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बड़े मोर्चे पर मिला मौका
वे अब तक राज्य की राजनीति में सक्रिय थे लेकिन 4 अपने फैसले में जनता ने ऐसे कई नेताओं को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व करने का दिया मौका
ऊपर से नीचे के सदन में
राज्यसभा के कई दिग्गज सदस्यों ने आखिरकार जनता की अदालत में जाने का फैसला किया और अब अपने क्षेत्र के प्रतिनिधि के तौर पर लोकसभा की शोभा बढ़ाने पहुंचे
बुजुर्गों की अपनी टोली
पहली बार चुने गए सांसदों में कई ऐसे जो 70 वर्ष और उससे ऊपर के हैं. भले ही वे देर से लोकसभा पहुंचे हों मगर उनके पास अनुभव की कमी नहीं
महंत, पुजारी, इमाम और तांत्रिक
नवेले इमाम से लेकर खानदानी विरासत वाले और झाड़-फूंक के जरिए नाम कमाने वाले से लेकर स्वयंभू महंत तक, लोकसभा में दिखेंगे धर्मगुरुओं के अलग-अलग रूप
जिन्होने चौका ही दिया
परदे के पीछे खासे जोशो-खरोश से काम करते पार्टी कार्यकर्ता, राजनेताओं के पति / पत्नियां, या राजनीति में कदम रखते फौजी. इस श्रेणी वाले नए सांसद अचानक सबकी नजरों में उभरे
धुरंधरों को धूल चटाने वाले
कमजोर, अनजान, नाउम्मीद ? अब और नहीं. ये सभी नए सांसद उस कहानी के दावेदार हैं जो उन्होंने राजनीति के कुछ महाबली दिग्गजों को हराकर लिखी है
नेता अगली पीढ़ी के
राजनीति उनकी रगों में दौड़ती है. सियासी घरानों के ये वारिस अब अपनी विरासत को मजबूती से आगे बढ़ा रहे
नारी शक्ति के आगे झुकी चुनौती
महिला जनप्रतिनिधि, जिन्होंने जमीनी स्तर पर काम किया और राष्ट्रीय स्तर पर अपना मुकाम बनाने में सफलता हासिल की
नुमाइंदे ये बेआवाजों के
दलित समुदाय से पहली बार संसद के निचले सदन में पहुंचे प्रतिनिधियों में कुछ-तपाए और मंझे हुए राजनैतिक दिग्गज तो कुछ अपेक्षाकृत नए चेहरे भी
शाही नुमाइंदे
राजघरानों की देवियां और महानुभाव जो लोकसभा में थोड़ा राजसी खनक लेकर आने वाले हैं
करोड़पतियों का क्लब
उद्योग के उन नुमाइंदों से मिलिए जो अब राष्ट्रीय नीति को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे
हाशिए की बुलंद आवाज
लंबे वक्त से हाशिए पर रहे आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों का मकसद अब अपने लोगों के अहम मसलों को देश के सबसे बड़े मंच पर उठाना
राज्यों के क्षत्रप दिल्ली दरबार में
कुछ के लिए यह सियासत में दूसरी जिंदगी थी तो बाकियों के लिए बेहतर कामकाज और लंबी पारी खेलने का इनाम. राज्यों की कमान संभाल चुके नेता अब केंद्र में अपनी छाप छोड़ने को बेताब
नए किरदार में सितारे
तेजतर्रार बॉलीवुड अभिनेत्री से लेकर क्षेत्रीय सिनेमा के सितारों तक. संसद में पहली बार बतौर सांसद दाखिल होने वालीं मनोरंजन जगत की हस्तियों पर एक नजर
मिलिए अपने-नए सांसदों से
किसानों से लेकर पेशेवरों तक, राजघरानों से लेकर मनोरंजन करने वालों तक, धनी व्यापारियों से लेकर जमीनी स्तर के कामगारों तक, 18वीं लोकसभा में 542 सांसदों में से 280 पहली बार चुनकर आए हैं. इनका संसद में होना उम्मीद जगाता है
आकुल यंगिस्तान
दिग्गज क्रिकेटरों की विदाई के साथ उनके हुनर और कौशल की मशाल अब युवा खिलाड़ियों के हाथों में. टी20 में अब हमारी सारी उम्मीद इन्हीं के कंधों पर
मैदान के महारथी
कैसे टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा और उनके जानदार, दिमागदार खिलाड़ियों की टोली ने टी20 क्रिकेट विश्व कप का खिताब अपने नाम किया, एक बेहद प्रेरणा दायी अनकही कहानी
जख्म दिखने लगे दरारों से
वैचारिक गुरु की कुछ उपदेश भरी बातों ने उमड़-घुमड़ पैदा की और सुर्खियां बटोरीं. लेकिन आरएसएस-भाजपा को पता है कि दोनों का भविष्य एक-दूसरे के साथ सामंजस्य पर ही टिका
यात्री सुरक्षा में विलंब से चलता रेलवे
भारत के विशाल रेल नेटवर्क में लगातार होते हादसों के बावजूद देश में विकसित ट्रेन सुरक्षा सिस्टम कवच को अपनाने में अत्यधिक देरी हो रही है और तकनीकी चुनौतियां भी बढ़ रही हैं
बेटी देश की कप्तान, पिता ढूंढ रहे पानी
भारत की सीनियर और जूनियर महिला हॉकी टीम में अकेले झारखंड की दस खिलाड़ी. इन पर गर्व करने की बजाए दूरदराज के इनके गांवों में बुनियादी सुविधाएं तक मुहैया नहीं कराई जा रहीं
बच्चों की आलिया मां
अभिनेत्री आलिया भट्ट बच्चों पर अपनी पहली किताब एड फाइंड्स अ होम के साथ लेखिका के रूप में सामने आईं
विलाप में बदला सत्संग
हाथरस में धार्मिक आयोजन के दौरान मची भगदड़ में सौ से ज्यादा मौतों ने भीड़ प्रबंधन के सरकारी तौर तरीकों पर सवाल उठाए हैं. अगले साल यूपी में महाकुंभ का आयोजन हुआ चुनौतीपूर्ण
देसी गाय-ब्राजीली सांड़ लाएंगे दूध क्रांति
यह अलग किस्म की घर वापसी है. भारत ने गुजरात की गिर गायों के कृत्रिम गर्भाधान के लिए ब्राजील से सांड़ों नस्ल के खालिस वीर्य की 40,000 डोज आयात की है.
इन पर्चों को कौन करेगा हल
सबा अंजुम ने पीएचडी कर ली है और वे नेट की परीक्षा पास करने के बाद बिहार में कॉलेज या विश्वविद्यालय में पढ़ाना चाहती हैं. बिहार में ही पूर्णिया की रहने वाली सबा और उनके परिवार को उनकी नेट की परीक्षा रद्द होने से सब कुछ अस्त-व्यस्त हो गया.
सांभर झील के पास ट्रेनों का ट्रायल ट्रैक
राजस्थान के नागौर जिले के नावां कस्बे से एक किलोमीटर दूर खारे पानी की विश्व प्रसिद्ध सांभर झील के लाल, नीले, सफेद पानी के बीच स्टील के बड़े-बड़े सोपानों वाला पुल देखकर लगता ही नहीं है कि यह भारत में बना है.
अब बराबरी के पाले में
इस साल हरियाणा की राजनीति में कुछ अप्रत्याशित-सी घटनाएं हुई हैं. 12 मार्च को बिना किसी तरह की भनक के मनोहर लाल खट्टर का अचानक इस्तीफा देना उतना ही चौंकाने वाला था जितना 2014 में मुख्यमंत्री के रूप में उनकी ताजपोशी होना.
सोरेन ने बिगाड़ा भाजपा का खेल
रांची की बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल से निकलने के एक हफ्ते से भी कम में झारखंड मुक्ति सोव (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने 3 जुलाई को तीसरी बार झारखंड में सरकार बनाने का दावा पेश किया.
नई संहिता पर संशय
भारत ने 1 जुलाई को नई राह गढ़ने वाले तीन कानूनों-भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए)-के लागू होने के साथ अपनी आपराधिक न्याय प्रणाली के नए युग का सूत्रपात किया.
घाट-घाट की प्रेरणा
कलाकार परेश मैती वेनिस की बिनाले कला प्रदर्शनी पर्सनल स्ट्रक्चर्स में रखे अपने इंस्टालेशन जेनेसिस के बारे में
रहस्य और रोमांच का मॉनसून
गर्मियों के सूखे निकले सत्र के बाद आ गई तड़पते दर्शकों को तर करने के लिए नई फिल्मों की पूरी एक ताजा सीरीज