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स्टैन स्वामी की मौत कानून ने की यह हत्या
देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर की चुनी सरकारें उन जागरूक लोगों से डरती हैं जो दूसरों को जगाते हैं और सरकार के गलत कामों का निडर हो कर विरोध भी करते हैं.ये लोग शोषण और असमानता का विरोध करने का कोई मौका नहीं चूकते. लिहाजा, सरकार इन का मुंह बंद करने के लिए कानूनों को हथियार बनाने लगती है. यही स्टैन स्वामी के साथ हुआ.
कहीं आप बच्चों को ज्यादा डांटते तो नहीं
बच्चों का बदमाश और शरारती होना स्वाभाविक होता है.लेकिन उन्हें सुधारने के चक्कर में आप उन्हें परेशान करने लगते हैं. आप कब ओवर-करैक्टिग या क्रिटिकल मोड में चले जाते हैं, आप को पता ही नहीं चलता.
न्यूज चैनलों की थूक कर चाटने की कला
न्यूज चैनल्स की खबरें अब विश्वसनीय नहीं रह गई हैं क्योंकि ये प्रायोजित व पूर्वाग्रह से ग्रस्त होती हैं. इस के अलावा टीआरपी के लिए चैनल्स किसी भी हद तक गिरने को तैयार रहते हैं, वहीं सनसनी मचाने के लिए तिल का ताड़ बनाने से नहीं चूकते.
बच्चों में पोस्ट कोविड एमआईएस-सी को न करें नजरअंदाज
बच्चों में कोविड होने के 2 से 6 हफ्तों के भीतर बुखार, खांसी, हार्ट में सूजन, चक्कर, सीने में दर्द, सांस लेने में कठिनाई हो तो संभव है कि ये पोस्ट कोविड एमआईएस-सी के लक्ष्ण हों. आखिर क्या है यह एमआईएस-सी और क्यों है यह बच्चों के लिए घातक?
जब स्मार्टफोन चोरी हो जाए
जैसेजैसे डिजिटीकरण बढ़ा है, वैसे ही औनलाइन साइबर क्राइम में भी बढ़ोतरी हुई है. लोगों के हाथ में इंटरनेट और स्मार्टफोन की सुविधा आने से काम तो आसान हो गए लेकिन कई बार बड़े हर्जाने भी भरने पड़ते हैं.
हम कैसे विश्वगुरु हैं
दुनिया का इतिहास व वर्तमान देखने से यह तय है कि जो भी बदलाव आए, क्रांतियां हुईं उन का नेतृत्व नास्तिकों ने तर्कसंगत किया है. वहीं आस्तिक होना दुनिया का सब से सरल कार्य है. आंख बंद करो, सुनो और पीछे चल दो. आस्तिक लोग स्थापित मूढ़ताओं व मूर्खताओं के सब से बड़े रखवाले होते हैं. ऐसे में बिना इसे समझे, हम विश्वगुरु कैसे बन सकते हैं?
पश्चिम परेशान चढ़ता चीन
चीन से निकले कोरोना वायरस की दहशत ने दुनिया का चक्का जाम कर रखा है. कामधंधे ठप हैं, व्यापार चौपट हैं और लगभग हर देश अपनी डूबती अर्थव्यवस्था को ले कर चिंतित है. मगर आश्चर्यजनक रूप से चीन ने न सिर्फ कोरोना पर पूरी तरह काबू पा लिया बल्कि 2021 की पहली तिमाही में उस की अर्थव्यवस्था ने गजब का उछाल दर्ज किया है. दुनिया को पीछे छोड़ती चीन के विकास की बुलेट ट्रेन जिस रफ्तार से भाग रही है उस ने अमेरिका और यूरोप की चिंता बढ़ा दी है. भारत तो अब कहीं है ही नहीं.
औनलाइन श्रद्धांजलि
अब जब औनलाइन श्रद्धांजलि का चलन बढ़ ही गया है तो इस के नियम-कानून भी तय कर ही लिए जाने चाहिए. कब, कैसे, कितना, कहां, क्या बोलना है, यह पता होना चाहिए. कहीं ऐसा न हो कि पैर पटक कर जाने की नौबत आ जाए.
आईएएस अफसरों का दर्द
भ्रष्टाचार को सहज ढंग से लेने की मानसिकता दरअसल एक साजिश है जिस का विरोध एक आईएएस अधिकारी ने किया तो उसे तरहतरह से प्रताड़ित किया गया ताकि भविष्य में कोई दूसरा आपत्ति न जताए. पेश है खोखली होती प्रशासनिक व्यवस्था का सच बयां करती यह खास रिपोर्ट.
दिमाग स्वस्थ तो आप स्वस्थ
2019 के बाद मानव जीवन पूरी तरह से बदला है.व्यवहार, दिनचर्या और बातचीत का तरीका पूरी तरह से बदल गया है. ऐसे में लोगों को कई तरह की दिक्कतों को झेलना पड़ रहा है, जिन का सामना हमें अपने मजबूत दिमाग से करना है.
दलितपिछड़ा राजनीति घट रही आपसी दूरियां
उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव की तैयारियों में जुटने लगी हैं, बंद कमरों में गुप्त मीटिंगें हो रही हैं, कुछ के आंतरिक कलह खुल कर सामने भी आने लगे हैं. इस बीच जमीन पर जनता क्या सोच रही है, उस का क्या मूड है, जानने के लिए पढ़ें यह ग्राउंड रिपोर्ट.
"समाज में एलजीबीटी समुदाय को ले कर जो टैबू है उसे बदलने का प्रयास है हमारी यह फिल्म" अंशुमन झा
'लव, सैक्स और धोखा' और 'नो फादर इन कश्मीर' जैसी फिल्मों में ऐक्टिग कर चुके अंशुमन अब अपनी फिल्म 'हम भी अकेले तुम भी अकेले' ले कर आए हैं. फिल्म एलजीबीटी समुदाय को केंद्र में रख कर बनाई गई है.
बरोजगारी का गहराता संकट
देश में करोड़ों लोग इस समय बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं. कइयों की घर में भूखे मरने की नौबत आ गई है और कई गहरे अवसाद में जी रहे हैं. बढ़ती बेरोजगारी भारत के लिए बड़ी चिंता का विषय है, यदि इस समय इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो अर्थव्यवस्था का वापस जल्दी पटरी पर आना बेहद मुश्किल होने वाला है.
इसराईल-फिलिस्तीन युद्ध धर्म के हाथों तबाह मध्यपूर्व एशिया
इसराईल और फिलिस्तीन का सारा झगड़ा धर्म, वर्चस्व, जमीन हथियाने आदि के इर्दगिर्द है. यहूदी और मुसलमान जिन के धर्म का मूल स्रोत एक ही है, बावजूद इस के दोनों एकदूसरे की जान के प्यासे हैं. दुनिया में धर्म ही हर फसाद की जड़ है. धर्मयुद्धों ने पूरे मध्यपूर्व एशिया को तबाह कर डाला है.
बढ़ती आत्महत्याएं गहराती चिंताएं
सरकार ने जनता को विध्वंस के कगार पर खड़ा कर दिया है. चारों ओर डर व दहशत का माहौल है.अर्थव्यवस्था चकनाचूर है. लोगों की नौकरियां छिन गई हैं. इस विध्वंस से जन्मी घनघोर निराशा व अवसाद के चलते आत्महत्या की घटनाएं तेजी से बढ़ने लगी हैं जो देश को गहराते अंधकार की तरफ धकेलती जा रही हैं.
वैधानिक चेतावनी तंबाकू का खतरा
तंबाकू के सेवन से होने वाली कुल मौतें, स्तन कैंसर, एड्स, सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली कुल मौतों से भी अधिक हैं. 69 तरह के कैंसर तंबाकू के सेवन से हो सकते हैं. आज कोरोना महामारी पर सभी चिंतित हैं लेकिन तंबाकू जैसी पुरानी महामारी से नजात पाना भी तो जरूरी है.
आधुनिक श्रवण कुमार
श्रवण कुमार केवल पहले ही नहीं, आज के समय में भी काफी पाए जाते हैं. यदि आप को विश्वास नहीं है तो गंगाधर के पास आ कर स्थानांतरण के इन आवेदनों को पढ़ लें. आंखों का जाला हट जाएगा, एक नहीं अनेक श्रवण कुमार मिलेंगे.
सैंट्रल विस्टा प्रोजैक्ट गलत प्राथमिकताओं का प्रतीक
अमेरिका, फ्रांस, इंग्लैंड, इटली, नीदरलैंड जैसे विकसित देशों की संसद पुरानी हो सकती है तो भारत जैसे विकासशील देश की संसद, जिसे 100 साल भी नहीं हुए, को एक नए भवन की जरूरत क्यों? क्या नया संसद भवन बनवाना मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हठधर्मिता का प्रतीक है या फिर यह किसी गहरे षड्यंत्र का हिस्सा है?
चलने की आदत बनाए सेहतमंद
भारत में स्वास्थ्य समस्याओं के पीछे अनेक कारण होते हैं लेकिन हमारा पैदल न चलना एक बड़ा कारण है. पैदल न चलने के चलते हमें कई बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. इस बारे में स्वास्थ्य संबंधी जानकार क्या कहते हैं, जानें.
अभिषेक ने हेमंत बन 'गुरु' की याद दिला दी
यह फिल्म शेयर बाजार में 1990 में हुए 5,000 करोड़ रुपए के स्कैम की सच्ची घटना पर बनी है. इस स्कैम में हर्षद मेहता जैसे चौल में रहने वाले मामूली इंसान ने शेयर बाजार में बुल रन शुरू किया और मार्केट को ऊंचाइयों तक ले गया.
12वीं पास भविष्य फेल
कोरोना संक्रमण से छात्रों की हिफाजत के मद्देनजर सीबीएसई सहित 7 राज्यों ने 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं. मगर क्या यह सही और भविष्य के लिए उपयुक्त निर्णय है?
"शादी कर मैं अपने बेटे को किसी के साथ शेयर नहीं कर सकता" तुषार कपूर
अभिनेता तुषार की कोशिश अलगअलग किरदार निभाने की रही लेकिन उन की भूमिका को कौमेडी में अधिक पसंद किया गया. वे एक सिंगल फादर हैं और खुद को प्रोड्यूसर के तौर पर भी स्थापित कर रहे हैं. कैसी रही उन की यह जर्नी, आइए जानें उन्हीं से.
हिमयुग की दस्तक अटकलें या हकीकत
मानव अस्तित्व से भी हजारों वर्ष पहले धरती पर हिमयुग का लंबा दौर चला था जब दुनिया बर्फीली चादर से ढक गई थी. वैज्ञानिकों के अनुसार अब 'सोलर मिनिमम युग' का दौर है. ऐसे में एक बार फिर से हिमयुग के आने की अटकलें लगाई जा रही हैं.
कोरोना मृतकों के परिजनों को मुआवजा क्यों नहीं
लाखों लोग बेमौत मर रहे हैं. इस से उन के घरवालों को खानेपीने के लाले पड़ने लगे हैं. देश में करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए हैं, वहीं, कामधंधे व उद्योग-व्यापार के पटरी पर लौटने के आसार नजर नहीं आ रहे. ऐसे में सवाल यह है कि कोरोना से मरने वालों के घरवालों को सरकार द्वारा मुआवजा देने का ऐलान क्यों नहीं?
सर्वे और ट्विटर पर खुल रही है पोल प्रधानमंत्री की हवाहवाई छवि
कल तक जो लोग नरेंद्र मोदी के बारे में सच सुनने से ही भड़क जाया करते थे वे आज खामोश रहने पर मजबूर हैं और खुद को दिमागी तौर पर सच स्वीकारने व उस का सामना करने को तैयार कर रहे हैं. लोगों में हो रहा यह बदलाव प्रधानमंत्री की हवाहवाई राजनीति का नतीजा है जिस में 'काम कम नाम ज्यादा' चमक रहा था और अब इस का हवाई गुब्बारा फूट रहा है.
ब्लैक फंगस रंग बदलती मौत
ब्लैक फंगस इन्फैक्शन या म्यूकरमाइकोसिस कोई रहस्यमय बीमारी नहीं है, लेकिन यह अभी तक दुर्लभ बीमारियों की श्रेणी में गिनी जाती थी. भारतीय चिकित्सा विज्ञान परिषद के मुताबिक म्यूकरमाइकोसिस ऐसा दुर्लभ फंगस इन्फैक्शन है जो शरीर में बहुत तेजी से फैलता है. इस बीमारी से साइनस, दिमाग, आंख और फेफड़ों पर बुरा असर पड़ता है.
नताशा नरवाल- क्रूर, बेरहम और तानाशाह सरकार की शिकार
इस समय जितनी असंवेदनशील कोरोना महामारी है उतनी ही शासन व्यवस्था हो चली है. ऐसे समय में शासन द्वारा राजनीतिक कैदियों को अपने प्रियजनों से दूर करना, यातना देने से कम नहीं है. जबकि, कई तो सिर्फ और सिर्फ इसलिए बिना अपराध साबित हुए जेलों में हैं क्योंकि वे सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ आवाज उठा रहे थे.
पत्रकारिता के लिए खतरनाक भारत
वर्ल्ड प्रैस फ्रीडम इंडैक्स के अनुसार पत्रकारिता के मामले में भारत से बेहतर नेपाल और श्रीलंका जैसे पड़ोसी मुल्क हैं. भारत में सरकार निष्पक्ष पत्रकारों की आवाज दबाने के लिए उन पर राजद्रोह जैसे गंभीर मामले लगा कर उन्हें शांत करने का काम कर रही है.
धर्म और भ्रम में डूबा रामदेव का कोरोना इलाज
लड़ाई चिकित्सा पद्धतियों के साथसाथ पैसों और हिंदुत्व की भी है. बाबा रामदेव ने कोई निरर्थक विवाद खड़ा नहीं किया है, इस के पीछे पूरा भगवा गैंग है जिसे मरते लोगों की कोई परवा नहीं. एलोपैथी पर उंगली उठाने वाले इस बाबा की धूर्तता पर पेश है यह खास रिपोर्ट.
गर्भवती महिलाएं अपना और नवजात का जीवन बचाएं
कोविड संकट के दौर में गर्भवती महिलाओं को संक्रमण का अधिक जोखिम होता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि इस समय ऐसी महिलाओं की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, जिस से खतरा अधिक बना रहता है. ऐसे में गर्भवती महिलाएं कैसे खुद को सुरक्षित रख सकती हैं.आइए जानें?