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चुनाव परिणाम के बाद इंडिया ब्लौक
16 मई, 2024 को चुनावप्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में दहाड़ने की कोशिश करते हुए कहा था कि 4 जून को इंडी गठबंधन टूट कर बिखर जाएगा और विपक्ष बलि का बकरा खोजेगा, चुनाव के बाद ये लोग गरमी की छुट्टियों पर विदेश चले जाएंगे, यहां सिर्फ हम और देशवासी रह जाएंगे. लेकिन 4 जून के बाद कुछ और हो रहा है.
वक्फ की जमीन पर सरकार की नजर
भाजपा की आंखें वक्फ की संपत्तियों पर गड़ी हैं. इस मामले को उछाल कर जहां वह एक तरफ हिंदू वोटरों को यह दिखाने की कोशिश करेगी कि देखो मुसलमानों के पास देश की कितनी जमीन है, वहीं वक्फ बोर्ड में घुसपैठ कर के वह उसे अपने नियंत्रण में लेने की फिराक में है.
1947 के बाद कानूनों से रेंगतीं सामाजिक बदलाव की हवाएं
15 अगस्त, 1947 को भारत को जो आजादी मिली वह सिर्फ गोरे अंगरेजों के शासन से थी. असल में आम लोगों, खासतौर पर दलितों व ऊंची जातियों की औरतों, को जो स्वतंत्रता मिली जिस के कारण सैकड़ों समाज सुधार हुए वह उस संविधान और उस के अंतर्गत 70 वर्षों में बने कानूनों से मिली जिन का जिक्र कम होता है जबकि वे हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं. नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी का सपना इस आजादी का नहीं, बल्कि देश को पौराणिक हिंदू राष्ट्र बनाने का रहा है. लेखों की श्रृंखला में स्पष्ट किया जाएगा कि कैसे इन कानूनों ने कट्टर समाज पर प्रहार किया हालांकि ये समाज सुधार अब धीमे हो गए हैं या कहिए कि रुक से गए हैं.
फिल्म कलाकारों के नकली फैंस युवा पीढ़ी का नया पेशा
बौलीवुड में पीआर और मार्केटिंग एजेंसी के माध्यम से स्टार्स बनाए जा रहे हैं. नकली फैंस पैदा किए जाते हैं और फिल्मों को हिट करवाया जाता है. झूठ पर टिका यह स्टारडम आखिर कब तक चलेगा?
अपने लिवर की परेशानी को हलके में न लें
लिवर की बीमारी यानी हेपेटाइटिस का इन्फैक्शन पूरी दुनिया में एक बड़ी चुनौती के तौर पर उभर रहा है. इस से होने वाली मौतों की संख्या बड़ी तेजी से बढ़ रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान के मुताबिक हर साल इस बीमारी से 13 लाख लोगों की मौत हो रही है.
सफलता के बाद धोखा मगर क्यों
हालफिलहाल ऐसे मामले सामने आए हैं जहां सफल होने के बाद पत्नी ने पति को सिर्फ इसलिए छोड़ दिया क्योंकि वह उस के स्टेटस से मेल नहीं खाता था. मगर सवाल यह कि सफलता के बाद धोखा क्यों?
धारा 125 के तहत भत्ता पाने का हक किसे
धारा 125 सिर्फ तलाक लेने वाली महिलाओं के लिए ही गुजारे भत्ते का इंतजाम नहीं करती, बल्कि यह निराश्रित मातापिता, जायजनाजायज या अनाथ बच्चों, छोटे भाईबहनों या बहुओं के लिए भी सम्मान से जीवन जीने लायक पूंजी दिलवाने का प्रावधान करती है. नए कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) में यह प्रावधान धारा 144 में किया गया है.
तिथियों के तुक्के
जब शिल्पशास्त्र के नियमों के अनुसार तिथि और वार चुन कर घर बनाना शुरू किया जाता है तो यह सवाल उठता है कि क्या वाकई इन में कोई सचाई है या यह मात्र अंधविश्वास है?
अंगदान करने में औरतें आगे
उत्तर प्रदेश के राज्य अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन की सर्वे रिपोर्ट कहती है कि पुरुष मरीजों को लिवर और किडनी दान करने वाली 87 फीसदी महिलाएं होती हैं. वहीं जब कोई स्त्री लिवर या किडनी रोग से प्रभावित हो और उस को अंगदान की आवश्यकता हो तो केवल 13 फीसदी परिवार के पुरुष ही आगे आते हैं.
दुर्घटना का कारण बनती हैं पुरुषों के दिखावे में काम आने वाली महंगी कारें
महंगी कारें पुरुषों के दिखावे के काम आती हैं. जैसे पार्टियों में औरतें हीरे का हार चमकाती हैं उसी तरह आदमी महंगी कार का दिखावा करते हैं. महंगी कार शराब, सड़क दुर्घटना को आमंत्रित करती है.
सूरज पाल और कुमार विश्वास क्यों बदल रहे हैं धर्म के माने
धर्म के बाजार और कारोबार में इन दिनों भारी तबदीलियां देखने को मिल रही हैं. नएनए बाबा नएनए गेटअप में आ रहे हैं जो लुभावनी कहानियां व प्रसंग सुना कर भक्तों का जी बहला रहे हैं लेकिन साथ ही उन की जेबें भी खाली कर रहे हैं. इन की ग्राहकी अलगअलग है.
जाति के चक्रव्यूह में अपर कास्ट वूमन
समाज में एक बड़ा हिस्सा अपर कास्ट वूमन का है, जो आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होते हुए भी हाशिए पर है और उस की चर्चा कहीं नहीं हो रही है.
पितापुत्र में मतभेद शिक्षा और कैरियर के लिए
टैक्नोलोजी के चलते दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है और एक अनिश्चितता हर किसी के सामने मुंह बाए खड़ी है कि आने वाला वक्त कैसा होगा. इस का असर पिता और पुत्र के रिश्ते पर भी अलगअलग तरीके से पड़ा है.
रेप के डर से होती हैं नाबालिगों की शादियां
बाल विवाह हो या नाबालिग विवाह, कानून और समाज की सोच अलगअलग रही है. मनुस्मृति में लड़की की शादी की सही उम्र 8 साल बताई गई हैं. समाज सुधारक हिंदुओं के विरोध के बाद अंगरेजों ने शादी की उम्र को बढ़ाने का काम शुरू किया था.
मंडराने लगा है अग्निवीरों के भस्मासुर बन जाने का खतरा
बंदर के हाथ में उस्तरा और अग्निवीरों के हाथ में हथियार, दोनों में कोई खास फर्क नहीं है. सरकार सैनिकों को ट्रेंड कर रही है या समाज को नए अपराधी दे रही है, इश्मित का मामला देख कोई भी कह सकता है कि दूसरी बात हकीकत के ज्यादा नजदीक है.
बंगलादेश यूथ पावर ने पलटी तानाशाही
एक समय था जब शेख हसीना का नाम बंगलादेश में सत्ता की पहचान था लेकिन अब वे इतिहास बन गई हैं. छात्रों के विद्रोह ने जिस तरह से उन की सरकार को गिराया, वह भारत के लिए भी एक बड़ी सीख है कि तानाशाही ज्यादा समय तक टिक नहीं पाती. हालांकि, इस तख्तापलट के बाद बंगलादेश के सामने कई नई चुनौतियां भी खड़ी हो गई हैं.
फिल्म कलाकारों में पैसा कमाने की बढ़ती ललक
फिल्मी कलाकारों को अब अभिनय से ज्यादा पैसों में दिलचस्पी है. किसी भी कार्यक्रम में इन कलाकारों को पैसे दे कर आप नुमाइश करवा सकते हैं. शायद इसीलिए इन की लोकप्रियता में भी कमी आ रही है.
जब मिले व्हाट्सऐप पर इन्विटेशन कार्ड तो क्या करें
व्हाट्सऐप पर शादी का कार्ड मिले तो जाया जाए या नहीं, ऐसे सवालों का जवाब ढूंढना आसान काम नहीं रह गया है क्योंकि पुरानी जानपहचान खत्म हो रही है और नई बढ़ रही है. शादी में जाना इस बात पर निर्भर होना चाहिए कि बुलावा कैसे आया है.
तांत्रिकों के चक्कर में फंस कर अपनों का खून क्यों
देश की बड़ी विडंबना यह है कि यहां अंधविश्वासों और अंधविश्वासियों की कमी नहीं है. लोग बहुत जल्द छलावों में फंसते हैं. जिंदगी में थोड़ी सी उथलपुथल हुई नहीं कि चल देते हैं तांत्रिक व बाबाओं के पास.
टीनएजर्स भी हो रहे हैं हाई ब्लडप्रैशर का शिकार
दिल्ली के एम्स में ऐसे 60 बच्चों की जांच की गई जो मोटापे से पीड़ित थे. जांच से सामने आया कि 60 में से 40 फीसदी यानी 24 बच्चे हाई ब्लडप्रैशर के शिकार हैं. कहीं आप का बच्चा भी हाई ब्लडप्रैशर का शिकार तो नहीं?
कांवड़ यात्रा में नेमप्लेट सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मुसलमानों से ज्यादा क्या मोदी को मिली राहत
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पवित्र कहे जाने वाले सावन मास का पहला सोमवार ही नहीं फला. कांवड़ यात्रा के दौरान मुसलमानों और दलितों से अपनी दुकानों पर नाम और पहचान की तख्ती लटकवाने की उन की मंशा पूरी नहीं हुई और न ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसी आड़ में तंग करने की ख्वाहिश पूरी हो पाई. सुप्रीम कोर्ट ने दोटूक कह दिया कि ऐसा नहीं होगा, यह गलत है.
क्या अंबानियों के पास भाग्य और धर्मकर्म से आता है पैसा
शादी क्या थी, खासा तमाशा था जिस पर बेरहमी से 5 हजार करोड़ रुपए फूंक दिए गए और आलोचना व गिल्ट से बचने के लिए उस पर सनातन धर्म और संस्कारों का कवर चढ़ा लिया गया. अब हर कोई अंबानी परिवार के सनातनी संस्कारों की तारीफ में कसीदे पढ़े जा रहा है.
सांवला पति गौरी पत्नी जोड़ी निभे कैसे
अब तक पत्नी के सांवले रंग से पति को शिकायत होती थी लेकिन मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक पत्नी ने अपने पति के सांवले रंग से परेशान हो कर अलग रहने का फैसला किया है.
पूजा खेडकर और मनोज सोनी दक्षिणपंथी अधिकारियों की हताशा
4 जून के नतीजों का असर प्रशासनिक गलियारों पर भी पड़ा है. यूपीएससी के तिलकधारी चेयरमैन मनोज सोनी का इस्तीफा इशारा तो इसी तरफ करता है हालांकि पूजा खेडकर विवाद से भी उन के तार जुड़े हो सकते हैं. उन के पहले भी हिंदूवादी अधिकारी और जज तक हिंदू राष्ट्र के एजेंडे का हिस्सा बन चुके हैं.
टैक्नोलोजी ने आसान कर दी महिलाओं की जिंदगी
मानव जीवन की व्यस्तताओं को देखते हुए टैक्नोलोजी उसी के अनुरूप चीजों को आसान करती जा रही है. खासतौर पर उन महिलाओं की जो नौकरीपेशा हैं और घरबाहर दोनों जगहों की जिम्मेदारी अकेले उठा रही हैं.
नया बजट ऊंट पहाड़ के नीचे
संसद के पहले सत्र के बाद बजट सत्र में भी मोदी पर राहुल का खौफ साफ दिख रहा है. जो राहुल से कहते थे 'डरो नहीं', वे आज खुद डर रहे हैं.
महिलाओं को तोड़नी होंगी ग्लास वाल्स की बेड़ियां
21वीं सदी में महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर चल तो रही हैं पर एक अदृश्य दीवार उन्हें उन की पूरी क्षमता तक पहुंचने से रोक रही है.
हिंदू धर्म को प्रचारित करने का नया हथकंडा
चुनाव के बाद निराश हिंदू संगठनों ने फिल्म 'महाराज' के कथित हिंदूविरोधी होने को ले कर बवाल मचाना शुरू कर दिया है क्योंकि यह गुरुडम की पोल जो खोलती है जो आज भी जगहजगह चालू है. 1862 के 'महाराज लाइबेल केस' पर आधारित यह फिल्म 'चरण सेवा' कुप्रथा पर है लेकिन फिर भी फिल्म बनाने वाले ने हिंदू धर्म की महानता के कसीदे पढ़े. हालांकि वह यह दर्शाने में भी सफल रहा कि धर्म के नाम पर औरतों का शोषण कैसे जायज था.
गेहूं की रोटी रसोई से क्यों निकालने पर तुले हैं लोग
क्या आप ने सोचा है कि आप के घर में काम करने वाली मेड के शरीर पर चरबी क्यों नहीं चढ़ती जबकि वह आप से चारगुना ज्यादा रोटियां खाती है? वह दुबली पतली है क्योंकि वह सारा दिन शारीरिक श्रम करती है जबकि आप खाना खा कर बिस्तर या सोफे पर ही पड़ी रहती हैं.
बच्चों की खरीदफरोख्त जिम्मेदार कौन
यदि गोद देने की कानूनी प्रक्रिया को तेज कर दिया जाए और अनाथ बच्चों को तुरंत किसी निसंतान दंपती की गोद में दे दिया जाए तो न समाज में बच्चों की खरीदफरोख्त करने वाले गिरोह पनपेंगे और न ही ऐसे बच्चे घर और मांबाप के प्यार को तरसेंगे.