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"घर बैठने से मेरा काम नहीं चलता"
फिल्में डायरेक्ट करने और फिल्म स्कूलों में पढ़ाने के बीच अनुराग कश्यप इस साल काफी अदाकारी भी कर रहे
शिक्षा की नई परिकल्पना
इंडिया टुडे एजुकेशन कॉन्क्लेव 2024 में शिक्षाविदों ने भारत को वैश्विक अगुआ बनाने और 21वीं सदी के लिए तैयार करने पर कई सत्रों में व्यापक पैमाने पर विचार विमर्श किया
बांग्लादेश से अवसर छीनने की तैयारी
उद्योगहीनता के लिए बदनाम बिहार में टेक्सटाइल और लेदर इंडस्ट्री मजबूती से पांव जमाती नजर आ रही. सरकार की लुभावनी नीति उद्यमियों को खासी भा रही अलग-अलग जगहों पर फैक्ट्रियां लगने के साथ बड़ी संख्या में कुशल प्रवासी मजदूर बिहार लौट रहे
सदन से साइकिल की सोशल इंजीनियरिंग
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने यूपी विधानमंडल से संसद तक अपने नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देकर पार्टी के पीडीए नारे को और व्यापक बनाने की कोशिश की
सींग पकड़कर सीखने लगे शर्मा
बहुत अनुभवी न होने के बावजूद मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाए गए भजनलाल अपनी काबिलियत साबित करने के लिए हर तरह की अग्निपरीक्षा दे रहे. अब धीरे-धीरे नीतियों पर भी अपनी छाप छोड़ने लगे. एक संजीदा, संतुलित और बड़ी दूरदर्शी सोच वाले नेता के रूप में बन रही छवि
रामबाण दवा या भानुमति का पिटारा?
एससी और एसटी के उपवर्गीकरण की इजाजत देने वाले सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले से बहस छिड़ गई है कि क्या आरक्षण से वाकई सामाजिक समता आएगी या फिर यह महज वोट बैंक साधने का सियासी औजार बनकर रह जाएगा
पडोसियों से भारत क्यों पसोपेश में
हर ओर उथल-पुथल के मद्देनजर भारत को अपनी पड़ोस प्रथम की नीति पर नए सिरे से विचार की दरकार, वरना कहीं ऐसा न हो कि चीन फायदा उठाकर अपनी पैठ मजबूत कर ले
बघेलखंड के अतीत की नई इबारत
बांधवगढ़ नेशनल पार्क में इतिहासकारों और पुरातत्ववेत्ताओं की हाल की खोज से कई ठोस ऐसी जानकारियां मिली हैं जिनसे पूर्वी मध्य प्रदेश में बघेलखंड क्षेत्र के इतिहास को फिर से लिखा जाएगा.
मंत्री की बगावत
मध्य प्रदेश में एक मंत्री की हालिया बगावत फिलहाल भले ही दबा दी गई हो लेकिन इसने भाजपा को साफ कर दिया है कि पार्टी अगर अपने वफादार दिग्गजों की जगह दलबदलुओं को तरजीह देती रही तो उसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है.
जेलों से चलता जरायम
केस-एकः 24 जनवरी 2024 की सुबह तकरीबन 10 बजे का वक्त. जयपुर के पुलिस कंट्रोल रूम में एक कॉल आई. उस अनजान कॉल को रिसीव करते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया.
शिक्षकों के सवाल
साइंस ग्रेजुएट तेजस मजीठिया गुजरात के ऊना शहर के निवासी हैं और उनके पास साइंस की मास्टर्स डिग्री भी है. उन्होंने एजुकेशन में बैचलर (बीएड) कोर्स भी किया है और 2023 में सरकारी या सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए शिक्षक योग्यता परीक्षा (टीएटी) भी उत्तीर्ण कर लिया है.
कौन सुने फरियाद
दरअसल, कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पिछले महीने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लोकोमोटिव पायलटों के एक रनिंग रूम, या रेस्टरूम का दौरा किया और उनके कामकाज के हालात की पड़ताल की.. उसके बाद कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर सवाल पूछा, \"क्या लोको पायलट इंसान नहीं हैं?\" राहुल गांधी ने खुद भी उनके \"क्या 16 घंटे\" के कार्यदिवस और \"बेहद गर्म\" केबिनों के बारे में बात की. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 1 अगस्त को संसद में बजट चर्चा के दौरान आंकड़ों के साथ पलटवार किया.
चरम पर बुखार
बारिश आती है, तो वायरस भला कैसे पीछे रह सकते हैं? मई के आखिरी हफ्तों में देश में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वजह से लोगों को भीषण गर्मी से बहुत जरूरी राहत मिली, मगर उसके साथ ही देशभर में कई तरह के वायरल संक्रमणों का प्रकोप भी फैल गया. नई दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स में संक्रामक रोग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. जतिन आहूजा बताते हैं, \"बारिश और उच्च आर्द्रता (उमस) मच्छरों के प्रजनन के लिए आदर्श परिस्थितियां हैं. और, ये मच्छर दरअसल कई वायरस के वाहक होते हैं. इसके अलावा, उच्च आर्द्रता की वजह से वायरस जानवरों और मवेशियों को आसानी से अपनी चपेट में लेते हैं. खासकर एक जगह जमा हुआ पानी वायरल प्रकोपों के लिए एकदम सही प्रजनन भूमि होता है.\"
तिनकों में उम्मीद की तलाश
लगता है सड़क भी उस 'मौत की घाटी' तक जाने से डर रही है. मॉनसूनी बारिश ल की उस रौंदती रफ्तार और पहाड़ों के मलबे से दो गांवों मुंडाक्की और चूरलमाला को बहे 10 दिन बीत चुके हैं. अब सिर्फ बाकी बची हैं तो यादें, वीडियो और क्षत-विक्षत मानव अंग. कोझिकोड से हेयरपिन बैंड यानी तीखे मोड़ वाली सड़कों से होते हुए जब वायनाड के प्रशासनिक मुख्यालय कलपेट्टा तक पहुंचेंगे तो उसके आगे कुछ नहीं मिलेगा. 21 किलोमीटर तक केवल एंबुलेंस और पुलिस गाड़ियों की हलचल है. मेप्पाडी के आगे आपको पुलिस चेक पॉइंट मिलेगा जहां आपको पता चल जाएगा कि यहां इमरजेंसी का वक्त अभी खत्म नहीं हुआ है. 152 लापता लोगों की तलाश में यहां अभियान चल रहा है.
गुनाहों की देवी
ऑस्कर विजेता फिल्म प्रोड्यूसर गुनीत मोंगा की थ्रिलर सीरीज ग्यारह ग्यारह ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर 9 अगस्त को रिलीज हो रही
लौट आई अतीत की शानदार छटा
सैकड़ों विशेषज्ञों और कारीगरों के दशक भर लंबे और हैरतअंगेज संरक्षण कार्य के बाद हैदराबाद की नींव रखने वाले नवाबों के कब्रगाह की सादगी भरी भव्यता हुई बहाल
खास रहें पर पास नहीं!
पश्चिमी देशों से खरीद में बढ़ोतरी और स्वदेशी साजो-सामान पर जोर के चलते रूस के साथ सैन्य व्यापार में आई कमी. लेकिन देश के ज्यादातर हथियारों के रूसी होने की वजह से भारत को मॉस्को के साथ भी रणनीतिक प्रतिरक्षा रिश्ते बनाए रखने पड़ेंगे
पुराने गौरव को हासिल कर पाएगा नालंदा!
नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने इसे फिर से प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय जैसा बनाने का सपना देखा. मगर लगातार राजनैतिक विवादों से जूझता यह संस्थान फिलहाल न छात्रों को आकर्षित कर पा रहा है, न ही यहां विश्व स्तर के शिक्षक हैं. भव्य इमारतें फिलहाल शो-पीस बनीं
नींद क्यों रात भर नहीं आती-
देश में लोगों को रात में उस तरह का आराम नहीं मिल पा रहा जैसा कि उन्हें चाहिए. लेकिन नींद के इलाज की दिशा में हुई नई तरक्की अब इस मुश्किल में साबित होने लगी मददगार
धरौ पइसा, वर्दी वाले हैं
यूपी-बिहार बॉर्डर पर अवैध वसूली का रैकेट चला रहे पुलिसवालों ने वर्दी को लगाया गहरा बट्टा. अपराधी पुलिसवालों के खिलाफ पिछले दो दशक का सबसे बड़ा ऐक्शन
बेटा शहीद, मां-बाप का तो निवाला छिना
देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले शेखावाटी के सैनिकों के इन बूढ़े माता-पिता के मुंह में एक निवाला डालने वाला तक कोई नहीं. ऐसे में शहीदों के 'नेक्स्ट ऑफ किन' को मिलने वाले लाभ को लेकर बने नियमों पर छिड़ी बहस
देरी का सब भुगत रहे खामियाजा
सीईटी-यूजी के नतीजे आने में हुए विलंब की वजह से हर पक्ष प्रभावित छात्रों, अध्यापकों और सरकारी संस्थानों सबकी बढ़ी परेशानी
जम्मू में पाकिस्तान की नई खुराफात
पहाड़ी क्षेत्र में एक के बाद एक आतंकवादी हमलों का माकूल जवाब देने के लिए मशक्कत कर रहा है सुरक्षा प्रतिष्ठान
वायनाड में भारी पड़ी भूल
पर्यावरण संबंधी समितियों की कई चेतावनियों के बावजूद, बेहिसाब खनन और पेड़-पौधों की कटाई तथा जंगल साफ करने की गतिविधियां अंधाधुंध जारी रहीं और केरल को उसका भारी खामियाजा चुकाना पड़ा
प्रयास खाई पाटने का
मोअज्जम मोहम्मद
यानी अब सौ टोलों की एक दवा?
दरअसल, मोदी सरकार ने फास्टटैग के जरिए भारत के हाइवे-टोल संग्रह में काफी सुधार किया था. उसके पांच साल बाद सरकार अब अपने अगले महत्वाकांक्षी कदम ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस)-आधारित टोल वसूली प्रणाली की तैयारी कर रही है.
अलगाव बढ़ाता अधिनियम
असल में 1986 में जब गुजरात का अशांत क्षेत्र अधिनियम लाया गया, तो उसका मकसद सांप्रदायिक हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में घबराहट में होने वाली संपत्तियों की बिक्री को रोकना था. इसके पूरे नाम 'गुजरात अचल संपत्ति के हस्तांतरण पर प्रतिबंध और अशांत क्षेत्रों में परिसर से बेदखली से किरायेदारों के संरक्षण के प्रावधान अधिनियम' के अनुरूप ही वादा किया गया था. मगर जानकारों का कहना है कि गुजरात को धार्मिक आधार पर बांटने की कोशिश करने वाले लोग वर्षों से एक औजार के तौर पर इस अधिनियम का इस्तेमाल कर रहे हैं.
राजभवन को राहत नहीं
आप मौजूदा वक्त के असल पहलुओं को तभी समझ सकते हैं जब उन्हें अतीत के आईने में रखकर आंकें. पश्चिम बंगाल विधानसभा के स्पीकर बिमान बनर्जी पिछले राज्यपाल के कार्यकाल को लगभग निराशा भाव से देखते हैं.
समझदारी से कैसे चुनें विश्वविद्यालय
पहले माता-पिता से एक बात अपने को शांत रखें. इस मामले में न पड़ें. छात्र को अगुआई करने दें. प्री-स्कूल और स्कूल के 15 साल के दौरान आपने कमान संभाली. उनकी जड़ें रोपीं. वह पूरी जिंदगी उनकी बुनियाद रहेगी. अब उनके उड़ान भरने का समय है. कॉलेज जाना अहम दस्तूर है. उन्हें यह अपने दम पर करने की स्वायत्तता दें.
"रोजगार योग्य बनने के लिए छात्रों के पास अब अतिरिक्त कोर्स के विकल्प हैं"
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआइ) में सुधारों का सिलसिला शुरू किया. ये छात्र-केंद्रित सुधार पाठ्यक्रम के नए ढांचे, बहु-विषयक नजरिए, आधुनिक शिक्षाशास्त्र और पारदर्शी नियम-कायदों पर बल देते हैं.