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गांधी की स्त्री पलटन
आज नारी सशक्तीकरण और सार्वजनिक जीवन में उसके प्रतिनिधित्व का खूब हल्ला है। यह अलग बात है कि आज भी यह दूर की कौड़ी है। आजादी के संघर्ष में महात्मा गांधी ने जिस पैमाने पर महिलाओं को सार्वजनिक जीवन में आगे बढ़ाया और सामाजिक-रचनात्मक कार्यों के लिए प्रेरित किया, उसकी मिसाल और कहीं शायद ही मिलती है।
दूर के ढोल क्यों बाजे झमाझम
विशेष सत्र में लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई प्रतिनिधित्व देने का विधेयक पारित तो हुआ मगर यह दूर की कौड़ी
जागरुकता अभियान ने दिखाई सफलता की राह
बिहार के जाने-माने मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट और दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से डीएम की डिग्री हासिल कर चुके डॉ. अरविन्द कुमार संभवतः प्रदेश के पहले ऐसे डीएम डिग्री होल्डर हैं, जिन्होंने अपने पैतृक राज्य में वापसी की है। साल 2016 को बुद्ध पूर्णिमा के दिन 2 बेड से शुरुआत करने वाला यह अस्पताल अब विश्वस्तरीय अत्याधुनिक सुविधाएं देने वाला 100 बेड का अत्याधुनिक बुद्ध कैंसर सेंटर में परिवर्तित हो चुका है।
आईएमए ने डॉ. एकेएन सिन्हा राष्ट्रीय अवॉर्ड से नवाज़ा
बिहार के मोतिहारी जिले में अपने जमाने के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ स्व. डॉ. शम्भू शरण के पुत्र डॉ. आशुतोष शरण और उनकी पत्नी डॉ. जसवीर कौर शरण ने चिकित्सा जगत में अलग मुकाम हासिल किया है। 1985 में मोतिहारी के ज्ञान बाबू चौक पर दोनों छोटे से क्लिनिक से शुरुआत की थी। आउटलुक ग्रुप द्वारा आयोजित दो अलग कार्यक्रमों में अभिनेता मनोज बाजपेयी और पंकज त्रिपाठी के हाथों सम्मानित हो चुके डॉ. शरण को मुंबई में आयोजित ग्लोबल एक्सीलेंस अवॉर्ड 2019 एवं 2022 में अभिनेत्री माधुरी दीक्षित और अभिनेता अनुपम खेर भी सम्मानित कर चुके हैं।
डॉ. बी सी रॉय नेशनल अवॉर्ड ने बढ़ाया मान
भारत के चिकित्सा जगत के सर्वोच्च प्रतिष्ठित डॉ. बी सी रॉय नेशनल अवॉर्ड, आईएमए द्वारा नेशनल प्रेजिडेंट स्पेशल एप्रीसिएशन अवॉर्ड, फिल्म अभिनेता अनुपम खेर के हाथों ग्लोबल एक्सीलेंस अवॉर्ड, आउटलुक पत्रिका समूह द्वारा विजनरीज़ ऑफ़ बिहार अवॉर्ड से सम्मानित बिहार के जाने-माने सर्जन डॉ. एन.पी. नारायण किसी परिचय के मोहताज नहीं। साल 2022 में इंडिया टुडे ग्रुप द्वारा प्रकाशित आइकॉन्स ऑफ़ इंडिया कॉफ़ी टेबल बुक में डॉ. नारायण की स्टोरी प्रमुखता से प्रकाशित हुई थी।
दृढ़ निश्चय से मिली सफलता!
बिहार के गया जिले के खिजासराय थाना क्षेत्र के गौहरपुर गांव में 30 दिसंबर 1972 में जन्मे जाने-माने हड्डी रोग विशेषज्ञ ने परिश्रम के बूते बेमिसाल शोहरत हासिल की है। गया के जीबी रोड पर 2003 में निजी क्लिनिक की शुरुआत की और 2007 में हड्डी हॉस्पिटल एंड आर्ट सेंटर की आधारशिला रखी। मगध क्षेत्र के पहले एमआरआई और सीटी स्कैन के साथ अस्पताल की शुरुआत करने वाले डॉ. निश्चल अब अर्श सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल को लेकर चर्चा में हैं। आधुनिक सुविधाओं वाले इस अस्पताल में इस वक़्त ऑर्थोपेडिक्स, न्यूरो सर्जरी, कार्डियोलॉजी, जनरल सर्जरी, पीडियाट्रिक्स, साइकेट्रिक, जनरल मेडिसिन, ऑब्टेट्रिक्स एवं गाइनोकॉलोजी के अलावा गैस्ट्रोइंटेरोलॉजी की सुविधा भी मौजूद है।
सवेरा ने दिखाई उम्मीद की किरण
भारत में कैंसर से संबंधित कई चिकित्सक हैं, जो मरीजों को एक छत के नीचे सस्ते दर पर उच्च स्तरीय चिकित्सा उपलब्ध करा रहे हैं। ऐसे ही अस्पतालों में पटना स्थित सवेरा कैंसर एंड मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल का नाम है। हिन्दू राव, तीरथराम, ब्रीच कैंडी, महावीर कैंसर संस्थान और टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल मुंबई में अपनी सेवाएं दे चुके बिहार के जाने-माने कैंसर सर्जन और सवेरा कैंसर हॉस्पिटल एंड मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के प्रबंध निदेशक डॉ. विजय प्रताप सिंह बिहार के चिकित्सा जगत में किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं।
नंबर के भंवर में डूबते बच्चे
लाखों अभिभावकों की उम्मीद की नगरी कोटा रोजाना हो रही आत्महत्याओं से अब डराने लगी है
मिनट भर का अंधेरा हमें अंधा नहीं कर सकता...
आधुनिक विश्व में सबसे घृणित चिली में तख्तापलट और सर्वाधिक त्रासद तानाशाही सत्ता के आगमन के पचास साल पूरे होने पर सिनेमा के बहाने एक महान कवि की याद
आंख खुली पर देर से
शिमला-मनाली जैसे पर्यटन स्थलों पर बारिश में हुई भारी तबाही पर सरकार और सुप्रीम कोर्ट सख्त
छापे के खेल में बघेल
केंद्रीय एजेंसियों के दबाव और छत्तीसगढ़िया अस्मिता के खेल पर खड़ा हो रहा है चुनाव
बेचेहरा भाजपा आश्वस्त गहलोत
इस बार न तो कांग्रेस सरकार के खिलाफ हवा है और न ही मुख्यमंत्री गहलोत पिछली दो बार की तरह अलोकप्रिय, लेकिन भाजपा में वसुंधरा राजे के दरकिनार होने से पार्टी का चुनाव प्रचार बेचेहरा और बदरंग
चौहान की चुनौती चौतरफा
बीस साल से सत्ता में रहने के बाद मुख्यमंत्री मतदाताओं को रिझाने और सत्ता बचाने के लिए तूफानी दौरों के सहारे
हारे तो बड़ी लड़ाई मुश्किल
राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के आसन्न विधानसभा चुनाव केंद्र की चुनावी सियासत भी तय करने जा रहे, इसलिए तीनों मुख्यमंत्रियों पर अपने गढ़ को बचाने और देश की अगली राजनीति पर छाप छोड़ने की महती जिम्मेदारी
घोसी जनादेश के सियासी संकेत
घोसी में 'इंडिया' गठबंधन की पहली चुनावी जीत और प्रदेश कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन क्या विपक्ष में जान फूंक पाएगा
'तीन गुना ईवीएम बनाने में ही दो-चार साल लग जाएंगे'
संसद के विशेष सत्र और 'एक राष्ट्र एक चुनाव' की बहस पर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाइ कुरेशी से हरिमोहन मिश्र ने बातचीत की। मुख्य अंश:
इंडिया महाभारत
नाम प्रकरण से साबित होता है कि लोकसभा चुनाव सबके लिए करो या मरो जैसे
विमर्श के शिखर से
आधुनिक भारतीय विचारक शृंखला के अंतर्गत हिलाल अहमद के संपादन में सुदीप्त कविराज पर प्रकाशित किताब उनके बौद्धिक योगदान से परिचय कराती है। कविराज दक्षिण एशियाई राजनीति व बौद्धिक इतिहास के विद्वान हैं जो फिलहाल कोलंबिया विश्विद्यालय में पढ़ा रहे हैं। यह पुस्तक अंग्रेजी में लिखे उनके लेखों का अनुवाद-संचयन है।
गांधी को कलंकित करने के विरुद्ध
पिछले कुछ दशक से जारी अल्पसंख्यकों में असुरक्षा का भाव, मंदिर-मस्जिद जैसे विवाद, धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा और धर्मनिरपेक्ष ढांचे को ध्वस्त करने जैसे कदम भारत की राजनीति का अहम हिस्सा बन गए हैं।
चिकित्सा के सहारे शिक्षा की रखी बुनियाद
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के जाने माने ऑर्थोपेडिक सर्जन, विजय ऑर्थोपेडिक्स हॉस्पिटल के चेयरमेन और आजमगढ़ में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की शुरुआत करने वाले डॉ. राम बचन त्रिपाठी किसी परिचय के मोहताज नहीं।
सफल इलाज ने दिलाई कामयाबी
पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के सर्जिकल गेस्ट्रो एवं लीवर ट्रांसप्लांट विभाग में कार्यरत डॉ. राकेश कुमार सिंह को पेट के कैंसर की सर्जरी का विशेषज्ञ माना जाता है। विगत 18 वर्षों के दौरान दस हज़ार से अधिक सर्जरी को अंजाम दे चुके डॉ. राकेश कुमार सिंह लम्बे वक़्त तक दिल्ली स्थित सफदरजंग हॉस्पिटल और देहरादून के सिनर्जी इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साईंस के सर्जिकल विभाग को भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
सर्जरी से समाजसेवा तक का सफर
पाल ईएनटी क्लिनिक एंड रिसर्च सेंटर, पटना के संस्थापक, बिहार के सिवान जिले के बरई पट्टी गाँव में जन्मे बिहार के प्राख्यात चिकित्सक डॉ. परमानंद प्रसाद 'पाल' का नाम राज्य के शीर्ष चिकित्सकों में शुमार है जिन्होंने अपनी बेहतर चिकित्सकीय सेवा के जरिए लाखों मरीज़ों का भरोसा जीता है।
मुश्किल भरी राहों पर चलकर चिकित्सा जगत और समाज में बनाई पहचान
बिहार के मोतीहारी जिले में अपने जमाने के प्रसिद्ध फिजिशियन व शिशु रोग विशेषज्ञ स्व. डॉ. एम. ए रहमान के तृतीय पुत्र डॉक्टर मो. तबरेज़ अजीज ने मुश्किल भरी राहों पर चलकर चिकित्सा जगत में जो मुकाम हासिल किया है वो काबिले तारिफ है।
बेहतर चिकित्सा की बदौलत बनाई पहचान
मार्च 1981 को बिहार के बेगूसराय जिले के बासुदेवपुर गाँव में जन्मे डॉ. अभय कुमार, प्रदेश के चिकित्सा जगत का एक जाना माना नाम हैं। भारतीय डाक सेवा में पोस्टमास्टर के पद से सेवानृवित्त डॉ. अभय के पिता सतीश चंद्र राय चाहते थे कि उनके पुत्र अभय अच्छी तालीम हासिल कर चिकित्सक बनें और मरीजों की सेवा करें।
भाला फेंक के नए सिकंदर
नीरज और नदीम के बीच एशियाई खेलों में भी स्वर्ण की टक्कर की उम्मीद
सचमुच प्रज्ञान 'आनंद'
प्रज्ञानानंद शतरंज का नया सितारा, विश्वनाथन आनंद के बाद सभी की निगाहें इस युवा पर
'मुझे भीड़ का हिस्सा नहीं बनना'
फिल्म गदर 2 के तूफान में ओएमजी 2 मजबूती से खड़ी है। ओएमजी 2 में सशक्त भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री यामी गौतम फिल्म के प्रदर्शन से संतुष्ट और प्रसन्न हैं। यामी गौतम हिंदी सिनेमा की उन चुनिंदा अभिनेत्रियों में हैं, जो विविध भूमिकाओं के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने बीते दस वर्षों में अलग और नए विषयों की फिल्मों में अभिनय प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। विकी डोनर, बाला, उरी द सर्जिकल स्ट्राइक, काबिल जैसी कामयाब फिल्मों के बाद भी यामी गौतम सरल, सहज और जमीन से जुड़ी हुई हैं। उनसे फिल्म ओएमजी 2 के विषय में आउटलुक से मनीष पाण्डेय ने बातचीत की। मुख्य अंश:
इसरो को लगा चार चांद
जो काम आज से पचास-साठ साल पहले चांद पर पहुंच चुके देश अरबों डॉलर फूंक के भी नहीं कर सके, इसरो के वैज्ञानिकों ने वह काम इतने कम पैसे में कर दिखाया जितने में स्पेस पर एक फिल्म भी नहीं बन पाती है, पूरी दुनिया में अब चर्चा का विषय बन चुका चांद के दक्षिणी ध्रुव पर केंद्रित भारत का तीसरा चंद्रयान अभियान महज एक घटना नहीं, आजादी के बाद बनाई गई इस देश की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो की गौरवपूर्ण यात्रा का एक चमकदार पड़ाव
विवाद का नया बहाना
राज्यपाल बदलने के बावजूद हेमंत सरकार के साथ राजभवन का टकराव थम नहीं रहा
कांग्रेस में सेंध, अकाली से आस
पूर्व कांग्रेसियों के हाथ में भाजपा की डोर के बाद भी जीत की आश्वस्ति न होने से नजरें फिर अकाली से गठबंधन की ओर