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मैं और मच्छर
कोरोनाकाल में तालीथाली बजाने के बाद हम ने कोरोना को भगा दिया है तो ये मच्छर क्या चीज हैं. अब मच्छरों से डेंगू हो या मलेरिया, जब सबकुछ रामभरोसे है तो मेरी तरह आप भी इन मच्छरों से क्यों नहीं दोस्ती कर लेते?
“इंसान के अंदर का धैर्य ही उस का काम करवाता है” सतराम रमानी
सतराम रमानी की पहचान ट्रैंड से अलग विषय पर फिल्म बनाने वाले निर्देशक की है. अपनी फिल्मों में वे समाज में स्थापित टैबू को तोड़ने का काम करते हैं. वे अब प्लस साइज महिलाओं की लाइफ पर फिल्म ले कर आए हैं.
जीवन में ताजगी रोमांस के साथ
पतिपत्नी के बीच अच्छे रिश्ते का होना एक सुखद एहसास होता है जिसे इस दुनिया का प्रत्येक व्यक्ति पाना चाहता है. इस रिश्ते में रोमांस ही है जो पतिपत्नी के बीच की बौंडिंग को और ज्यादा मजबूत बनाता है.
बच्चों को आगे बढ़ने का मौका दें
बच्चों के भविष्य को दिशा देने के लिए जरूरी है कि पेरैंट्स उन्हें किसी एक चीज में दक्ष करें और उस के लिए बचपन से ही प्रयास किए जाएं. बच्चे की जिस चीज में रुचि है, अगर उस विषय में उसे आगे बढ़ने का मौका मिले तो वह सफल हो सकता है.
जब बीवी छोड़ जाए
पति व पत्नी में खटपट तो हर घर में होती है, लेकिन जब झगड़े इतने बढ़ जाएं कि पत्नी अपना घर छोड़ कर मायके चली जाए या तलाक ले ले तो इस का ज्यादा खमियाजा पति को ही भुगतना पड़ता है जो हर काम के लिए पत्नी पर आश्रित रहा है.
चुपके से डसता है डीवीटी
डीप वेन थ्रोम्बोसिस ऐसा रोग है जिस के चलते शरीर में कहीं किसी नस के भीतर रक्त का थक्का बन जाता है. डीवीटी ज्यादातर निचले पैर या जांघ में होता है, हालांकि यह कभीकभी शरीर के अन्य भागों में भी हो सकता है.
खिलौना है औरत
समाज में कुछकुछ बदलाव तो दिख रहा है पर महिलाओं के प्रति जिस तरह के बदलाव की उम्मीद थी वह अभी संभव नहीं हो पाई है. देश में बढ़ रहे महिला अपराध के मामले तो यही बताते हैं कि तरक्की की राह में महिलाओं के रास्ते अभी भी कांटोंभरे हैं.
समय की जरूरत सिटी सरकार
आम शहरी लोगों की जिंदगी में सांसद या विधायक की जगह पार्षदों की भूमिका ज्यादा अहम होती है. पार्षद ही हैं जो महल्ले की छोटीबड़ी चीजों के लिए जनता से सीधे जुड़ते हैं. पार्षद आसानी से उपलब्ध भी होते हैं. क्या अब वक्त नहीं आ गया है कि इन के बल पर सिटी बनाई जाए.
क्यों होती हैं मोरबी जैसी घटनाएं
बढ़ते शहरीकरण ने देश में कंक्रीट के ऐसे जंगल खड़े कर दिए हैं जिस ने लोगों से उन के घरों के आसपास घूमने की जगहें छीन ली हैं. छुट्टियों के दिन सार्वजनिक स्थानों पर अत्यधिक भीड़ का उमड़ना यानी मोरबी जैसी घटनाएं इसी का नतीजा है.
खरबों का भक्तिलोक
धर्म सत्ता पाने और उसे हथियाए रखने का सब से आसान जरिया है. इस के लिए जरूरत भक्ति का माहौल बनाए रखने की है. पूरे देश में मुद्दे की बात कोई नहीं कर रहा. भक्ति पर अरबों रुपए बरबाद किए जा रहे हैं और जनता अभावों को दरकिनार कर इस नशे में झूम रही है.
नंबरों के रैंक में फंसा जीवन
आजकल अंक बहुत माने हो गए हैं जिस के लिए कई व्यवसाय फलफूल रहे हैं. पेरैंट्स और बच्चों को यह समझना होगा कि कागज का एक टुकड़ा किसी के ज्ञान और व्यक्तित्व की कसौटी नहीं हो सकता, भले ही उस में कितने ही अंक क्यों न टंके हों.
सज़ा थी नोटबंदी
8 नवंबर हर साल एक महायातना की याद दिलाता है जब पूरे देश के नागरिकों की जमापूंजी को नरेंद्र मोदी के एक भाषण से सरकार ने एक तरह से अपराध का पैसा मान कर जब्त कर लिया था.
प्रेस वाला
बाप के गुस्सा होने पर धर्मवीर ने अपनी बीवी मिनी के साथ घर छोड़ दिया, यह उस की जिद थी या सरकारी बाबू बनने का घमंड पर अलग रह कर उसे एहसास हो गया कि उस ने गलती कर दी है.
“लिखते समय संवेदनशीलता जरूरी” आर बाल्की
लंबे अनुभव और सधे मिजाज के आर बाल्की ने निर्देशक के तौर पर फिल्म इंडस्ट्री को बेहतरीन फिल्में दी हैं. उन की फिल्में क्रिटिक्स में सराही जाती हैं. वे अपने काम को संजीदा मानते हैं और फिल्म की मौलिकता पर जोर देते हैं. इस समय वे फिल्म 'चुप' को ले कर चर्चा में हैं.
कैसी बीवी चाहिए सुंदर या गुणवान
हर कोई चाहता है कि उस की जीवनसंगिनी बला की खूबसूरत हो. जब युवक शादी के लिए लड़की देखने जाता है तब उस की हां खूबसूरती पर आ कर टिकती है, हालांकि, जरूरी नहीं कि हर सुंदर लड़की गुणवान भी हो.
सर्वाइकल कैंसर जांच करवाने में हिचक क्यों
आज पूरी दुनिया में हर दस में से एक महिला सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित है. इस भयानक आंकड़े के बावजूद महिलाएं इस की जांच कराने में हिचकती हैं. ऐसे मामलों में जितनी सावधानी बरती जाए कम है, वरना परिणाम घातक हो सकते हैं.
मानसिक रोग के कानूनी उपचार
कानून मानसिक रोग से पीड़ित व्यक्ति द्वारा किए गए अपराध को इस आधार पर माफ करता है कि वह अपराध की प्रकृति और परिणाम समझने में असमर्थ है पर उसे उकसाने वाले व्यक्ति को वही दंड दिया जाता है. मानसिक रोगियों के अपराध को ले कर कानून में क्या कानूनी उपचार हैं, जानें.
फलताफूलता सैक्स टूरिज्म
सैक्स की तलाश में लोग विदेशों में जहां घूमने जाते हैं उसे सैक्स टूरिज्म कहा जाता है. अब भारत के कुछ शहर धीरेधीरे विदेशों के उन शहरों की कैटेगरी में आ रहे हैं। जहां बड़े पैमाने पर जिस्मफरोशी का धंधा फलफूल रहा है.
बच्चों की परवरिश में 24 घंटे न लगाएं
अकसर बच्चा होने के बाद सारी परवरिश की जिम्मेदारी महिलाओं पर आ पड़ती है. ऐसे में वे खुद के डैवलपमैंट पर ध्यान नहीं दे पाती हैं. जरूरी है कि महिलाएं कुछ समय अपनी ग्रोथ के लिए जरूर निकालें.
साउथ एशिया में बाढ़ की समस्या
अमीर व्यक्ति शहरों के बीचोंबीच सुरक्षित और महंगी जमीनों पर अपनी रिहाइश बनाते हैं जबकि नदीनालों के नजदीक सस्ती जमीनों पर बसे गरीबों को बाढ़ के खतरे और नुकसान झेलने पड़ते हैं. दुनियाभर में बाढ़ से गरीब आदमी ही तबाह होते हैं, मगर उन की कराह सरकार के नक्कारखाने में तूती की आवाज बन कर रह जाती है.
धर्म और स्वर्ग कोरी कल्पनाएं
दुनिया के सभी धर्म कपोल कल्पना और मिथ्या से भरे हैं. सब में भूतभगवान, पापपुण्य, स्वर्गनर्क की अवधारणा से डर और लालच दिखा कर लोगों को ठगा जा रहा है. सभी धर्मों का आधार ही अंधविश्वासों पर टिका हुआ है. यह इसलिए ताकि धर्म के ठेकेदारों के दानपात्र हमेशा भरे पड़े रहें.
महिला सत्ताधारियों का नया दौर
आजाद खयालों वाली महिलाएं पुरुषों को हमेशा से खटकती रही हैं. जिन महिलाओं ने पुरुषों की इस चाल को समझ लिया वे उन के प्रभाव से निकलने में कामयाब रहीं और अब दुनियाभर में वे अपना दबदबा स्थापित कर रही हैं.
घरेलू नौकरों से कैसे पेश आएं
घरों में काम करने वाले नौकरों की आएदिन कई आपराधिक खबरें अखबारों में आती रहती हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मालिक और नौकर का सामंजस्य इन में से अधिकतर लोग निभा नहीं पाते. जरूरी है कि इसे समझा जाए.
सांपों के अंधविश्वास
ज्ञान की क्रांति के बावजूद समाज में सांपों को ले कर अंधविश्वास फलफूल रहा है. अभी भी लोग दूसरों की कहीसुनी बातों पर यकीन कर झूठ को सच मान लेते हैं. इस से वे अपनी जान को जोखिम में डालते हैं. सांपों से जुड़े तथ्यों को जानें.
महसा अमीनी दी जान और बनी आजादी की आवाज
महसा अमीनी की मौत ने ईरान में क्रांति की शुरुआत कर दी है. वहां सड़कों पर उतरी महिलाएं अपने बुर्के, हिजाब उतार रही हैं, अपने केश काट रही हैं और जेल जाने से नहीं डर रहीं. ईरान ही नहीं, दुनियाभर में हिजाब को ले कर अफरातफरी का माहौल रहता है. सवाल यह कि आखिर महिलाओं पर नियंत्रण क्यों?
त्योहारों पर कचोटता अकेलापन
त्योहार समाज से कनैक्ट होते हैं. ऐसे मौके पर अकेले रहना उदासी और अवसाद पैदा करता है. सैलिब्रेशन है तो खुश रहने की वजहें आसपास रहती हैं, बस, ढूंढ़नेभर की देरी है.
त्योहार में खुशियां बांटें दूसरे धर्म वालों के साथ
त्योहार आपसी मेलजोल बढ़ाने का एक अच्छा ओकेजन होता है. दीवाली एक अच्छा मौका है कि आपस में बंटी हर तरह की खाई को कम कर लिया जाए.
दीवाली उपहार छोटा मगर अच्छा हो
गिफ्ट महंगा व बड़ा हो, यह जरूरी नहीं. जरूरी यह है कि जिसे आप गिफ्ट दे रहे हैं उस के लिए वह कितना उपयोगी है. ऐसे में कोशिश करें वह गिफ्ट दें जो सामने वाले की जरूरत के मुताबिक हो.
घर के साथसाथ अपना कमरा भी चमकाएं
दीवाली पर घर की चमक सिर्फ बाहर से दिखाने भर के लिए न करें. अंदर कमरे भी चमकाएं. चमकते कमरे हर किसी को अच्छे लगते हैं. इस के लिए थोड़ी मेहनत तो करनी ही पड़ेगी.
छोटी बचत के लिए सोना या फिक्स डिपोजिट
आज मार्केट के उतारचढ़ाव के हिसाब से चलना बहुत जरूरी हो गया है. ऐसे में ब आप कहां लगा रहे हैं, इस की बहुत अहमियत है.