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സഹജീവിസ്നേഹം നൽകുന്ന അമരത്വം
ജീവിതത്തിൽ ഒരു വ്യക്തിയുടെ കൈവശം മാത്രമായി ധനം തങ്ങിനിൽക്കില്ല. പക്ഷേ, ധർമ്മം എന്നെന്നും നിലനിൽക്കുന്നതാണ്
ചന്ദ്രദേവൻ
ഭാരതത്തിൽ മൂന്ന് രാജവംശങ്ങളാണ് ഉണ്ടായിരുന്നത്. സൂര്യ വംശം, ചന്ദ്രവംശം, അഗ്നിവംശം. ഇതിൽ ചന്ദ്രന്റെ പുത്രനായ ബുധന്റെ പുത്രനായ പൂരുരവസ്സാണ് ചന്ദ്രവംശത്തിലെ ആദ്യ രാജാവ്. യദുവംശം, വൃഷ്ണിവംശം, യവനവംശം, ഭോജവംശം എന്നിവ ചന്ദ്രവംശത്തിന്റെ പ്രധാന ഉപവംശങ്ങൾ ആയിരുന്നു
ക്ഷേമൈശ്വര്യ പ്രദായകൻ ശരഭേശ്വരൻ
ലോകക്ഷേമത്തിനായി മഹാദേവൻ നിരവധി അവ താര രൂപങ്ങൾ എടുത്തിട്ടുണ്ട്. അതിൽ പ്രധാനപ്പെട്ട താണ് ശ്രീ ശരഭേശ്വര അവതാരം. ശരഭേശ്വര മഹിമകളെ ക്കുറിച്ച് സ്കന്ദപുരാണം, കാഞ്ചിപുരാണം, ശരഭ ഉപനിഷത്ത് തുടങ്ങിയ ഗ്രന്ഥങ്ങളിൽ വർണ്ണിച്ചിട്ടുണ്ട്.
രണ്ടാം വട്ടവും കണ്ണൻ വിളിച്ചു
രണ്ടാമത് പ്രാവശ്യവും ഗുരുവായൂർ മേൽശാന്തിയായി തെരഞ്ഞെടുക്കപ്പെട്ട പി.എസ്. മധുസൂദനൻ നമ്പൂതിരി
अपने जन्म-कर्म को दिव्य कैसे बनायें?
२९ अप्रैल को पूज्य संत श्री आशारामजी बापू का अवतरण दिवस है । आप सभीको इस दिन की खूब - खूब बधाई ! इस पावन पर्व पर जानते हैं जन्म-कर्म को दिव्य बनाने का रहस्य पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत से:
मोक्षप्राप्ति का साक्षात् साधन
जिस काल में, जिस देश में और जिस रूप में 'अहं - अहं' का स्फुरण हो रहा है यदि उसी काल, उसी देश और उसी रूप में वही 'अहं' तत्त्वतः परमात्मा न हो तो परमात्मा नाम की किसी वस्तु की सिद्धि, स्थिति या उपलब्धि नहीं हो सकती क्योंकि वह नश्वर, अपूर्ण तथा अप्राप्त होगी।
गर्मी या पित्त संबंधी समस्याओं का बेजोड़ उपाय : सफेद पैठा
सफेद पेठा (भूरा कुम्हड़ा) आयुर्वेद के अनुसार अत्यंत लाभदायी फल, सब्जी तथा अनेकों रोगों में उपयोगी औषधि है। इसका पका फल सर्व दोषों को हरनेवाला है।
पुण्य-संचय व भगवत्प्रीति के लिए सर्वोत्तम मास
वैशाख मास: २३ अप्रैल से २३ मई
... और मुगल साम्राज्य का अंत हो गया
जो दूसरों को परेशान करके राज्य करते हैं अथवा जो दूसरों को परेशान करके मजा लेते हैं उनके लिए कुदरत की क्या-क्या व्यवस्था है ! मुगल शासन था। दो राजकुमार दिल्ली से बाहर जंगल में आखेट (शिकार) करने गये।
कैसे नष्ट हो गया था वल्लभीपुर?
मैंने सुनी है एक कथा कि भावनगर के नजदीक वल्लभीपुर नाम का एक नगर था । एक संत कहीं से घूमते-घामते वहाँ पहुँचे। वहाँ एकांत में उन्होंने अपने ध्यान-भजन की जगह चुनी। उनका शिष्य भिक्षा लेकर आता था।
संत अपमान से उजड़ा गाँव, जान-माल की हुई भारी तबाही
(पूज्य बापूजी के सत्संग से)
वे ही वास्तव में महान हो जाते हैं!
'मैं कुछ बनूँ...' या 'हम कुछ बनें' यह ईश्वर से अलग अपना अस्तित्व बनाने की, ईश्वर से अलग होकर अपनी कोई विशेषता प्रकट करने की जो कोशिश है यही व्यक्ति का व्यक्तिगत दोष है और समाज का सामाजिक दोष है | बहुत सूक्ष्म बात है।
जब हनुमानजी पर छलक पड़े श्रीरामजी
२३ अप्रैल (चैत्र मास की पूर्णिमा) को श्री हनुमानजी का प्राकट्य दिवस है। हनुमानजी अद्भुत शक्ति, निष्ठा और भक्ति के प्रतीक हैं। यह दिवस न केवल भक्ति की महिमा को चिह्नित करता है बल्कि आध्यात्मिक जागृति और आत्मसाक्षात्कार के महत्त्वपूर्ण पहलुओं को भी सामने लाता है।
वास्तविक जीवन
रविदासजी को उनके पिता ने ७ जोड़ी जूते बनाकर दिये। २ रुपये जोड़ी बेचने थे। उन्होंने पिता को १४ रुपये के बदले १२ रुपये दिये।
രാഹുദോഷം അകറ്റാൻ ഹനുമാന് വടമാല
ഹനുമാൻസ്വാമിക്കുള്ള ഓരോ വഴിപാടിന് പിന്നിലും ഓരോ കഥയുണ്ട്. രാഹുദോഷമുള്ളവർ ഹനുമാന് വടമാല ചാർത്തുന്നത് ദോഷപരിഹാരത്തിന് അത്യുത്തമമാണ്. ഈ സത്യമറിയാതെ സ്വാമിക്ക് വടമാല ചാർത്തുന്നതിനെ മറ്റു രീതിയിൽ വ്യാഖ്യാനിക്കുന്നത് തെറ്റാണ്. ഏപ്രിൽ 23 നാണ് ഹനുമാൻ ജയന്തി
ഒരേ ഒരു മൂർത്തി ഒരേ ഒരു മന്ത്രം
ഒരു മൂർത്തിയുടെ ഒരേ ഒരു മന്ത്രസാധന കൊണ്ട്, ബഹു വിധ ഫലസിദ്ധി നേടുന്ന ആചരണത്തെയാണ് സത്യത്തിൽ \"ഉപാസന' എന്നതു കൊണ്ട് അർത്ഥമാക്കുന്നത്.
ഒരു വർഷത്തെ ഐശ്വര്യക്കാഴ്ച്ച
മഹാവിഷ്ണുവിന്റെ അവതാരമായ കൃഷ്ണൻ നരകാസുരനെ വധിച്ച ദിവസമാണ് വിഷുദിനമായി ആചരിക്കുന്നത് എന്നാണ് ഐതീഹ്യം. രാവണനുമായി ബന്ധപ്പെട്ട ഐതീഹ്യവും നിലനിൽക്കുന്നുണ്ട്. ജ്യോതിശാസ്ത്ര പരമായി വിലയിരുത്തുമ്പോൾ മലയാളികളുടെ സൂര്യോത്സവമാണ് വിഷു
ശനിദോഷം അറിയാൻ ജാതകം നോക്കണ്ട
ജാതകം നോക്കാതെ തന്നെ ശനി നമ്മുക്ക് ദോഷം ചെയ്യുന്നുണ്ടോ എന്ന് മനസ്സിലാക്കാൻ ചില വഴികളുണ്ട്
അമ്മയുടെ അനുഗ്രഹം
മാതൃസ്നേഹവും പിതൃഭക്തിയും ഒരാളുടെ വിജയ ജീവിതത്തിൽ വളരെയധികം സ്വാധീനം ചെലുത്തുന്ന രണ്ട് ഘടകങ്ങളാണ്.
हनूमान् जी की जन्मपत्रिका और उसमें विद्यमान प्रमुख योग
लग्नेश उच्च राशिस्थ ग्रह से देखा जाए, तो मरुत्वेग नाम का योग बनता है। इस योग के प्रभाव से जातक वायुवेग के समान शीघ्रगमन करने वाला और अत्यधिक कल्पनाशील होता है।
क्यों कहा जाता है सुन्दरकाण्ड को 'सुन्दरकाण्ड'
महाभारत का विराट् पर्व सर्वश्रेष्ठ है, उसी प्रकार रामायण में सुन्दरकाण्ड सर्वश्रेष्ठ काण्ड है। सुन्दरकाण्ड में राम सुन्दर हैं, कथाएँ सुन्दर हैं, सीता सुन्दर हैं, सुन्दर में क्या सुन्दर नहीं है?
हनूमान् जयन्ती पर करें भयनाशक हनुमत्स्तोत्र
इस स्तोत्र का प्रतिदिन तीन बार पाठ करने का विधान है, परन्तु दो बार भी कर लेना पर्याप्त है। इसे हनूमान् जयन्ती से आरम्भ करते हुए वर्ष पर्यन्त करना है। कुछ ही माहों में आप स्वयं के आत्मविश्वास में वृद्धि देखेंगे।
नारी को शक्ति मानकर पूजना मात्र पर्याप्त नहीं...
स्त्री यदि वास्तव में दुर्गा एवं शक्ति का अवतार है, तो यह सम्मान उसे प्रत्येक स्तर पर मिलना ही चाहिए। चाहे वह धार्मिक क्षेत्र हो, राजनीति क्षेत्र हो, आर्थिक क्षेत्र हो या शिक्षा हो।
शक्ति की आराधना का पर्व है नवरात्र
रात्रि रूपा यतो देवी दिवा रूपो महेश्वरः रात्रि व्रतमिदं देवी सर्वपाप प्रणाशनम्
सर्वसिद्धि-फल प्रदाता पाँच यज्ञ
पाँच यज्ञ जातक प्रतिदिन कर ले, तो उसके सारे रोग, सन्ताप एवं बुरे कर्म ऐसे नष्ट होने लगते हैं, जैसे अग्नि लकड़ी को जलाकर राख कर देते हैं।
शराब की लत छुड़ाने के सरल उपाय!
नशा एक बहुत ही नकारात्मक और परिवारों को नष्ट करने वाला होता है और इसी नशे की लत के चलते जातक अपने घर, कॅरिअर आदि सब-कुछ बर्बाद कर देता है।
बासन्तीय नवरात्र पर विशेष - नवरात्र में 'जयन्ती' की महिमा और उसका प्रयोग
जयन्ती घर में सुख-समृद्धि एवं लक्ष्मीका सूचक मानी जाती है। सामान्यत: जयन्ती हरे रंग की होती है, परन्तु कभी-कभी श्वेत जयन्ती भी निकल आती है।
वक्री ग्रहों की आध्यात्मिक विवेचना
अपनी जन्मपत्रिका में वक्री ग्रह को पहचानकर कोई भी व्यक्ति उस वक्री ग्रह द्वारा परोक्ष रूप से दी जाने वाली सीख को आत्मसात करके अपने जीवन को सरल बना सकता है।
अहिंसा के प्रवर्तक भगवान् महावीर
जैन धर्म की चार संज्ञाओं का बहुत महत्त्व है। प्रथम संज्ञा है 'जिनेन्द्र' अर्थात् जिन्होंने इन्द्रियों को जीतकर अपने वश में कर लिया है। दूसरी ‘अरिहंत’ अर्थात् जिन्होंने केवल ज्ञान प्राप्त किया है। तीसरी संज्ञा 'तीर्थंकर' है।
ज्योतिष और वैवाहिक सुख
जन्मपत्रिका में शुक्र ग्रह हमारे मानव जीवन में अहम स्थान रखते हैं। यह समस्त प्रकार के भौतिक सुख-सुविधाओं का कारक शुक्र ही है।