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हिमालय जैसे अटल थे बाला साहेब
राजनीति के इतिहास में बाला साहेब ठाकरे का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा। क्योंकि वे एक ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने अपने दम पर मुम्बई शहर की काया पलट कर दी थी।
नेता जी ने बापू को सर्वप्रथम कहा था राष्ट्रपिता
17 जनवरी 1941 की रात्रि 12-45 बजे नेताजी अँग्रेजी हुकूमत के पहरेदारों को चकमा देकर मौलवी नियाजुउद्दीन के भेष में निकल भागे थे
भारतीय प्रतिष्ठा की वैश्विक गूंज
प्रधानमंत्री ने आयुष उत्पादों और इससे जुड़े स्टार्ट-अप के लिए बाजार में वृद्धि की भी सराहना की
मध्य प्रदेश में उमा भारती की सक्रियता के मायने
मध्य प्रदेश में भाजपा को इस बार के विधानसभा चुनाव में कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
साफ पानी के नये स्त्रोतों की तलाश
पृथ्वी पर ताजा पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं है और आने वाले वर्षों में पानी की स्थिति और भी बदतर हो जाएगी।
आत्मनिर्भरता के लिए शोध पर खर्च बढ़ाना जरूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागपुर में 108 वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस का आभासी उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत के वैज्ञानिक अनुसंधान पूरी दुनिया के लिए मार्गदर्शक सिद्ध हो रहे हैं।
समर्थन और विरोध की पराकाष्ठा : भारत जोड़ो यात्रा
कांग्रेस नेता राहुल गाँधी के नेतृत्व में सात सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू होकर कश्मीर तक चल रही भारत जोड़ो यात्रा भीषण शीत लहरी के बावजूद अपने पूरे जोशउत्साह और उमंग के साथ आगे बढ़ते हुये अपनी मंजिल की ओर अग्रसर है।
बेरोजगारी - महंगाई से निपटने का लें संकल्प
हमारा देश एक उत्सवधर्मी देश है। बीते वर्ष में हमने अपनी उपलब्धियों के बहुत उत्सव मनाए।
वैश्विक स्तर पर बढ़ सकता है रेत का संकट
विश्व भर में पर्यावरण सम्बन्धी मंडराते तमाम संकटों में एक नया संकट और भी है जिसकी ओर मनुष्य उतनी गम्भीरता से विचार नहीं कर रहा है।
लोकतंत्र के मर्यादा मार्ग पर कदमताल की वेला
बीत गया साल भी ऐसे कई सवाल छोड़ गया है, जिनके जवाब आने अभी बाकी हैं।
आत्मविश्वास से परिपूर्ण हैं शिवराज
शिवराज सरकार के विरुद्ध पेश अपना अविश्वास प्रस्ताव ध्वनि मत से ही खारिज होने के बाद विपक्षी कांग्रेस पार्टी को आत्ममंथन करना चाहिए कि मात्र रस्म अदायगी के लिए शिवराज सरकार के विरुद्ध पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव के औंधे मुंह गिरने से उसने ऐसी कौन सी उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल कर ली है जिस पर वह गर्व महसूस करने की अधिकारी बन गई है।
वर्ष 2023 आर्थिक दृष्टि से सुनहरा साबित होगा
यहां पर उक्त तो केवल कुछ उदाहरण दिए गए हैं वरना वर्ष 2014 के बाद से इस प्रकार के अनेकों निर्णय कई क्षेत्रों में लिए गए हैं जिनसे पूरा विश्व ही आज हक्का बक्का हो गया है।
जनता से किया हर वायदा पूरा कर रहे हैं: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
जनता के आग्रह पर क्षेत्र के विकास के लिए दी अनेक सौगातें
दूषित जल प्रबंधन में लापरवाही आमजन पर पड़ रही है भारी
विभिन्न स्त्रोतों से निकलने वाला वेस्टवाटर [अपशिष्ट पानी] जगह जगह से बहकर अंतत: हमारे जलस्त्रोत जैसे तालाब, पोखर, धाराओं, नदियों और समुद्र में चला जाता है जो मानव जीवन पर बेहद खतरनाक असर डालता है। यह निर्विवाद सत्य है कि 85 फीसदी जल सप्लाई (जलापूर्ति) बिना किसी उपचार के हमारे इकोसिस्टम में फिर से वापस आ जाती हैं, जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए तो खतरनाक है ही, साथ ही हमारे पर्यावरण पर घातक रूप से प्रभाव डाल सकता है। बिना उपचार का दूषित जल हमारे पीने के पानी को दूषित तो करता ही है साथ ही बीमारियां पैदा करता है। दिनों-दिन घरेलू तथा व्यवसायिक स्थलों से उत्पन्न होने वाले दूषित पानी की मात्रा लगातार बढ़ रही हैं मगर हमारे दूषित जल प्रबंधन में सरकारी स्तर पर बरती जा रही लापरवाही आम आदमी पर भारी पड़ रही हैं जिससे संक्रामक बीमारियों का फैलाव तेजी से होता जा रहा है।
राम मंदिर से बन रहा नए भारत का नया उत्तर प्रदेश
अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के मंदिर के निर्माण का कार्य चल रहा है। सरकार नमामि गंगे योजना के अंतर्गत गंगा को स्वच्छ एवं निर्मल करने पर विशेष बल दे रही है।
महाकाल लोक और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद
भारतीय सभ्यता और संस्कृति दुनिया में सर्वाधिक प्राचीन है। सभ्यताओं के प्रादुर्भाव के साथ वह तिरोहित भी हुई।
सुशासन एवं देश-विकास के लिये नौकरशाह स्वयं को बदले
प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों से जिस तरह की अपेक्षाएं हैं, वे पूरी नहीं हो पा रही है, यह एक गंभीर चुनौती एवं त्रासद स्थिति है।
दुनिया को नई दिशा प्रदान करेगा भारत
एक ऐसा राष्ट्र बताया है जो संपूर्ण दुनिया को फिर से एक बार युगानुकूल मानव संस्कृति की दीक्षा देगा।
प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से भारत में हो रहा सांस्कृतिक पुनर्जागरण
कालखंड की सीमाएं नहीं हैं, तो महाकाल महादेव के असीम देवत्व की कल्पना की जा सकती है। शिव ही ज्ञान है और ज्ञान ही शिव है। उज्जैन भी शिवमय हो उठा है, क्योंकि महाकाल के लोक को साकार करने के कलात्मक प्रयास किए गए हैं। 23 अक्टूबर, 2019 को प्रधनमंत्री नवोन्मेष शिक्षण कार्य म के समापन समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा था कि भारत को एक वैज्ञानिक पुनर्जागरण और सांस्कृतिक पुनरुद्धार की आवश्यकता है क्योंकि किसी भी सभ्यता को विकसित करने के लिए विज्ञान और संस्कृति दोनों आवश्यक रहे हैं। भारत को राजनीतिक स्वतंत्रता तो 15 अगस्त 1947 को ही मिल गई किंतु भारत आज भी सांस्कृतिक परतंत्रता का शिकार है। 2014 में केंद्र में भाजपानीत एनडीए सरकार बनने के बाद से सांस्कृतिक राष्ट्रवाद ने राजनीतिक विमर्श में केंद्रीय भूमिका में लाने का काम किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले आठ साल से देश में सांस्कृतिक पुनरुद्धार की दिशा में लगातार प्रयासरत हैं। इसी प्रयास के फलस्वरूप पिछले दिनों मध्य प्रदेश के सांस्कृतिक शहर उज्जैन में मानो शिव-लोक अवतरित हो गया है। उसके कण-कण में महादेव का आभास हो रहा है, शिला- शिला पर शिव-शंभु की गाथाएं हैं, कण-कण में शंकर की उपस्थिति व्याप्त है। शिव अनश्वर, अविनाशी हैं और महाकाल के नियंता हैं।
रानी लक्ष्मीबाई से सभी को लेनी चाहिये प्रेरणा
भारत भूमि पर अंग्रेजों से लोहा लेने के लिए अनेक वीर अग्रणी भूमिका में रहे हैं। लेकिन देश को स्वतंत्र कराने में मातृशक्ति के योगदान को किसी प्रकार से कम नहीं कहा जा सकता।
हिंदुओं की आस्था का केंद्र सोमनाथ मंदिर
हिंदुओं की आस्था का केंद्र माने जाने वाले सोमनाथ में राजनेताओं का भी खूब जमावड़ा लगता है ताकि देश की बहुसंख्यक आबादी को आकर्षित किया जा सके।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एनपीएस की राशि, जीएसटी क्षतिपूर्ति की मांग दोहराई
बजट पूर्व बैठक में एक बार फिर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने एनपीएस की राशि की वापसी, जीएसटी क्षतिपूर्ति की भरपाई, कोल रॉयल्टी की राशि की मांग सहित राज्यहित के विभिन्न मुद्दे केंद्रीय वित्त मंत्री के सामने रखे।
भ्रष्टाचारमुक्त देश के लिए एकता जरूरी
कभी रिश्वत नहीं लेंगे और न ही देंगे। सभी कार्य ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ करेंगे। जनहित में कार्य करेंगे।
बढ़ते प्रदूषण से संक्रामक बीमारियों का खतरा
इस बार दीपावली के तुरंत बाद भले ही दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर नहीं पहुंचा था लेकिन अब यह क्षेत्र हर साल की भांति प्रदूषण से कराहता नजर आने लगा है।
धरती संरक्षण की राह तलाशती दुनिया
विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस प्रतिवर्ष 26 नवम्बर को मनाया जाता है। यह दिवस पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने एवं लोगों को जागरूक करने के सन्दर्भ में सकारात्मक कदम उठाने के लिए मनाते हैं। यह दिवस संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के द्वारा आयोजित किया जाता है। पिछले करीब दो-तीन दशकों से ऐसा महसूस किया जा रहा है कि वैश्विक स्तर पर वर्तमान में सबसे बड़ी समस्या पर्यावरण से जुड़ी हुई है, बढ़ता प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, भयंकर तूफान, सुनामी और भी कई प्राकृतिक आपदाओं का होना आदि ज्वलंत समस्याएं विकराल होती जा रही है। ये समस्याएं जितनी गंभीर होती जा रही है, इससे निपटने के गंभीर प्रयासों का उतना ही अभाव महसूस हो रहा है। अमीर एवं शक्ति शाली देश इस वैश्विक समस्या के प्रति उदासीन है। गरीब देश इस समस्या से जूझ रहे हैं और उनके पास इसके निदान के साधनों का अभाव है। इस सन्दर्भ में ध्यान देने वाली बात है कि करीब दस वैश्विक पर्यावरण संधियां और करीब सौ के आस-पास क्षेत्रीय और द्विपक्षीय वार्ताएं एवं समझौते संपन्न किये गये हैं। लेकिन उनके प्रति अमीर देशों की उपेक्षा समस्या को अधिक विकराल बना रही है। इस समस्या से निजात पाने की दिशा में दुनिया में जागरूकता लाना ही इस दिवस का उद्देश्य है।
काशी देश की सांस्कृतिक राजधानी
प्रधानमंत्री मोदी ने बनारस में अपनी संस्कृति को एकसूत्र में बांधने वाली काशी तमिल संगमम का आह्वान देकर इसे विविधताओं का उत्सव मनाने की बात कही है। यही हमारे संविधान की आवाज है, अनेकता में एकता। यह एकता जब होगी तो वह ऊर्जावान राष्ट्रीय एकता बनेगी। अपने-अपने हिस्से का हिंदुस्तान नहीं बांटना चाहिए। ऐसे दो भाग भारत के न बनें कि जहां उत्तरी भारत के सांस्कृतिक स्वर दक्षिण तक नहीं जाते और दक्षिण के स्वर उत्तर भारतीयों को अजनबी लगते हैं। इसकी वजह से ही कट्टरता पैदा होती है। क्षेत्रवाद पैदा होता है और एक-दूसरे को न सहने की भावना पैदा होती है।
आम बजट 2023-24 की कवायद हुई शुरू
वैश्विक स्तरपर आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी कुशल समृद्ध अर्थव्यवस्था की रैंकिंग में है। जबकि ऐसी उम्मीद की जा रही है कि यह रैंकिंग शीघ्र ही तीसरे नंबर पर होने की संभावना है और विजन 2047 के पूर्व ही भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के खिताब से नवाजी जाएगी ऐसा मेरा विश्वास है।
हिजाब मुद्दे को प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाना उचित नहीं
विगत कई वर्षों से मुसलमानों के विभिन्न धार्मिक, सामाजिक व उनके शरई मामलों में दखलअंदाजी करने की गोया एक अंतर्राष्ट्रीय मुहिम सी छिड़ी हुई है।
ऐतिहासिक क्रूरता का दस्तावेज है, 'द कश्मीर फाइल्स'
भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में वैश्विक फिल्मों की जूरी के प्रमुख नदव लापिड द्वारा चर्चित फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' पर की गई विवादित टिप्पणी पर बढ़ता बवाल देख इजराइली राजदूत नाओर गिलोन ने अपने हमवतन फिल्मकार को फटकार लगाते हुए उनके बयान की तीखी निंदा की और इस गलती के लिए भारत से माफी भी मांगी।
मध्य प्रदेश में आयुर्वेद और शिवराज सरकार
भारत की ज्ञान परम्परा अद्भुत है, जिसने इस ज्ञान की थाह लेना चाही, वास्तव में वही कुछ पा सका है।