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औरों से अलग है पुलिस वालों के बच्चों की जिंदगी
अकसर पुलिस वालों के बच्चे या तो इन्फीरिओरिटी या फिर सुपीरिओरिटी कौंप्लैक्स का शिकार रहते हैं. हालांकि यह समस्या या अवस्था कालेज पहुंचतेपहुंचते दूर हो जाती है लेकिन तब तक इन बच्चों को जो परवरिश चाहिए होती है वह पेरैंट्स, खासतौर से मां, नहीं दे पाते.
अमृतपाल और राशिद के लोकसभा में पहुंचने का मतलब
भाजपा के शासन में धर्म का महासंग्राम चल रहा है और आगे भी उस की मंशा इसे चलाए रखने की है. लेकिन इस महासंग्राम में अपने ही अपनों से लड़ेंगे, यह निश्चित है, जैसे महाभारत का युद्ध जिस में दोनों पक्ष किसी बाहर के दुश्मन से नहीं लड़े, अपने ही अपनों से लड़े.
मध्य प्रदेश कमलनाथ का हिंदुत्व प्रेम कांग्रेस को क्यों ले डूबा
मध्य प्रदेश में भाजपा ने कांग्रेस को चुनाव में बड़ी मात दी. कांग्रेस आपसी कलह और टूटफूट में फंसी रही. वह समाज के दबेकुचले व पिछड़े तबकों तक पहुंच नहीं पाई. इस का सीधा फायदा भाजपा को मिला.
भविष्य जानने की भोंड़ी विधि
यदि भविष्य के गर्भ में स्थित बातों को जानना आसान होता तो कोई भी अपने भविष्य को इस तरीके से जान सकता था. शिल्पशास्त्र ऐसी ऊलजलूल बातों से भरा पड़ा है.
एकतरफा प्यार को न बनने दें दर्द का सबब
एकतरफा प्यार किसी को कभी भी हो सकता है. लेकिन समझदारी इसी में है कि इसे महज अच्छी याद ही समझा जाए और दिल से न लगाया जाए, वरना परिणाम बुरे भी साबित हो सकते हैं.
राम मंदिर आंदोलन के बाद चीन के मुकाबले भारत की गिरती ग्रोथ
एक समय भारत और चीन अर्थव्यवस्था के मामले में साथसाथ चल रहे थे. मगर राम मंदिर आंदोलन के बाद से देश प्रतिव्यक्ति की जीडीपी चीन के मुकाबले पिछड़ती चली गई, जहां चीन ने धर्म को सत्ता से दूर रखा वहीं भारत ने इसे केंद्र में रखा.
अब किसानों को रिझाने में जुटी भाजपा
लोकसभा चुनाव में किसानों ने भाजपा को जबरदस्त पटखनी दी है. कुछ समय बाद कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. यदि किसानों को नहीं साधा गया तो बहुत बड़ा खमियाजा भाजपा को भुगतना होगा.
लाशों पर सिंकती धर्म की रोटियां
चंद्रयान और मंगलयान के सपनों के बीच आज भी हमारे देश की अशिक्षित और असहाय जनता अंधविश्वास के जाल में फंसी हुई है. इस के जिम्मेदार जितने धर्म के ठेकेदार हैं उतने ही वे नेता हैं जो धर्म की ठेकेदारी चलाने की हरी झंडी दे रहे हैं. उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदरा राव तहसील में भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में 122 लोगों की मौतों ने इस सचाई को सामने ला दिया है.
निसंतानता पर फिल्में क्यों नहीं
देर से शादी, फर्टिलिटी रेट के गिरने व अन्य कारणों के चलते आजकल कपल्स के बीच निसंतानता बड़ी समस्या बन कर उभरी है. लेकिन इतने बड़े मुद्दे पर फिल्में नहीं बन रहीं. आखिर वजह क्या है, जानिए.
सर जी मी टू
मैं अपना बोरियाबिस्तर बांध आप के चार्टर यान की राह में पलकें बिछाए तैयार बैठा हूं, हे असंतुष्टों के नाथ, मैं आप के करकमलों द्वारा अपने गले में इज्जत का पट्टा डलवाने को बेकरार हूं.
बच्चों को रिस्क उठाने दें
बच्चा अगर धूप, धूल और मिट्टी में खेलना चाहता है तो उसे खेलने दीजिए, वह अगर पेड़ और पहाड़ पर चढ़ना चाहता है तो उसे चढ़ने दीजिए, वह अगर ऐसी कोई दूसरी एक्टिविटी, जो आप को जोखिमपूर्ण लगती हो, में शामिल होना चाहता है तो उसे रोकिए मत ताकि जरूरत पड़ने पर वह खुद की सहायता कर सके.
बाप बड़ा न भैया सब से बड़ा रुपैया
पैसा, सत्ता, संपत्ति की ताकत ऐसी है कि यह अच्छे से अच्छे रिश्तों में दरार पैदा कर देती है. ऐसा नहीं है कि यह आधुनिक समय की देन है, पौराणिक समय से कई युद्ध, टकराव इस के चलते ही हुए.
क्या आसान हो गया है जैंडर चेंज कराना
जैंडर चेंज कराने के पीछे जैंडर आइडेंटिटी डिसऑर्डर या जैंडर डायसोफोरिया है. इस के पीछे हार्मोनल बदलाव का होना है. जैंडर चेंज कराने वालों या इस की इच्छा रखने वालों का लोग अकसर मजाक उड़ाते हैं, पर समझने की बात यह है कि इसे कराने वाले ही जानसमझ सकते हैं कि वे अपनी लाइफ में क्या कुछ नहीं झेल रहे होते.
एंटीबायोटिक क्यों है खतरनाक
अकसर लोग छोटीछोटी बीमारियों के लिए एंटीबायोटिक खाते हैं, लेकिन क्या आप को पता है कि एंटीबायोटिक दवा के अनावश्यक और अत्यधिक उपयोग सेहत पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है?
सरकारी स्कूलों के बच्चे भी ला सकते हैं अच्छे नंबर
अगर एक्स्ट्रा करिकुलम एक्टिविटी को हटा दिया जाए तो प्राइवेट और सरकारी स्कूलों के बीच बुनियादी सुविधाओं का अंतर धीरेधीरे खत्म होता जा रहा है. ऐसे में यदि मेहनत और लगन से पढ़ाई करवाई जाए तो सरकारी स्कूलों के बच्चे भी अच्छे अंक ला सकते हैं.
बालिका गृहों में यौन शोषण
किशोर गृहों, बालिका गृहों और अनाथाश्रमों से बच्चों के भाग जाने की खबरें लगभग हर दिन अखबारों के किसी न किसी कोने में होती हैं क्योंकि इन गृहों में तैनात रक्षक ही भक्षक बन चुके हैं. नन्हीनन्ही बच्चियां यहां दुराचार का शिकार हो रही हैं और उन की चीखें सुनने वाला कोई नहीं है.
चारधाम यात्रा - मोक्ष के चक्कर में बेमौत मर रहे श्रद्धालु
कहते हैं देवता भी मानव योनि को तरसते हैं क्योंकि तमाम सुख और आनंद इसी योनि में हैं. लेकिन आदमी है कि मोक्ष के लिए मरा जाता है और इस के लिए उस की पसंदीदा जगह केदारनाथ और बद्रीनाथ हो चले हैं. 15 मई तक घोषित तौर पर 11 को 'मोक्ष' मिल चुका है और हर साल की तरह यह आंकड़ा अभी और बढ़ेगा.
राहुल गांधी से शादी का सवाल
धर्मसत्ता को और औरतों को गुलाम बनाए रखने के लिए शादी सब से जरूरी होती है. सनातनी व्यवस्था बिना शादी के पारिवारिक समाज में रहना उचित नहीं मानती. ऐसे में हर कुंआरे से यह सवाल बारबार उठाया जाता है कि 'शादी कब करोगे.'
ईरान के कट्टर राष्ट्रपति का दर्दनाक अंत
हैलिकप्टर दुर्घटना में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत पर जहां कुछ देशों ने अफसोस जाहिर किया है तो कई बहुत खुश हैं. इजराइल के कई यहूदी धर्मगुरुओं ने रईसी की मौत पर सार्वजनिक रूप से टिप्पणियां की हैं. तानाशाहों के बारे में लोगों की राय कुछ ऐसी ही होती है और उन का अंत दर्दनाक होता है.
संविधान की शक्ति गुलामी और भेदभाव से मुक्ति
संविधान एक बहुत बड़ी ताकत के रूप में स्थापित हो चुका है जो लोगों को हर तरह की सुरक्षा देता है. यह दस्तावेज सभी के अधिकारों की असल गारंटी है. इस के छिनने की चर्चाभर से आम लोग बेचैन हो उठते हैं क्योंकि वे घुटन और शोषण के दौर में वापस नहीं जाना चाहते. तो फिर क्यों इस पर हिंदूवादी आएदिन बवंडर मचाते रहते हैं, पढ़िए इस खास रिपोर्ट में.
50 प्लस की एंड यंग हौट ब्यूटीज
बढ़ती उम्र के साथ व्यक्ति की सुंदरता कम होने लगती है. उम्र के साथ चेहरे पर लकीरें नजर आना और शरीर में थोड़ी चरबी का बढ़ना आम बात है. लेकिन फिल्म जगत में ऐसी कई अदाकाराएं हैं जिन्होंने अपनी खूबसूरती से उम्र को मात दी है. बढ़ती उम्र के साथ ये ऐक्ट्रैसेस और ज्यादा खूबसूरत होती जा रही हैं.
खुशी हमारी मुट्ठी में
जिंदगी में हमेशा खुश रहने के साथ स्वस्थ, सक्रिय व संतुष्ट जीवन बिताना चाहते हैं, तो यह जानकारी आप के लिए ही है.
मैट्रो और मोबाइल
मोबाइल का गलत उपयोग करना कितना गलत परिणाम देता है, यह मुझे तब पता चला जब मैं एक दिन मैट्रो में सफर कर रहा था. विश्वास न हो खुद ही जान लीजिए ताकि आप को भी एहसास हो ही जाए.
करीबी रिश्ते में खटास लाए बीमारियां
रिलेशनशिप में खटास न सिर्फ मैंटल हैल्थ को प्रभावित करती है बल्कि फिजिकल हैल्थ पर भी इस का बुरा असर पड़ता है क्योंकि इस से होने वाले स्ट्रैस से कई तरह की बीमारियां पनपने लगती हैं.
एबौर्शन का फैसला औरत का ही हो
भारत के अनाथाश्रमों में लाखों की संख्या में ऐसे नवजात शिशु पल रहे हैं जिन को पैदा कर के मरने के लिए सड़कों, कूड़े के ढेर, नालियों व गटर में फेंक दिया गया. क्यों? क्योंकि समय पर गर्भवती अपना गर्भ गिराने में नाकाम रही और मजबूरन उसे अनचाहे बच्चे को जन्म देना पड़ा.
क्यों घर से भाग कर पछताती नहीं लड़कियां
कम उम्र की लड़कियों के घर से भागने की वजहें, थोड़ी ही सही, बदल रही हैं. माना यह जाता है कि लड़कियां आमतौर पर फिल्मों में हीरोइन बनने के लिए भागती हैं और नासमझी के चलते कोई भी उन्हें इस बाबत बहका लेता है.
दहेज से जुड़ी मौतें जिम्मेदार कौन
दहेज हत्या मामले में अकसर लड़के और उस के घर वालों को हिरासत में ले लिया जाता है. मगर क्या सही में दहेज से जुड़े मामलों में हमेशा सारा दोष लड़के या उस के घर वालों का ही होता है? कई बार इस के लिए दोषी खुद लड़की, उस के घर वाले और हमारा समाज भी होता है.
एकादशी महात्म्य - एकादशियों की ऊलजलूल कथाएं बनाम लूट का साधन
एकादशी के कर्मकांड अधिकतर संपन्न व खातापीता तबका करवाते दिखाई देता है. वे बड़े चाव से इस की ऊलजलूल कथाएं सुनते हैं, लेकिन शायद ही वे इस पर कोई सार्थक विमर्श कर पाते हैं या सवाल खड़े कर पाते हैं. अगर वे चिंतनशील होते तो जान जाते कि कैसे एकादशी कर्मकांड पंडों के लूट का साधन के सिवा और कुछ नहीं.
गुड गवर्नेस को मुंह चिढ़ाता पेपर लीक
'मैं अब और जीना नहीं चाहता, मेरा मन भर गया है. मेरी मौत के बाद किसी को परेशान न किया जाए. मैं ने अपनी बीएससी की डिग्री जला दी है. ऐसी पढ़ाई का क्या फायदा जो एक नौकरी न दिला सके.' पेपर लीक से परेशान व निराश युवा बृजेश पाल ने अपनी जान दे दी. यह उत्तर प्रदेश के कन्नौज के रहने वाले बृजेश पाल की ही व्यथा नहीं है, देश के कई मजबूर व बेरोजगार नौजवानों की भी यही कहानी है.
प्रज्वल रेवन्ना - राजनेता और पोर्न फिल्मों का धंधेबाज
पोर्न फिल्में अब हर किसी की जरूरत बन चुकी हैं. लोग इन्हें उत्तेजना के लिए भी देखते हैं और कई इन्हीं के जरिए जिज्ञासाएं शांत करते हैं. यह देह व्यापार की तरह का अपराध है जिसे कानूनन तो क्या, किसी भी तरीके से बंद नहीं किया जा सकता. वजह, इस का नैसर्गिक होना है. टैक्नोलौजी ने इस की पहुंच सस्ती और आसान भी कर दी है. पोर्न इंडस्ट्री की अपनी अलग दुनिया है लेकिन इस में हलचल तब मचती है जब प्रज्वल रेवन्ना जैसी कोई हस्ती इस में इन्वाल्व पाई जाती हैं.