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मिसेज मेघना राघव गुप्ता
मेघना की खूबसूरती के साथ ही उस की जाति को ले कर औफिस में तरहतरह की चर्चाएं हो रही थीं. जब मेघना ने अपनी शादी का कार्ड औफिस के कलीग को दिया तो कार्ड देख कर सभी हक्केबक्के रह गए.
अनकहा रिश्ता
पत्नी के देहांत के बाद महेशजी अपने बेटे के साथ शहर आ तो गए पर उन का मन लगाने के लिए वहां कोई न था. एक दिन उन्हें सामने वाले फ्लैट में एक संभ्रांत महिला दिखी. उस से इशारों में अभिवादन होने लगा. उन का मन अब लगने लगा परंतु यह अनकहा रिश्ता क्या अनकहा ही रह गया?
डीएनए जांच से डरना कैसा
डीएनए एक साइंटिफिक तरीका है यह पता लगाने का कि बच्चे के मातापिता कौन हैं पर डीएनए का इस्तेमाल कई और कारणों से भी होता है. जानिए आप भी.
फिल्मी हीरो पुलिस सिस्टम से लड़ता जांबाज आम आदमी
भारतीय सिनेमा को देखें तो दर्शक उन फिल्मों को खुद से ज्यादा रिलेट करते हैं जिन में एक आम आदमी सिस्टम या उस के किसी अंग, चाहे वह कोई चुना नेता, पुलिस या कोर्ट हो, से टकरा रहा होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि वह खुद को सताया हुआ महसूस करता है. हालिया फिल्मों में इस ट्रैंड से क्या संदेश मिल रहे हैं?
भारतीयों की बढ़ती औसत आयु का सच
पिछले 4 दशकों में भारतीय पुरुषों व महिलाओं की औसत आयु में निश्चित रूप से वृद्धि तो हुई है पर भारतीय बुजुर्गों को अपने जीवन के अंतिम वर्ष बहुत जर्जर स्थिति में गुजारने पड़ते हैं. यह सोचने की बात है कि आखिर भारत के लोग अंतिम दिनों में सेहतमंद जिंदगी क्यों नहीं गुजार पाते?
शेकी पोर्टफोलियो न बनने दें
किसी के लिए भी जौब छोड़ना आसान नहीं होता. जौब छोड़ने के कुछ कारण होते हैं. यदि कोई जौब सिर्फ शेकी पोर्टफोलियो बनाने के लिए छोड़ रहा है। तो यह भूल से कम नहीं.
गुस्सैल औरत कैसे निबटें
बाहरी गतिविधियों में शामिल होने से पुरुषों को यह फायदा मिलता है कि वे अपने मूड को शिफ्ट कर लेते हैं पर भारत में अधिकतर महिलाएं घरों में बंद जिंदगी जीती हैं, अधिकतर परेशानियां वे किसी से शेयर नहीं कर पातीं जिस के चलते उन में गुस्सा व तनाव पैदा होने लगता है. ऐसी स्थिति से कैसे निबटें जब औरत का स्वभाव गुस्सैल हो जाए.
डार्क टूरिज्म लोगों में बढ़ रही बरबादी देखने की तलब
दुनियाभर में डार्क टूरिज्म का चलन बढ़ा है. लोग ऐसी जगहों पर जाने के लिए उत्सुक हैं जहां से कोई डार्क हिस्ट्री जुड़ी हो. दरअसल यह जगह एक अलग तरह की क्यूरोसिटी पैदा करती है.
हिंसक होते शिक्षक बेहद चिंतनीय
स्कूलों में शिक्षकों द्वारा छात्रों को मारनापीटना कानूनन अपराध है, फिर भी ऐसी घटनाएं सामने हैं जहां शिक्षक इसे 'गुरु अधिकार' समझ छात्रों की बेरहमी से पिटाई करते हैं. जरूरी है कि ऐसे हिंसक शिक्षकों से निबटा जाए.
बेरोजगारी पर सरकार मौन
देश में बेरोजगारी सब से बड़ा और गंभीर मुद्दा है. भारत में लाखों की तादाद में पढ़ेलिखे युवाओं के पास नौकरियां नहीं हैं. सरकारी नौकरियों में लाखों पद खाली पड़े हैं मगर सरकार युवाओं को काम नहीं देना चाहती बल्कि उन्हें धर्म व राजनीति के चक्रव्यूह में उलझाए रखना चाहती है.
कोर्ट का कलीजियम किला सरकारी सेंध
प्रैस, सोशल मीडिया, टीवी मीडिया, संसद, चुनाव आयोग, ह्यूमन राइट्स आयोग, टैक्स संस्थाओं, सीबीआई व दूसरी जांच एजेंसियों आदि को पूरी तरह काबू में ले कर अब भाजपा सरकार को इन पर रोकटोक लगा सकने वाली न्यायपालिका की स्वतंत्रता को काबू में करने की जल्दबाजी लग रही है. सर्वोच्च न्यायालय व उच्च न्यायालयों में कलीजियम पद्धति से नए जजों के नाम चुनने की आजादी पर रोक लगाने के लिए छुटभैए छोड़ दिए गए हैं जो अनापशनाप बयानों से न्यायपालिका को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं.
“राजनीतिक संगठनों का मनोरंजन जगत में क्या काम ?” - दुष्यंत प्रताप सिंह
दुष्यंत प्रताप सिंह मल्टीटैलेंटेड हैं. छोटी उम्र से संगीत सीखने वाले दुष्यंत की म्यूजिक में बारीक पकड़ है. फिल्म इंडस्ट्री में आने के बाद उन्होंने अपने हाथ अभिनय में भी आजमाए. आज वे सफल निर्देशक के तौर पर जाने जाते हैं.
बुजुगों से झुंझलाएं नहीं
भारत में बुजर्गों में अवसाद की अवस्था बढ़ती जा रही है और 2030 तक अनुमान लगाया जा रहा है कि देश के 25 प्रतिशत बुजुर्ग अवसाद से पीड़ित होंगे. ऐसे में वे कई बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं.
बलात्कार पर रोक - पावरफुल औरतों के हाथों में
महिलाओं की सुरक्षा के लिए तमाम कानून बन जाने के बावजूद महिला हिंसा कम नहीं हो रही. इस का एक कारण वह मानसिकता है जो सदियों से महिलाओं को नियंत्रण करने की कोशिश में रहती है.
दिल का खयाल रखें कुछ ऐसे
सर्दी में दिल से जुड़ी समस्याएं किसी भी मौसम के मुकाबले ज्यादा घातक हो जाती हैं. इस सर्दी भी ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं जहां हार्ट संबंधी बीमारियां मौत का कारण बन रही हैं. ऐसे में जरूरी है कि स्वास्थ्य को ले कर जरूरी सावधानियां बरती जाएं.
छत्तीसगढ़ में हाथी समस्या
जंगलों की अथाह कटाई और अंधाधुंध खदानों में ब्लास्ट से जंगली जानवरों का रहवास खतरे में हैं. नतीजतन, छतीसगढ़ में हाथी समस्या बढ़ने लगी है जहां भोजनपानी की तलाश में वे घरों और फसलों का नुकसान करने लगे हैं.
पाचनतंत्र की गड़बड़ियां
खराब पाचनतंत्र इंसान में होने वाली कई बीमारियों का कारण बनता है. इस के खराब होने के अधिक कारणों में वे गलतियां होती हैं, इंसान जिन्हें जाने अनजाने करता है. ऐसे में इन गलतियों से बचें.
महिलाओं का उच्च पदों पर काम करना नहीं आसान
उच्च पदों पर कार्यरत महिलाएं भले कितनी ही प्रतिभाशाली हों या लगन से काम कर रही हों पर तरहतरह के भेदभाव के चलते उन का उस पद पर काम करना मुश्किल बना रहता है. क्या है इस की वजह, जानिए.
भोजपुरी सिनेमा - गरीबों का सस्ता मनोरंजन
भोजपुरी सिनेमा को अकसर अश्लीलता और फूहड़पन से जोड़ा जाता है लेकिन इस के पीछे की हकीकत क्या है? क्यों भोजपुरी सिनेमा इन उपमाओं के इर्दगिर्द कहीं ठिठकता और ठहरता दिखाई देता है? कहीं यह साजिश तो नहीं?
क्या प्रतिभाएं सनकी होती हैं
दुनियाभर में ऐसी कई महान हस्तियां रही हैं जिनकी आदतों को उन की सनक माना गया. पर क्या उन की आदतें सचमुच सनक थीं या उन के पीछे कुछ और ही मामला था ?
मुफ्त गूगल सेवाओं में छिपी है बेहिसाब कमाई
हम जितनी भी चीजें इंटरनैट पर सर्च करते हैं वे गूगल से सर्च करते हैं. दिलचस्प यह कि इतनी सारी सेवा देने के बावजूद गूगल अपने यूजर्स से एक पैसा भी नहीं लेता, कारण जानते हैं आप, नहीं न ? चलिए बताते हैं ऐसा कैसे ?
युवाशक्ति को निकम्मा बनाती सरकार
युवा ताकत को सत्ता के लालची भेड़ियों ने साजिशन ऐसे कुचक्रों में फंसा रखा है कि जिन से नेताओं को तो सत्ता का सुख हमेशा मिलता रहे मगर देश के युवाओं को स्थायी काम और पैसा कभी न मिले क्योंकि उसी का लौलीपौप दिखा कर ही सालोंसाल चुनाव जीतना है.
जोशीमठ का संकट - धार्मिक पर्यटन से पड़ी दरारें
धार्मिक यात्राएं शहरों पर किस तरह से भारी पड़ रही हैं, जोशीमठ इस की मिसाल है. बद्रीनाथ जाने वालों का यह पहला पड़ाव होता है. अनियोजित विकास की भेंट चढ़ा जोशीमठ पलपल धंसता जा रहा है. यहां के लोग बेहाल हैं. उन का सबकुछ धार्मिक यात्राओं की भेंट चढ़ चुका है.
जोड़ो यात्रा - कट्टरता की तोड़ पर फैविकोल
देश बहुत मुश्किल दौर से गुजर रहा है. आम लोगों को समझ नहीं आ रहा कि दिक्कत कहां और कैसी है. ऐसे में राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो' यात्रा लोगों को एक आश्वासन देने में सफल रही है. इस यात्रा की पौलिटिक्स क्या है और यह कितनी प्रभावी रही, जानें आप भी.
“मैं हर किरदार को निभाने के लिए अपनी कल्पनाशक्ति का उपयोग करती हूं” सारिका
फिल्म 'परजानिया' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाली सारिका ने लंबे अरसे बाद फिल्म इंडस्ट्री में वापसी की है. उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत 15 साल की उम्र में राजश्री प्रोडक्शंस से की थी और ब्रेक के बाद अब इसी प्रोडक्शंस हाउस से अपना सफर आगे बढ़ा रही हैं.
दवाओं के लेबल पर लिखी सूचना जरूर पढ़ें
बाजारों में नकली दवाओं की भरमार है. नकली दवाओं की पहचान करना आम आदमी के पल्ले से बाहर है. ऐसे में क्या करें.
टीबी के इलाज के बावजूद खांसी में खून
देश में टीबी एक महामारी की तरह है. हर साल लाखों की संख्या में में लोग इस बीमारी के चलते मौत के मुंह में समा जाते हैं. कुछ लोग टीबी का इलाज करवा इस इन्फैक्शन से नजात तो पा लेते हैं पर किस्सा यहीं खत्म नहीं होता.
बीमारी में न छोड़ें मांबाप का साथ
मांबाप के बुढ़ापे में बच्चे उन का बहुत बड़ा सहारा होते हैं. किसी परिस्थिति के चलते अगर बच्चे मांबाप से अलग रह अपनी गृहस्थी चला रहे हैं तो यह दिक्कत वाली बात नहीं है, दिक्कत तब है जब वे मांबाप की बीमारी में भी उन की सेवा न कर सकें.
डेट रेप ड्रेस लड़कियों को मिली आजादी पर अंकुश
पब, बार, डिस्क या पार्टियों में आजकल लड़के लड़कियां खुल कर एंजौय करते हैं. समस्या तब खड़ी होती है जब इन जगहों पर गई लड़कियों को वहां आए लड़के सुनहरा मौका समझ उन के जिस्म से खेलने का खुला न्योता मान बैठते हैं.
उधार दिए पैसे वापस कैसे लें
हर किसी के जीवन में कभी न कभी ऐसी स्थिति खड़ी हो जाती है जब अपना कोई करीबी पैसे उधार ले कर लौटाने का नाम नहीं लेता. यहां जानिए उधार दिए पैसे वापस मांगने के तरीके.