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अफगानिस्तान पर इतना रोनापीटना क्यों?
अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा बिना खूनखराबे के हो गया. तालिबान इस बार एक नए रूप में सामने आया है. उस ने न तो सरकारी अधिकारियों व नेताओं के साथ मारकाट मचाई, न आम शहरी को नुकसान पहुंचाया. इस बार तो उस ने यह भी कह दिया है कि वह पहले की तरह महिलाओंबच्चियों पर अत्याचार भी नहीं करेगा. उन को पढ़ने और काम करने से भी नहीं रोकेगा. फिर निजाम बदलने पर इतना चीखनाचिल्लाना क्यों?
मुलायम और लालू भेंट उत्तर प्रदेश के रास्ते केंद्र की तैयारी
बंगाल विधानसभा चुनाव से विपक्षी दलों ने जो सबक लिया वह यह कि सही रणनीति पर काम किया जाए तो भाजपा जैसी पार्टी को भी बुरी तरह मात दी जा सकती है. यही कारण है कि बेजान पड़ा विपक्ष अब अलग तेवर में नजर आ रहा है.
महिलाओं का नाश्ता न करना 10 बीमारियों को आमंत्रण
आमतौर पर सुबह का नाश्ता अधिकतर महिलाएं स्किप कर देती हैं जबकि यहीं से शुरू होती हैं कई समस्याएं. पौष्टिक आहार शरीर के लिए जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है सही समय पर भोजन करना. टाइम पर भोजन करना ही शरीर को ऊर्जा के साथसाथ संतुलन देता है.
भाई भाई न रहा
संपत्ति, ईर्ष्या, द्वेष ऐसे मसले हैं जो भाईभाई को भी दुश्मन बना देते हैं. ऐसे में क्या किया जाए कि परिवार में आपसी रिश्तों को सहेज कर रखा जा सके, जानें आप भी.
"मुझे कोई हीरोइन बना देगा तो वह भी बन जाऊंगी" मेघना मलिक
टीवी इंडस्ट्री में 'भवानी देवी' उर्फ 'अम्माजी' के किरदार को कौन नहीं जानता होगा. यह किरदार मेघना मलिक का सब से यादगार किरदार रहा. लेकिन यह किरदार ही नहीं, मेघना का वह सफर भी यादगार है जिस से गुजर कर आज वे बौलीवुड की मंजिल तक पहुंची हैं.
लक्षद्वीप को डुबोने की तैयारी
लक्षद्वीप अचानक चर्चा में है और वहां के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल विवादों में. पटेल लक्षद्वीप को मालदीव की तर्ज पर पर्यटन स्थल में परिवर्तित करना चाहते हैं मगर द्वीप के ईकोसिस्टम से बेपरवाह जो प्रस्ताव ले कर वे आए हैं उस से लक्षद्वीप का अस्तित्व और उस के निवासियों का जीवन संकट में है.
टोक्यो ओलिंपिक जज्बे के सहारे जरूरतों से जूझते चैंपियन
देश में होनहार खिलाड़ियों की कमी नहीं है, इस के बावजूद हम ओलिंपिक खेलों में एक बार में 7 से ज्यादा मैडल नहीं ला पाए हैं. इस के कई कारण हैं. लेकिन इस से पदक जीतने वाले उन खिलाड़ियों के जज्बे को कम नहीं समझा जाना चाहिए जो विपरीत परिस्थितियों में भी मैडल हासिल कर पोडियम पर खड़े हुए हैं.
सिर्फ मुआवजे से नहीं पलते अनाथ बच्चे
तकरीबन 2.4 लाख बच्चे कोविड-19 महामारी के चलते अनाथ हो गए. कई राज्य और केंद्रशासित सरकारों ने अनाथ हुए बच्चों के पक्ष में सराहनीय कदम उठाए लेकिन क्या उन बच्चों को केवल आर्थिक सहायता की जरूरत है या फिर...
पीसीओएस का खतरा सही आहार और पोषण से रोकें
महिलाओं में होने वाली पीसीओएस की समस्या हार्मोन की गड़बड़ी से होती है जिस के चलते एक या दोनों अंडाशय बड़े हो जाते हैं और इन के बाहरी किनारों पर छोटी गांठें उभर आती हैं. कैसे इस से निबटें, आइए जानें.
गरमाती धरती कहर के करीब
कहीं बाढ़, कहीं भयंकर गरमी, कहीं सूखा तो कहीं बेमौसम बारिश. दुनियाभर में एकसाथ मौसम के कई रूप देखे जा रहे हैं. यह सब बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन का नतीजा है. अगर जलवायु परिवर्तन की वजह से होने वाले बदलाव यों ही जारी रहे तो सदी के अंत तक भारत के भी कई हिस्से समुद्र में समा जाएंगे.
ब्लैक मार्केटियों की गूगल मीट
'जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का?' यह थ्योरी ब्लैक मार्केटिए अच्छे से बूझते हैं. सिस्टम की रगरग से जितने ये वाकिफ हैं उतना कोई नहीं. सरकार तो परदा है, असल तंत्र तो यही लोग चला रहे हैं. कोरोना में इन दिनों गूगल मीट पर ये क्या खिचड़ी पका रहे हैं, आप भी जानें.
मोदी सरकार और मीडिया
सत्ताधारियों के साथ मिल कर मीडिया का गला दबाने का जो कृत्य मीडिया ने ही किया है उस की सचाई तरहतरह की रिपोर्टों से सामने आ रही है. सत्ता की शह पर देश में सूचनाओं के जाल को योजनाबद्ध तरीके से कुतरा जा रहा है और खास तरह की सूचनाओं को ही प्रसारित किया जा रहा है.
जीवनसाथी बिना जिया जाए कैसे
हंसतेखेलते परिवार में जीवनसाथी का साथ छूट जाने से जीवन में बहुतकुछ बदल तो जाता है लेकिन सबकुछ खत्म नहीं हो जाता. जिंदगी के सफर में ऐसे उतारचढ़ाव आसानी से पार हो सकते हैं.
जंजाल है बुजुर्गों की देखभाल
वृद्धाश्रमों को लोगों ने अनैतिकता का पैमाना बना दिया है कि वहां रह रहे बुजुर्गों के बेटा, बेटी या बहू गलत रहे होंगे, उन पर अन्याय करते रहे होंगे. लेकिन जरूरी नहीं कि ऐसा हो ही. इस के उलट समझना भी जरूरी है कि आखिर क्यों ऐसे मामले अधिक बढ़ रहे हैं और इस के पीछे की वजह क्या है?
“मैं द्विअर्थी नहीं, फैमिली कौमेडी करती हूं
सुगंधा मिश्रा उन चंद कलाकारों में से हैं जिन्होंने कौमेडी और सिंगिंग का फ्यूजन क्रिएट किया है, जिसे वे खुद भी एंजौय करती हैं. अपनी कौमिक टाइमिंग और मिमिक्री से हर किसी का दिल जीतने वाली सुगंधा की पहली पसंद संगीत है.
हमसफर भी तुम ही हो
कहते हैं, जब बुरा वक्त आता है तो अपने भी साथ छोड़ जाते हैं और जो साथ देता है वह बिना मतलब तो कतई नहीं. संस्कृति के साथ भी ऐसा ही हुआ जब उस के पति अविनाश को कोरोना हुआ...
साइलेंट मोड पर जाते रिश्ते
आज आम जीवन में रिश्तों के बीच एक सन्नाटा सा पसरता जा रहा है. लोग अपनों से दिल की बात छिपाते हैं. वे कछुए की तरह अपने कवच में घुसे रहते हैं. ऐसे में दूरियां बढ़नी तो लाजिमी हैं.
शर्म छोड़िए आत्मनिर्भर बनिए
कोई भी धंधा छोटा नहीं होता और बेगार घर में रहने से शर्मनाक कुछ और नहीं होता. बेशक, कई लोग छोटामोटा धंधा सिर्फ इसलिए नहीं शुरू करते क्योंकि उन के आड़े उन की शर्म आ जाती है, पर यकीन मानिए ऐसे कई उदाहरण हैं जो इस रोड़े को कब का फांद कामयाब हो चुके हैं.
बच्चों को मोबाइल से कैसे रखें दूर
कोविडकाल चल रहा है तो अधिकतर बच्चों की दिनचर्या फोन में केंद्रित हो कर रह गई है, इस से बच्चों की सेहत और व्यवहार पर दुष्प्रभाव दिखने लगे हैं.
मृत्यु के बाद भी पाखंड का अंत नहीं
भारत में कोरोना की दूसरी लहर में सारे मृत्युपरांत कर्मकांड धरे के धरे रह गए. संस्कार तो दूर, पंडे तो मृतक के नजदीक तक न फटके. लेकिन इन सब से सबक लेने की जगह लोग फिर से पाखंड की इस फंतासी में फंसते जा रहे हैं और हैरानी यह कि इन में पढ़ेलिखे बढ़चढ़ कर हैं.
रामचरितमानस में अपशब्द
रामचरितमानस को अधिकतर हिंदू अपना धार्मिक ग्रंथ मानते हैं. लेकिन बहुत कम ही इन चीजों पर ध्यान देते हैं या पूरी तरह नजरअंदाज कर देते हैं कि यह ग्रंथ अपशब्दों से भरा पड़ा है.
सामान शिफ्टिंग के 10 टिप्स
पहले शहरों में रूम या फ्लैट की शिफ्टिग करना आसान नहीं था, सामान लाने व ले जाने में हालत खराब हो जाती थी लेकिन अब सामान शिफ्ट करने वाली कुछ कंपनियों की मदद से यह काम आसान हो गया है.
पैगासस जासूसी गुलामी की जंजीर
सरकार हर प्रकार से जनता को जंजीरों में जकड़ना चाहती है. वह इस के लिए उन माध्यमों को तहसनहस कर देना चाहती है जो लोकतंत्र में उन की पहली आवाज बन कर उठते हैं चाहे वे पत्रकार हों, विपक्षी पार्टियां हों या फिर न्यायालय हों. 'पैगासस प्रोजैक्ट' रिपोर्ट के सनसनीखेज खुलासे से यह खुल कर सामने आ गया है.
दलितों पर हावी हो रहे कर्मकांड 40 साल बाद धार्मिक शादी
भारतीय राजनीति में एक समय था जब दलित राजनीति का केंद्र धार्मिक अंधविश्वासों और कर्मकांडों के खिलाफ मोरचा लेना था, क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के चलते ही सालोंसाल दलितपिछड़ों ने बर्बर प्रताड़ना झेली. लेकिन लंबे चले संघर्ष के बाद अब यही कर्मकांड दलितपिछड़ों पर हावी होने लगे हैं. वे इस के जंजाल में फंसते जा रहे हैं.
तालिबानियों से डरी अफगानी औरतें
अफगानिस्तान का जिक्र आते ही बम-धमाके, मौतें, मजलूमों पर कोडे बरसाते तालिबानी और सिर से पैर तक परदे में ढकी औरतों की छवि आंखों के सामने उभरती है. रूढ़िवादी, दकियानूसी, चैन ओ अमन के दुश्मन और औरतों पर जुल्म ढाने वाले तालिबानियों के कब्जे में फंसता जा रहा अफगानिस्तान अपने भविष्य को ले कर सशंकित है.
अधर में प्रतियोगी युवा सरकारी नौकरी का लालच
सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे ज्यादातर ऐसे सक्षम युवा हैं जिन्हें संभव है कि सीट की कमी और सरकारी कुव्यवस्था के चलते सरकारी नौकरी नहीं मिलने वाली, लेकिन परिवार की एक बड़ी पूंजी अभी तक वे इन तैयारियों में उम्मीद के सहारे खर्च कर चुके हैं. ऐसे में प्रतियोगी युवाओं का भविष्य अंधकार में गहराता जा रहा है. ये वे युवा हैं जो सबकुछ दांव पर लगा कर एक अनिश्चित भविष्य की तरफ बढ़ रहे हैं.
ऐंटी सैक्स बैड मैदान से पहले बिस्तर का खेल
इन दिनों पूरी दुनिया में 'ऐंटी सैक्स बैड' खासा चर्चा में बना हुआ है. टोक्यो ओलिंपिक खेल से उठा यह विवाद जितना अनोखा है उतना हास्यास्पद भी, तभी तो लोग इस के मजे ले रहे हैं और इसे पलंगतोड तरकीब कह रहे हैं.
“कोविड की वजह से दुनिया में फिल्मों की मार्केटिंग बहुत बदली है
बौलीवुड अभिनेता फरहान अख्तर को भला कौन नहीं जानता. पूरा देश वाकिफ है कि वे बहुप्रतिभाओं के धनी हैं.वे इंडस्ट्री के उन गिनेचुने कलाकारों में से हैं जो विरासत में सिर्फ कला साथ लाए बाकी अपने दमखम से इंडस्ट्री पर छाए. उन की हाल ही में फिल्म 'तूफान' रिलीज हुई है.
मध्यवर्ग और कोरोना
कोरोना की मार हर वर्ग पर पड़ी है. मध्यवर्ग के लोगों को इस की बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है. मात्र एक घटना के चलते वे एक झटके में मध्य से निम्नवर्ग में दाखिल हो जा रहे हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए घातक साबित हो सकता है.
मोदी का नया कैबिनेट- भानुमती का फुस कुनबा
प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी के कैबिनेट विस्तार की जिस तरह छीछालेदर हो रही है वह अभूतपूर्व कही जा सकती है. आखिर असल वजह क्या है...