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प्रेम और भक्ति की अनन्य प्रतीक 'श्रीराधा'
कृष्ण चरित के प्रतिनिधि शास्त्र भागवत और महाभारत में राधा का उल्लेख नहीं होने के बावजूद वे लोकमानस में प्रेम और भक्ति की अनन्य प्रतीक के रूप में बसी हुई हैं। सन्त महात्माओं ने उन्हें कृष्णचरित का अभिन्न अंग माना है। उनकी मान्यता है कि प्रेम और भक्ति की जैसे कोई सीमा नहीं है, उसी तरह राधा का चरित, उनकी लीला और स्वरूप भी प्रेमाभक्ति का चरमोत्कर्ष है।
अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव-2024 डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस कितनी सम्भावना है जीतने की?
योग एवं दशाओं की दृष्टि से देखें, तो कमला हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी की अच्छी उम्मीदवार साबित होंगी और वे न केवल ट्रम्प को कड़ी चुनौती दे पाएँगी, वरन् उनके जीतने की भी सम्भावना है।
श्रीगणेश नाम रहस्य
हिन्दुओं के पंच परमेश्वर में भगवान् गणेश का स्थान प्रथम माना जाता है। शंकराचार्य जी ने के भी पंचायतन पूजा में गणेश पूजन विधान का उल्लेख किया है। गणेश से तात्पर्य गण + ईश अर्थात् गणों का ईश से है। भगवान् गणेश को कई अन्य नामों से भी पूजा जाता है जैसे विघ्न विनाशक, विनायक, लम्बोदर, सिद्धि विनायक आदि।
वागड़ की स्थापत्य कला में नृत्य-गणपति
प्राचीन काल से ही भारतीय शिक्षा कर्म का क्षेत्र बहुत विस्तृत रहा है। भारतीय शिक्षा में कला की शिक्षा का अपना ही महत्त्व शुक्राचार्य के अनुसार ही कलाओं के भिन्न-भिन्न नाम ही नहीं, अपितु केवल लक्षण ही कहे जा सकते हैं, क्योंकि क्रिया के पार्थक्य से ही कलाओं में भेद होता है। जैसे नृत्य कला को हाव-भाव आदि के साथ ‘गति नृत्य' भी कहा जाता है। नृत्य कला में करण, अंगहार, विभाव, भाव एवं रसों की अभिव्यक्ति की जाती है।
सेतुबन्ध और श्रीरामेश्वर धाम की स्थापना
जो मनुष्य मेरे द्वारा स्थापित किए हुए इन रामेश्वर जी के दर्शन करेंगे, वे शरीर छोड़कर मेरे लोक को जाएँगे और जो गंगाजल लाकर इन पर चढ़ाएगा, वह मनुष्य तायुज्य मुक्ति पाएगा अर्थात् मेरे साथ एक हो जाएगा।
सात धामों में श्रेष्ठ है तीर्थराज गयाजी
गया हिन्दुओं का पवित्र और प्रधान तीर्थ है। मान्यता है कि यहाँ श्रद्धा और पिण्डदान करने से पूर्वजों को मोक्ष प्राप्त होता है, क्योंकि यह सात धामों में से एक धाम है। गया में सभी जगह तीर्थ विराजमान हैं।
विघ्नविनाशक श्रीगणेश
अपनी तपस्या भंग होते देखकर वे कुपित हो गए और तुलसी को शाप दिया कि उसका विवाह किसी असुर से होगा। साथ ही, मेरी पूजा में तुम्हें कभी भी सम्मिलित नहीं किया जाएगा।
ഐശ്വര്യവും നന്മയും സമന്വയിപ്പിക്കുന്ന ആഘോഷം
മലയാളം കലണ്ടർ പ്രകാരം ചിങ്ങമാസത്തിലാണ് ദേശീയ ഉത്സവമായ തിരുവോണം നക്ഷത്രം വരുന്നത്.
ശബരിമലയിൽ നിന്നിറങ്ങി സ്ത്രീകളുടെ ശബരിമലയിലേയ്ക്ക്
ജ്യേഷ്ഠൻ നീലകണ്ഠൻ നമ്പൂതിരിക്ക് പിന്നാലെ അനുജൻ മുരളീധരൻ നമ്പൂതിരിയും ശബരിമലയ്ക്കുശേഷം സ്ത്രീകളുടെ ശബരിമലയായ ആറ്റുകാൽ ഭഗവതിക്ഷേത്രത്തിൽ മേൽശാന്തി
ഉദ്ദിഷ്ടകാര്യസിദ്ധിയേകുന്ന തിരുവോണവ്രതം
തിരുപ്പതി വെങ്കിടാചലപതി ക്ഷേത്രത്തിൽ തിരുവോണദിവസം തെളിയിക്കുന്ന ദീപങ്ങൾ സഹസ്ര ദീപ അലങ്കാരസേവ എന്നാണ് അറിയപ്പെടുന്നത്
പിടക്കോഴി കൂവുന്ന കാലം
ആൺകുട്ടികൾക്ക് പെണ്ണ് കിട്ടുന്നില്ല.- ജനസംഖ്യാടിസ്ഥാനത്തിൽ ആണും പെണ്ണും തമ്മിലുള്ള റേഷ്യോ വലിയ വ്യത്യാസമില്ല
ഈശ്വരനല്ലാതെ മറ്റാരുമല്ല
അനുഭവകഥ
क्यों चर्चा में है केदारनाथ धाम?
दिल्ली में केदारनाथ धाम!
गाणपत्य सम्प्रदाय एक विहंगम दृष्टि!
हिन्दू धर्म परम्परा में पंच प्रधान देवों की उपासना हिन्दूधर्माधारित मुख्यत: पाँच सम्प्रदाय हुए हैं; ये हैं : शैव, शाक्त, वैष्णव, गाणपत्य एवं सौर। ये सम्प्रदाय दीर्घकाल तक और विस्तृत क्षेत्र में प्रचलित होने के कारण प्रधानता रखते हैं। प्रत्येक सम्प्रदाय अपने आराध्य को परब्रह्म के रूप में उपासित करता हुआ अभिव्यक्त करता है और उसी से ही सृष्टि एवं अन्य देवी-देवताओं की उत्पत्ति मानता है।
अपनों के दिए जख्मों का बोझ
ये इल्जाम उसकी पत्नी उस पर लगा रही थी । इस तरह पहली पत्नी से विनोद का तलाक हो गया और फिर एक वर्ष बाद उसने दूसरी शादी की और उस शादी को भी 20 माह खींचने की कोशिश की।
राजस्थान के लोकदेवता और समाज सुधारक बाबा रामदेव
राजस्थान के देवी-देवताओं में बाबा रामदेव का नाम काफी विख्यात है। इनके अनुयायी राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और सिन्ध (पाकिस्तान) आदि में बड़ी संख्या में हैं।
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर अमृत गीत तुम रचो कलानिधि
राष्ट्रकवि स्व. रामधारी सिंह दिनकर को आमतौर पर एक प्रखर राष्ट्रवादी और ओजस्वी कवि के रूप में माना जाता है, लेकिन वस्तुतः दिनकर का व्यक्तित्व बहुआयामी था। कवि के अतिरिक्त वह एक यशस्वी गद्यकार, निर्लिप्त समीक्षक, मौलिक चिन्तक, श्रेष्ठ दार्शनिक, सौम्य विचारक और सबसे बढ़कर बहुत ही संवेदनशील इन्सान भी थे।
सत्साहित्य के पुरोधा हनुमान प्रसाद पोद्दार
प्रसिद्ध धार्मिक सचित्र पत्रिका ‘कल्याण’ एवं ‘गीताप्रेस, गोरखपुर के सत्साहित्य से शायद ही कोई हिन्दू अपरिचित होगा। इस सत्साहित्य के प्रचारप्रसार के मुख्य कर्ता-धर्ता थे श्री हनुमान प्रसाद जी पोद्दार, जिन्हें 'भाई जी' के नाम से भी सम्बोधित किया जाता रहा है।
व्यावसायिक वास्तु के अनुसार शोरूम और दूकानें कैसी होनी चाहिए?
ऑफिस के एकदम कॉर्नर का दरवाजा हमेशा बिजनेस में नुकसान देता है। ऐसे ऑफिस में जो वर्कर काम करते हैं, तो उनको स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियाँ आती हैं।
ഉത്സാഹത്തിന്റെയും സ്നേഹത്തിന്റെയും ഉത്സവം
തിരുവോണം മുതൽ പത്തോണം വരെ മാലോകരെല്ലാവരും ഒന്നുപോലെ ഓണപ്പുടവ ധരിച്ച് ഓണ സദ്യയും ഓണക്കളിയും ആർപ്പുവിളികളുമായി തകൃതിയായിട്ടാണ് ആഘോഷിക്കുക.
വിനകളൊഴിക്കും വിഘ്നശ്വരൻ
ഗജാനനം ഭൂതഗണാദി സേവിതം കപിത്ഥ ജമ്പു ഫലസാര ഭക്ഷിതം ഉമാസുതം ശോകവിനാശ കാരണം നമാമി വിഘ്നശ്വര പാദപങ്കജം
पूज्य बापूजी के साथ आध्यात्मिक प्रश्नोत्तरी
गणेश रेड्डी (कक्षा ९) : बापूजी ! हम अपनी और संस्कृति की रक्षा के लिए क्या करें?
रे मनुज! श्रद्धा करो
मनुष्य-जीवन में श्रद्धा का होना अत्यंत जरूरी है। ‘श्रीमद्भगवद्गीता' में भी कहा गया है : श्रद्धावाँल्लभते ज्ञानं... (४.३९)
आभूषण धारण क्यों करें?
(अंक ३७८ से आगे) आभूषणों की महत्ता व उपयोगिता के बारे में पूज्य बापूजी के सत्संग में आता है :
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर पूज्य बापूजी का पावन संदेश
आनंदित रहने की कला सिखाता श्रीकृष्णावतार
पातकनाशक तथा सद्गुण चिरस्थायी यश प्रदायक व्रत
२९ अगस्त को अजा एकादशी है । यह व्रत आयु, आरोग्य, पुष्टि और सुख-सम्पदा देनेवाला है। इसकी कथा, माहात्म्य और विधि के बारे में पूज्य बापूजी के सत्संग में आता है :
विषनाशक एवं स्वास्थ्यवर्धक चौलाई के अनूठे लाभ
बारह महीनों उपलब्ध होनेवाली तथा हरी सब्जियों में उच्च स्थान प्राप्त करनेवाली चौलाई एक श्रेष्ठ पथ्यकर सब्जी है। यह दो प्रकार की होती है : लाल पत्तेवाली और हरे पत्तेवाली।
അജ ഏകാദശി
ഏകാദശികളിൽ ഏറെ പ്രാധാന്യമുള്ളതാണ് അജ ഏകാദശി.... ചിങ്ങമാസത്തിലെ കൃഷ്ണപക്ഷത്തിലെ ഏകാദശിക്ക് അജ ഏകാദശി എന്നാണ് പറയുന്നത്...
സഹോദരബന്ധം ഉറപ്പിക്കുന്ന രക്ഷാബന്ധൻ
രാഖി കെട്ടുന്ന നൂലുകൾക്ക് പ്രത്യേക ഒരു വശ്യശക്തിയും അത്ഭുതശക്തിയും ഉള്ളതായിട്ടാണ് വിശ്വസിച്ചുപോരുന്നത്
ഉത്രട്ടാതിനാളിൽ അനുഗ്രഹമാരിയായി ഊരുചുറ്റ് മഹോത്സവം
ഉത്രട്ടാതി നാളിൽ സാക്ഷാൽ കുമാരനല്ലൂർ ഭഗവതിയുടെ ശക്തി ചൈതന്യം മീനച്ചിലാറിന്റെ ഓള പരപ്പിൽ ചിങ്ങവെയിൽ പോലെ തിളങ്ങും. ദേശത്തിന്റെ ക്ഷേമം അന്വേഷിച്ച് പരാശക്തിയായ ഭഗവതി അന്ന് ചുരുളൻ വള്ളമേറി കരകളിലേയ്ക്ക് എഴുന്നെള്ളും