Aha Zindagi - September 2024Add to Favorites

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हिंदी की सर्वप्रिय पत्रिका अ​हा! ज़िंदगी का नवीनतम अंक। आमुख कथा हिंदी भाषा पर केंद्रित है, जिसमें विशेषज्ञ लेखकों ने हिंदी की वर्तमान स्थिति पर आशावादी ढंग से विमर्श किया है। इस बार अहा! अतिथि हैं वेब सीरीज़ गुल्लक के लोकप्रिय अदाकार जमील ख़ान। ज़िंदगी की किताब में है भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के अग्रगण्य प्रो. सतीश धवन का प्रेरक जीवन। इसके साथ ही जासूस फेलू'दा, डार्क मैटर व डार्क एनर्जी, इमोशनल हाईजैकिंग, निवेश, आयुर्वेद के मूल सिद्धांत ​आदि पर रोचक और ज्ञानवर्धक लेख।

आप क्या चुन रहे हैं?

बक़ौल अमेरिकी लीडर विलियम जेनिंग्स ब्रायन, 'भाग्य संयोग से नहीं बनता है। यह तो आपके चयन से बनता है।' इसलिए हमेशा सचेत रहें कि आप किस बारे में सोच रहे हैं और दूसरों की अच्छी चीज़ों को देखकर कैसा महसूस कर रहे हैं। आप जीवन के कैटलॉग से चुनाव अपनी भावनाओं के ज़रिए करते हैं।

आप क्या चुन रहे हैं?

4 mins

हस्ती जमील अदाकारी अज़ीज़

जमील ख़ान और अमिताभ बच्चन में तीन बातें समान हैं: दोनों शेरवुड नैनीताल में पढ़े हैं, दोनों ने 'चीनी कम' में काम किया, और दोनों को छोटे पर्दे ने लोगों के दिलों में बसाया और अपार सम्मान दिलाया। वेबसीरीज़ 'गुल्लक' में पिता यानी संतोष मिश्रा का किरदार निभाने वाले जमील ने लंबे संघर्ष के बाद अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने सिद्ध किया कि क़द-काठी से अधिक मायने रखती है अभिनय क्षमता और कुछ कर दिखाने की गहरी इच्छा। अरबी शब्द जमील का अर्थ होता है, सुंदर। अपने नाम के अनुरूप ख़ूबसूरत विचारों वाले जमील ख़ान बतौर अहा! अतिथि पाठकों से रूबरू हैं...

हस्ती जमील अदाकारी अज़ीज़

10+ mins

हिंदी किताबों में हिंदी

कोई बोली, भाषा बनती है जब वह लिखी जाती है, उसमें साहित्य रचा जाता है और विविध विषयों पर किताबें छपती हैं। पुस्तकों में भाषा का सुघड़ रूप होता है। हिंदी भाषा की विडंबना है कि उसकी किताबों में अंग्रेज़ी शब्दों की आमद बढ़ती जा रही है। कुछ को यह ज़रूरी लगती है तो बहुतों को किरकिरी। सबके अपने तर्क हैं। 14 सितंबर को हिंदी दिवस के अवसर पर आमुख कथा का पहला लेख इस अहम मुद्दे पर पड़ताल कर रहा है कि हिंदी किताबों में हिंदी क्यों घटती जा रही है?

हिंदी किताबों में हिंदी

6 mins

फिल्म नगरिया की भाषा

कितनी अजीब बात है कि हिंदी फिल्म उद्योग की भाषा हिंदी नहीं है। हिंदी फिल्मों में शुद्ध हिंदी का मज़ाक़ बनाया जाता है। सेट पर बातचीत अंग्रेज़ी में होती है, पटकथा अंग्रेज़ी में लिखी जाती है और संवाद रोमन में। हिंदी फिल्मों से करोड़ों कमाने वाले सितारे हिंदी बोलने में हेठी देखते हैं। हालांकि इस घटाटोप के बीच अब आशा की कुछ किरणें चमकने लगी हैं...

फिल्म नगरिया की भाषा

7 mins

हिंदी के ज्ञान से सरल विज्ञान

पहले हमने दुनिया को विज्ञान का ज्ञान दिया और अब खुद एक विदेशी भाषा में विज्ञान पढ़ रहे हैं। इस बीच आख़िर हुआ क्या? विज्ञान आगे बढ़ गया और हिंदी पीछे रह गई या फिर हमने अपनी भाषा की क्षमता को जाने बग़ैर ही उसे अक्षम मान लिया?

हिंदी के ज्ञान से सरल विज्ञान

4 mins

...जहां चाह वहां हिंदी की राह

भाषा के मामले में असल चीजें हैं प्रवाह और प्रयोग...हिंदी शब्द समझने में सरल होंगे, अर्थ को ध्वनित करेंगे, और उनका नियमित प्रयोग होगा तो किसी भी क्षेत्र में अंग्रेज़ी शब्दों की घुसपैठ के लिए कोई बहाना ही नहीं बचेगा...

...जहां चाह वहां हिंदी की राह

4 mins

मेरा वो मतलब नहीं था!

हमारे शब्द सामने वाले को चोट पहुंचा जाते हैं, फिर हम माफ़ी मांगते हुए सफाई देते हैं कि हमारा वह इरादा नहीं था। सवाल उठता है कि अगर इरादा नहीं था तो फिर वैसे शब्द मुंह से निकले कैसे?

मेरा वो मतलब नहीं था!

3 mins

भावनाओं के क़ैदी...

भावनाएं और तर्क हमारे व्यक्तित्व के दो अहम हिस्से हैं और दोनों ही ज़रूरी हैं। लेकिन कभी भावनाएं प्रबल हो जाती हैं तो तार्किक बुद्धि मौन हो जाती है। इसके चलते तनाव बेतहाशा बढ़ जाता है, आवेग में निर्णय ले लिए जाते हैं और फिर अक्सर पछताना ही पड़ता है। यही 'इमोशनली हाईजैक' होना है। जीवन का सुकून इससे उबरने की हमारी क्षमता पर निर्भर करता है।

भावनाओं के क़ैदी...

7 mins

जब मंदिर में उतर आता है चांद

यायावर के सफ़र में तयशुदा गंतव्य तो उसका पसंदीदा होता ही है, राह के औचक पड़ाव भी कोई कम मोहक नहीं होते। बस, दरकार होती है एक खुले दिल और उत्सुक नज़र की। महाराष्ट्र के फलटण से खिद्रापुर के बीच की दूरी यात्रा की परिणति से पहले के छोटे-छोटे आनंद को संजोए हुए है इस बार की यायावरी।

जब मंदिर में उतर आता है चांद

6 mins

गजानन सुख कानन

भाद्रपद माह की शुक्ल चतुर्थी श्रीगणेश के आगमन की पुण्यमय तिथि है। देव अपना लोक छोड़ मर्त्य मानवों के निवास में उन्हें तारने आ बैठते हैं।

गजानन सुख कानन

3 mins

हरी-हरी धरती पर हर

वर्षा की विदाई वेला है। नदियों का कलकल निनाद गूंज रहा है, धरती ने हरीतिमा की चादर ओढ़ रखी है, प्रकृति का हर हिस्सा खिला-खिला, मुस्कराता-सा लग रहा है।

हरी-हरी धरती पर हर

4 mins

अंतरिक्ष केंद्र सतीश धवन

श्रीहरिकोटा स्थित उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र का नाम जिनके नाम पर 'सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र' है, वे सही मायनों में भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के केंद्र रहे हैं।

अंतरिक्ष केंद्र सतीश धवन

5 mins

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kategoriLifestyle

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