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कांग्रेस बनाम शाही खानदान!
दिवंगत वीरभद्र सिंह की कांग्रेस सांसद पत्नी प्रतिभा सिंह और बेटा विक्रमादित्य विरासत को बढ़ा रहे
गाठें बांधने तोड़ने के जुगाड़
राज्यसभा चुनावों में हिमाचल और उत्तर प्रदेश में भाजपा का रणनीतिक कौशल दिखा तो विपक्ष सड़क को गरम करने में जुटा
चुनाव छोटा संदेश बड़ा
आखिरकार अदालती आदेश से 'इंडिया' गठबंधन का मेयर बनने के मायने
सियासी संभावनाओं पर ग्रहण
अप्रैल में संभावित लोकसभा चुनाव के चलते पंजाब में एक पखवाड़े पहले तक तेजी से बदल रहे सियासी समीकरण पर किसान आंदोलन का घना साया पड़ गया है।
न्यूनतम की लड़ाई
एमएसपी और दूसरी मांगों पर कोई सकारात्मक पहल न होने और सख्त पुलिसिया कार्रवाई से किसान संगठनों में एकजुटता बढ़ी
संगीत की 'शक्ति'
विश्वभर के संगीतज्ञों के जुटान के इस प्रतिष्ठित समारोह में इस बार भारत के संगीतकारों का रहा बोलबाल
गांधीवादी स्त्रीवादी
स्तक मेले की भीड़, नई किताबों की गंध, दोस्तों-परिचितों की मुस्कराहटों, संवाद, बतकहियों के बीच लेखक रत्नेश्वर जी मिले और एकाएक उन्होंने धीमे से कहा, 'शायद उषा किरण खान नहीं रहीं!' क्या यह कोई संयोग था या प्रकृति से मिला कोई उनसे जुड़ा आभास?
उम्र '43' नहीं लेवल '43' कहो
रोहन बोपन्ना ने युगल खिताब जीतकर और विश्व युगल रैंकिंग में शिखर पर पहुंच पहुंच कर उम्र को पीछे छोड़ा
दहल उठा हरदा
राज्य में अवैध कारखानों और उनमें होने वाले हादसों का थम नहीं रहा सिलसिला
सरकारी मास्टर या भेड़िये?
एक के बाद एक सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपल के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप, स्कूलों में बुनियादी सुविधा के अभाव के कारण लड़कियों के स्कूल छोड़ने की दर बढ़ी
समाज का ऋण चुकाना जरूरी है
अपने कार्यकाल के दौरान अभयानंद ने बिहार में पुलिस महानिदेशक रहते हुए स्पीडी ट्रायल और फास्ट कोर्ट के माध्यम से रिकॉर्ड गिरफ्तारियों के साथ कई अपराधियों को सींखचों के भीतर किया है। शिक्षा के क्षेत्र में भी उनका योगदान इससे कहीं भी कम नहीं है। उनके मार्गदर्शन में हजारों छात्र या तो पढ़ रहे हैं या आइआइटियन बन देश-विदेश में सम्मानजनक नौकरी कर रहे हैं। पटना विश्वविद्यालय के साइंस कॉलेज के स्वर्ण पदक विजेता छात्र रहे अभयानंद सुपर 30 के सह-संस्थापक हैं। स्नातक के बाद ही वह संघ लोक सेवा आयोग जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा में बैठे और पहली ही बार में बाजी मार ले गए। उन्होंने आइपीएस चुना और बिहार कैडर में अपनी सेवाएं देने लगे। पुलिस महानिदेशक के रूप में उनके काम को खूब सराहना मिली। अनबाउंड नाम से पुस्तक लिखने वाले अभयानंद अब शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। आउटलुक के लिए अभयानंद की यात्रा, शिक्षा के प्रति समर्पण पर संजय उपाध्याय ने उनसे लंबी बातचीत की।
...ताकि बच्चों में जज्बा और स्वाभिमान जगे
कम्युनिटी पुलिसिंग संतुष्टि मिली कि उचित मार्गदर्शन से कई युवकों ने सफलता पाई
पढ़ाकर कुछ सार्थकता का एहसास
अपराधियों के पीछे भागते रहने की बोझिलता मुझे छात्रों के बीच ले जाती है
माहौल बदलने की खातिर
अध्ययन और निरंतर अभ्यास नहीं होगा, तो सफलता की पूरी गारंटी कभी नहीं मिलेगी
शिक्षा कम्युनिटी पुलिसिंग का हिस्सा
सफल छात्र या छात्राएं जब मिलने आती हैं, तब पता चलता है कि हमारे कार्यक्रम से बहुत से छात्र और छात्राएं प्रेरित हो रहे हैं
तालीम के सिपाही
देश के पिछड़े राज्यों में बदहाल शिक्षा तंत्र के मारे छात्र-छात्राओं की जरूरत को पूरा कर रहे हैं सेवारत और अवकाशप्राप्त सिपाही, दारोगा और अफसर
फिर घिर रही है दिल्ली
किसान दिल्ली कूच कर गए हैं, तो सरकार ने भी उन्हें रोकने के लिए मजबूत किलेबंदी कर दी
किसान, मजदूर बने विपक्ष
आम चुनाव से ठीक पहले सड़कें गरमा रही हैं, हर दिशा से यह गर्मी राजधानी दिल्ली की ओर ही बढ़ रही है, जिसने सत्तासीनों के माथे पर शिकन ला दी है
आदिवासी राज में कांटों का ताज
झारखंड के नए मुख्यमंत्री के सामने चुनौतियों का अंबार है और दो-दो चुनाव सिर पर
समान संहिता पर संदेह
यूसीसी विधेयक विधानसभा में पारित, विपक्ष ने बताया चुनावी जुमला तो महिला संगठनों ने गिनवाए असमानता के बिंदु
यारों ने कितनी दूर बसाई हैं बस्तियां
वरिष्ठ कवि पत्रकार, सिने-समीक्षक प्रताप सिंह ने अपनी नवीनतम पुस्तक 'उजाले उनकी यादों के' माध्यम से एक लंबे अंतराल के बाद संस्मरण जैसी विधा को जीवंत बना दिया है।
प्रेमपत्रों के चांद
प्रेमपत्र किसी चांद से कम होते हैं क्या । तभी तो युवा कवि, कहानीकार और अनुवादक अनामिका अनु ने प्रेमपत्रों के संकलन का नाम रखा है, यारेख। इस पुस्तक में छत्तीस रचनाकारों के बेहतरीन प्रेमपत्र हैं।
घटनाओं के जरिए राजनीति
हर दिन एक नई घटना। हर बरस एक नया नैरेटिव| हर चुनाव में कुछ नया परोसने की कोशिश। मुश्किल है किसी मीडिया संस्थान में काम करते वक्त किसी पत्रकार के लिए हर घटना को सहेज कर रख पाना।
2024 की बहुप्रतीक्षित फिल्में
साल 2023 हिंदी सिनेमा के लिहाज से शानदार रहा। कोविड काल के बाद जिस तरह से बड़े बजट और स्टार कास्ट की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर धराशाई हो रही थीं। सभी को महसूस होने लगा था कि अब स्टार सिस्टम के दिन लद गए। लेकिन साल 2023 में हिंदी फिल्मों ने न केवल अपने पांव जमाए बल्कि अपनी ताकत का प्रदर्शन भी किया। पठान, जवान, गदर 2. एनिमल, टाइगर 3 जैसी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर तूफान ला दिया। इस सफलता से सिनेमा प्रेमियों की आंखें चमक उठीं और सिनेमाघरों में भीड़ लौट आई। इस शानदार प्रदर्शन से उम्मीद जागी कि 2024 भी हिंदी सिनेमा के लिए अभूतपूर्व वर्ष रहेगा 2024 में कुछ ऐसी फिल्में आने वाली हैं, जिनका दर्शक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इन्हीं फिल्मों में ऋतिक रोशन की फिल्म फाइटर रिलीज हो गई है। 2024 में रिलीज होने वाली चुनिंदा बहुप्रतीक्षित फिल्में जिन पर दर्शकों की निगाहें हैं:
पैसे और पॉलिटिक्स की फिरकी
युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन को वाकई आराम की दरकार थी या आराम करने भेज दिया गया?
पालमपुर बैठक और राम मंदिर
पालमपुर में 1989 की भाजपा कार्यसमिति में राम मंदिर का ऐतिहासिक प्रस्ताव पास हुआ था, उस वक्त सूबे में वीरभद्र सिंह की कांग्रेसी सरकार थी, लेकिन उन्होंने पूर्ण सहयोग किया, यानी राम मंदिर निर्माण में हिमाचल का योगदान है अहम
राम का चुनावी असर, उत्तर भारत के पार
राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा की अनुगूंज उत्तर को पार करके दक्षिण के राज्यों तक पहुंच चुकी है, कर्नाटक से लेकर केरल तक प्रचारक और स्वयंसेवक अक्षत लेकर पहुंचे
राम मंदिर का चुनावी नफा और नुकसान
रामायण के विभिन्न पात्रों का जो विशिष्ट सामाजिक-कथात्मक आधार है, यही भाजपा को आगामी चुनावों में लाभांश देगा
गांधी के राम और रामराज्य
आज राम के नाम पर जितना कुछ और जैसा कुछ हुआ है, उसकी चर्चा के साथ गांधी को जोड़ना एक तरह का गुनाह है
'इंडिया' टूटेगा या जोर का जुटेगा?
भाजपा की चालें और ईडी की दबिश ही बताती है कि विपक्षी गठजोड़ अभी कमजोर नहीं