CATEGORIES
Categorías
राहुल बनाम ओबीसी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दो साल की सजा और उसके बाद उनकी लोकसभा की सदस्यता रद्द किए जाने के बाद कई गैर भाजपाई विपक्षी दल जो कांग्रेस से इत्तेफाक नहीं भी रखते थे, उनके नेताओं ने भी आगे आकर केन्द्र और भाजपा सरकार की आलोचना की। वहीं देश की जनभावना भी कमोबेश आनन-फानन में लिए गए सदस्यता रद्द करने के निर्णय से खुश नहीं दिखी। ऐसे में भाजपा के रणनीतिकारों को यह लगा कि यह तो अपने ही गोल पोस्ट में गोल होता दिख रहा है। सो, उन्होंने नयी लाइन खींचते हुए राहुल की टिप्पणी को ओबीसी का अपमान करार दिया और देशभर में अपने नेताओं को जनता विशेषकर ओबीसी समाज के बीच यह तथ्य पहुंचाने की जिम्मेदारी रातों रात सौंप दी।
अमित शाह की अपेक्षाओं पर खरा उतरे धामी
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि अक्टूबर 2021 में समग्र भारत में पैक्स के कंप्यूटराइजेशन का कार्य उत्तराखंड में शुरू हुआ था। 17 माह बाद उत्तराखंड के सभी 670 पैक्स का कंप्यूटराइजेशन पूर्ण हो चुका है। इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह बधाई के पात्र हैं।
जी 20 बैठक - ज्ञान-विज्ञान की गंगा प्रवाहित करता उत्तराखंड
उत्तराखंड के ऊर्जावान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का शासन काल इस बात का साक्षी बना कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के शक्तिशाली स्थाई सदस्य अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन जो दुनिया की राजनीति और अर्थव्यवस्था को रेगुलेट करते हैं, ऐसे महत्वपूर्ण देशों ने उत्तराखंड की धरती पर एक अहम बैठक में शिरकत की। प्रधानमंत्री मोदी ने जब से साइंटिफिक सोशल रिस्पांसिबिलिटी का आह्वान किया है तब से भारत के निजी क्षेत्र के वैश्विक ताकतों से मिलकर विज्ञान प्रौद्योगिकी की सुविधा और सेवाओं को सर्वसुलभ बनाने का दर्शन सामने आया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी उत्तराखंड में निजी क्षेत्र से साइंस एंड टेक के विकास को एक सामाजिक उत्तरदायित्व के रूप में ग्रहण करने की सोच जाहिर की है।
ढह गया अतीक अहमद की दहशत का साम्राज्य
उम्रकैद में कटेगी बाहुबली की बाकी जिंदगी
नए तेवरों से चल रही यूपी सरकार
योगी सरकार की पहली पारी में पर्दे के पीछे विरोधी माने जाने वाले कई चेहेरों का राजकाज से सीधे दखल खत्म हो चुका है। या तो वे दायित्व से मुक्त हो गए हैं या बाहर भेज दिए गए हैं। संघ परिवार से लेकर सरकार और संगठन तक में उनके शुभचिंतकों की संख्या बढ़ी है। राजकाज के अनुभव के साथ आत्मविश्वास भी बढ़ा है। सीएम के सलाहकारों की मानें तो योगी अब कड़े और बड़े निर्णय लेने में बिल्कुल भी नहीं हिचकिचाते।
मोदी-मुसलमानों के बीच के दाग 'मोदी मित्र' करेंगे साफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अगले साल 2024 होने वाले आम लोकसभा चुनाव के लिए जो रणनीति बना रही है। इसके लिए बाकायदा मुसलमानों के बीच से 'मोदी मित्र' तलाशे जा रहे हैं ताकि बीजेपी को और बड़ी जीत तो हासिल हो ही सके, इसके साथ साथ पार्टी के ऊपर से वे दाग भी धुल जाएं।
देश में दंगा 'राजनीति' में उबाल
रामनवमी पर पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र जैसे गैर भाजपा शासित राज्यों से तो हिंसा की खबरे सामने आईं ही, गुजरात, कर्नाटक जैसे राज्य भी इस बार हिंसा की चपेट में आ गये। रामनवमी के दिन और उसके बाद लगातार तीन दिनों तक देश के कई राज्य हिंसा में झुलते रहे। छह राज्यों में कम से कम 12 स्थानों पर हिंसक झड़पें हुईं।
तमगे की तौहीन !
बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अलावा देश के कई राज्यों में दर्जनों कुश्ती प्रतियोगिताएं जीतने वाला उपेन्द्र जब अपने मेडल और प्रशस्तिपत्रों को दिखाता है तो दोनों हाथ भी कम पड़ जाते हैं। इसके बावजूद उपेन्द्र की बदकिस्मती है कि खिलाड़ियों को प्रमुखता से नौकरी देने वाली सरकार से वह रोजगार की सुविधा हासिल नहीं कर पाया है। पिछले बीस वर्षों से उत्तराखंड के काशीपुर में दिहाड़ी पर काम कर उपेन्द्र अपने परिवार का पालन कर रहा है।
जातियां राष्ट्रीय एकता में बाधक
‘हिस्ट्री ऑफ कास्ट इन इंडिया' में डॉ. केतकर ने लिखा है, 'यह एक सामाजिक समूह होती हैं। इसकी सदस्यता संतति और इस प्रकार जन्मे लोगों तक ही सीमित रहती है। इसके सदस्यों पर कठोर सामाजिक नियमों के अधीन समाज के बाहर विवाह न करने पर पाबंदी रहती है।' यहां जाति का सबसे प्रमुख गुण है कि जाति समूह के बाहर विवाह करने पर पाबंदी रहती है।
भारत की प्रोएक्टिव सॉफ्ट डिप्लोमेसी का प्रमाण पेश करता ऑपरेशन दोस्त
इस प्राकृतिक त्रासदी की घड़ी में भारत की तरफ से चलाए गए ऑपरेशन दोस्त ने भारत की मानवीयता को विश्व पटल पर रखा और भारत की इस नीति की टर्की तक ने खुलकर प्रशंसा की। इस ऑपरेशन के तहत एनडीआरएफ की कई टीमें तुर्किये और सीरिया में राहत बचाव कार्य के लिए भेजी गईं और साथ ही दोनों देशों को मेडिकल सुविधाएं भी प्रदान की गईं।
ईडी के शिकंजे में इंजीनियर राजनेताओं व अधिकारियों की बढ़ी बेचैनी
झारखंड पुलिस के एसीबी ने 11 जनवरी 2020 को सुरेश प्रसाद वर्मा व आलोक रंजन के विरुद्ध भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में चार्जशीट की थी। उस चार्जशीट के आधार पर ही ईडी ने 17 सितंबर 2020 को केस दर्ज किया था। दरअसल 13 नवंबर 2019 को एसीबी जमशेदपुर में जय माता दी इंटरप्राइजेज के ठेकेदार विकास कुमार शर्मा ने सड़क निर्माण विभाग के कनिष्ठ अभियंता सुरेश प्रसाद वर्मा के विरुद्ध भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में केस प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
बाल विवाह का खात्मा कर ही दम लेने के मूड में हिमंत सरकार
केंद्र सरकार द्वारा सन 2019-20 में किए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (एनएफएचएस-5) के हवाले से बताया गया है कि असम में मातृ और शिशु में मृत्यु का दर अधिक पाया गया है और इसका मूल कारण बाल विवाह है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार असम में औसतन 31 फीसदी लड़कियों की शादी 18 साल की कानूनी उम्र से पहले कर दी जाती है।
असम को विकास की नई राह दिखा रहे डॉ हिमंत
हिमंत बिस्व शर्मा ने बहुत ही कठिन व चुनौतीपूर्ण दौर में राज्य की बागडोर संभाली थी। जब 10 मई 2021 को हिमंत सरकार का शपथ ग्रहण हुआ तब उस वक्त असम ही नहीं अपितु पूरा देश कोरोना की दूसरी और पहले से भी ज्यादा जानलेवा लहर का सामना कर रहा था। कोरोना की विभीषिका के कारण उत्पन्न स्वास्थ्य व आर्थिक संकट ने आम जनजीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया था।
खण्ड-खण्ड हुए बाला साहेब के सपने
महाराष्ट्र में जून 2022 में सीएम एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक विधायकों को उद्धव ठाकरे गुट ने अयोग्य ठहराने की मांग की थी। हालांकि, ठाकरे गुट की मांग से पहले ही शिंदे गुट की ओर से डिप्टी स्पीकर सीताराम जिरवाल को हटाने का नोटिस लंबित था । अरुणाचल प्रदेश के 2016 के नबाम रेबिया मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि यदि स्पीकर को हटाने की याचिका लंबित हो तो स्पीकर विधायकों की अयोग्यता प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ सकते।
संभव है विपक्षी एकता ?
यदि मोदी को सत्ता से बेदखल करना है तो देशभर की सारी विपक्षी पार्टियों को एक मंच पर आना होगा। इन विपक्षी पार्टियों में अधिकांश क्षेत्रीय पार्टियां हैं। इनमें से कई क्षेत्रीय पार्टियां ऐसी भी हैं जिनकी अपने-अपने राज्यों में खासी पकड़ है। यह बात सही है कि यदि विपक्षी पार्टियां एक मंच पर आ जाती हैं तो फिर भाजपा और मोदी के लिए 2024 की चुनावी वैतरणी को पार कर पाना आसान नहीं होगा। लेकिन इससे इतर सवाल यह है कि विपक्षी दल एक कब होंगे?
अखिलेश की योगी से 'निजी खुन्नस' वाली सियासत
सपा के लिए हानिकारक है
धुआंधार फैसलों ने बढ़ाई लोकप्रियता
धामी को घेरने की विरोधियों की हर कोशिश नाकाम
दूसरे राज्यों के लिए रोल मॉडल बनेंगे धामी के फैसले
मुख्यमंत्री धामी अब तक अनेक चुनौतियों के बीच कसौटी पर खरे उतरे हैं। चुनौतयों का जिस तरह से मुख्यमंत्री ने समाधान किया, उसका जनता ने स्वागत किया है। भर्ती परीक्षाओं की शुचिता के दृष्टिगत देश का सबसे सख्त नकलरोधी कानून उत्तराखंड में आया है। इससे युवा और जनमानस खुश है। भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टालरेंस की नीति का पूरी पारदर्शिता के साथ पालन किया गया है। मतांतरण कानून हो या समान नागरिक संहिता, इस दिशा में बेहतर पहल हुई है। भर्ती घोटालों से निपटने में पारदर्शिता हो या जोशीमठ आपदा से निबटने के प्रयास, मुख्यमंत्री ने अपनी सूझबूझ से कार्य कर स्वयं को साबित किया है।
जी 20 के जरिए उत्तराखंड की वैश्विक पहचान का बजेगा डंका
धामी सरकार जिन आर्थिक सुअवसरों की तलाश में है, उसे नया बूस्ट देने में जी20 का आयोजन एक कारगर मंच साबित होगा। मुख्यमंत्री धामी ने पिछले वर्ष जी20 के सबसे ताकतवर सदस्य देश अमेरिका को उत्तराखंड के राजमा और शहद के स्वाद से परिचित कराया। अमेरिकी बाजारों में उत्तराखंड के उत्पादों का इस तरह पहुंचना निश्चित रूप से बड़ी उपलब्धि है क्योंकि दुनियाभर के देश और उनके राज्य अमेरिकी बाजार में अपने लिए रास्ता तलाशते रहते हैं लेकिन कइयों को यह अवसर नहीं मिल पाता है।
सिसोदिया की गिरफ्तारी ने बढ़ाया आप का सिरदर्द
दिल्ली में फिलहाल आम आदमी पार्टी की तीसरी सरकार है। वहीं पंजाब में पूर्ण बहुमत के अलावा बीजेपी के गढ़ रहे दिल्ली नगर निगम में भी उसने जीत दर्ज की। उसके बाद आप ने तमाम अवरोधों के बाद मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव जीत लिया है। माना जा रहा है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार और केंद्र के बीच बढ़ता राजनीतिक तनाव इसी प्रतिद्वंद्विता का नतीजा है।
राज्यपाल की नियुक्ति प्रक्रिया और कार्यवाही पर उठता विवाद
जस्टिस अब्दुल नज़ीर से पहले भी कई सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीशों को गवर्नर के पद पर नियुक्त किया जा चुका है। जस्टिस अब्दुल नज़ीर की नियुक्ति पर हंगामा करने वाली कांग्रेस के शासनकाल में भी ऐसे उदाहरण देखने को मिलते रहे हैं। पूर्व न्यायाधीश एस. अब्दुल नज़ीर से पहले हालिया वर्षों में उच्चतम न्यायालय के दो रिटायर्ड जजों को अलग-अलग राज्यों का गवर्नर बनाया गया।
फिर से सिर उठा रहा खालिस्तान आंदोलन!
ऑपरेशन ब्लू स्टार के करीब चार दशक पूरे होने को हैं तो एक बार फिर एक व्यक्ति, भिंडरावाले की भांति राज्य और देश की सत्ता को चुनौती देने के लिए खड़ा होता दिख रहा है। यानि 'खालिस्तान' शब्द फिर चर्चा में है और इसके पीछे कारण है सिर्फ एक नाम अमृतपाल सिंह। अमृतपाल 'वारिस पंजाब दे' गुट का मुखिया और खालिस्तान का कट्टर समर्थक हैं।
भारत की बेटियों ने छू लिया आसमान
अंडर 19 महिला टी20 वर्ल्ड कप जीतकर रचा इतिहास
सिंधु जल समझौते में संशोधन की मांग
भारत ने पाकिस्तान को 90 दिनों में सरकारी स्तर पर बातचीत करने का मौका दिया है। चूंकि पाकिस्तान आदतन सिंधु जल समझौते के मुद्दे पर भारत से सीधी बात न करके बार-बार वर्ल्ड बैंक के पास पहुंच जाता है, इसलिए भारत ने पाकिस्तान को नोटिस के जरिए सिंधु जल संधि के उल्लंघन की प्रवृत्ति को सुधारने के लिए 90 दिनों में इंटर गवर्नमेंट नेगोशिएशन करने का मौका दिया है।
हर दिल अजीज सृजनशील ल देवीप्रसाद बागड़ोदिया
प्रशांत महासागर की तरह विशाल हृदय के व्यक्ति बागड़ोदिया ने महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव रचित गुणमाला का हिंदी में अनुवाद किया। बरगीतों के अलावा नामघोषा, ज्योतिप्रसाद अग्रवाल की रचनाएं तीन खंडों में हिंदी में अनुवाद कर प्रकाशित किया। इस अभिनंदन ग्रंथ रूपांतरण ‘तीर्थयात्री देवीप्रसाद बागड़ोदिया' के विमोचन समारोह में साहित्यकार डॉ. नगेन सइकिया ने कहा कि ज्योतिप्रसाद के ग्रंथों का अनुवाद कर बागड़ोदिया ने अच्छा काम किया है।
खतियान पर घमासान
राज्यपाल के निर्णय के बाद कुछ अन्य राज्यों की स्थानीय नीति का भी अध्ययन किया जा रहा है। सरकार इस मुद्दे पर मंत्रियों, विधायकों व वरिष्ठ आइएएस अधिकारियों से मंत्रणा भी कर रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का साफ निर्देश है कि 1932 खतियान को सरकार हर हाल में लागू करेगी। इस कारण सरकार इसे पुख्ता बनाने में जुटी है दोबारा जब विधेयक राज्यपाल के पास भेजा जाए, तो वापसी की गुंजाइश न रहे।
भाजपा को फिर नरेन्द्र मोदी से ही आस
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद उत्तर प्रदेश भाजपा की राज्य कार्यकारिणी की भी बैठक हुई, जिसमें पिछले लोकसभा चुनाव में हारी हुई सीटों पर पूरा जोर लगाने की रणनीति बनी। साथ ही उससे पहले निकाय चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने पर भी फोकस किया गया।
मुलायम का सम्मान क्यों लगता है सपा नेताओं को अपमान !
नेताजी को पद्म विभूषण से बिगड़ सकता है सपा का एम-वाई समीकरण
सपा-बसपा की लड़ाई में भाजपा की बल्ले-बल्ले
2014 के चुनाव में बसपा का वोट बैंक सिकुड़ा और वर्ष 2012 में पार्टी राज्य की सत्ता गंवाने के बाद लोकसभा से साफ हो गई। मायावती ने इस चुनाव में पूरा जोर लगाया, लेकिन भाजपा के ब्रांड मोदी के आगे न मायावती टिकीं और न ही सत्ताधारी समाजवादी पार्टी। इस चुनाव में भाजपा गठबंधन यानी एनडीए ने 73 सीटों पर जीत दर्ज की। 5 सीटें सपा और 2 सीटें बसपा के पाले में गईं। पार्टी को चुनाव में 19.60 फीसदी वोट ही मिले। 22 से 25 फीसदी वोट बैंक की राजनीति करने वाली मायावती का आधार वोट खिसका। इसके बाद से बसपा संभल नहीं पाई है।
महागठबंधन में गांठ
राजद नेता व पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने नीतीश कुमार पर सवाल खड़े किए तो पार्टी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा था कि बिहार में न्याय का शासन नहीं चल रहा, बल्कि लूट का ऐसा मॉडल बन गया है, जिसकी जांच करना पुलिस के वश की बात नहीं है क्योंकि यह माडल सत्ता संरक्षित है। जदयू भले ही भाजपा से अलग हो गया है, लेकिन उसका भाजपा से मोहभंग नहीं हुआ है।