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স্ট্রোক ও নিউরো সমস্যায় ফিজিওথেরাপি
পরামর্শে বিশিষ্ট ফিজিওথেরাপিস্ট জীবক বন্দ্যোপাধ্যায়
প্রচ্ছদ নিবন্ধ 2
পরামর্শে স্কুল অব ট্রপিক্যাল মেডিসিন এবং আর জি কর মেডিক্যাল কলেজ হাসপাতালের প্রাক্তন ফিজিওথেরাপিস্টঅরূপকান্তি সাহা
ভেষজের রাজা নিমপাতা
লিখেছেন ভারত সরকারের আয়ুর্বেদ গবেষণা বিভাগের অবসরপ্রাপ্ত চিকিৎসা বিজ্ঞানী ও অধ্যাপক ডাঃ সুবলকুমার মাইতি
হাঁটু ও কোমরের ব্যথায় ফিজিওথেরাপি
হিট থেরাপি আর কোল্ড থেরাপির বিষয়গুলিও ফিজিওথেরাপির মধ্যে পড়ে। তাই ফিজিওথেরাপি প্রথম দিন থেকেই করতে হবে।
ফিজিওথেরাপিতেই 'মিরাকল'!
আমাদের চারপাশে এমন নানা উদাহরণ রয়েছে, যেখানে ফিজিওথেরাপি ম্যাজিকের মতো কাজ করেছে। রইল আরোগ্যের সেসব কাহিনি।
দ্য গার্ল উইথ আ ব্রোকেন নেক
শারীরিক বিভ্রান্তিতে তাঁর কোনও দায় নেই। ফলে লোকে তাঁকে দেখে কী বলল, তা নিয়ে ভেবে অযথা সময় নষ্ট করেননি তিনি। বারবার প্রত্যাখ্যাত হয়েছেন। কিন্তু ঘুরে দাঁড়িয়েছেন। রাধিকা গুপ্তা-র সাফল্যের কাহিনি বিস্ময় জাগাবে বহু মানুষকে। লিখেছেন স্বরলিপি ভট্টাচার্য।
২২৫-এ গঙ্গাধর কবিরাজ
মধ্যবঙ্গের ভাগীরথী বা গঙ্গা তীরের সৈদাবাদের এই কবিরাজকে ঘিরে ছড়িয়ে রয়েছে কিংবদন্তি। লিখেছেন একাধিক আয়ুর্বেদ শাস্ত্রের উপর অসংখ্য বই। প্রথম ভারতীয় শব ব্যবচ্ছেদকারী মধুসূদন গুপ্ত সহ আরও বহু বিখ্যাত আয়ুর্বেদিক চিকিৎসকের শিক্ষাগুরু ছিলেন তিনি। তাঁর সারাজীবনের কাজ অঞ্জলিতে ধরলেন ডঃ সায়ন্তন মজুমদার।
বয়সকালে মনের খেয়াল
বুড়ো হয়ে যাওয়ার জন্য শুধু কি বয়সই দায়ী, নাকি তার সঙ্গে মানসিকতাও খানিকটা দায়ী থেকে যায়? কী করলে বয়স্করা থাকতে পারেন প্রাণপ্রাচুর্যে পূর্ণ ও প্রাসঙ্গিক? লিখেছেন বিশিষ্ট মনোরোগ বিশেষজ্ঞ ডাঃ অনিরুদ্ধ দেব।
সাউন্ড বাথে পরম শান্তি!
সার্বিকভাবে সুস্থ থাকতে, উদ্বেগ দূরে রাখতে সাউন্ড বাথ অত্যন্ত কার্যকরী বলে দাবি করা হচ্ছে। এমনকী কোনও কোনও ক্ষেত্রে মানসিক জটিলতা কমাতে এবং বেদনানাশক হিসেবেও ব্যবহার হচ্ছে শব্দ। লিখেছেন রূপাঞ্জনা দত্ত।
Don't Let PCOD / PCOS Bother You
Polycystic ovarian syndrome or disease is a hormonal condition that affects most modern women in their reproductive age group.
Ram, The King Without Ambition
How hunger and thirst run our lives
Advancing Holistic Wellbeing through Yoga Education
Getting to know shvarapranidhana
A Journey Within
Thoughts on 7-Day Health Camp at The Yoga Institute
Strengthening Philosophical Thinking
Finding the thoughts that matter From a Parisamvada
Trust the Universe
And become one with it
Ignorance Is All Around
Preventing anger, tension and anxiety
"You are Not God"
Learning when to let go
In the Footsteps of a Stithaprajna
At the feet of a Yogi
The Perks of Being a Wallflower
Enjoying life from the sidelines
Read the Manual Then Operate the Machine
Achieving balance in today's complex life
Guard Against Egotism and Envy
How to keep undesirable qualities at bay
The Yoga Sutras of Patanjali
As a result of this, there is a complete mastery over the senses.
The Vagus Nerve
Tap into your in-built calming channel
कर्तव्य की भावना से कार्य में उत्कृष्ठता (excellence)
क ई तरह की व्यवस्थाएँ हैं, जो हमें सचेत करती हैं कि हमें क्या करना है। माता-पिता, समाज, कानून आदि के प्रति हमारे कुछ उत्तरदायित्व होते हैं, कर्तव्य व व्यवहार के कुछ नियम होते हैं जिनका हमें पूर्ण रूप से पालन करना होता है, परन्तु बहुत से लोग अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाह होते हैं, उन्हें अपने कर्तव्य पालन करना पसंद नहीं है ।
Thoughts on the Gita
The Blessed Lord said
सत्य
सूत्र - अहिंसासत्यास्तेय ब्रह्मचर्यापरिग्रहा यमाः । 12.30।।
किशोरों के जीवन में हस्तक्षेप की सीमारेखा अनिवार्य है
यदि हम बच्चों पर अपनी पसंद थोप देंगे तो इसकी संभावना अधिक है कि वे अपने दोस्तों के बीच में उपहास के पात्र बन जाएं। इससे उनके व्यक्तित्व का विकास बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है जो हर तरह से उनकी उन्नति में बाधक होगा।
गर्भावस्था के दौरान दांतों का रखें ऐसे ख्याल
गर्भावस्था के दौरान दांतों की समस्या गर्भवती महिला और उसके होने वाले बच्चे दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए गर्भावस्था में दांतों की ख़ास देखभाल की जरूरत होती है।
उत्साह एवं उमंग का त्यौहार बैसारवी
बैसारवी के दिन पंज प्यारों का रूप धारण कर इनका स्मरण किया जाता है। इस दिन पंजाब का परंपरागत नृत्य भांगड़ा और गिद्दा किया जाता है। उत्तर भारत में बैसारवी को अलग-अलग तरह से मनाया जाता है।
हनुमान साधना के अद्भुत चमत्कार
रामभक्त श्री हनुमान को कलियुग में प्रत्यक्ष देव माना जाता है। श्री राम के आशीर्वाद के फलस्वरूप राम से अधिक हनुमान की पूजा जन सामान्य में प्रचलित है। हनुमान जी रुद्र के ग्यारहवें अवतार हैं, इसीलिए तंत्रोपासना में भी इन्हें उतना ही महत्त्व प्राप्त है, जितना कि वैष्णव परंपरा में। प्रभु हनुमान का आराधक दूसरों द्वारा किए गए तंत्र प्रयोगों के सहज रूप से अछूता रहता है।