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आरक्षण पर नेहरू और मोदी की सोच में फर्क क्या?
जिस दिन नरेन्द्र मोदी संसद के भीतर राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोल रहे थे, वो अपनी सरकार में महिला, नौजवान आदि के नाम पर किये गये काम गिना रहे थे। इस बीच किसी विपक्षी सांसद ने यह कहकर टोक दिया कि आपने अल्पसंख्यकों का नाम नहीं लिया। इस पर प्रधानमंत्री मोदी इतने नाराज हुए कि लगभग बिफरते हुए कहा कि कब तक समाज को टुकड़ों में बांटते रहोगे।
माओवादी आतंक प्रभावित गांवों में लागू होगी 'नियद नेल्लानार योजना'
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज विधानसभा में माओवादी आतंक प्रभावित क्षेत्रों के गांवों के लिए 'नियद नेल्लानार योजना' अर्थात 'आपका अच्छा गांव योजना' प्रारंभ करने की बड़ी घोषणा की। इस योजना के तहत माओवादी आतंक प्रभावित क्षेत्रों में प्रारंभ किए गए 14 ये कैंपों की 5 किलोमीटर की परिधि के गांवों में 25 से अधिक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही इन गांवों के ग्रामीणों को शासन की 32 व्यक्ति मूलक योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा। नए कैम्प पुलिस का ही नहीं विकास का भी कैम्प होगा।
तेजस्वी का "तेज" क्या राष्ट्रीय राजनीति में युवा "चेतना को चैतन्य" कर नेतृत्व करेगा? - तेजस्वी का तहलका
सामने प्रत्यक्ष दिख रही निश्चित हार की मानसिकता से उबर कर, उपर उठकर और पिताजी की दाग नुमा छवि के वटवृक्ष के नीचे चलने के बावजूद उक्त घेरे (च व्यूह) से निष्कलंक बाहर निकल कर आ जाना, एक नई युवा राष्ट्रीय राजनीति को इंगित करता है कि तेजस्वी \"उथले पानी की मछली नहीं है\"। फिर \"सुशासन बाबू\" की छवि लिए राष्ट्रीय राजनीति के स्थापित क्षितिज राजनीतिक अनुभव में अपने से कई गुना बड़े, उम्र दराज, पांच बार की जीत, परन्तु कभी भी पूर्ण बहुमत प्राप्त न करने के बावजूद 17 साल में नौंवी बार बने ऐसे बिहार के ऐसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सत्ता को चुनौती देते हुए, विधानसभा में अपने 'तेज' से तेजस्वी ने सबको 'चमका' दिया। जिस तत्परता, कौशल व शालीनता के साथ \"अपशब्दों\" (जो आज की राजनीति का अंलकारित महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है), का प्रयोग किए बिना विधानसभा में अपनी बात रख कर \"राजा दशरथ\", \"माता कैकयी\" का उल्लेख कर सामने वाले की बोलती बंद कर उन्हें भौंचक्का कर देना, तेजस्वी यादव का यह एक नया \"एंग्री मैन\" का रूप है।
वर्तमान के वर्धमान अनंत यात्रा पर
जैन संत आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज शनिवार-रविवार की दरमियानी रात संल्लेखना पूर्वक समाधि (देह त्याग) ले ली। छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चन्द्रगिरी तीर्थ से आध्यात्मिक चेतना का यह तेजस्वी सूर्य अपनी अनंत यात्रा के लिए प्रस्थान कर गया। संत के रूप में पूज्यश्री का संपूर्ण जीवन ही दर्शन का सुदर्शन संदर्भ है। जिनके आचरण में ही जीवों के लिए करूणा पल्लवित होती हो, जिनके विचारों में प्राणी मात्र के कल्याण का शुभ संकल्प हो, जिनकी देशना में जन-मन के अंतःकरण की जागृति का संदेश हो, ऐसी दिव्यात्मा की भू-लोक से अनुपस्थिति अनंतकाल तक अंधेरे की उपस्थिति का अनुभव करवाएगी।
परीक्षार्थी योद्धा की तरह, मित्रों से बढ़ता है मनोबल
आज की चुनौतियों भरे शैक्षणिक परिदृश्य में जब परीक्षाएं किसी पर्वत की ऊंची चोटी पर चढ़ाई के समान श्रमसाध्य महसूस होती हों तो तनाव से घिरना स्वाभाविक है। ऐसी चढ़ाई जिसमें हर कोई उम्मीदों की भारी गठरी लादकर चल रहा हो तब हमउम्र साथियों का सहयोग निश्चित ही यात्रा की चुनौतियां कम करने वाला होता है।
क्या ऑनलाइन शॉपिंग भी असर डाल सकती है पर्यावरण पर?
आधुनिक उपभोक्तावाद को बढ़ता ऑनलाइन शॉपिंग बाजार ग्राहकों के लिए तो काफी सुविधाजनक हो रहा है, मगर यह भी एक सच्चाई है कि इस क्षेत्र में उपयोग होने वाले पैकेजिंग कॉर्टन बनाने में करोडों वृक्षों की बलि चढ़ जाती है।
सांसों को रोकता वायु प्रदूषण
दुनिया की सबसे गंभीर समस्याओं में शामिल हो चुका 'वायु प्रदूषण' इस समय ऐसे स्तर पर पहुंच चुका है कि यह दुनिया भर के लोगों की सांसें रोकने लगा है। रिसर्च के मुताबिक पर्यावरण से जुड़े वैज्ञानिकों ने ऐसे तथ्य खोज निकाले हैं जो समय से पहले मौत का जोखिम पैदा करते हैं।
एकीकृत भारत के निर्माता थे सरदार पटेल
राष्ट्रीय एकता के प्रति सरदार पटेल की निष्ठा आजादी के इतने वर्षों बाद भी पूरी तरह प्रासंगिक है। एकता की मिसाल कहे जाने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल गुजरात के नाडियाद में एक किसान परिवार में 31 अक्तूबर 1875 को जन्मे थे, जिन्होंने सदैव देश की एकता को सर्वोपरि माना। सरदार पटेल ने भारत को खण्डखण्ड करने की अंग्रेजों की साजिशों को नाकाम करते हुए बड़ी ही कुशलता से आजादी के बाद करीब 550 देशी रियासतों तथा रजवाड़ों का एकीकरण करते हुए अखण्ड भारत के निर्माण में सफलता हासिल की थी। राजनीतिक और कूटनीतिक क्षमता का परिचय देते हुए स्वतंत्र भारत को एकजुट करने का असाधारण कार्य बेहद कुशलता से सम्पन्न करने के लिए जाने जाते रहे सरदार पटेल का देहांत दिल का दौरा पड़ने के कारण 15 दिसम्बर 1950 को 75 वर्ष की आयु में हो गया था और इसी दिन को प्रतिवर्ष 'सरदार पटेल स्मृति दिवस' के रूप में मनाया जाता है।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उत्साह का माहौल
वैश्विक स्तरपर दुनियां के कोने-कोने में बसे मूल भारतीयों की अपने वतन भारत के प्रति आध्यात्मिक आस्था उनके रग रग में समाई है, यही कारण है कि हजारों किलोमीटर सात समंदर पार अपने वतन से दूर रहने के बावजूद वहां अपने देश में विभिन्न भगवानों का मंदिर बनाकर नित्य नियम पूजा पाठ करते हैं, जिसका सटीक उदाहरण हम ब्रिटेन के पीएम द्वारा हिंदू त्योहार मनाने मंदिर जाने और जी-20 के समय भारत आने पर अक्षरधाम मंदिर का दौरा करना इस आस्था की पुष्टि करता है।
राजिम कुंभ की भव्यता पुनः लौटेगी, देशभर से आयेंगे साधु संतः मुख्यमंत्री श्री साय
राजिम कुंभ की भव्यता पुनः लौटेगी, देशभर से आयेंगे साधु संतः मुख्यमंत्री श्री साय
भाजपा ने दिये बड़े राजनीतिक संकेत
भारतीय जनता पार्टी ने सबसे पहले छत्तीसगढ़ में एक बड़े आदिवासी नेता विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बनाकर चौंकाया और फिर अरूण साव और विजय शर्मा को उपमुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा गया।
आजादी के अमृत काल में सशक्त भारत के सशक्त कानून
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने संसद के दोनों सदनों में आपराधिक न्यायिक प्रणाली में सुधार के तीन विधेयक प्रस्तुत किये एवं दोनों सदनों में यह विधेयक ध्वनिमत से पारित होने के पश्चात् एक नए युग की शुरुआत हो गयी है। भारत में अब भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023 जो आईपीसी, 1860 को प्रतिस्थापित करेगा।
समिट के जरिये मोदी ने दुनिया को दिये कई बड़े संदेश
मोदी का दुबई दौरा बहुत छोटा और बेहद व्यस्त दौरा था। लेकिन प्रधानमंत्री के स्वागत में जिस तरह स्थानीय सरकार और प्रशासन ने पलक पांवड़े बिछाये और भारतीय समुदाय ने मोदी मोदी के नारों तथा फिर एक बार मोदी सरकार जैसे नारों से आकाश को गुंजायमान किया वह दृश्य देखने लायक थे।
सनातनियों के लिए राष्ट्र मंदिर होगा राम मंदिर
कहते हैं कि लगभग 14,000 विक्रम सम्वत् पूर्व भगवान नील वराह ने अवतार लिया था। नील वराह काल के बाद आदि वराह काल और फिर श्वेत वराह काल हुए। इस काल में भगवान वराह ने धरती पर से जल को हटाया और उसे इंसानों के रहने लायक बनाया था। उसके बाद ब्रह्मा ने इंसानों की जाति का विस्तार किया और शिव ने सम्पूर्ण धरती पर धर्म और न्याय का राज्य कायम किया। सभ्यता की शुरुआत यहीं से मानी जाती है।
डबल इंजन की सरकार होने से छत्तीसगढ़ के विकास में आयेगी तेजी: मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय रूके हुए विकास के काम पूरे होंगे
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नारा 'आत्मनिर्भर भारत'!
बैतूल की 'राजनीति' ने स्वावलम्बी होकर अपनाया
भारत में अग्नि सुरक्षा नियम
अग्नि सुरक्षा ऑडिट और खतरे की पहचान और जोखिम मूल्यांकन (एचआईआरए) संभावित खतरों की पहचान करता है और किसी अधिभोग के अग्नि सुरक्षा मानकों का आकलन करने के लिए प्रभावी उपकरण के रूप में कार्य करता है। आग भारत में विभिन्न व्यवसायों के लिए एक बड़ा खतरा है। लगभग हर दिन देश भर में मीडिया द्वारा कुछ आग लगने की खबरें आती हैं। इन आग के परिणामस्वरूप न केवल कई बहुमूल्य जीवन की हानि हुई और कई लोग घायल हुए, बल्कि भारी संपत्ति की हानि भी हुई। पिछले दो दशकों के दौरान भारत में निर्माण गतिविधियों में, विशेषकर ऊंची इमारतों में तेजी से वृद्धि हुई है। अपनी विशिष्ट प्रकृति के कारण, आवासीय भवनों, विशेष रूप से ऊंची इमारतों में आग अधिक जटिल हो जाती है और बचाव कार्य अधिक कठिन हो जाते हैं और कभी-कभी इसके परिणामस्वरूप कई मौतें और भारी संपत्ति का नुकसान भी होता है। भारतीय उद्योग के तीव्र आधुनिकीकरण ने परिदृश्य को और अधिक जटिल बना दिया है। अग्नि सुरक्षा के प्रति जागरूकता अभी तक सामने नहीं आई है। यह लेख भारत में मौजूदा अग्नि सुरक्षा नियमों के समग्र परिदृश्य और संभावित आग के खतरों से निपटने के लिए इन नियमों की प्रभावशीलता पर ध्यान केंद्रित करेगा।
रियल एस्टेट बेसिक्स
क्या होता है कंप्लीशन सर्टिफिकेट?: कंप्लीशन सर्टिफिकेट एक दस्तावेज होता है, जो दिखाता है कि प्रॉपर्टी मानकों के मुताबिक बन चुकी है और किसी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट की वैधता साबित करता है. कंप्लीशन सर्टिफिकेट तब दिया जाता है, जब यह तय हो जाए कि रियल एस्टेट प्रोजेक्ट स्थानीय म्युनिसिपल कॉरपोरेशन द्वारा तय किए गए मानकों और बिल्डिंग प्लान के मुताबिक बनाया गया है. यह सर्टिफिकेट डेवेलपर और प्रॉपर्टी के मालिकों को हासिल करना पड़ता है. पानी, बिजली और ड्रेनेज सिस्टम जैसी जरूरतों की आपूर्ति सुनिश्चित करना जरूरी है.
पर्यावरणीय आदेशों का 'उल्लंघन' गंभीरता नहीं बरतने से कार्यप्रणालियों पर उठते सवाल
भारत सरकार ने पर्यावरण के मामलों को तेजी से निपटाने तथा उच्च न्यायालयों के मुकदमों के भार को कम करने के उद्देश्य से 'राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण' की स्थापना वर्ष 2010 में एक अधिनियम के तहत की थी। यह एक विशिष्ट निकाय है जो पर्यावरण संबंधी विवादों और बहु अनुशासनिक मामलों को सुविज्ञता से संचालित करता है। मगर हाल ही में 'ओपन आई न्यूज' द्वारा संकलित किए गए आंकड़ों और दस्तावेजों से ऐसे तथ्य प्रकाश में आए हैं जो ये दर्शाते हैं कि राष्ट्रीय हरित अभिकरण (एनजीटी) द्वारा जारी आदेशों का मप्र में उतनी गंभीरता से पालन नहीं हो पा रहा है जितना होना चाहिए। एनजीटी द्वारा पारित विभिन्न आदेशों पर गंभीरता से पालन नहीं होने से सरकारी तंत्र की कार्यप्रणालियों पर भी सवाल उठाए जा सकते हैं। एनजीटी के इन्हीं महत्वपूर्ण आदेशों के क्रियान्वयन पर केंद्रित विशेष लेख।
भारत को एक सूत्र में पिरोने में सफल रही है सनातन संस्कृति
भारतीय सनातन संस्कृति, सभ्यता और परम्पराएं विश्व में सबसे अधिक प्राचीन मानी जाती है। भारतीय संस्कृति को विश्व की अन्य संस्कृतियों की जननी भी माना गया है। भारत की संस्कृति और सभ्यता आदि काल से ही अपने परम्परागत अस्तितिव के साथ अजर अमर बनी हुई है।
जब 100 प्रतिशत मतदान होगा तभी जनप्रतिनिधियों की गुणवत्ता में सुधार होगा
भारत आज वैश्विक पटल पर एक महत्वपूर्ण आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहा है एवं भारत विश्व को कई क्षेत्रों में नेतृत्व प्रदान करने की स्थिति में भी आ गया है। कुछ देश (चीन एवं पाकिस्तान सहित) भारत की इस उपलब्धि को सहन नहीं कर पा रहे हैं। वैश्विक स्तर पर समस्त विघटनकारी शक्तियां मिलकर भारत को तोड़ना चाहती हैं।
स्टार्टअप सिस्टम को बढ़ावा देने पर जोर
साथियों बात अगर हम भारतीय वाणिज्य मंत्री के 13-16 नवंबर 2023 के अमेरिका दौरे की करें तो, सोमवार को वह सैनफ्रांसिस्को पहुंचे, जहां वह एशिया पैसिफिक इकॉनोमिक कॉपरेशन (एपीईसी) की बैठक में हिस्सा लिया।
किसानों की हितैषी मध्यप्रदेश सरकार
आज से कुछ वर्ष पूर्व तक मध्य प्रदेश की गिनती देश के बीमारू राज्यों की श्रेणी में की जाती थी। बीमारू राज्यों की श्रेणी में मध्य प्रदेश के अलावा तीन अन्य राज्य भी शामिल थे, यथा, बिहार, राजस्थान एवं उत्तरप्रदेश।
राजस्थान चुनाव में बागी दिखा रहे दम
राजस्थान में आगामी 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव के के वोट डाले जाएंगे। प्रदेश में राज बदलने के प्रयास में लगी भाजपा में बड़ी संख्या में बागी प्रत्याशियों के मैदान में उतरने से पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के सामने संकट पैदा हो रहा है।
विधानसभा में नीतीश का बयान बना मुद्दा
स्त्री शिक्षा के फायदे गिनाते-गिनाते नीतिश कुमार भाषा की मर्यादा इस कदर भूल गए कि याद भी नहीं रहा कि वो लोकतंत्र के मंदिर में बोल रहे हैं? अक्सर माननीयों के बिगड़े बोल सामने आते रहते हैं, लेकिन जिस तरह से नीतिश ने हाथ मटका कर, अजीब भाव भंगिमा के साथ मंगलवार को विधानसभा में जो शब्द बोले वो ज्यों के त्यों लिखे भी नहीं जा सकते।
बाजार मुस्कुराया पर महंगाई की फिक्र
दीपावली त्योहार के इन दिनों में शहरी और ग्रामीण बाजारों में बढ़ती मांग और उत्साह का सुकून दिखाई दे रहा है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईआई) की ताजा रिपोर्ट बताती है कि महंगाई में आई कमी से कच्चे माल की लागत एक-तिहाई घट गई है।
स्वदेशी के मंत्र ने भारत के आर्थिक विकास को नये पंख लगा दिये हैं
भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व में सबसे अधिक तेज गति से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गई है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्रीय वार्ता को संबोधित करते हुए सतत विकास के प्रति देश की प्रतिबद्धता पर बल दिया।
महामारी के रूप में फैलता प्रदूषण
आज जिस दर से प्रदूषण पूरी दुनिया में फैल चुका है, उससे यह साफ हो चुका है कि पूरे विश्व में प्रदूषण एक महामारी का रूप ले चुका है। दुनिया भर में से 91 फीसदी आबादी ऐसी जगहों पर रह रही है जहां का एयर क्वालिटी लेवल विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित लेवल से काफी ज्यादा है। वैश्विक स्तर के अनुसार वायु प्रदूषण पूरी दुनिया में विकराल रूप ले चुका है, जिसके चलते कई में लोग असमय काल के गाल में समा रहे हैं।
कैसे उछला सौ अकबर लाने का नारा
छत्तीसगढ़ के चुनाव क्या पहली बार सांप्रदायिक होने जा रहे हैं, क्या दो विधानसभा सीटों में हुई सांप्रदायिक घटनाएं पूरे राज्य के माहौल को प्रभावित करने जा रही हैं? यह सवाल इसलिए उठ रहे है क्योंकि यह पहली बार है जब यहां के चुनावों में हिंदू-मुस्लिम और ध्रुवीकरण जैसी बातें हुई हैं।
सीएम भूपेश ने किया जीत का दावा, कहा-5 साल के कामों पर लगी मुहर
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव खत्म हो गया है। सभी राजनीतिक पार्टी के प्रत्याशी समेत पार्टी के लीडर जीत का दावा कर रहे हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी मतदाताओं का आभार जताया है।