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ईडी के शिकंजे में इंजीनियर राजनेताओं व अधिकारियों की बढ़ी बेचैनी
झारखंड पुलिस के एसीबी ने 11 जनवरी 2020 को सुरेश प्रसाद वर्मा व आलोक रंजन के विरुद्ध भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में चार्जशीट की थी। उस चार्जशीट के आधार पर ही ईडी ने 17 सितंबर 2020 को केस दर्ज किया था। दरअसल 13 नवंबर 2019 को एसीबी जमशेदपुर में जय माता दी इंटरप्राइजेज के ठेकेदार विकास कुमार शर्मा ने सड़क निर्माण विभाग के कनिष्ठ अभियंता सुरेश प्रसाद वर्मा के विरुद्ध भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में केस प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
बाल विवाह का खात्मा कर ही दम लेने के मूड में हिमंत सरकार
केंद्र सरकार द्वारा सन 2019-20 में किए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (एनएफएचएस-5) के हवाले से बताया गया है कि असम में मातृ और शिशु में मृत्यु का दर अधिक पाया गया है और इसका मूल कारण बाल विवाह है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार असम में औसतन 31 फीसदी लड़कियों की शादी 18 साल की कानूनी उम्र से पहले कर दी जाती है।
असम को विकास की नई राह दिखा रहे डॉ हिमंत
हिमंत बिस्व शर्मा ने बहुत ही कठिन व चुनौतीपूर्ण दौर में राज्य की बागडोर संभाली थी। जब 10 मई 2021 को हिमंत सरकार का शपथ ग्रहण हुआ तब उस वक्त असम ही नहीं अपितु पूरा देश कोरोना की दूसरी और पहले से भी ज्यादा जानलेवा लहर का सामना कर रहा था। कोरोना की विभीषिका के कारण उत्पन्न स्वास्थ्य व आर्थिक संकट ने आम जनजीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया था।
खण्ड-खण्ड हुए बाला साहेब के सपने
महाराष्ट्र में जून 2022 में सीएम एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक विधायकों को उद्धव ठाकरे गुट ने अयोग्य ठहराने की मांग की थी। हालांकि, ठाकरे गुट की मांग से पहले ही शिंदे गुट की ओर से डिप्टी स्पीकर सीताराम जिरवाल को हटाने का नोटिस लंबित था । अरुणाचल प्रदेश के 2016 के नबाम रेबिया मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि यदि स्पीकर को हटाने की याचिका लंबित हो तो स्पीकर विधायकों की अयोग्यता प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ सकते।
संभव है विपक्षी एकता ?
यदि मोदी को सत्ता से बेदखल करना है तो देशभर की सारी विपक्षी पार्टियों को एक मंच पर आना होगा। इन विपक्षी पार्टियों में अधिकांश क्षेत्रीय पार्टियां हैं। इनमें से कई क्षेत्रीय पार्टियां ऐसी भी हैं जिनकी अपने-अपने राज्यों में खासी पकड़ है। यह बात सही है कि यदि विपक्षी पार्टियां एक मंच पर आ जाती हैं तो फिर भाजपा और मोदी के लिए 2024 की चुनावी वैतरणी को पार कर पाना आसान नहीं होगा। लेकिन इससे इतर सवाल यह है कि विपक्षी दल एक कब होंगे?
अखिलेश की योगी से 'निजी खुन्नस' वाली सियासत
सपा के लिए हानिकारक है
धुआंधार फैसलों ने बढ़ाई लोकप्रियता
धामी को घेरने की विरोधियों की हर कोशिश नाकाम
दूसरे राज्यों के लिए रोल मॉडल बनेंगे धामी के फैसले
मुख्यमंत्री धामी अब तक अनेक चुनौतियों के बीच कसौटी पर खरे उतरे हैं। चुनौतयों का जिस तरह से मुख्यमंत्री ने समाधान किया, उसका जनता ने स्वागत किया है। भर्ती परीक्षाओं की शुचिता के दृष्टिगत देश का सबसे सख्त नकलरोधी कानून उत्तराखंड में आया है। इससे युवा और जनमानस खुश है। भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टालरेंस की नीति का पूरी पारदर्शिता के साथ पालन किया गया है। मतांतरण कानून हो या समान नागरिक संहिता, इस दिशा में बेहतर पहल हुई है। भर्ती घोटालों से निपटने में पारदर्शिता हो या जोशीमठ आपदा से निबटने के प्रयास, मुख्यमंत्री ने अपनी सूझबूझ से कार्य कर स्वयं को साबित किया है।
जी 20 के जरिए उत्तराखंड की वैश्विक पहचान का बजेगा डंका
धामी सरकार जिन आर्थिक सुअवसरों की तलाश में है, उसे नया बूस्ट देने में जी20 का आयोजन एक कारगर मंच साबित होगा। मुख्यमंत्री धामी ने पिछले वर्ष जी20 के सबसे ताकतवर सदस्य देश अमेरिका को उत्तराखंड के राजमा और शहद के स्वाद से परिचित कराया। अमेरिकी बाजारों में उत्तराखंड के उत्पादों का इस तरह पहुंचना निश्चित रूप से बड़ी उपलब्धि है क्योंकि दुनियाभर के देश और उनके राज्य अमेरिकी बाजार में अपने लिए रास्ता तलाशते रहते हैं लेकिन कइयों को यह अवसर नहीं मिल पाता है।
सिसोदिया की गिरफ्तारी ने बढ़ाया आप का सिरदर्द
दिल्ली में फिलहाल आम आदमी पार्टी की तीसरी सरकार है। वहीं पंजाब में पूर्ण बहुमत के अलावा बीजेपी के गढ़ रहे दिल्ली नगर निगम में भी उसने जीत दर्ज की। उसके बाद आप ने तमाम अवरोधों के बाद मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव जीत लिया है। माना जा रहा है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार और केंद्र के बीच बढ़ता राजनीतिक तनाव इसी प्रतिद्वंद्विता का नतीजा है।
राज्यपाल की नियुक्ति प्रक्रिया और कार्यवाही पर उठता विवाद
जस्टिस अब्दुल नज़ीर से पहले भी कई सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीशों को गवर्नर के पद पर नियुक्त किया जा चुका है। जस्टिस अब्दुल नज़ीर की नियुक्ति पर हंगामा करने वाली कांग्रेस के शासनकाल में भी ऐसे उदाहरण देखने को मिलते रहे हैं। पूर्व न्यायाधीश एस. अब्दुल नज़ीर से पहले हालिया वर्षों में उच्चतम न्यायालय के दो रिटायर्ड जजों को अलग-अलग राज्यों का गवर्नर बनाया गया।
फिर से सिर उठा रहा खालिस्तान आंदोलन!
ऑपरेशन ब्लू स्टार के करीब चार दशक पूरे होने को हैं तो एक बार फिर एक व्यक्ति, भिंडरावाले की भांति राज्य और देश की सत्ता को चुनौती देने के लिए खड़ा होता दिख रहा है। यानि 'खालिस्तान' शब्द फिर चर्चा में है और इसके पीछे कारण है सिर्फ एक नाम अमृतपाल सिंह। अमृतपाल 'वारिस पंजाब दे' गुट का मुखिया और खालिस्तान का कट्टर समर्थक हैं।
भारत की बेटियों ने छू लिया आसमान
अंडर 19 महिला टी20 वर्ल्ड कप जीतकर रचा इतिहास
सिंधु जल समझौते में संशोधन की मांग
भारत ने पाकिस्तान को 90 दिनों में सरकारी स्तर पर बातचीत करने का मौका दिया है। चूंकि पाकिस्तान आदतन सिंधु जल समझौते के मुद्दे पर भारत से सीधी बात न करके बार-बार वर्ल्ड बैंक के पास पहुंच जाता है, इसलिए भारत ने पाकिस्तान को नोटिस के जरिए सिंधु जल संधि के उल्लंघन की प्रवृत्ति को सुधारने के लिए 90 दिनों में इंटर गवर्नमेंट नेगोशिएशन करने का मौका दिया है।
हर दिल अजीज सृजनशील ल देवीप्रसाद बागड़ोदिया
प्रशांत महासागर की तरह विशाल हृदय के व्यक्ति बागड़ोदिया ने महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव रचित गुणमाला का हिंदी में अनुवाद किया। बरगीतों के अलावा नामघोषा, ज्योतिप्रसाद अग्रवाल की रचनाएं तीन खंडों में हिंदी में अनुवाद कर प्रकाशित किया। इस अभिनंदन ग्रंथ रूपांतरण ‘तीर्थयात्री देवीप्रसाद बागड़ोदिया' के विमोचन समारोह में साहित्यकार डॉ. नगेन सइकिया ने कहा कि ज्योतिप्रसाद के ग्रंथों का अनुवाद कर बागड़ोदिया ने अच्छा काम किया है।
खतियान पर घमासान
राज्यपाल के निर्णय के बाद कुछ अन्य राज्यों की स्थानीय नीति का भी अध्ययन किया जा रहा है। सरकार इस मुद्दे पर मंत्रियों, विधायकों व वरिष्ठ आइएएस अधिकारियों से मंत्रणा भी कर रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का साफ निर्देश है कि 1932 खतियान को सरकार हर हाल में लागू करेगी। इस कारण सरकार इसे पुख्ता बनाने में जुटी है दोबारा जब विधेयक राज्यपाल के पास भेजा जाए, तो वापसी की गुंजाइश न रहे।
भाजपा को फिर नरेन्द्र मोदी से ही आस
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद उत्तर प्रदेश भाजपा की राज्य कार्यकारिणी की भी बैठक हुई, जिसमें पिछले लोकसभा चुनाव में हारी हुई सीटों पर पूरा जोर लगाने की रणनीति बनी। साथ ही उससे पहले निकाय चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने पर भी फोकस किया गया।
मुलायम का सम्मान क्यों लगता है सपा नेताओं को अपमान !
नेताजी को पद्म विभूषण से बिगड़ सकता है सपा का एम-वाई समीकरण
सपा-बसपा की लड़ाई में भाजपा की बल्ले-बल्ले
2014 के चुनाव में बसपा का वोट बैंक सिकुड़ा और वर्ष 2012 में पार्टी राज्य की सत्ता गंवाने के बाद लोकसभा से साफ हो गई। मायावती ने इस चुनाव में पूरा जोर लगाया, लेकिन भाजपा के ब्रांड मोदी के आगे न मायावती टिकीं और न ही सत्ताधारी समाजवादी पार्टी। इस चुनाव में भाजपा गठबंधन यानी एनडीए ने 73 सीटों पर जीत दर्ज की। 5 सीटें सपा और 2 सीटें बसपा के पाले में गईं। पार्टी को चुनाव में 19.60 फीसदी वोट ही मिले। 22 से 25 फीसदी वोट बैंक की राजनीति करने वाली मायावती का आधार वोट खिसका। इसके बाद से बसपा संभल नहीं पाई है।
महागठबंधन में गांठ
राजद नेता व पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने नीतीश कुमार पर सवाल खड़े किए तो पार्टी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा था कि बिहार में न्याय का शासन नहीं चल रहा, बल्कि लूट का ऐसा मॉडल बन गया है, जिसकी जांच करना पुलिस के वश की बात नहीं है क्योंकि यह माडल सत्ता संरक्षित है। जदयू भले ही भाजपा से अलग हो गया है, लेकिन उसका भाजपा से मोहभंग नहीं हुआ है।
रामकथा जैसी लोकव्यापी कोई काव्य रचना नहीं
रामचरितमानस के निंदक चर्चा में बने रहने के लिए राजनैतिक कारणों से बेजा टिप्पणियां कर रहे हैं। तुलसी कहते हैं, सब नर करहिं परस्पर प्रीती रामराज्य में सभी नागरिक प्रेमपूर्ण हैं। रामराज में चिकित्सा सुविधा परिपूर्ण है। तुलसी लिखते हैं, 'अल्पमृत्यु नहि कउनू पीरा / सब सुंदर सब बिरुज शरीरा।’ रामराज्य में अल्पमृत्यु नहीं। कोई पीड़ा नहीं | सब स्वस्थ हैं और निरोग हैं। तुलसी लिखते हैं कि, ‘रामराज्य में वृक्ष फूलों से भरे पूरे रहते हैं।
अखिलेश बनाना चाहते हैं दूसरा मंडल कमंडल
समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की रामचरितमानस पर एक विवादित टिप्पणी के बाद राजनीति के गलियारों में यह बात बड़े जोरों शोरों से फैलाई जा रही थी कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव अपने बड़बोले नेता स्वामी के बयान से काफी नाराज हैं और उनके खिलाफ सख्त ऐक्शन ले सकते हैं।
बाबा तुलसी के बहाने चुनावी वैतरिणी पार करने की तैयारी
आज के राजनीतिक दौर में विपक्ष ने भाजपा को पस्त करने के लिए एक बार फिर जाति का राग छेड़ दिया है। इसके लिए सहारा लिया गया है रामचरितमानस का। उसमें भी सिर्फ एक चौपाई ‘ढोल गंवार शूद्र पशु नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी' को ही शस्त्र बनाया गया और कहा गया कि यह चौपाई पिछड़ों, शूद्रों और आधी आबादी योनि महिलाओं का अपमान करने वाली है। वहीं इसी के साथ ही एक और राग विपक्ष ने छेड़ दिया है और वह है जातिगत जनगणना का।
जोशीमठ की सुरक्षा धामी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
हाल में उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन फटने की गंभीर समस्या सामने आयी, वहां के निवासियों के घरों में दरारें आने लगी, पानी का रिसाव दिखने लगा और पर्यावरणविदों ने स्पष्ट रूप से कह दिया कि जोशीमठ की भूधंसाव की स्थिति अब नियंत्रण के बाहर जा चुकी है जिसे रोका नहीं जा सकता। बचाव, राहत कार्य और पुनर्वास ही एकमात्र विकल्प बचा है। दरअसल जोशीमठ मध्य हिमालय का एक हिस्सा है। यहां की चट्टानें प्रीकैम्ब्रियन युग की और यह क्षेत्र भारत के सबसे गंभीर भूकंपीय क्षेत्र-5 के तहत आता है।
लगातार हार के बावजूद कांग्रेस नहीं ले रही सबक
पार्टी में पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने अगले साल होने वाले चुनाव को लेकर हरिद्वार लोकसभा सीट से ताल ठोंक दी है। लोकसभा चुनाव के लिए अभी समय है, लेकिन दावेदारों ने कमर कसनी शुरू कर दी है, जिसे हरीश रावत अपनी संभावित दावेदारी के लिए चुनौती मान रहे हैं।
नकल के कैंसर की अचूक दवा उम्रकैद के साथ दस करोड़ जुर्माना
अपने धाकड़ फैसलों के लिए पहचाने जाने वाले धामी ने फिर एक बड़ा फैसला लिया है। उनके विरोधी जब-जब उन्हें घेरने की तैयारी करते हैं, तब-तब वे अपने कड़े फैसलों से विरोधियों की बोलती बंद कर देते हैं। अब भर्ती परीक्षा में घोटालेबाज को आजीवन कारावास की सजा और साथ ही दस करोड़ के जुर्माने का प्रावधान करके धामी सरकार ने नकल के कैंसर को खत्म करने के लिए बहुत ही कड़वी दवा का ऐलान कर दिया है।
संकट में अदानी का साम्राज्य
विपक्ष पहले से ही अदानी की संपत्ति में बेतहाशा वृद्धि के पीछे मोदी सरकार का वरदहस्त होने का आरोप लगाता रहा है। खैर, अब इसका जवाब तो मोदी सरकार को ही देना होगा कि वास्तव में उसकी क्या भूमिका है, लेकिन सवाल यह है कि आखिर हिंडनबर्ग क्या बला है और आखिर इसकी रिपोर्ट में ऐसा क्या है जो पूरी धरती ही हिल गयी है। सवाल यह भी है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट : गौतम अदानी का साम्राज्य हिलाने वाली रिसर्च रिपोर्ट के पीछे क्या कोई एजेंडा है ?
तीन राज्यों में बजी चुनाव की रणभेरी
40 सदस्यों वाली मिजोरम विधानसभा का कार्यकाल भी इसी साल 17 दिसंबर को खत्म हो रहा है, जबकि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में जनवरी 2024 में अलगअलग तारीखों पर कार्यकाल खत्म होगा। चुनाव आयोग ने त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी है। त्रिपुरा में 16 फरवरी को मतदान, नागालैंड और मेघालय में 27 फरवरी को मतदान होगा। तीन राज्यों की 60-60 विधानसभा सीटों के लिए एक-एक चरण में मतदान होगा। वहीं चुनाव के नतीजे दो मार्च को घोषित किए जाएंगे।
सर्वाइवल ऑफ द रिचेस्ट की धुन में न खोए अंत्योदय का राग
ऑक्सफैम की नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में जहां 2020 में अरबपतियों की संख्या 102 थी, वहीं 2022 में यह आंकड़ा 166 पर पहुंच गया है। यहां इस बात पर गौर करना जरूरी है कि किसी देश में अरबपतियों की संख्या में वृद्धि होना वैसे तो कोई बुरी बात नहीं है लेकिन आय की विषमता में वृद्धि होते जाना और बड़ी आबादी का निर्धनता रेखा से नीचे होते जाना जरूर बुरी बात है।
उधार की आधुनिकता स्वाभाविक नहीं होती
कुछ बरस से गाँव देहात के निश्छल लोग भी 'हैप्पी न्यू ईयर' बोल रहे हैं। भारतीय काल गणना का नव वर्ष-संवत्सर चैत्र माह में आता है। तब हवाएं मधुगंधा होती है। गीत गाते चलती हैं। लेकिन ‘न्यू ईयर’ हर साल कोहरे में आता है। हम भारत के लोग उत्सव प्रिय राष्ट्र हैं। इसलिए अंग्रेजी नववर्ष का एक उत्सव और जोड़ लेने में कोई कठिनाई नहीं है।