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![आलस्य आभूषण है आलस्य आभूषण है](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/30707/1980342/zzbO7x8uO1738586780609/1738586965755.jpg)
आलस्य आभूषण है
जैसे फोन की सेटिंग में एनर्जी सेविंग मोड होता है, ऐसे ही आस-पास कुछ लोग भी अपनी ऊर्जा बचाकर रखते हैं। ऐसे लोगों को अमूमन आलसी क़रार कर दिया जाता है, मगर सच तो ये है कि समाज में ऐसे लोग ही सुविधाओं का आविष्कार करते हैं। आलस्य बुद्धिमानों का आभूषण है।
![अबूझ गह्वर जैसा कृष्ण विवर अबूझ गह्वर जैसा कृष्ण विवर](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/30707/1980342/L7f6G0t_W1738588139109/1738588386951.jpg)
अबूझ गह्वर जैसा कृष्ण विवर
चांदनी रात में तारों को देखना कितना अलौकिक प्रतीत होता है ना, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये तारे, ये आकाशगंगाएं और यह विशाल ब्रह्मांड किस गहरे रहस्य से बंधे हुए हैं? एक ऐसा रहस्य, जिसे हम देख नहीं सकते, लेकिन जो अपनी अदृश्य शक्ति से ब्रह्मांड की धड़कन को नियंत्रित करता है। यह रहस्य है- ब्लैक होल यानी कृष्ण विवर।
![खरे सोने-सा निवेश खरे सोने-सा निवेश](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/30707/1980342/CKfSefwE51738586989311/1738587546289.jpg)
खरे सोने-सा निवेश
क्या आपने कभी सोचा है कि क्यों सोना सदियों से एक विश्वसनीय निवेश विकल्प बना हुआ है?
![छत्रपति की कूटनीति छत्रपति की कूटनीति](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/30707/1980342/qxtjQ6G7u1738585953921/1738586488566.jpg)
छत्रपति की कूटनीति
पन्हालगढ़ के क़िले में आषाढ़ का महीना आधा बीत चुका था। सिद्दी जौहर और मराठा सैनिकों के बीच घमासान युद्ध छिड़ा हुआ था। ऐसे में साम-दाम-दंड-भेद का प्रयोग करके भी बाहर निकलने का मार्ग नहीं सूझ रहा था। शिवाजी ने अपने सभी सलाहकारों को बुलाया और एक रणनीति रची, दुश्मनों को भेदकर निकल जाने की रणनीति ।
![एक अवसर है दुःख एक अवसर है दुःख](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/30707/1980342/3mlDP1-4B1738584303808/1738584505229.jpg)
एक अवसर है दुःख
प्रकृति में कुछ भी अनुपयोगी नहीं है, फिर दु:ख कैसे हो सकता है जिसे महसूस करने के लिए शरीर में एक सुघड़ तंत्र है! अत: दु:ख से भागने के बजाय अगर इसके प्रति जागरूक रहा जाए तो भीतर कुछ अद्भुत भी घट सकता है!
![जोड़ता है जो जल जोड़ता है जो जल](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/30707/1980342/fhuHDvDDO1738584527654/1738585280079.jpg)
जोड़ता है जो जल
सारे संसार के सनातनी कुंभ में एकत्रित होते हैं। जो जन्मना है वह भी, जो सनातन के सूत्रों में आस्था रखता है वह भी। दुनियादारी के जंजाल में फंसा गृहस्थ भी और कंदरा में रहने वाला संन्यासी भी।
![अदाकार की खाल पर खर्च नहीं अदाकार की खाल पर खर्च नहीं](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/30707/1980342/Tnz5JrK8Q1738582558401/1738582772399.jpg)
अदाकार की खाल पर खर्च नहीं
डॉली को शिकायत है कि जो पोशाक अदाकार की खाल जैसी होती है, उसके किरदार को बिना एक शब्द कहे व्यक्त कर देती है, उसे समुचित महत्व नहीं दिया जाता।
![जब बीमारी पहेली बन जाए... जब बीमारी पहेली बन जाए...](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/30707/1980342/Qc7xb4YAc1738588025693/1738588124342.jpg)
जब बीमारी पहेली बन जाए...
कई बार सुनने में आता है कि फलां को ऐसा रोग हो गया जिसका इलाज ढूंढे नहीं मिल रहा। जाने कैसी बीमारी है, कई क्लीनिक के चक्कर लगा लिए मगर रोग पकड़ में ही नहीं आया।' ऐसे में संभव है कि ये रोग दुर्लभ रोग' की श्रेणी में आता हो। इस दुर्लभ रोग दिवस 28 फरवरी) पर एक दृष्टि डालते हैं इन रोगों से जुड़े संघर्षों पर।
![AMBITION ET संकल्प के बाद AMBITION ET संकल्प के बाद](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/30707/1980342/EpMe5uRUx1738582789094/1738583308689.jpg)
AMBITION ET संकल्प के बाद
नववर्ष पर छोटे-बड़े संकल्प लगभग सभी ने लिए होंगे।
![श्वास में शांति का वास श्वास में शांति का वास](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/30707/1980342/9neGHffJn1738586618235/1738586767864.jpg)
श्वास में शांति का वास
आज जिससे भी पूछो वो कहेगा मुझे काम का, पढ़ाई का या पैसों का बहुत तनाव है। सही मायने में पूरी दुनिया ही तनाव से परेशान है। इस तनाव को रोका तो नहीं जा सकता मगर एक सहज उपाय है जिससे इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है। -
![वस्त्र सज्जा में अभिनेत्री का हिस्सा वस्त्र सज्जा में अभिनेत्री का हिस्सा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/30707/1980342/Kb9Q9hgPg1738582458105/1738582552542.jpg)
वस्त्र सज्जा में अभिनेत्री का हिस्सा
डॉली अहलूवालिया को शुरुआती दौर में अभिनय के लिए काफ़ी तारीफ़ें मिलीं। बाद में वस्त्र सज्जा करते हुए भी उनका वह अभिनेत्री पक्ष मददगार साबित हुआ।
![पीत के रंग अनेक पीत के रंग अनेक](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/30707/1980342/8-bsnL-w21738585294327/1738585944836.jpg)
पीत के रंग अनेक
जब सूरज की किरणें धरती को छूती हैं, जब सरसों के फूल हवा में झूमते हैं तो प्रकृति में पीला रंग बिखर जाता है। अपने में प्रेरणा, उमंग और अनगिनत भावनाओं को समाए यह रंग भारत ही नहीं, हर देश, हर संस्कृति में अपनी एक अनोखी पहचान रखता है।
![फिर से पटरी पर फिर से पटरी पर](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/30707/1980342/6XcevaLnF1738583763965/1738584292309.jpg)
फिर से पटरी पर
सभी दिन एक समान नहीं होते। कभी अनसोची बाधाएं आ जाती हैं, कभी ज़रूरी काम। कभी सेहत साथ नहीं देती।
![गली का खेल, यादों का मेल... गली का खेल, यादों का मेल...](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/30707/1980342/M2wGK855o1738588445345/1738588596592.jpg)
गली का खेल, यादों का मेल...
याद है वो दिन जब पूरी दुनिया गली के उस छोटे-से कोने में सिमटी हुई थी? जब हाथ में न मोबाइल था, न सिर पर किसी काम का बोझ, बस एक इलास्टिक बैंड और दोस्तों की टोली। ना जाने क्यों ऐसा लगता था जैसे उस साधारण-से खेल में बचपन की सबसे बड़ी ख़ुशियां छुपी थीं। लौट जाते हैं उसी बचपन में और झोली में कुछ ख़ुशियां समेट लाते हैं।
![किरदार सज्जाकार किरदार सज्जाकार](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/30707/1980342/6nSgauSQ-1738579659812/1738579778986.jpg)
किरदार सज्जाकार
वस्त्रों को अभिनेता की खाल समझने वाली डॉली अहलूवालिया अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वेशभूषा परिकल्पनाकार (कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर) हैं।
![मंत्र ही तो रचा है निराला ने ! मंत्र ही तो रचा है निराला ने !](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/30707/1980342/CS7xQCkhJ1738587628953/1738588004095.jpg)
मंत्र ही तो रचा है निराला ने !
क्या होता है जब शब्द अपनी सीमाएं तोड़कर मनुष्य के भीतर के तूफ़ानों को उजागर करते हैं? क्या होता है जब कविताएं सिर्फ़ पढ़ी नहीं जातीं बल्कि जी जाती हैं?
![आप बस स्वागत करें आप बस स्वागत करें](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/30707/1980342/WdGoh2ZxT1738579431582/1738579653309.jpg)
आप बस स्वागत करें
हम कुछ चाह रखते हैं और फिर जब उसका विपरीत मिल जाता है तो उसे अनिच्छा से स्वीकार कर लेते हैं। जब स्वीकार ही करना है तो क्यों न इस भाव से करें कि यही तो मैंने चाहा था, फिर चाहे जो भी मिला हो!
![सही दिशा में बढ़े गाड़ी सही दिशा में बढ़े गाड़ी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/30707/1980342/HfCRf01fY1738583309474/1738583706022.jpg)
सही दिशा में बढ़े गाड़ी
लक्ष्य तय कर लेने और अच्छी योजना बना लेने के बावजूद संकल्प की गाडी थम सकती है या ग़लत दिशा में मुड़ सकती है।
![योग और संयोग से बनी राह योग और संयोग से बनी राह](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/30707/1980342/_WMs0l4SR1738579788386/1738582457091.jpg)
योग और संयोग से बनी राह
डॉली ने भगवान के सामने रखी पर्चियों में से चुनकर कॅरियर की राह तय की, लेकिन फिर अध्ययन की मुख्य विधा के बजाय वास्तविक कॅरियर तय किया अतिरिक्त प्रशिक्षण ने।
![शांत चित्त मंगल कामना... शांत चित्त मंगल कामना...](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/30707/1980342/ZPI6ArpTd1738578558374/1738579410234.jpg)
शांत चित्त मंगल कामना...
हम जो चाहते हैं, वही मिलता है। यही विश्वास प्रार्थना का मर्म है। प्रार्थनाएं अनादि काल से आकांक्षाएं व्यक्त करने का मार्ग रही हैं। इनमें छुपी कामनाएं मंगलकारी हैं। प्रार्थना का अनिष्ट से कोई नाता नहीं, वरन सद्भावना संग सर्वमंगल की अभिव्यक्ति है।
![सबके शंकर... सबके शंकर...](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/30707/1947439/sLLw9RnDY1736507186515/1736507620535.jpg)
सबके शंकर...
उन्हें भारत में राजनीतिक कार्टूनिंग का जनक माना जाता है। उनकी धारदार रेखाओं से देसी-विदेशी कोई भी राजनेता नहीं बचा। नेहरू से लेकर अन्य कई बड़े नेता उनके प्रिय मित्रों में थे, लेकिन राजनीति में जाने के बजाय उन्होंने दुनियाभर के बच्चों के लिए कुछ विशेष करने का जुनून चुना। उम्र के जिस पड़ाव पर उन्होंने बच्चों के लिए चित्रकला, लेखन, नृत्य, संगीत की अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाएं, चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट, इंटरनेशनल डॉल म्यूज़ियम जैसी अनेक परियोजनाओं को अकेले अपने दम पर पूरा किया, तब अक्सर लोग नाती-पोतों के साथ आराम से दिन गुज़ारना चाहते हैं। एक व्यक्ति नहीं संस्था के रूप में वृद्धों और युवाओं में समान रूप से लोकप्रिय और दुनियाभर के बच्चों के लिए 'पाइड पाइपर' कहलाने वाले शंकर ही इस बार ज़िंदगी की किताब के हमारे हीरो हैं....
![आम वाला ख़ास शहर आम वाला ख़ास शहर](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/30707/1947439/5EQ63zW-u1736506770095/1736507046997.jpg)
आम वाला ख़ास शहर
समुद्र की अनंत गहराइयों से लेकर नारियल के पेड़ों और आम के बाग़ों तक, रत्नागिरी एक ऐसी भूमि है जो अपने विविधतापूर्ण सौंदर्य में मानो एक पूरा विश्व समेटे हुए है। महाराष्ट्र के पश्चिमी तट पर बसा यह शहर प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक गौरव और सांस्कृतिक समृद्धि का एक अद्भुत संगम है।
![सेब क्या है? सेब क्या है?](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/30707/1947439/PR7xUPWZR1736506544619/1736506724923.jpg)
सेब क्या है?
इसका सीधा जवाब होगा कि सेब एक फल है। लेकिन जवाब इतना सीधा-सरल होता तो ऐसा पूछा ही क्यों जाता?
![एक तीर ने बदल दी हिंदुस्तान की तक़दीर एक तीर ने बदल दी हिंदुस्तान की तक़दीर](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/30707/1947439/wHFawS4WB1736506317458/1736506522587.jpg)
एक तीर ने बदल दी हिंदुस्तान की तक़दीर
राहुल सांकृत्यायन ने जिस अकबर के बारे में कहा कि अशोक और गांधी के बीच में उनकी जोड़ी का एक ही पुरुष हमारे देश में पैदा हुआ....जिस अकबर ने बहुरंगी महादेश में समन्वय को अहम अस्त्र बनाकर आधी सदी तक राज किया....उसके गद्दीनशीन होने के दो प्रसंग बताते हैं कि सद्भावना और साहस के साथ संयोग ने भी उसकी क़िस्मत लिखी, और हिंदुस्तान की भी....
![नए ज़माने का जरूरी व्रत नए ज़माने का जरूरी व्रत](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/30707/1947439/VkRlAZt9N1736505799020/1736506278216.jpg)
नए ज़माने का जरूरी व्रत
व्रत-उपवास न सिर्फ़ संयम सिखाते हैं, बल्कि शारीरिक और मानसिक लाभ भी प्रदान करते हैं। नए ज़माने की डिजिटल फास्टिंग में भी ये सारे लाभ समाए हैं। अब बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी के लिए स्क्रीन उपवास अनिवार्य हो गया है।
![पापा हीरो बेटी परी पापा हीरो बेटी परी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/30707/1947439/YEgBi2dmx1736505419539/1736505792780.jpg)
पापा हीरो बेटी परी
हर बेटी के लिए पिता उसका पहला हीरो होता है और हर पिता के लिए उसकी बेटी परी। बाप-बेटी के रिश्ते में प्यार-दुलार, संरक्षण, मार्गदर्शन के साथ प्रतिबंध, सख़्ती और एक डर का भाव भी बना रहता है। ज़िद पूरी होती है तो अनुशासन की अपेक्षा भी रहती है। बदलते दौर में इस रिश्ते के ताने-बाने भी बदल रहे हैं, पर नहीं बदली हैं तो पिता-पुत्री की एक-दूसरे के लिए भावनाएं।
![आज सबसे अच्छा दिन है आज सबसे अच्छा दिन है](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/30707/1947439/8elnu8Q5N1736505234487/1736505402418.jpg)
आज सबसे अच्छा दिन है
नववर्ष और उससे संबंधित संकल्प, दोनों ही पश्चिम की परंपराएं हैं। अक्सर ये संकल्प रस्मी तौर पर लिए जाते हैं और जल्द ही भुला दिए जाते हैं। ऐसे में भारतीय परंपरा संकल्पों को साकार करने में सहायक होगी।
![सूर्य के नाना रूप सिखाते हैं सूर्य के नाना रूप सिखाते हैं](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/30707/1947439/IZuFRGGCL1736505031915/1736505225550.jpg)
सूर्य के नाना रूप सिखाते हैं
उदय से अस्त तक सूर्य अपने बदलते रूपों से सिखाता है कि जीवन भी परिवर्तनशील है, प्रतिपल नवीन है। संसार में सम्मान उसी को मिलता है जो इस निरंतर नवीनता को सहज स्वीकारते हुए सक्रिय रहता है। दुनिया को सूर्य की भांति ही ऐसे व्यक्ति के आगमन की भी प्रतीक्षा होती है।
![एक नया मनुष्य एक नया मनुष्य](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/30707/1947439/GysJs6Q7k1736504748573/1736505032119.jpg)
एक नया मनुष्य
कैलेंडर बदल गया, एक नई तारीख़ आ गई। लेकिन मनुष्य तो वही पुराना रहा। पुरानेपन के साथ वह नए का आनंद कहां ले पाएगा, उसे समझ तक नहीं पाएगा। अगर मानव वास्तव में नया हो जाए तो उसके लिए हर दिन नववर्ष की तरह होगा, वह जीवन के हर पल में प्रसन्न रहेगा। लेकिन कैसे...?
![नित नूतन जीवन नित नूतन जीवन](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/30707/1947439/5KoAVDmgt1736504464931/1736504740090.jpg)
नित नूतन जीवन
नया साल, नई उम्मीदें, नई शुरुआत। नवीनता सिर्फ़ एक शब्द नहीं, बल्कि जीवन का सार है और सूत्र भी। हमारा शरीर हर पल बदलता है, हर क्षण लाखों कोशिकाएं जन्म लेती हैं और मरती हैं। हर सांस हमें एक नए अनुभव से जोड़ती है। जैसे नदी का पानी कभी स्थिर नहीं रहता, वैसे ही हमारी सोच, वातावरण और परिस्थितियां भी बदलती रहती हैं। इस नववर्ष पर आइए, नएपन को गले लगाएं।