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हाइपो थायरॉइडिज्म के खतरे से रहें सतर्क
थायराइड महिलाओं में होने वाली सबसे आम बीमारी है, लेकिन कुछ मामलों में यह काफी खतरनाक साबित होती है। यदि समय रहते इसका इलाज न कराया जाए तो इससे अन्य कई बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है। अगर आप भी थायरॉइड से परेशान हैं तो हाइपो थायरॉइडिज्म जैसी स्थिति के लक्षण, कारणों के बारे में जरूर जान लें।
प्रेम और सेक्स को किया धारणाओं से मुक्त
हमारे मनोविज्ञान में प्रेम शब्द सेक्स के साथ इस कदर जुड़ा है कि हम बिना सेक्स के प्रेम की कल्पना भी नहीं कर सकते, फिर वह प्रेम स्त्री-पुरुष के बीच हो या दो पुरुषों या स्त्रियों के बीच | हम मान ही नहीं सकते कि बिना सेक्स के प्रेम हो सकता है। प्रेम और सेक्स के संदर्भ में ओशो ने बहुत कुछ कहा है जो हमारी सोच को बदलता है।
ध्यान के जगत में ओशो का योगदान
ध्यान के जगत में ओशो का जो योगदान है, वह अपने आप में विशिष्ट है, क्योंकि ओशो से पूर्व ध्यान व ध्यानी की जो भी पारंपरिक परिभाषा व छवि थी ओशो ने उसमें कायाकल्प किया। ओशो ने ध्यान को नीरसता से हटाकर उत्सव के साथ जोड़ा तथा उसे व्यावहारिक एवं वैज्ञानिक दृष्टि दी । आत्मरूपांतरण में ओशो की ध्यान विधियां अपने आप में मिसाल हैं, पर कैसे आइए जानते हैं।
क्या है ओशो की कॉपीराइट और रॉयल्टी का सच?
ओशो की कॉपीराइट और रॉयल्टी को लेकर भी कई लोगों की शिकायते रहती हैं कि कॉपीराइट के नाम पर लोगों की वेबसाइट, यू-ट्यूब पर से कंटेन्ट हटा दिया जाता है तो किसी को ओशो की पुस्तकें प्रकाशित करने पर रोक लगा दी जाती है। इस कॉपीराइट के पीछे कि सच्चाई क्या है, आइए जानते हैं इससे जूझते ओशो के विभिन्न संन्यासियों के माध्यम से?
क्या है ओशो की मृत्यु का रहस्य ?
ओशो की मृत्यु को लेकर शक या सवाल ओशो के पुराने संन्यासियों में हमेशा से रहा है। सच तो यह है कि ओशो की मृत्यु को लेकर संन्यासी भी एक मत नहीं हैं, उस पर 11 अगस्त 2016 को ए. बी. पी न्यूज पर प्रसारित रिपोर्ट 'ओशो को किसने मारा ?' ने इस विषय को और हवा दे दी, और लोगों को बातें बनाने का मौका मिल गया। क्या था उस रिपोर्ट में और क्या कहना है उसके पक्ष-विपक्ष में ओशो के वरिष्ठ संन्यासियों का आइए जानते हैं।
मैं अभी भी बोल रहा हूं
एक समय था जब परमात्मा मेरे जरिए बोला था । आज मैं किसी के जरिए बोल रहा हूं। जब वो संभव था, तो यह भी संभव है। यदि वो सत्य था, तो यह भी सत्य है। और यदि तुम मुझसे सही अर्थों में जुड़े हो, तो तुम्हें यह मानने में कोई अड़चन नहीं होनी चाहिए कि मैं अभी भी बोल रहा हूं।
मोटापा दूर करने में सहायक है स्नान
संतुलित भोजन, धूप स्नान और स्वच्छ वायु का प्रयोग किसी भी अवस्था में लाभदायक है।
एक ओंकार... ईश्वर एक है गुरु नानक देव जी
दीपावली के 15 दिनों बाद गुरु नानक जयंती मनाई जाती है। हर घर के बाहर दीया भी जलाया जाता है। ये पर्व गुरु नानक की शिक्षाओं को याद करने का दिन है।
सर्दियों में भी रखें वास्तु का ख्याल
सर्दी के इस मौसम में कुछ वास्तु उपाय करके आप सकारात्मक परिणाम प्राप्त कर सकते हैं कौन से हैं वो उपाय आइए लेख के माध्यम से जानें?
विश्व का एकमात्र अर्धनारीश्वर मंदिर
यूं तो इस धरा पर भगवान शिव के कई मंदिर है, किन्तु काठगढ़ महादेव मंदिर अपने आप में अनूठा एवं अद्वितीय है, क्योंकि यहां शिव अर्धनारीश्वर के रूप में स्थापित हैं।
मंदिरों में सिमटा रहस्य
हमारे आस-पास बहुत सी जगहें व मंदिर ऐसे हैं जो अपने अंदर बहुत से रहस्यों को समेटे हुए हैं, जिनको समझ पाना सामान्य मनुष्य या फिर विज्ञान के लिए सम्भव नहीं है। ऐसे ही कुछ मंदिर हैं जो आस्था के साथ-साथ आकर्षण का भी केंद्र हैं।
अद्भुत व्यापारी: गुरु नानक देव
यह लेख नानक के प्रेरणादायक जीवन पर आधारित है। भूखों को भोजन करवाना व जरूरतमंदों की मदद करना ही नानक के लिए सच्चा सौदा था| अधिकांश समय वह एकांत में रहते व परमात्मा के गीत गाते। उन्होंने जाति भेद-भाव को समाप्त करने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने हिन्दु-मुस्लिम व अन्य धर्मों को एकता के सूत्र में पिरोया है। उन्होंने अंध - विश्वासों पर जमकर कटाक्ष किया। उनके द्वारा प्रारंभ की गई लंगर - प्रथा आज भी जारी है, जो कि मानव में सेवा व समानता की भावना जगाती है। जन्म से लेकर मरणोपरांत उनका जीवन मनुष्य के मार्गदर्शक में सहायक है।
सीढ़ियां चढ़ें, सूप पिएं और वजन घटाएं
बढ़ते वजन और मोटापे से आज हर दूसरा व्यक्ति ग्रस्त है। वयस्क से लेकर छोटे बच्चे भी इस कतार में शामिल हैं। अस्त-व्यस्त जीवनशैली भी बढ़ते मोटापे का एक कारण है। कुछ आसान तरीकों को अपनाकर हम अपना शरीर सुडौल बना सकते हैं। कैसे, जानें इस लेख से।
कैंसर कारण लक्षण और निवारण
कैंसर का नाम सुनते ही मृत्यु का भय सताने लगता है। क्योंकि कैंसर का यदि समय रहते इलाज न किया जाये तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। आइए लेख से जानते हैं क्या है कैंसर, यह क्यों होता है व इसके बचाव के उपाय?
क्या है कब्ज और यह क्यों होता है?
प्रत्येक व्यक्ति द्वारा प्रतिदिन एक या दो बार मल की निकासी वांछनीय है। हालांकि कब्ज अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, लेकिन यह समस्या कई अन्य बिमारियों के कारण भी उत्पन्न हो सकती है, इसलिए चिकित्सकीय परीक्षण की सलाह दी जाती है।
जानिये सोने का सही तरीका
वास्तु अपने आप में एक व्यापक विषय है जिसे अपना कर व्यक्ति सुखी तथा समृद्ध बनता है।
बचपन में काटें मोटापे की जड़
कोल्ड ड्रिंक्स के बारे में यह सनसनीखेज रहस्योद्घाटन गया है। ब्रिटेन के एक अनुसंधान में किया गया है।
आर्थराइटिस कारण, लक्षण और निवारण
जोड़ों में दर्द का एक प्रमुख कारण आर्थराइटिस है। इसे गठिया भी कहते हैं यह उम्र के साथ होने वाली हड्डियों के क्षय की प्रक्रिया है। इसमें हड्डियां कमजोर होकर टूटने लगती हैं। इसके और कौन से लक्षण हैं तथा क्या है उनका निवारण आइए जानें।
धन प्राप्ति के अचूक उपाय
समाज में मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा को कई बार हमारी आर्थिक स्थिति से जोड़कर देखा जाता है। जानें इस लेख से धन संचय एवं धन अर्जित करने के कुछ सरल उपाय।
क्यों करते हैं लोग दिवाली पर टोने टोटके?
दीपावली के अवसर पर टोने-टोटके या फिर तंत्र-मंत्र का सहारा लेकर अपने जीवन को समृद्ध बनाने का प्रयास हमारे समाज में काफी समय से हो रहा है। आइये जानते हैं क्या है इसका प्रमुख कारण और क्यों दीपावली के अवसर पर इस तरह की चीजों को बढ़वा मिलता है?
सांस है तो आस है
दीपावली में अगर पटाखों का शोर ना गूंजे तो कुछ कमी सी लगती है। लेकिन पटाखों से निकलने वाले हानिकारक धुओं से सांस संबंधी तकलीफें बढ़ जाती हैं, खासकर अस्थमा के रोगियों के लिए। इनसे बचने और देखभाल करने के कुछ सुझाव जानें इस लेख से।
त्योहारों पर रखें बच्चों का विशेष ध्यान
दिवाली के त्योहार में बच्चों के प्रति की गई अनदेखी कहीं दिवाली की रौनक न कम कर दे इसलिए इस दौरान बच्चों का खास ध्यान और कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। दिवाली आने से पहले और होने तक घर में कई ऐसे कार्य होते हैं जिन पर यदि ध्यान नहीं दिया जाए तो बच्चों को नुकसान पहुंच सकता है।
दीपावली पर इन जगहों पर दीपक जलाना न भूलें
दीपावली के दिन दीपक जलाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।
धनतेरस: मान्यताएं और खरीदारी
कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को यानी धनवंतरि त्रयोदशी को धनतेरस के नाम से जाना जाता है। दीपावली से दो दिन पूर्व मनाया जाता है धनतेरस। इस दिन सोना-चांदी आदि खरीदना शुभ मानते हैं। धनतेरस के महत्त्व को जानें इस लेख से।
पंच पर्वों का महापर्व दीपावली
दीपावली यानी आनन्द और उल्लास का उत्सव तथा प्रकाश का पर्व। दीपावली का पर्व धन प्राप्ति अनुष्ठान के लिए सर्वोत्तम माना जाता है लेकिन दीपावली का महान पर्व अकेले ही नहीं आता है, इसके साथ ही आते हैं पांच महान पर्व, जिन्हें हम पंचपर्व के रूप में मनाते हैं। इन पंच पर्वों का हिन्दू धर्म में महत्त्व जानें इस लेख से।
लक्ष्मी के साथ गणेश आराधना क्यों?
दीपावली की रात मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। मां लक्ष्मी धन की देवी हैं और भगवान गणेश बुद्धि एवं विवेक के। धन का सदुपयोग हो इसके लिए विवेक का होना अनिवार्य है। इस कारण दीपावली में लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की पूजा होती है।
युगों पुरानी है जुए की परम्परा
भले ही आज जमाना बदल गया हो परंतु आज भी लोग दिवाली की रात जुआ खेलते हैं। जुए की यह परम्परा कोई नई नहीं है युगों पुरानी है। कितनी पुरानी है यह प्रथा तथा कितना व कैसे बदला है इसका रूप? जानें इस लेख से।
मोटापे से पाएं मुक्ति
मोटापा न केवल एक रोग है बल्कि अनेक रोगों के जन्म का कारण भी है। इसलिए यह बहुत ही आवश्यक है कि मोटापे को जल्द से जल्द दूर किया जाए अन्यथा मोटापा व्यक्ति के बाहरी व्यक्तित्व को न केवल बेडौल बना कर उसके आत्मविश्वास को कम करता है बल्कि व्यक्ति को रोगी भी बना देता है।
छठ पूजा का लोकरंग
छठ पूजा केवल एक पर्व नहीं है बल्कि इसे महापर्व का दर्जा प्राप्त है। इस पर्व के साथ करोड़ो हिन्दुओं की आस्था जुड़ी हुई है और हो भी क्यों न भगवान सूर्य की उपासना से जुड़े इस महा पर्व की महिमा ही ऐसी है।
दिवाली को बनाएं 'ईको फ्रेंडली'
दिवाली के इस त्योहार को धूम-धाम से मनाने व धन और धान्य की देवी लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के नाम पर हजारों रुपये फूंक दिए जाते हैं।