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बुढ़ा गए तो अब किस काम के
गुजरा में तेज शहरीकरण, खेती में मशीनों के इस्तेमाल और गोरक्षा के आक्रामक अभियानों की बदौलत गोवंश बोझ में बदला. आवारा मवेशियों की तादाद तेजी से बढ़ी. मसले से निबटने के लिए भाजपा की राज्य सरकार 50,000 सांडों का बधियाकरण करने में जुटी. पर क्या ऐसे फौरी समाधान कारगर होंगे?
बांध से मिटेगा बिहार का शोक!
पटना हाई कोर्ट के निर्देश के बाद सप्तकोसी हाइ डैम बनने की प्रक्रिया तेज होने की उम्मीद है, लेकिन यह परियोजना करीब आठ दशकों से अटकी क्यों रही और क्या यह स्थाई तौर पर उत्तरी बिहार को बाढ़ से निजात दिला सकती है?
अर्श से फर्श: दास्तान-ए-आजम
चार दशकों में यह पहला मौका है जब रामपुर के दबंग सपा नेता आजम खान के पास विधायिका में कोई सीट नहीं है. यही नहीं, उन्हें सदस्यता के अयोग्य घोषित किया जा चुका है. योगी शासन में उन पर पूरी तरह शिकंजा कस गया है
भाजपा की पूर्वोत्तर संपर्क क्रांति
त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय के नतीजे बताते हैं कि भाजपा ने विरोधियों और गठबंधन के साथियों, दोनों को मात दी है
भाजपा के नए पोस्टर बॉय
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को अपने आक्रामक और ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने वाले तेवरों और कार्रवाइयों के जरिये सुर्खियों में बने रहना काफी पसंद, और यह उनके लिए देशभर के लोगों में अपनी खास जगह बनाने में मददगार भी
भारी मुश्किल में भगवंत मान
पंजाब में भगवंत मान की आप सरकार एक ही साथ राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक संकट में घिरी, राज्य को अराजकता की आगोश में जाने से आखिर वे किस तरह से रोक पाएंगे?
कांग्रेस का पंजा बना मुक्का
भाजपा और आरएसएस जैसी विभाजनकारी ताकतों को हराने के लिए कांग्रेस के करोड़ों कार्यकर्ताओं को भारत जोड़ो यात्रा से उत्पन्न संवेग को आगे बढ़ाना होगा.
शिकंजे में सिसोदिया
राजधानी दिल्ली में दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर 27 फरवरी को आम आदमी की आवाजाही पर रोक थी और यहां आम आदमी पार्टी (आप) के मुख्यालय में विधायक आतिशी और अन्य नेताओं के साथ करीब सवा सौ कार्यकर्ताओं की भीड़ 'जेल के ताले टूटेंगे, मनीष सिसोदिया छूटेंगे' के नारे बुलंद कर रही थी.
जैसा है वैसा कह दो ना
नई तरह की पहलकदमियों को लेकर कभी न हिचकिचाने वाले अभिनेता सैफ अली खान अब ऑडिबल के लिए मार्वल के एक किरदार को अपनी जबान दे रहे हैं
कोई उम्मीद लौटी है शायद
मंच के आजमाए पुराने खलीफाओं और नाटकों की आ रही नई फसल से आश्वस्त थिएटर के नागरिक लौटे सभागारों की ओर कुछ बड़े नाम भी फिर से कर रहे स्टेज की ओर रुख
खुशगवारी की नौकरी
भारतीय कार्यस्थलों में खुशी का मतलब क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण हो गया है, इस पर चर्चा करने के लिए भारत की शीर्ष कॉर्पोरेट शख्सियतें एक साथ आई
फिर भी संतुलन कायम
अस्थिरता दिखी पर अदाणी समूह की फर्मों के संकट में होने के बावजूद भारतीय शेयर बाजार में टिकाऊपन कैसे बना हुआ है? मौजूदा दौर कब तक जारी रहेगा?
तालाबों पर खूबसूरती का खू खतरा !
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दरभंगा में तालाबों के किनारे ईंटों और कंक्रीट के इस्तेमाल के खिलाफ फैसला दिया है. एनजीटी का यह कदम देशभर में तालाबों के सौंदर्यीकरण की मुहिम के लिए काफी अहम साबित हो सकता है
आदिवासियों की अपनी 'सेना'
कई दशकों से हर साल दिसंबर में कंगला मांझी सरकार के वर्दीधारी 'सैनिक' छत्तीसगढ़ के एक गुमनाम से गांव में जमा होते हैं. यह 'सेना' सुभाष चंद्र बोस की भारतीय राष्ट्रीय सेना और समाजवादी विचारों से प्रेरित है. यह असंगठित 'सेना' आखिर किसके लिए लड़ रही है और इसका भविष्य क्या है?
2024 की उल्टी गिनती शुरू
प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा को बखूबी पता है कि इस साल कुछ महत्वपूर्ण राज्यों के विधानसभा चुनाव ही 2024 की दशा-दिशा निर्धारित करेंगे. और इस बीच, पार्टी की आंतरिक कलह और पूर्व सहयोगियों के कारण होने वाले नुक्सान से उबरने के लिए भी पुख्ता इंतजाम करने होंगे
दूर से वह सब देख रहा है
चीन में बने सीसीटीवी कैमरे क्या बीजिंग के आंख-कान की तरह काम कर रहे हैं? विशेषज्ञों ने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर जताए गहरे अंदेशे. लेकिन मौजूदा कानून और इसे लेकर जागरूकता का अभाव खतरे से मुकाबले के लिए नाकाफी
जीत के बाद भी जद्दोजहद जारी
दिल्ली - मेयर चुनाव
वादे निभाने की मंशा से घोषणाओं की झड़ी
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में चिल्ला रोड चौराहे पर सब्जी का ठेला लगाने वाले रामबाबू कभी यहां की इकलौती कताई मिल में फिटर की नौकरी करते थे. सन् 1981 में यूपी कंपनी के तहत खुली इस कताई मिल में उत्तर प्रदेश और आसपास के प्रदेशों के करीब दो हजार मजदूर काम करते थे.
जोर का झटका
फरवरी की 4 तारीख को एक खबर गुजरात के रियल एस्टेट डेवलपरों पर कहर की तरह टूटी.
आजाद फैक्टर
राजनीति में किस बात का कितना गहरा असर हो सकता है, भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर आजाद यह बात बात अच्छी तरह समझते हैं. 12 फरवरी को उन्होंने भोपाल में ओबीसी, दलित और आदिवासी समूहों की एक विशाल रैली का आयोजन किया.
बगावत के बाद
असल में किसी को हैरानी नहीं हुई जब 17 फरवरी को भारत के चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे की \"अगुआई वाले गुट को 'असली' शिवसेना के रूप में मान्यता दी और उसे पार्टी के मूल सिंबल - धनुष और तीर को अपने पास बनाए रखने की अनुमति दे दी.
थकता नहीं मि. इंडिया
अभिनेता अनिल कपूर नई सीरीज द नाइट मैनेजर, चार दशक के अनुभव और इस बीच अभिनय के तरह-तरह के सबक पर
कुछ यूं जलने लगे उम्मीदों के चिराग
अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी के एक स्नातक ने युवाओं को एकजुट कर मजलूम और जरूरतमंद बच्चों की जिंदगी में तालीम के जरिए रोशनी फैलाई. बच्चे वह मशाल आगे बढ़ा रहे
उद्धारक की तलाश में रेणु परिकथा
बिहार की राजधानी पटना के राजेंद्र नगर मोहल्ले के वैशाली गोलंबर के चारों तरफ पीले रंग की पुरानी हाउसिंग कॉलोनियां हैं. यह पटना शहर की सबसे पुरानी हाउसिंग कॉलोनियों में से है.
गगनचुंबी निवेश प्रस्तावों से बदलेगी तस्वीर!
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में रिकार्ड संख्या में एमओयू करने के साथ योगी सरकार ने सांस्कृतिक एजेंडे को भी धार दी. पर अब लोकसभा चुनाव से पहले जमीन पर काम दिखाने की चुनौती
नए नशे में उड़ता गुजरात
भारी मात्रा में मेफेड्रॉन की कई बरामदगियों ने गुजरात में खतरे की घंटियां बजा दीं. इस नशीले पदार्थ की आफत के पीछे क्या है और राज्य की एजेंसियां इससे कैसे निबट रही हैं?
बजट से बेड़ा पार का जुगाड़
नेता वित्तीय मामले में चाहे कितना समझदार क्यों न हो, चुनावों का मौसम उसके सुर बदल ही देता है. राजस्थान और मध्य प्रदेश की सरकारें भले ही कंग्रेस और भाजपा जैसी परस्पर धुर विरोधी हों, पर हालिया बजट में दोनों के मुख्यमंत्रियों ने जिस तरह के गिफ्ट वाउचर जनता में बांटे हैं, हू ब हू एक-दूसरे की नकल मालूम होते हैं.
लौट आया बादशाह
पठान ने न सिर्फ शाहरुख की प्रतिष्ठा बहाल की बल्कि हिंदी फिल्म उद्योग को भी नई जिंदगी बरशी. इतना ही नहीं, बायकॉट-बायकॉट खेलने के शौकीनों को भी इसने सामने से और मुंहतोड़ जवाब दिया
देसी विदेश नीति !
दुनिया के सबसे बड़े डिप्लोमैट कौन थे? मैं कहूंगा सबसे बड़े डिप्लोमैट एक श्रीकृष्ण जी थे और एक हनुमान जी थे.
संगमा बनाम संगमा
फरवरी की 27 तारीख को मेघालय में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के बीच राज्य में सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और उभरती ताकत तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच सियासी घमासान तेज हो गया है.