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धर्म और स्वर्ग कोरी कल्पनाएं
दुनिया के सभी धर्म कपोल कल्पना और मिथ्या से भरे हैं. सब में भूतभगवान, पापपुण्य, स्वर्गनर्क की अवधारणा से डर और लालच दिखा कर लोगों को ठगा जा रहा है. सभी धर्मों का आधार ही अंधविश्वासों पर टिका हुआ है. यह इसलिए ताकि धर्म के ठेकेदारों के दानपात्र हमेशा भरे पड़े रहें.
महिला सत्ताधारियों का नया दौर
आजाद खयालों वाली महिलाएं पुरुषों को हमेशा से खटकती रही हैं. जिन महिलाओं ने पुरुषों की इस चाल को समझ लिया वे उन के प्रभाव से निकलने में कामयाब रहीं और अब दुनियाभर में वे अपना दबदबा स्थापित कर रही हैं.
घरेलू नौकरों से कैसे पेश आएं
घरों में काम करने वाले नौकरों की आएदिन कई आपराधिक खबरें अखबारों में आती रहती हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मालिक और नौकर का सामंजस्य इन में से अधिकतर लोग निभा नहीं पाते. जरूरी है कि इसे समझा जाए.
सांपों के अंधविश्वास
ज्ञान की क्रांति के बावजूद समाज में सांपों को ले कर अंधविश्वास फलफूल रहा है. अभी भी लोग दूसरों की कहीसुनी बातों पर यकीन कर झूठ को सच मान लेते हैं. इस से वे अपनी जान को जोखिम में डालते हैं. सांपों से जुड़े तथ्यों को जानें.
महसा अमीनी दी जान और बनी आजादी की आवाज
महसा अमीनी की मौत ने ईरान में क्रांति की शुरुआत कर दी है. वहां सड़कों पर उतरी महिलाएं अपने बुर्के, हिजाब उतार रही हैं, अपने केश काट रही हैं और जेल जाने से नहीं डर रहीं. ईरान ही नहीं, दुनियाभर में हिजाब को ले कर अफरातफरी का माहौल रहता है. सवाल यह कि आखिर महिलाओं पर नियंत्रण क्यों?
त्योहारों पर कचोटता अकेलापन
त्योहार समाज से कनैक्ट होते हैं. ऐसे मौके पर अकेले रहना उदासी और अवसाद पैदा करता है. सैलिब्रेशन है तो खुश रहने की वजहें आसपास रहती हैं, बस, ढूंढ़नेभर की देरी है.
त्योहार में खुशियां बांटें दूसरे धर्म वालों के साथ
त्योहार आपसी मेलजोल बढ़ाने का एक अच्छा ओकेजन होता है. दीवाली एक अच्छा मौका है कि आपस में बंटी हर तरह की खाई को कम कर लिया जाए.
दीवाली उपहार छोटा मगर अच्छा हो
गिफ्ट महंगा व बड़ा हो, यह जरूरी नहीं. जरूरी यह है कि जिसे आप गिफ्ट दे रहे हैं उस के लिए वह कितना उपयोगी है. ऐसे में कोशिश करें वह गिफ्ट दें जो सामने वाले की जरूरत के मुताबिक हो.
घर के साथसाथ अपना कमरा भी चमकाएं
दीवाली पर घर की चमक सिर्फ बाहर से दिखाने भर के लिए न करें. अंदर कमरे भी चमकाएं. चमकते कमरे हर किसी को अच्छे लगते हैं. इस के लिए थोड़ी मेहनत तो करनी ही पड़ेगी.
छोटी बचत के लिए सोना या फिक्स डिपोजिट
आज मार्केट के उतारचढ़ाव के हिसाब से चलना बहुत जरूरी हो गया है. ऐसे में ब आप कहां लगा रहे हैं, इस की बहुत अहमियत है.
ऐसे दें दीवाली की शुभकामनाएं
दीवाली मौका होता है पुराने गिले शिकवे मिटाने का, रिश्तेदारी और दोस्ती मजबूत करने का. ऐसे में फोन में घुस कर पूरा दिन घर की चारदीवारी में बैठने से बढ़िया मेलमिलाप किया जाए, क्योंकि त्योहार के बाद यही आप की यादें बनेंगी.
दीवाली मनाएं या मैनेज करें
दीवाली का उत्साह बनाए रखना जरूरी है क्योंकि यह ऐसा त्योहार है जिस में हर अपनापराया खुशी व्यक्त कर सकता है. लेकिन जेब में पैसे और दिल में उत्साह न हो तो यह भार लगना स्वाभाविक है. भीषण मंदी, आसमान छूती महंगाई, जीएसटी और बेरोजगारी के इस दौर में भी अपने अंदर उम्मीद का एक दीया जगमगाए रखें.
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी एमएमएस कांड
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में 60 छात्राओं के नहाते हुए कथित वायरल वीडियोज ने हड़कंप मचा दिया है. हैरानी यह है कि इसे वायरल करने वाली खुद एक लड़की है.
हाउसिंग सोसाइटी में अविवाहित बैचलर्स पर रोक क्यों
कोई संवैधानिक नियम यह नहीं कहता कि हाउसिंग सोसाइटी में बैचलर्स को किराए पर मकान नहीं दिया जा सकता, फिर सोसाइटी में ऐसे उपनियम बना कर क्यों अविवाहितों को मकान किराए पर नहीं दिया जाता?
रोबोटिक सर्जरी
दुनियाभर के हैल्थ सिस्टम में तकनीकी बदलाव हो रहे हैं. अस्पतालों में औपरेशन के लिए रोबोटिक सर्जरी तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा मिल रहा है. हैल्थ केयर में सुविधा के तौर पर इसे देखा जा रहा है.
भूतप्रेत का भ्रम एक मानसिक रोग
भय का भूत होता है, वास्तविकता का नहीं. भ्रामक धारणाओं व अंधविश्वास के वशीभूत हो कर भूतप्रेत की कल्पना कैसे मानसिक रोगों को जन्म देती है, जानें.
आपराधिक अपीलें
न्यायपालिका का पहला कर्तव्य न्याय देना है. कोई निरपराधी जेल में बंद न हो जाए, इस का ध्यान भी रखना होता है. इसी के चलते आपराधिक मामलों में अपील करने का अधिकार मुलजिम को दिया गया है.
दुख देती है संतान की असफलता
समय पहले जैसा नहीं रहा कि थोड़ीबहुत पढ़ाई कर ली तो मेहनत के बल पर कैरियर बन जाए. अब लाखों रुपए पढ़ाई में खर्च कर के भी गारंटी नहीं कि बच्चे का कैरियर सफल हो पाए. ऐसे में संतान की असफलता पेरैंट्स को बहुत कचोटती है.
मुश्किल है जुर्म कर बचना
आज के तकनीकी समय में ऐसे कई उपकरण ईजाद हो गए हैं जिन से किसी अपराधी अपराधी भागीदारी या मौजूदगी की का पता आसानी से लगाया जा सकता है. ऐसे में अपराध कर बच निकल जाने की भूल बेवकूफी है.
घर खरीदें छली न जाएं
अभी तक जमीनजायदाद खरीदने की जिम्मेदारी मर्दों पर होती थी, मगर समय बदल रहा है. पढ़ाईलिखाई और अच्छी नौकरी के साथ अब महिलाएं भी प्रौपर्टी के मार्केट में नजर आने लगी हैं. ऐसे में हर तरह की जानकारी जरूरी है ताकि बिल्डर और ब्रोकर के हाथों वे छली न जाएं.
जनता को लुभाता रेवड़ी कल्चर
सारी बहस मुफ्त की रेवड़ी बनाम जन कल्याण सुविधा से जुड़ी है पर सच यह है कि इन सुविधाओं को पाने के लिए जनता को हमेशा गरीब ही बने रहना होगा. हर पार्टी के नेता मुफ्त योजनाओं की घोषणा करते हैं पर यह कितना सही है?
तलाक पर तिलमिलाहट क्यों
जब पतिपत्नी का एक छत के नीचे सहज तो सहज, असहज तरीके से रहना भी दूभर हो जाए तो एकदूसरे से तलाक ले कर छुटकारा पाना गलत नहीं दिक्कत यह कि कोर्टकचहरी में उन्हें परामर्श केंद्र, फैमिली कोर्ट और तरहतरह की एजेंसियों में उलझा कर उन के सब्र का इम्तिहान लिया जाता है. जब साथ रहना इच्छा में नहीं तो इस का जल्द निबटारा क्यों नहीं ?
देश की चुनौती, टूटता विश्वास टूटता समाज
आज लोगों का आपसी विश्वास टूट चुका है. पड़ोसी का पड़ोसी पर विश्वास नहीं रहा, जनता को राजनीति पर भरोसा नहीं. कानून समय पर मदद करेगा, विश्वास नहीं. धर्म व जाति के नाम पर हर रोज नई दरारें सामने आ रही हैं जो इस टूट की जिम्मेदार हैं. आमजन इस टूटन को भांप नहीं पा रहा है.
दिल्लगी
घर में बेरोजगार बैठे एक शख्स को इश्क का बुखार चढ़ा और लड़की उसे मिल भी गई लेकिन जब वह उस से मिलने गया तो सिर मुड़ाते ही ओले पड़ गए...
नया सवेरा
आकाश के प्यार को ठुकरा कर नेहा अपनी जिंदगी में खुश थी, मगर फिर क्या हुआ उस के साथ कि सालों बाद उसे आकाश की याद आ गई और वह उस से मिलने को बेकरार हो उठी.
"हिंदी में बात करने में आखिर शर्म कैसी?" यश टोंक
यश टोंक ने अपने कैरियर की शुरुआत मौडलिंग से की. उस के बाद सीरियलों में सफलता हासिल करने के बाद उन्होंने फिल्मों की तरफ रुख किया. इन दिनों वे फिल्म ‘हरियाणा' को ले कर चर्चा में हैं.
जिम अवश्य जाएं अच्छी सेहत के लिए
अच्छी सेहत पाना कोई शौर्ट टाइम कोर्स नहीं. जब तक उम्र है तब तक अच्छी सेहत के लिए प्रयास करना चाहिए. जिम सेहत को अच्छा बनाता है. जिम में की गई लापरवाही सेहत से खिलवाड़ कर सकती है.
वायरल फीवर हलके में न लें
इन दिनों मौसमी फीवर चल रहा है, यानी वायरल फीवर इसे हलके में बिलकुल भी न लें. ऐसे में कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है.
न्यायालय और देश
देर से मिला न्याय, न्याय नहीं होता और गोधरा कांड जैसे गंभीर मामले की अगर फाइल बंद कर दी जाए तो पीड़ितों के न्याय का क्या होगा?
भद्रा का भय
भद्रा का भय दिखा कर पंडित आम लोगों के मन में एक डर का माहौल बना कर रखते हैं ताकि उन की रोजीरोटी चलती रहे. जरूरी है कि भद्रा के भय के चक्रव्यूह से बाहर निकला जाए.