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महाराष्ट्र के शिर्डी में करें साईं बाबा के दर्शन
शिर्डी के साईं बाबा का मंदिर आज एक विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बन चुका है, जहां प्रतिदिन भक्तों की भीड़ लगी रहती है। बाबा के भक्तों में सभी धर्म-जाती के लोग शामिल हैं। कोई बाबा के चरणों में शीश झुकता है तो कोई उनकी समाधि पर चादर चढ़ाता है।
वृक्ष जो हमे रखते है स्वस्थ
हमारे आस-पास कई वृक्ष ऐसे भी हैं जिनका अपना औषधीय महत्त्व भी है। जिसके प्रयोग से कई रोगों को ठीक किया जा सकता है। कौन से हैं वह वृक्ष आइए जानते हैं लेख से।
जीवन से जुड़े प्रमुख पेड़-पौधे
प्राचीन वैदिक काल से ही पशु-पक्षी, पेड़-पौधे मनुष्य के जीवन का अहम हिस्सा रहे हैं। मानव संस्कृति को विकसित करने व जीवित रखने में भी पेड़-पौधों ने प्रमुख भूमिका अदा की है। स्वर्ग में पाए जाने वाले कल्पतरू वृक्ष, रामायण में अशोक वाटिका तो दूसरी तरफ सिन्धु घाटी सभ्यता से प्राप्त पशुपतिनाथ के मोहरों में अंकित पेड़-पौधों, सांची स्तूप के तोरहणद्वार, अंजता एलोरा की गुफाओं में पाए जाने वाले पेड़-पौधों के चित्र इस बात को सिद्ध करते हैं कि चाहे वैदिककाल हो आदिकाल, प्राचीनकाल या फिर नवीनकाल सभी में प्रायः पेड़पौधों का योगदान व महत्त्व रहा है।
शुक्र ग्रह और ज्योतिष
शुक्र के निकट जाने वाला पहला अंतरिक्ष यान मैरीनर 2 था, जिसने 1962 में यात्रा की। अभी तक लगभग 20 यानों का उपयोग शुक्र के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जा चुका है। रूसी यान 'वेनेरा' सबसे पहले शुक्र पर उतरा। हाल ही में अमेरिकी यान 'मैगेलन' ने रडार द्वारा शुक्र की सतह के विस्तृत चित्र उपलब्ध कराये हैं। शुक्र पर संभवतः किसी समय, पृथ्वी की तरह, अपार जल मौजूद था। मगर यह वाष्पन द्वारा समाप्त हो गया। अब शुक्र की सतह पूर्णतः शुष्क है।
कैसा हो गर्मियों में आहार?
गर्मी की चिलचिलाती धूप और पसीना न केवल हमें परेशान कर देता है बल्कि कई बार यह हमें बीमार भी बना देता है। ऐसे में आपको बताते हैं कि गर्मी में किस प्रकार का आहार ले कर आप इस समस्या से बच सकते हैं।
सुगठित राष्ट्र की नींव है मातृत्व
मातृत्व एक आद्वितीय अनुभूति है जिसका शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता, यह तो सिर्फ महसूस किया जा सकता है। सृष्टि रचयिता ब्रह्मा एक पुरुष हैं, जब उन्होंने आत्ममंथन किया होगा तब जाकर सृजन का उत्तरदायित्व नारी पर सौंपा होगा। एक बालक सर्वप्रथम अपनी मां से ही सीखता है तभी तो एक मां अगर पुचकारती भी है तो भी शिशु उसी के पास रहना अधिक पसंद करता है और अगर मारती एवं डांटती भी है तो भी शिशु उसी के पास जाता है। मां अपने संतान की चिकित्सक,सर्जक एवं मार्गदर्शक होती है।
पूर्णिमा और बुद्ध
'चरथ भिक्खुवे चारिकं बहुजन हिताय बहुजन सुरवाए उत्थाए हिताए लोकानुकम्पाय' इन शब्दों में दिया था तथा इसी दिन उरूवेला में 3 कश्यप भाइयों को धम्म की दीक्षा देकर भिक्षु संघ में शामिल किया था।
आपके लिविंग रूम में उग सकते हैं फल देने वाले ये 7 पेड़
क्या आप जानते हैं कि आप कहीं भी इंडोर फलों के पेड़ उगा सकते हैं? अपने घर की सुंदरता को बढ़ाने के अलावा बौने फलों के पेड़ को उगाने से आपके परिवार के लिए ताजे फल भी मिलते हैं और घर के लिए स्वच्छ हवा फैलाने में मदद करते हैं।
गर्मी नाशक, रोग रक्षक-मट्ठा
पुराने जमाने से ही मट्ठा (छाछ) हमारे खान-पान का एक अहम हिस्सा रहा है, क्योंकि यह पाचन में हल्का, शक्तिदायक और रोगनाशक पेय है। इसीलिए हमारे प्राचीन चिकित्सा ग्रन्थों में इसे अमृत तुल्य बताया गया है। मट्ठे की कढ़ी बड़ी स्वादिष्ट और पाचक होती है। उत्तर भारत में मट्टे की स्वादिष्ट और पौष्टिक लस्सी बड़े चाव से पी जाती है। स्वास्थ्य की दृष्टि से इसकी उपयोगिता देखते हुए आजकल मट्ठा पीने का प्रचलन इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि कई शहरों में इसकी दुकानें खुलने लगी हैं।
अयोध्या-अपराजेय आस्था की नगरी
श्री राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विध्वंस कांड इस सदी की प्रमुस्वतम महत्त्वपूर्ण धार्मिक-राजनैतिक घटना मानी जाती है लेकिन सच तो यह है कि अयोध्या, जिसका अर्थ ही है 'वह स्थल जिसके विरुद्ध कभी युद्ध न किया जा सके', उसका हृदय स्थल सदियों से ध्वंस एवं निर्माण का इतिहास रचते रहे हैं।
पर्यटन के माध्यम से भगवान श्रीराम को जानें
श्रीराम से जुड़े धार्मिक पर्यटन स्थलों के दर्शन और पर्यटन दोनों का ही आनंद लेना चाहते हैं तो आईआरसीटीसी के स्पेशल ट्रेन 'श्री रामायण एक्सप्रेस' में टिकट कराइए और भारत ही नहीं श्रीलंका और नेपाल में भी श्रीराम से जुड़े धार्मिक स्थलों के दर्शन करिए।
शक्ति का स्वरूप और नवरात्री
नवरात्र देवी के शक्ति रूपों का महापर्व है। समस्त संसार को आलोकित, ऊर्जामय करने वाली देवी संसार की पालनहार हैं। चैत्र शुक्ल पक्ष के नवरात्र महोत्सव भी हमको देवी भगवती के विशाल स्वरूप और शक्ति का अनुभव कराते हैं।
मानव जाति के आदर्श श्रीराम
आदर्श, करुणा, दया, त्याग, शौर्य और साहस इन सारे गुणों का प्रतिबिम्ब है एक नाम, श्री राम', जिनका सम्पूर्ण जीवन ही जनमानस के समक्ष एक आदर्श प्रस्तुत करता है तथा हमें प्रतिपल कुछ नई सीरव अवश्य देता है। कौन हैं श्री राम, क्यों कहलाए वह मर्यादा पुरुषोत्तम राम व जनता के आदर्श? जानते हैं इस लेव के माध्यम से।
श्री राम से जुड़े प्रमुख तीर्थ व मंदिर
प्रभु राम ने अपने जीवन चरित्र से इस धरा पर रहने वाले मनुष्यों के लिए आदर्शों की स्थापना की। अपने सभी संबंधों में वह आदर्श की कसौटी पर पूर्णतः खरे उतरे। देश के हर कोने में उन्हें पूजा जाता है, न केवल भगवान राम बल्कि उनके जीवन से जुड़े क्षेत्रों को भी तीर्थ के समान ही समझा जाता है। यहां हम आपको राम जी से जुड़े ऐसे ही तीर्थ व मंदिरों से रूबरू करवा रहे हैं।
उत्साह, उमंग और रंग...
फागुन के शुरू होते ही पूरा देश होली की मस्ती में डूब जाता है। लोकगीतों के सुरों पर झूमने का दौर शुरू हो जाता है। बेशक देश के अलग-अलग हिस्सों में होली अलग-अलग ढंग से बनाई जाती है पर उद्देश्य सबका एक ही हैरंगों और गीतों की मस्ती में सरोबार रहना।
आपके अपनों के लिए भी घातक है धूमपान
आज के बदलते माहौल में सिगरेट पीना यानी कि धूम्रपान करना लोगों के लिए स्टेटस सिंबल बन गया है। इसके चलते आज अधिक से अधिक युवा और खासकर महिलाएं भी इस लत का शिकार होती जा रही हैं। लेकिन धूम्रपान की ये लत आपके लिए जानलेवा भी साबित हो सकती है। ये आपके स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है। धूम्रपान से होने वाली स्वास्थ्य हानि तथा इसके नकारात्मक पहलू को समझें इस लेख से।
होली के रंग रंगीन पकवानों के संग
कोई भी त्योहार पकवानों के बिना अधूरे हैं और हर त्यौहार के अपने विशेष पकवान होते हैं। होली के त्योहार को आप कैसे बनाएं पकवानों से रवास एवं उसे बनाने की रेसिपी चलिए जानते हैं।
रम जाइए 'कच्छ के रण में'
गुजरात की लोक संस्कृति और परंपरा का मेल देवना हो तो आइए कच्छ के रण महोत्सव में, जहां का प्रमुख आकर्षण है 'ग्रेट रण ऑफ कच्छ', जिसका नाम सुनते ही ऊंट, रेगिस्तान, रेत और रंग-बिरंगी पोशाकों से सजे-धजे स्थानीय निवासी और पर्यटकों का ध्यान आता है जो इस उत्सव को महोत्सव में बदलते हैं और इसे विश्व प्रसिद्ध बनाते हैं।
पक्षाघात में आयुर्वेदिक चिकित्सा
पक्षाघात या लकवा मारना एक बहुत ही तकलीफदेह बीमारी है। इसमें शरीर काफी पीड़ा से गुजरता है । पक्षाघात शरीर के जिस अंग पर होता है उस भाग में कोई हलचल नहीं होती। पक्षाघात क्या है, क्या हैं इसके कारण, लक्षण एवं निवारण? आइए जानते हैं।
भारतीय संस्कृति का महापर्व 'कुंम्भ'
कुम्भ हमारी भारतीय संस्कृति का अत्यंत प्राचीन महापर्व है, जो कि बारह साल में एक बार आता है। इस बार यह 15 जनवरी से 4 मार्च 2019 तक प्रयाग (इलाहाबाद) में मनाया जाएगा। कुम्भ हमारी संस्कृति के साथसाथ हमारी आस्था का भी प्रतीक है। महाकुम्भ का अर्थ क्या है? क्यों यह बारह साल में एक बार आता है तथा इसका सांस्कृतिक महत्त्व क्या है? जानिए इस लेख से।
विज्ञान से भी सर्वोपरि ज्योतिष शास्त्र
वर्तमान युग विज्ञान का युग है किंतु हम ज्योतिष को नकार नहीं सकते, या कहें विज्ञान से भी सर्वोपरि है ज्योतिष, कैसे? आइए जानें इस लेख से।
ब्रेन पॉवर कैसे बढ़ाएं
सारा खेल दिमाग का है विशेष तौर पर परीक्षाओं के समय यदि दिमाग दुरुस्त तो समझो सब ठीक है। परंतु परीक्षा के समय डर के कारण तो अच्छे-अच्छों के दिमाग को जंग लग जाती है और सब कुछ जानते हुए भी गलतियां हो जाती हैं। इसलिए जरूरी है कि हम अपने ब्रेन की पावर बढ़ाएं ताकि सही समय पर इसका सही व बेहतर उपयोग हो सके।
ज्ञान, कला और वाणी की देवी सरस्वती
वाग्देवी, वीणावादिनी तथा भारती, जैसे नामों से हमारी संस्कृति में विरव्यात देवी सरस्वती ज्ञान व विद्या की देवी हैं। उनकी आराधना से व्यक्ति परम ज्ञान प्राप्त कर सकता है। भारतीय संस्कृति में देवी सरस्वती का स्थान बहुत उच्च है। इन्हीं पूजनीय देवी सरस्वती के नाम का अर्थ, उनकी जन्म कथा तथा रूप-स्वरूप को विस्तारपूर्वक जानें इस लेख से।
क्या है आर.ओ.वॉटर का सच?
शुद्धता व स्वच्छता के नाम पर आजकल बाजार में फिल्टर पानी बेचा जा रहा है, जो हमारे सेहत के लिए ठीक नहीं है। साथ ही यह पर्यावरण के लिए गंभीर समस्या है। कैसे, जानें इस लेख से।
बसंत पंचमी से जुड़ी कथाएं और घटनाएं
विद्या की देवी सरस्वती की पूजा का पर्व बसंत पंचमी एक पवित्र हिन्दू त्योहार है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। यह पूजा उत्तर प्रदेश, पूर्वी भारत, पश्चिमोत्तर बांग्लादेश, नेपाल और कई राष्ट्रों में बड़े उल्लास से मनायी जाती है।
आदर्श प्रेम के प्रतीक देवी-देवता
यूं तो हर इंसान का प्रेम अपने आप में सम्पूर्ण व अनुकरणीय होता है परन्तु कुछ लोगों का प्रेम इतिहास के पन्नों पर सदा के लिए स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो जाता है। आइये नमन करें कुछ ऐसे ही प्रेम के प्रतीकों को।
सूर्य उपासना का महापर्व मकर संक्रांति
मकर संक्रांति सूर्य उपासना का विशेष पर्व है, इस दिन से सूर्य उत्तरायण होना शुरू होते हैं। इस पर्व को समस्त भारत में बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है। क्या है इस पर्व का महात्म्य ? आइए लेव से विस्तारपूर्वक जानें।
विश्व भर में नववर्ष का स्वागत
पूरी दुनिया में नए साल के स्वागत की तैयारी कई दिन पहले से ही शुरू हो जाती है। सभी देशों में इसे मनाने की अपनी-अपनी परम्पराएं हैं, पूरी दुनिया में नए साल का स्वागत कैसे होता है। आइए जानते हैं।
मेवों में छिपा है सेहत का राज
सर्दियों के आते ही रवांसी, जुकाम, बुरवार जैसी छोटी-मोटी बीमारियां परेशान कर देती हैं। महज गरम कपड़े पहनना और चाय-कॉफी पीना ही पर्याप्त नहीं होता। सर्दियों में सूरवे मेवे आपको फ्लू, सर्दी, कफ आदि कई रोगों से बचाते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करते हैं। जानें सेहत से जुड़े इनके लाभ इस लेख से।
हर्ष, उमंग एवं सद्भावना का त्योहार- लोहड़ी
लोहड़ी की बात करते ही आंखों के सामने छा जाती है आग, मूंगफली और रेवड़ी की तस्वीर और साथ ही उभर आता है ढोल और भंगडे का शोर, क्यों? आइये जानते हैं।