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ट्विटर में ट्विस्ट
बिसनैसमैन एलन मस्क के ट्विटर पर कब्जा कर लेने के बाद से ट्विटर कई उठापटकों से गुजर रहा है. जो ट्विटर पूरी दुनिया में अपने स्टैंडर्ड और रुतबे के लिए जाना जाता है, भविष्य में उस के वजूद को ले कर संशय पैदा होने लगे हैं..
प्रज्ञा ठाकुर के जहर घोलते बोल
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का 'सही' इस्तेमाल अब कट्टरवादी ही कर रहे हैं, मुद्दों की बातें करने वाले तो 'बेबसी' में मुंह में दही जमाए बैठे हैं. बेहद कट्टर प्रज्ञा ठाकुर व उन जैसे नेता क्या बोलते हैं और उन का मकसद क्या रहता है, जानिए आप भी.
छात्रों का सुसाइड हब बनता कोटा
कोटा छात्रों के लिए मौत की फैक्ट्री बनता जा रहा है. व्यक्तिगत तनाव और कोचिंग संस्थानों की आपसी प्रतिस्पर्धा के चलते छात्र खुद को अजीब स्थिति में पाते हैं. इस बात की तह में जाना जरूरी है कि कोटा में कोचिंग क्लासेस और छात्रों के बीच किस तरह का रिश्ता है?
रंग और सियासत
अक्षय कुमार, मनोज बाजपेयी, सुष्मिता सेन, उर्मिला मातोंडकर जैसे अनेक कलाकारों ने भगवा कपड़ों में फिल्मी परदे पर नृत्य किया तब किसी की आस्था को धक्का नहीं लगा, मगर भगवा बिकिनी पहने दीपिका पादुकोण के साथ जब शाहरुख खान ने चंद सैकंड का डांस सीन दिया तो हाहाकार मच गया. आस्थाएं छलनी हो गईं, क्यों? रंग को धर्म से जोड़ कर जनमानस की भावनाओं को भड़काने और अपने हित में भुनाने वाली सियासत के असली रंग को समझना जरूरी है.
लिवइन रिलेशनशिप पेचीदा संबंध अब खतरनाक
लिवइन रिलेशनशिप को ले कर समाज का नजरिया सकारात्मक नहीं है. हालिया श्रद्धा और पूनावाला कांड ने इसे और सवालों के घेरे में ला दिया. मसलन, इस को ले कर विवाह कानून जैसा कोई कानून नहीं बना है. इस को संविधान का मौलिक अधिकार मान कर कोर्ट अपने फैसलों में लिवइन रिलेशनशिप को वैध मान कर फैसले देता तो है पर महिला की सुरक्षा का सवाल आज भी बना हुआ है.
“मेरी राय में नारी सशक्तीकरण तभी होगा जब नारी आर्थिक रूप से सबल होगी" नीना गुप्ता
नीना गुप्ता इस समय उन चुनिंदा अभिनेत्रियों में शामिल हैं जो न सिर्फ ऐक्टिंग में संजीदा हैं बल्कि अलग हटके विषयों से समाज में जागरूकता लाने का प्रयास कर रही हैं. उन के कैरियर में उन्हें शोहरत देर से मिली पर जब मिली उस का लोहा आज फिल्म इंडस्ट्री मान रही है..
भगवान भक्तों की रक्षा क्यों नहीं करते
देश में हर साल भक्तों की टोली तीर्थ भ्रमण करती है. ऐसे मौकों पर हादसे भी हो जाते हैं जिन में कई भक्त लापरवाही से मौत के मुंह में समा जाते हैं. अगर भगवान ही इन भक्तों की रक्षा नहीं कर पाते तो तीर्थ पर जाने का क्या मतलब ?
शिमला सदाबहार पर्यटन
सर्दी का मौसम हो या गरमी का, शिमला सैलानियों के आकर्षण का केंद्र रहता है. यहां हर समय सैलानियों की भीड़ रहती है. यदि आप भी जाने की सोच रहे हैं तो यह जानकारी आप के काम आने वाली है.
बच्चों में बहरापन और इलाज
बच्चे के लिए शरीर के सभी अंगों के विकास की तरह सुनने की क्षमता का होना भी बहुत जरूरी होता है. किसी बच्चे में सुनने की अक्षमता यानी बहरापन एक छिपी हुई विकलांगता होती है.
सही समय पर करें बचत की प्लानिंग
तेजी से बदलते लाइफस्टाइल और बढ़ती महंगाई के बीच फाइनैंशियल प्लानिंग करनी जरूरी है. यह प्लानिंग रिटायरमैंट के बाद काम आती है. प्लानिंग कब व कैसे की जाए, यह जान लेना आवश्यक है.
पति जब बहक जाए
बहुत बार पति की ओछी हरकतों से पत्नी को जगहजगह शर्मिंदा होना पड़ता है. अकसर पतियों की नजरें हर महिला के शरीर पर होती हैं. मर्द अपने व्यवहार में जितनी शालीनता, मर्यादा बरतें उतनी ही उन की अपनी पत्नियों के साथ रिश्तों की खुशबू बनी रहती है.
“मुझे महिलाओं की शिक्षा पर जोर देना है" शीतल चौधरी
नवनिर्वाचित पार्षद दिल्ली नगर निगम
असाध्य बीमारियां टोटके नहीं ट्रीटमैंट है कारगर
आयुर्वेद की प्राचीन पद्धति के जानकार घरघर में हैं और सोशल मीडिया की मेहरबानी से इन की संख्या दिन दोगुनी रात चौगुनी बढ़ रही है. इस के चलते कई छोटीबड़ी बीमारियों में रोगी प्राथमिकता में आयुर्वेद को रखता है जिस कारण उसे लेने के देने पड़ जाते हैं.
राष्ट्रपति की चिंता देश में बढ़ती जेलों की संख्या
एक तरफ भारत सरकार यह दावा करती है कि देश तीव्र गति से विकास के पथ पर अग्रसर है, हर युवा हाथ को काम मिल रहा है तो दूसरी ओर जेलों की संख्या बढ़ाए जाने की बातें उठ रही हैं. इन दो विरोधाभासी बातों पर सवाल खड़ा कर के संविधान दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सरकार की ऐसी रग को दबा दिया है कि उस में छटपटाहट लाजिमी है.
बुलडोजर राज पौराणिक नीति
बुलडोजर इमारतों पर ही नहीं बल्कि लोगों की आजादी सहित कला और फिल्मों पर भी चल रहा है क्योंकि मौजूदा सरकार बुलडोजर को एक विचार की शक्ल में भी स्थापित कर चुकी है. इस बवंडर में वास्तविक मुद्दे दोयम दर्जे के और दोयम दर्जे के मुद्दे वास्तविक लगने लगते हैं. इमारतों वाले बुलडोजरों पर गुवाहटी हाईकोर्ट के फैसले ने सरकारों की मंशा पर पानी तो फेर दिया है लेकिन विध्वंसक विचारों वाला बुलडोजर बेकाबू है जैसे पुराणों में भस्म करने का श्राप देते थे वैसे ही बुलडोजर विध्वंस करने की सजा दे रहे हैं.
कसक
बहुत सालों बाद इंदु की आंखों में खुशी के आंसू थे. इंदु ने अपने अकेलेपन में खुशियां तलाश ली थीं. उसे समझ आ गया था कि शादी ही सबकुछ नहीं बल्कि खुश रहना भी एक कला है, चाहे आप अकेले खुश रहें या फिर किसी के साथ शादी के बंधन में बंध कर.
भारत भूमि युगे युगे
भड़ास निकालना जयराम का भी हक है पर वे हड़बड़ाहट में यह भूल गए कि कैरेट कीमती धातुएं नापने की इकाई है.
"संगीत के पतन के लिए संगीतकार और निर्देशक जिम्मेदार हैं" - रोहित शर्मा
शुरुआती समय की उठापटकों के बाद रोहित शर्मा आज सफल संगीतकारों में गिने जाते हैं. वे अपने काम को गहराई से करने में यकीन रखते हैं. उन्होंने कई सफल फिल्मों का संगीत दिया है.
कैंपस पौलिटिक्स जरूरी है
यह वह वक्त था जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह गुजरात में चुनावप्रचार के दौरान खुलेआम मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को इस बाबत बधाई दे चुके थे कि उन्होंने द्वारका में कथित अवैध मजारें तुड़वा दीं.
तो प्रोपगंडा है 'द कश्मीर फाइल्स'
जिस के बाद फिल्म को ले कर उन की बात सच साबित हो गई जो फिल्म के रिलीज होते कह रहे थे कि फिल्म वैमनस्य पैदा करने के मकसद से बनाई गई है.
कहानी
कुम्लक थी तो एक अच्छी लेखिका मगर जब मैगजीन में प्रकाशित होने के लिए उस ने एक कहानी भेजी तो उस पर बैन लगा दिया गया. आखिर क्या गलती की थी उस ने?
कुछ भी करा सकता है पैसा
कहते हैं न, पैसे के आगे कोई सगा नहीं. ठीक ऐसे ही आज का समाज बन चुका है. पैसे के लोभ में बच्चे अपने मांबाप को घर से निकालने से ले कर मार डालने तक से परहेज नहीं कर रहे.
बच्चों को पढ़ाई के साथ स्किल्स भी सिखाएं
जीवन में पढ़ाई की बहुत अहमियत है, इस से आप जानकारी में हासिल करते हैं पर पढ़ाई के साथसाथ उन व्यावहारिक स्किल्स का होना जरूरी है जो आप के नागरिक होने और बेहतर कैरियर के लिए बेहद जरूरी हैं.
दोस्त जब बन जाएं दुश्मन
जीवन में आगे बढ़ने के लिए अच्छे दोस्तों का साथ जरूरी है, मगर जब वही दोस्त राह में कांटे बिछाने लगें तो क्या करें?
युवा बच्चों की डोर थामे रहें मातापिता
बच्चे बहुत बार मातापिता से मिली आजादी का गलत इस्तेमाल कर बैठते हैं. ऐसे में जरूरी है कि मांबाप बच्चों को इतनी भी आजादी न दें कि वे उन्हीं से कटने लगें, उन की डोर अपने हाथों थामे रहें.
महिलाओं में मोटापे की वजह
नए दौर में युवाओं के काम का एनवायरमैंट कुरसी पर बैठने वाला अधिक हो गया है. इस मौडर्न लाइफ स्टाइल के साथ अस्वास्थ्यकर खुराक, भारी स्टार्चयुक्त भोजन, फलों तथा सब्जियों रहित खाना और शारीरिक श्रम का अभाव उन्हें मोटापे की तरफ धकेल रहा है.
पार्टनर झूठ बोले तो भी उस से अलग न हों
हर व्यक्ति कहीं न कहीं झूठ का सहारा लेता ही है. झूठ एक यूनिवर्सल सच है, लेकिन झूठ बोलने की सीमा क्या हो, किस परिस्थिति में झूठ बोला गया, यह ज्यादा मैटर करता है. अब सवाल यह कि अगर पार्टनर ही झूठा निकले तो उसे डील कैसे किया जाए, क्या उसे छोड़ दिया जाए?
धर्म के मामले में कट्टर अनुयायी नुकसान में
धार्मिक कट्टरता व्यक्ति को नुकसान पहुंचाती है. व्यक्ति इन चक्करों में समय और अनापशनाप पैसा बरबाद करता है. इस की जड़ में तमाम धर्म हैं जहां से निकल कर कर्मकांड अंधविश्वास का रूप ले लेते हैं. ऐसे में जरूरी है कि साइंटिफिक टैंपरामैंट बनाया जाए.
महिलाओं ने हिला दीं ईरानी सत्ता की जड़ें
ईरान की औरतों के लिए मोरल पुलिस के खत्म हो जाने से मुश्किलें कम हो जाएंगी, यह कहना थोड़ी जल्दबाजी होगी क्योंकि अभी यह साफ नहीं है कि हिजाब पहनने की अनिवार्यता से औरतों को आजादी मिली है या नहीं. फिर भी सलाम है ईरान की औरतों को जिन्होंने अपने हिजाब को क्रांति की पताका बना दिया और धार्मिक कट्टरता एवं जुल्म के खिलाफ फतह हासिल की.
टैक्नोलौजी बराबरी का मौका देती है लेकिन...
टैक्नोलोजी ने जिंदगी कितनी आसान और सुविधाजनक कर दी है, यह चारों तरफ दिखता है लेकिन अफसोस तब होता है जब टैक्नोलौजी को भी भगवान की देन मानते हुए इस का श्रेय भी उसे ही दिए जाने की साजिश धर्म के ठेकेदार करते हैं. क्या है यह षड्यंत्रकारी मानसिकता?