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कोर्ट का कलीजियम किला सरकारी सेंध
प्रैस, सोशल मीडिया, टीवी मीडिया, संसद, चुनाव आयोग, ह्यूमन राइट्स आयोग, टैक्स संस्थाओं, सीबीआई व दूसरी जांच एजेंसियों आदि को पूरी तरह काबू में ले कर अब भाजपा सरकार को इन पर रोकटोक लगा सकने वाली न्यायपालिका की स्वतंत्रता को काबू में करने की जल्दबाजी लग रही है. सर्वोच्च न्यायालय व उच्च न्यायालयों में कलीजियम पद्धति से नए जजों के नाम चुनने की आजादी पर रोक लगाने के लिए छुटभैए छोड़ दिए गए हैं जो अनापशनाप बयानों से न्यायपालिका को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं.
“राजनीतिक संगठनों का मनोरंजन जगत में क्या काम ?” - दुष्यंत प्रताप सिंह
दुष्यंत प्रताप सिंह मल्टीटैलेंटेड हैं. छोटी उम्र से संगीत सीखने वाले दुष्यंत की म्यूजिक में बारीक पकड़ है. फिल्म इंडस्ट्री में आने के बाद उन्होंने अपने हाथ अभिनय में भी आजमाए. आज वे सफल निर्देशक के तौर पर जाने जाते हैं.
बुजुगों से झुंझलाएं नहीं
भारत में बुजर्गों में अवसाद की अवस्था बढ़ती जा रही है और 2030 तक अनुमान लगाया जा रहा है कि देश के 25 प्रतिशत बुजुर्ग अवसाद से पीड़ित होंगे. ऐसे में वे कई बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं.
बलात्कार पर रोक - पावरफुल औरतों के हाथों में
महिलाओं की सुरक्षा के लिए तमाम कानून बन जाने के बावजूद महिला हिंसा कम नहीं हो रही. इस का एक कारण वह मानसिकता है जो सदियों से महिलाओं को नियंत्रण करने की कोशिश में रहती है.
दिल का खयाल रखें कुछ ऐसे
सर्दी में दिल से जुड़ी समस्याएं किसी भी मौसम के मुकाबले ज्यादा घातक हो जाती हैं. इस सर्दी भी ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं जहां हार्ट संबंधी बीमारियां मौत का कारण बन रही हैं. ऐसे में जरूरी है कि स्वास्थ्य को ले कर जरूरी सावधानियां बरती जाएं.
छत्तीसगढ़ में हाथी समस्या
जंगलों की अथाह कटाई और अंधाधुंध खदानों में ब्लास्ट से जंगली जानवरों का रहवास खतरे में हैं. नतीजतन, छतीसगढ़ में हाथी समस्या बढ़ने लगी है जहां भोजनपानी की तलाश में वे घरों और फसलों का नुकसान करने लगे हैं.
पाचनतंत्र की गड़बड़ियां
खराब पाचनतंत्र इंसान में होने वाली कई बीमारियों का कारण बनता है. इस के खराब होने के अधिक कारणों में वे गलतियां होती हैं, इंसान जिन्हें जाने अनजाने करता है. ऐसे में इन गलतियों से बचें.
महिलाओं का उच्च पदों पर काम करना नहीं आसान
उच्च पदों पर कार्यरत महिलाएं भले कितनी ही प्रतिभाशाली हों या लगन से काम कर रही हों पर तरहतरह के भेदभाव के चलते उन का उस पद पर काम करना मुश्किल बना रहता है. क्या है इस की वजह, जानिए.
भोजपुरी सिनेमा - गरीबों का सस्ता मनोरंजन
भोजपुरी सिनेमा को अकसर अश्लीलता और फूहड़पन से जोड़ा जाता है लेकिन इस के पीछे की हकीकत क्या है? क्यों भोजपुरी सिनेमा इन उपमाओं के इर्दगिर्द कहीं ठिठकता और ठहरता दिखाई देता है? कहीं यह साजिश तो नहीं?
क्या प्रतिभाएं सनकी होती हैं
दुनियाभर में ऐसी कई महान हस्तियां रही हैं जिनकी आदतों को उन की सनक माना गया. पर क्या उन की आदतें सचमुच सनक थीं या उन के पीछे कुछ और ही मामला था ?
मुफ्त गूगल सेवाओं में छिपी है बेहिसाब कमाई
हम जितनी भी चीजें इंटरनैट पर सर्च करते हैं वे गूगल से सर्च करते हैं. दिलचस्प यह कि इतनी सारी सेवा देने के बावजूद गूगल अपने यूजर्स से एक पैसा भी नहीं लेता, कारण जानते हैं आप, नहीं न ? चलिए बताते हैं ऐसा कैसे ?
युवाशक्ति को निकम्मा बनाती सरकार
युवा ताकत को सत्ता के लालची भेड़ियों ने साजिशन ऐसे कुचक्रों में फंसा रखा है कि जिन से नेताओं को तो सत्ता का सुख हमेशा मिलता रहे मगर देश के युवाओं को स्थायी काम और पैसा कभी न मिले क्योंकि उसी का लौलीपौप दिखा कर ही सालोंसाल चुनाव जीतना है.
जोशीमठ का संकट - धार्मिक पर्यटन से पड़ी दरारें
धार्मिक यात्राएं शहरों पर किस तरह से भारी पड़ रही हैं, जोशीमठ इस की मिसाल है. बद्रीनाथ जाने वालों का यह पहला पड़ाव होता है. अनियोजित विकास की भेंट चढ़ा जोशीमठ पलपल धंसता जा रहा है. यहां के लोग बेहाल हैं. उन का सबकुछ धार्मिक यात्राओं की भेंट चढ़ चुका है.
जोड़ो यात्रा - कट्टरता की तोड़ पर फैविकोल
देश बहुत मुश्किल दौर से गुजर रहा है. आम लोगों को समझ नहीं आ रहा कि दिक्कत कहां और कैसी है. ऐसे में राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो' यात्रा लोगों को एक आश्वासन देने में सफल रही है. इस यात्रा की पौलिटिक्स क्या है और यह कितनी प्रभावी रही, जानें आप भी.
“मैं हर किरदार को निभाने के लिए अपनी कल्पनाशक्ति का उपयोग करती हूं” सारिका
फिल्म 'परजानिया' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाली सारिका ने लंबे अरसे बाद फिल्म इंडस्ट्री में वापसी की है. उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत 15 साल की उम्र में राजश्री प्रोडक्शंस से की थी और ब्रेक के बाद अब इसी प्रोडक्शंस हाउस से अपना सफर आगे बढ़ा रही हैं.
दवाओं के लेबल पर लिखी सूचना जरूर पढ़ें
बाजारों में नकली दवाओं की भरमार है. नकली दवाओं की पहचान करना आम आदमी के पल्ले से बाहर है. ऐसे में क्या करें.
टीबी के इलाज के बावजूद खांसी में खून
देश में टीबी एक महामारी की तरह है. हर साल लाखों की संख्या में में लोग इस बीमारी के चलते मौत के मुंह में समा जाते हैं. कुछ लोग टीबी का इलाज करवा इस इन्फैक्शन से नजात तो पा लेते हैं पर किस्सा यहीं खत्म नहीं होता.
बीमारी में न छोड़ें मांबाप का साथ
मांबाप के बुढ़ापे में बच्चे उन का बहुत बड़ा सहारा होते हैं. किसी परिस्थिति के चलते अगर बच्चे मांबाप से अलग रह अपनी गृहस्थी चला रहे हैं तो यह दिक्कत वाली बात नहीं है, दिक्कत तब है जब वे मांबाप की बीमारी में भी उन की सेवा न कर सकें.
डेट रेप ड्रेस लड़कियों को मिली आजादी पर अंकुश
पब, बार, डिस्क या पार्टियों में आजकल लड़के लड़कियां खुल कर एंजौय करते हैं. समस्या तब खड़ी होती है जब इन जगहों पर गई लड़कियों को वहां आए लड़के सुनहरा मौका समझ उन के जिस्म से खेलने का खुला न्योता मान बैठते हैं.
उधार दिए पैसे वापस कैसे लें
हर किसी के जीवन में कभी न कभी ऐसी स्थिति खड़ी हो जाती है जब अपना कोई करीबी पैसे उधार ले कर लौटाने का नाम नहीं लेता. यहां जानिए उधार दिए पैसे वापस मांगने के तरीके.
ट्विटर में ट्विस्ट
बिसनैसमैन एलन मस्क के ट्विटर पर कब्जा कर लेने के बाद से ट्विटर कई उठापटकों से गुजर रहा है. जो ट्विटर पूरी दुनिया में अपने स्टैंडर्ड और रुतबे के लिए जाना जाता है, भविष्य में उस के वजूद को ले कर संशय पैदा होने लगे हैं..
प्रज्ञा ठाकुर के जहर घोलते बोल
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का 'सही' इस्तेमाल अब कट्टरवादी ही कर रहे हैं, मुद्दों की बातें करने वाले तो 'बेबसी' में मुंह में दही जमाए बैठे हैं. बेहद कट्टर प्रज्ञा ठाकुर व उन जैसे नेता क्या बोलते हैं और उन का मकसद क्या रहता है, जानिए आप भी.
छात्रों का सुसाइड हब बनता कोटा
कोटा छात्रों के लिए मौत की फैक्ट्री बनता जा रहा है. व्यक्तिगत तनाव और कोचिंग संस्थानों की आपसी प्रतिस्पर्धा के चलते छात्र खुद को अजीब स्थिति में पाते हैं. इस बात की तह में जाना जरूरी है कि कोटा में कोचिंग क्लासेस और छात्रों के बीच किस तरह का रिश्ता है?
रंग और सियासत
अक्षय कुमार, मनोज बाजपेयी, सुष्मिता सेन, उर्मिला मातोंडकर जैसे अनेक कलाकारों ने भगवा कपड़ों में फिल्मी परदे पर नृत्य किया तब किसी की आस्था को धक्का नहीं लगा, मगर भगवा बिकिनी पहने दीपिका पादुकोण के साथ जब शाहरुख खान ने चंद सैकंड का डांस सीन दिया तो हाहाकार मच गया. आस्थाएं छलनी हो गईं, क्यों? रंग को धर्म से जोड़ कर जनमानस की भावनाओं को भड़काने और अपने हित में भुनाने वाली सियासत के असली रंग को समझना जरूरी है.
लिवइन रिलेशनशिप पेचीदा संबंध अब खतरनाक
लिवइन रिलेशनशिप को ले कर समाज का नजरिया सकारात्मक नहीं है. हालिया श्रद्धा और पूनावाला कांड ने इसे और सवालों के घेरे में ला दिया. मसलन, इस को ले कर विवाह कानून जैसा कोई कानून नहीं बना है. इस को संविधान का मौलिक अधिकार मान कर कोर्ट अपने फैसलों में लिवइन रिलेशनशिप को वैध मान कर फैसले देता तो है पर महिला की सुरक्षा का सवाल आज भी बना हुआ है.
“मेरी राय में नारी सशक्तीकरण तभी होगा जब नारी आर्थिक रूप से सबल होगी" नीना गुप्ता
नीना गुप्ता इस समय उन चुनिंदा अभिनेत्रियों में शामिल हैं जो न सिर्फ ऐक्टिंग में संजीदा हैं बल्कि अलग हटके विषयों से समाज में जागरूकता लाने का प्रयास कर रही हैं. उन के कैरियर में उन्हें शोहरत देर से मिली पर जब मिली उस का लोहा आज फिल्म इंडस्ट्री मान रही है..
भगवान भक्तों की रक्षा क्यों नहीं करते
देश में हर साल भक्तों की टोली तीर्थ भ्रमण करती है. ऐसे मौकों पर हादसे भी हो जाते हैं जिन में कई भक्त लापरवाही से मौत के मुंह में समा जाते हैं. अगर भगवान ही इन भक्तों की रक्षा नहीं कर पाते तो तीर्थ पर जाने का क्या मतलब ?
शिमला सदाबहार पर्यटन
सर्दी का मौसम हो या गरमी का, शिमला सैलानियों के आकर्षण का केंद्र रहता है. यहां हर समय सैलानियों की भीड़ रहती है. यदि आप भी जाने की सोच रहे हैं तो यह जानकारी आप के काम आने वाली है.
बच्चों में बहरापन और इलाज
बच्चे के लिए शरीर के सभी अंगों के विकास की तरह सुनने की क्षमता का होना भी बहुत जरूरी होता है. किसी बच्चे में सुनने की अक्षमता यानी बहरापन एक छिपी हुई विकलांगता होती है.
सही समय पर करें बचत की प्लानिंग
तेजी से बदलते लाइफस्टाइल और बढ़ती महंगाई के बीच फाइनैंशियल प्लानिंग करनी जरूरी है. यह प्लानिंग रिटायरमैंट के बाद काम आती है. प्लानिंग कब व कैसे की जाए, यह जान लेना आवश्यक है.