाओं और अपेक्षाओं को प्राथमिकता देने के लिए भी काम करना होगा।
बाढ़मुक्त असम के सपने को साकार कर रहे पीयूष
असम की बाढ़ और क की समस्या अन्य राज्यों से अलग है। जहां तक बाढ़ की अवधि और भूकटाव की मात्रा का संबंध है, असम की बाढ़ शायद देश में सबसे तीव्र और अद्वितीय है। राष्ट्रीय बाढ़ आयोग (आरबीए) के आकलन के अनुसार राज्य का बाढ़ प्रवण क्षेत्र राज्य के कुल क्षेत्रफल 78.523 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 31.05 लाख हेक्टेयर है, यानी लगभग 39.58 फीसदी है।
मिशन मोड में भाजपा, भ्रष्टाचार के मुद्दे पर होगा प्रहार
2024 की विधानसभा चुनाव के पहले देश के कई अन्य राज्यों में चुनाव होना है, इसका असर राज्य के चुनाव पर भी पड़ सकता है इसलिए भाजपा केन्द्रीय नेतृत्व और प्रदेश नेतृत्व का फोकस है कि कम से कम पिछली बार की तरह लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल की जा सकें। इसको देखते हुए भाजपा केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह झारखंड का दौरा करेंगे और वोटरों को लुभाने के लिए कई घोषणाएं भी की जा सकती हैं।
विपक्षी एकता की धुरी बनते नीतीश
नीतीश कुमार 12 अप्रैल को राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ दिल्ली में राहुल गांधी और कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिले। बैठक की। इसके बाद आप नेता अरविंद केजरीवाल, सीपीआई के महासचिव डी. राजा, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, एनसीपी नेता शरद पवार और उद्धव ठाकरे से मुलाकात की।
आसां नहीं होगी भाजपा की डगर
26 मई को महेन्द्रगढ़ जिला के गांव सतनाली में जन संवाद कार्यक्रम में ग्रामीणों से रूबरू होते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में मजबूत हुआ है और निरन्तर प्रगति की ओर अग्रसर है। आज का दिन बड़ा सुखद व ऐतिहासिक दिन है। देश के प्रधानसेवक के रूप में नरेन्द्र मोदी ने 9 साल पहले आज ही के दिन शपथ लेकर देश सेवा के संकल्प के साथ आगे बढ़ने का आगाज किया।
महाराष्ट्र में न फैलने दें नफरत का जहर!
कर्नाटक में कांग्रेस के एक विधायक के भतीजे ने सोशल मीडिया पर मुहम्मद पैगंबर के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट की थी। इसके बाद वहां दंगा भड़क उठा। इसके बाद हिजाब का विवाद फैलाया गया। कर्नाटक सरकार के आदेश के विरोध में सुनियोजित ढंग से माहौल को गरमाया गया। चुनाव से एक वर्ष पूर्व धार्मिक ध्रुवीकरण की सुनियोजित कोशिश हुई। इसके परिणाम स्वरूप कांग्रेस सत्ता में आई। विद्वेष का यही पैटर्न महाराष्ट्र में भी लाने की कोशिश चल रही है।
आपदा के दस साल बाद केदारनाथ धाम की यात्रा छुएगी नए कीर्तिमान
केदारनाथ धाम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत निर्माण कार्य चल रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने जिस प्रकार से नई केदारपुरी को संवारा, उसी का नतीजा है कि केदारनाथ धाम में हर साल यात्रियों की संख्या पिछले सालों के मुकाबले बढ़ती ही जा रही है। केदारनाथ यात्रा इस बार नए कीर्तिमान गढ़ने जा रही है।
युवाओं को रोजगार दिलाने को धामी संकल्पबद्ध
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य में लागू औद्योगिक प्रोत्साहन नीति वर्ष 2017 के अन्तर्गत प्राप्त प्रोत्साहन वर्ष 2022 में समाप्त हो चुके हैं, जबकि जम्मू कश्मीर तथा पूर्वोत्तर राज्यों हेतु इसी प्रकार की अन्य औद्योगिक नीति वर्तमान में भी चल रही है। पर्वतीय राज्य होने के कारण हमारी समस्यायें भी उन्हीं राज्यों की तरह ही हैं। उन्होंने औद्योगिक प्रोत्साहन नीति को उत्तराखण्ड राज्य में भी आगामी 05 वर्षों के लिये विस्तारित करने का अनुरोध किया।
पहाड़ से पलायन रोकने को धामी सरकार सतर्क
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दूसरे कार्यकाल में पदभार संभालते ही गांवों के विकास पर फोकस किया। उन्होंने अधिकारियों और मंत्रियों को निर्देश दिए कि वह गांवों में जाकर एक रात रुकें और गांवों में चौपाल लगाकर आम जनता की समस्याएं सुनकर मौके पर ही निस्तारण करें। भले दे से ही सही, लेकिन सरकार की इस पहल का आने वाले दिनों में असर दिख सकता है।
उत्तराखंड में जल्द लागू होगा समान नागरिक संहिता कानून
विधानसभा चुनाव के दौरान जनता से किया गया वादा पूरा करने जा रही धामी सरकार
विकास के नवरत्नों को संवार रहे सीएम धामी
प्रधानमंत्री मोदी के सपनों के अनुरूप नए कलेवर ले रही देवभूमि
जीत के विश्वास के साथ यूपी में तैयार हो गई मोदी की 'टीम फोर'
बंसल के कंधों पर जनसम्पर्क अभियान की समीक्षा की जिम्मेदारी डालकर आलाकमान ने यह यूपी की 80 लोकसभा सीटों के लिए बिसात बिछाने में सुनील बंसल एक बार फिर अहम रोल निभाने जा रहे हैं, जिसका मतलब यह हुआ कि यूपी फतह के लिए मोदी-योगी और अमित शाह के अलावा सुनील बंसल एक बार फिर महत्वपूर्ण भूमिका में नजर आयेगें। कुल मिलाकर 2024 के आम चुनाव में यही चार नेता उत्तर प्रदेश में बीजेपी का बेड़ा पार करेंगे।
ब्राह्मण राजनीति के फ्रंट फुट के खिलाड़ी हैं ब्रजेश पाठक
जब माफिया विकास दुबे का एनकाउंटर हुआ था। तब माहौल बनाने की कोशिश की गई थी कि योगी आदित्यनाथ ब्राह्मण विरोधी है। उस वक्त भी ब्रजेश पाठक योगी के समर्थन में खुलकर खड़े रहे थे। ब्रजेश पाठक ने विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान विपक्षी समाजवादी पार्टी पर जमकर प्रहार किया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने जब-जब भाजपा को ब्राह्मण विरोधी बताया, तो इसके प्रतिरोध में पाठक ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश पर पलटवार किया। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, भाजपा ने ब्रजेश पाटक को उनकी धारदार आक्रामक शैली के कारण पुरस्कृत करते हुए उप मुख्यमंत्री बनाया था।
यूपी में जीत के साथ अरविंद - ओवैसी ने उड़ाई पुराने क्षत्रपों की नींद
निकाय चुनाव में जिस तरह से बीजेपी ने जीत का परचम फहराया है, उससे बाकी दल सहमे हुए हैं। इन दलों के लिए आम आदमी पार्टी (आप) और असदुद्दीन ओवैसी की एआइएमआइएम पार्टी नई चुनौती बनकर उभरी है। काफी समय से यूपी के तमाम चुनावों में किस्मत आजमा रही 'आप' अबकी बार कुछ सीटों पर जीत से गदगद है।
अब 2000 के नोट की घर वापसी
अगर बाजार में मौजूद कुल 2000 रुपये के नोटों का एक तिहाई भी बैंकों में वापस जाता है तो इससे उसकी जमा राशि और बाजार में नकदी बढ़कर 40 हजार करोड़ रुपये से लेकर 1.1 लाख करोड़ रुपये के बीच पहुंच सकती है। वहीं अघोषित आय पर टैक्स से बचने के लिए जितने लोगों ने दो हजार रुपये के नोटों की जमाखोरी की, उन्हें अब गहने खरीदने और रियल एस्टेट सेक्टर में लगा दिया जाएगा। अनुमान लगाया गया है कि देश में फिलहाल 3.7 लाख करोड़ स्पये मूल्य के 2000 रुपये के नोट हैं।
विपक्षी दलों को लामबंद करने में जुटे केजरीवाल
केन्द्र सरकार से खुला मोर्चा लेने की तैयारी
दसरस का मंच और रूमानी शाम - कलाकारों ने बांधा समा कवियों
‘नमस्ते इंडिया दसरस' का भव्य आयोजन जोरदार प्रस्तुतियों पर मंत्रमुग्ध दिखे दर्शक
युवा शटलर सात्विक और स चिराग ने रचा इतिहास
भारत के स्टार शटलर सात्विक साईराज रेंकी रेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने 58 साल के बाद देश को एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप का खिताब दिलाया। इससे पहले पूर्व भारतीय खिलाड़ी दिनेश खन्ना ने इससे पहले 1965 में पुरुष एकल में स्वर्ण पदक दिलाया था। उन्होंने लखनऊ में खेले गये फाइनल मुकाबले में थाईलैंड के सांगोब रत्तानुसोर्न को हराया था।