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पंच पर्वो का महापर्व दीपावली
दीपावली यानी आनन्द और उल्लास का उत्सव तथा प्रकाश का पर्व । दीपावली का पर्व धन-प्राप्ति अनुष्ठान के लिए सर्वोत्तम माना जाता है लेकिन दीपावली का महान पर्व अकेले ही नहीं आता है, इसके साथ ही आते हैं पांच महान पर्व, जिन्हें हम पंचपर्व के रूप में मनाते हैं। इन पंच पर्वो का हिन्दू धर्म में महत्त्व जानें इस लेख से।
बड़ी अनोखी है कार्तिक स्नान की महिमा
हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का महत्त्वपूर्ण स्थान है । बारह पूर्णिमाओं में कार्तिक पूर्णिमा का महत्त्व सर्वाधिक है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
ताकि बनी रहे आँखों की ज्योति
यदि आखें न हों...ये सोचकर ही दिमाग में अंधेरा छाने लगता है, आखें हमारे शरीर का सबसे नाजुक अंग हैं। इसीलिए जरूरी है समय के साथ उनकी पूरी देखभाल करना, जानिए कैसे?
देश का भविष्य हैं बच्चेः पंडित नेहरू
14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाए या फिर नेहरू जयंती, दोनों ही एक दूसरे के पर्याय बन चुके हैं। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू को जितना प्रेम अपने राष्ट्र से था उतना ही राष्ट्र के भविष्य कहे जाने वाले नन्हे-मुन्ने बच्चों से भी था। डालते हैं एक नजर इस आलेख से।
जीवन में ज्योति का संचार करता - दीपक
दीपक का प्रकाश जहां जीवन से अंधकार दूर करता है वहीं शुभता का प्रतीक भी माना जाता है। वैदिक काल से ही भारतीय दर्शन में पूजा में दीपक की अहम भूमिका रही है जो आज तक कायम है विशेषकर दीपावली में दीयों का महत्त्व और भी बढ़ जाता है। विस्तार से जानें इस लेख से।
कैसे करें दीपावली पर बहीखाता, तराजू व कलम का पूजन?
व्यापार से मनुष्य की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है। यदि व्यापार चल जाये तो मनुष्य धनी बन जाता है और यदि नुकसान हो जाये तो बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
कैसे करें लक्ष्मी पूजन
दिवाली पर भगवान गणेश, विष्णु, कुबेर, बही-रवाता के पूजन की परंपरा है, लेकिन मां लक्ष्मी की पूजा विशेष रूप से की जाती है। लक्ष्मी को धन एवं समृद्धि की देवी कहा जाता है। जिस घर में लक्ष्मी का अनादर होता है, वहां दरिद्रता घर कर लेती है। जानें इस लेख से लक्ष्मी पूजा की विधि।
एक समाज, एक निष्ठा एवं श्रद्धा की छटा का पर्व'छठ'
छठ की दिनोंदिन बढ़ती आस्था और लोकप्रियता इस बात का प्रमाण है कि कुछ तो विशेष है इस पर्व में जो सबको अपनी ओर रवींच लेता है। पूजा के दौरान अपने लोकगीतों को गाते हुए, जमीन से जुड़ी परम्पराओं को निभाते हुए हर वर्ग भेद मिट जाता है। सबका एक साथ आकर बिना किसी भेदभाव के ईश्वर का ध्यान करना...यही तो भारतीय संस्कृति है, और इसीलिए छठ है भारतीय संस्कृति का प्रतीक।
नौ कन्याओं का पूजन क्यों?
नवरात्र में कन्या पूजन का विशेष महत्त्व है। नौ कन्याओं को नौ देवियों के रूप में पूजन कर अपने सामर्थ्यनुसार दक्षिणा देकर भक्त माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
फिर लौटा आयुर्वेद का जमाना
एक युग था जब लोग रोगों की चपेट में नहीं आते थे और अगर आ भी जाते थे तो स्वस्थ होने के लिए आसपास में ही मौजूद वैद्य के पास चले जाते थे या फिर घर में ही इतने घरेलू उपचार होते थे कि रोग घरेलू नुसवों व आस-पास पाई जाने वाली वनस्पति के माध्यम से ठीक हो जाता था। घरेलू नुसवों से समृद्ध चिकित्सा पद्धति का नाम है आयुर्वेद। इसके विषय में कई रोचक जानकारी पढ़ें इस लेख से।
दशहरा के विविध स्वरूप
बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है दशहरा। इस दिन भगवान राम ने युद्ध में लंकाधिपति रावण पर विजय प्राप्त की थी। बुराई पर अच्छाई का यह पर्व देश के विभिन्न हिस्सों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। देश के सभी हिस्सों में इसे मनाने के तरीके भी भिन्न-भिन्न हैं। बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक इस पर्व की विभिन्न झांकियों को देखें इस लेख से।
नवरात्र- व्रत और आहार
नवरात्र के दौरान व्रत-उपवास का भी विशेष महत्त्व माना जाता है । व्रत रखना मनुष्य की सेहत के लिए भी लाभकारी है। नवरात्र के दौरान कैसा हो स्वान-पान, जानें इस लेख से।
ले सर्व सुहागन करवड़ा....
कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को अपने अरवण्ड सौभाग्य व पति की दीर्घायु के लिए सुहागिनें श्रद्धापूर्वक करवाचौथ का व्रत ररवती हैं। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान आदि स्थानों पर यह पर्व विशेषरूप से मनाया जाता है। 'करवे' का अर्थ हैमिट्टी का बर्तन और 'चौथ' का अर्थ है - चतुर्थी।
आपके वस्त्र आपका व्यक्तित्व
आपके कपड़े आपके बारे में सब कुछ बताते हैं। आप किस तरह का पहनावा पसंद करते हैं, किस तरह के रंगों का चयन करते हैं, किस तरह आप उन्हें धारण करते हैं? आपके कपड़ों की दशा व स्थिति (नए-पुराने, धुले व मैले) आदि आपके व आपके सामने वाले को जानने एवं समझने में मदद करते हैं। क्या कहते हैं आपके कपड़े ? जानिए इस लेख से
योग का वैज्ञानिक आधार
योग को आज पूरे विश्व में मान्यता प्राप्त है । विज्ञान भी योग के चमत्कार को नमस्कार करता है ? अनुसंधानों से यह सिद्ध भी हो चुका है कि योग के द्वारा रोगोपचार संभव है योग के इस वैज्ञानिक विशेषण को आइए पढ़े लेख में।
शक्ति का स्वरूप और नवरात्र
नवरात्र देवी के शक्ति रूपों का महापर्व है। समस्त संसार को आलोकित, ऊर्जामय करने वाली देवी संसार की पालनहार हैं। चैत्र शुक्ल पक्ष के नवरात्र महोत्सव भी हमको देवी भगवती के विशाल स्वरूप और शक्ति का अनुभव कराते हैं।
शक्ति के नौ रूप, नौ दिन
मां दुर्गा अर्थात् शक्ति की अधिष्ठात्री देवी के नौ रूप होते हैं। इन्हें 'नवदुर्गा' कहते हैं। आइए जानें शक्ति के इन नौ स्वरूपों और उनके अर्थ।
सफरनामा धूल का
इस संसार में जहां-जहां तक धरती है, वहां-वहां तक धूल है। धूल हमारे पांवों के नीचे रहती है पर कभी-कभी उड़कर सिर पर भी चढ़ जाती है। धूल का मानव जीवन से घनिष्ठ सम्बन्ध है। इसलिए कहा जाता है, धूल में पैदा हुए, हम धूल में मिल जाएगें।
स्त्री ही क्यों करती हैं पुरुष की मंगल कामना?
दांपत्य जीवन में स्त्री पुरुष को रथ के दो पहिए की तरह बताया गया है परंतु पौराणिक कथाओं और धार्मिक व्रतों की मानें तो स्त्री ही पुरुष के लिए मंगल कामना करती अधिक दिखती हैं, ऐसा क्यों? जानें इस आलेख से।
9 योगासन अपनाएं और इम्यूनिटी को बढ़ाएं
अगर आप चाहते हैं कि आपकी इम्यूनिटी मजबूत रहे तो नीचे बताई गई इन क्रियाओं को करने से आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता काफी मजबूत हो जाएगी।
कौन सी विटामिन, किससे पाएं?
हमारा शरीर सदा स्वस्थ एवं ऊर्जावान रहे, उसके लिए बहुत जरूरी है कि शरीर को जरूरी विटामिन्स मिलते रहें। और इन विटामिन्स की पूर्ति हमें भोजन के माध्यम से होती है। किस स्वाद्य पदार्थ से कौन सा विटामिन मिलेगा? आइए जानते हैं लेख से।
आर्य संस्कृति के प्रतीक-शिव
देवों के देव महादेव भगवान शिव को संहार का देवता माना जाता है। भगवान शिव सौम्य आकृति एवं रौद्ररूप दोनों के लिए विख्यात हैं।
क्यों जरूरी है तीर्थ यात्रा?
आज के आधुनिक तेज रफ्तार से चलने वाले जीवन में लोग इतने व्यस्त हैं कि उनके पास अपने लिए समय ही नहीं है। ऐसे में तीर्थ यात्रा पर जाना तो दूर उसके बारे में सोचना भी लोग भूल गए हैं। अगर लोग आज तीर्थ यात्रा पर जाते भी हैं तो मनोरंजन या टाइम पास के लिए। तीर्थ यात्रा का उद्देश्य एवं महत्त्व मानो लुप्त सा होता जा रहा है। क्यों की जाती है तीर्थ यात्रा तथा क्या है इसका उद्देश्य? जानिए इस लेख से
कैसा हो त्वचा के लिए आहार?
आज बजार में तमाम तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट उपलब्ध हैं, जो आपकी त्वचा को साफ और सुंदर बनाने का दावा करते हैं, लेकिन आप अपने आहार में परिवर्तन करके भी त्वचा में निरवार ला सकते हैं। कैसे? आइए जानते हैं लेख से।
दालचीनी और शहद के गुण
दालचीनी और शहद का उपयोग तो लगभग हम सभी करते हैं पर शायद इनके भीतर छुपे रोगों को रखत्म करने के गुण को नहीं जानते होंगे। रोगों को मिटाने में इनका उपयोग कितना कारगर है? आइए जानते हैं इस लेख से।
पुराने समय के घरेलू उपचार
साधना पथ हमेशा आपके लिए कुछ नए तथ्य और नए विषयों का चुनाव करती आई है। इस बार का विषय है ए टू जेड बीमारियां और उनका इलाज, जिसमें हम आपको इंग्लिश अल्फाबेट ए टू जेड जो संख्या में 26 हैं, उसके अनुसार कुछ आम बीमारियों और उनके आसान उपचार से अवगत कराएंगे।
विश्व का एकमात्र अर्धनारीश्वर मंदिर
यूं तो इस धरा पर भगवान शिव के कई मंदिर है, किन्तु काठगढ़ महादेव मंदिर अपने आप में अनूठा एवं अद्वितीय है, क्योंकि यहां शिव अर्धनारीश्वर के रूप में स्थापित हैं।
कैसा था रामराज्य?
प्रायः हम लोग एक आदर्श शासन व्यवस्था की तुलना रामराज्य से करते हैं। ऐसे में बहुत से लोग ऐसे भी हैं जिनके मन में एक न एक बार यह प्रश्न जरूर उठता है कि आरिवर रामराज्य में ऐसा क्या था जो त्रेता युग के रामराज्य का उदाहरण आज भी दिया जाता है। तो आइए जानें इसके बारे में इस लेव के माध्यम से।
ज्योतिष में रत्नों का महत्त्व
रत्न आभूषणों के रूप में शरीर की शोभा तो बढ़ाते ही हैं, साथ ही अपनी दैवीय शक्ति के प्रभाव के कारण रोगों का निवारण भी करते हैं। क्या है रत्न, क्या है इनका महत्त्व तथा उन्हें कैसे करें जागृत आदि जानें लेव से।
कैसे और क्यों रखें उपवास?
भारतीय संस्कृति में व्रत, उपवास का विशेष महत्त्व है, किन्तु आज व्रत, उपवास के स्वरूप में काफी परिवर्तन आ गया है। लोग व्रतों के उदेश्यों व महत्त्व को भूल गए हैं। लेव से जानें व्रत की विधि व महत्त्व।