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सब का साथ सब का विकास नारों में सिमटी बात
लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सब का साथ, सब का विकास का नारा दिया. चुनाव जीतने के बाद भाजपा ने सहयोगी दलों को एकएक कर के न केवल दरकिनार करना शुरू कर दिया, बल्कि कइयों को तो विरोधी ही बना लिया. 'एकला चलो' की राह पर भाजपा निकली जरूर है लेकिन अहंकार से भरी यह राह राजनीतिक पतन की तरफ भी ले कर जाती है.
सावधान झक मारना नहीं है औनलाइन फिशिंग
औनलाइन फिशिंग यानी कि औनलाइन धोखाधड़ी. यह जालसाजी करने वाले बहुत चालाकी से शिकार को अपने जाल में फंसा लेते हैं. इसलिए सावधान रहिए इन धोखेबाजों से.
अडानी पर क्यों भड़के स्वामी
सुब्रमण्यम स्वामी अकसर अपनी ही सरकार पर चढ़ बैठते हैं. खूब किरकिरी करते हैं. लेकिन अब की बार वे सरकार के खासमखास पर चढ़ बैठे हैं. सरकार मौन है. ऐसा लगता है जैसे इस मौन में सरकार की स्वीकृति समाहित है.
अपार्टमैंट्स में बन रहे नए परिवार
अपार्टमैंट कल्चर के प्रति कभी हिचकिचाहट महसूस करते लोग अब उस में ढलने को खुद को तैयार कर चुके हैं.
किसान आंदोलन और सुप्रीम कोर्ट
सरकार और किसानों के बीच कृषि कानूनों को ले कर चल रहे गतिरोध में सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप व आदेश किसानों को हैरान करता है. उस में सोने पर सुहागा वह विवादित कमेटी है जिसे ले कर बवाल मचा जिस के चलते सुप्रीम कोर्ट किसानों की नजर में खुद कठघरे में खड़ी हो गई. अब भीतरखाने यह सवाल घूम रहा है कि कहीं सरकार ने कोर्ट के कंधे पर बंदूक रख कर तो नहीं चलाई?
संवेदनशीलता सीमा में हो
संवेदनशील महिलाएं दूसरे की भावना को बहुत गहराई से अनुभव करती हैं. यह उन का अच्छा गुण है लेकिन उन के खुद के लिए यह तनाव देने वाला होता है...
बेटी का प्रेम विवाह अड़चन डालें मातापिता
प्रेम विवाह के खिलाफ अड़चनों की शुरुआत घरपरिवार व मातापिता से ही होती है. ज्यादातर मामलों में लड़की को जबरदस्त विरोध झेलना पड़ता है. जातिबिरादरी, धर्म और अमीरीगरीबी की ऊंचनीच को ले कर प्रेमी युगल को मुश्किलों के दौर से गुजरना पड़ता है. ऐसे में इन मसलों में आ रही कठिनाइयां व उन के उपाय समझें इस लेख में.
"राजनीति में सब को पावर की भूख होती है"अक्षय ओबेरौय
फिल्म 'इसी लाइफ में' से अभिनय के क्षेत्र में कदम रखने वाले अभिनेता अक्षय ओबेरौय को शुरू से अभिनय करने की इच्छा थी, जिस में साथ दिया उन के पेरेंट्स ने. विदेश से पढ़ाई कर वे मुंबई आए और पृथ्वी थिएटर जौइन कर अभिनय की बारीकियां सीखीं.
कट्टर भीड़ और उदार जनता में उलझे 2 लोकतंत्र
डोनाल्ड ट्रंप गुंडई के बल पर हारा हुआ चुनाव जीतना चाहते थे. 4 वर्षों के कार्यकाल में उन्होंने अमेरिका में हिंसा, उदंडता और सांप्रदायिकता का बीजारोपण कर के श्वेत अधिनायकवादियों की भीड़ का जो गिरोह तैयार किया, उस गिरोह से चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने के लिए देश की संसद तक पर हमला करवाया.
डिजिटल जहर अमेरिका से भारत तक फैला भ्रमजाल
अमेरिका में जिस तरह 'क्यूएनन' बड़ी तेजी से बढ़े उसी तरह भारत में कट्टर अंधभक्तों की संख्या में, 2014 के बाद, तेजी आई. और यह पूरी प्रक्रिया लगभग समानरूप से चलाई गई जिस में इंटरनेट और सोशल मीडिया का बहुत बड़ा हाथ रहा है. आज यह हाथ इतना बड़ा हो चुका है कि इस के फंदे में लोकतंत्र की गरदन फंसी पड़ी है. फौरीतौर पर थोड़ी राहत देने वाली इकलौती बात यह है कि भारत में सोशल मीडिया, लड़खड़ाते ही सही, कट्टरवाद का विरोध कर रहा है क्योंकि यहां का नियमित मीडिया अलोकतांत्रिक टूल बना हुआ है.
छोटा घर पतिपत्नी के बीच कलह
डरावने कोरोना वायरस के डर के चलते छोटे घरों में रहने वालों का पारिवारिक जीवन अस्तव्यस्त ही नहीं हुआ है बल्कि तनाव, घरेलू झगड़े बढ़े हैं और बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित भी हुई है. इतना ही नहीं, वायरस ने पतिपत्नी के जिस्मानी आंतरिक संबंधों पर भी बहुत बुरा असर डाला है.
बायोपिक फिल्म जरूरी या गैरजरूरी
दक्षिण भारत में एक ऐसा दौर था जब पोर्नस्टार सिल्क स्मिता और शकीला, जिन्हें बाद में शकीला फिल्म्स के नाम से जाना गया, की तूती बोलती थी. ये दोनों स्टार्स अपने बलबूते पर बड़ेबड़े स्टार्स को टक्कर देने का माद्दा रखती थीं.
आइए किसी पर निकालें अपनी कमियों का दोष
इंसान की फितरत ही यही है कि वह खुद के दोषों को छिपाने के लिए दूसरों की कमियां गिनाने लगता है. लेकिन ध्यान रहे अगर एक उंगली आप किसी पर उठाते हैं तो 4 उंगलियां घूम कर आप से भी सवाल करती हैं.
अचानक मरने लगे हैं पक्षी
इन दिनों बर्ड फ्लू वायरस का संचार पक्षियों के बीच बहुत तेजी से हो रहा है. 2021 की शुरुआत के साथ ही दुनियाभर में पक्षियों की मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है. इस को ले कर जीव विज्ञानी और डाक्टर बहुत चिंतित हैं. आखिर क्या है इस की वजह...
पठोगे तो आगे बढ़ोगे
पढ़ना ऐसी क्रिया है जो ज्ञान में दिनोंदिन बढ़ोतरी करती है और जीने का सलीका सिखाती है. यह एक तरह से ऐक्सरसाइज की तर्ज पर है, जितना पढ़ेंगे उतना मंजेंगे. पढ़िए, खूब पढ़िए और आगे बढ़िए.
किसान आंदोलन न करें कर्म करें फल सरकार और सेठों को लेने दें
धर्म प्रधान देश में संविधान अब कहनेभर की पोथी रह गई है, देश दरअसल धर्मग्रंथों के निर्देशानुसार चल रहा है, श्रीमदभगवद्गीता उन में प्रमुख है, जो कहने को ही कर्म का उपदेश देती है. हकीकत में गीता मेहनतकश लोगों, खासतौर से किसानों के शोषण की बात करती है.
“एडल्ट स्टार शकीला के बेबाकीपन ने मेरी मदद की
इंद्रजीत लंकेश का व्यक्तिगत जीवन फिल्म इंडस्ट्री के बाकी निर्माताओं जितना सरल नहीं. वे निर्माता होने के साथसाथ एक पत्रिका के संपादक भी हैं. वे सिर्फ फिल्म ही नहीं, रिऐलिटी शो भी चला रहे हैं. ऐसे में उन की व्यस्त जीवनचर्या के बीच बतौर निर्माता 'शकीला' का सफर कैसा रहा, आप भी जानिए.
5जी फोन के साथ 5जी की दुनिया में रखें कदम
तेजी से बदलती दुनिया में खुद को रखें अपडेट. 5जी इंटरनेट स्पीड पर खुद को रखें सब से तेज.
रोडरेज की समस्या
बढ़ते सड़क हादसों के साथ रोडरेज यानी रास्ते चलते झगड़ा, गालीगलौज और मारपीट करने की घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं. रोड पर लोग छोटीछोटी बातों पर भी हिंसक होने लगे हैं. आखिर ऐसा क्यों?
ममता से बंगाल छीनने की ललक
ममता बनर्जी के राजनीतिक सफर की कामयाबी पर उन के प्रतिद्वंदियों को रश्क होता है. आज ममता और बंगाल एकदूसरे के पर्याय हैं, जिस में सेंध लगाने की कोशिश हर राजनीतिक पार्टी कर रही है. फिर चाहे वह कांग्रेस हो, वाम पार्टियां या भाजपा हों.
लव जिहाद पौराणिकवाद थोपने की साजिश
पौराणिकवादी विचारधारा का पोषक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हिंदू लड़कियों को आजाद नहीं छोड़ना चाहता. वह उन्हें अपनी पसंद का जीवन जीने या जीवनसाथी चुनने का अधिकार नहीं देना चाहता. मनुवादी व्यवस्था का समर्थक संघ पितृसत्ता को प्रभावशाली बनाना चाहता है ताकि ब्राह्मणों की दुकान चलती रहे. लव जिहाद का नाम ले कर बनाए गए धर्मांतरण कानून के जरिए हिंदू स्त्री को दहलीज के भीतर धकेले रखने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन यह 'सरकारी हिंदुत्व' लव जिहाद की आड़ में और भी बहुतकुछ करना चाहता है.
डाक्टरों के लिए मरीज का मनोविज्ञान जरूरी
मरीज शारीरिक रूप से ही नहीं, मानसिक रूप से भी बीमार होता है. डाक्टर और दवा के साथसाथ उसे मानसिक रूप से संतुष्ट कर दिया जाए तो उपचार के और बेहतर परिणाम सामने आएंगे.
नया साल कुछ नया करें
नया साल आता है और एक बार फिर मन करता है कुछ नया करने का. वैसे भी आने वाला साल पिछले सालों से कुछ अलग होगा. सुखदुख को अपने में समेटे आइए आगे बढ़ कर नए साल के लिए कुछ नया सोचें और नया करें.
नया साल नया फोन
नए साल की शुरुआत करें एक नए फोन के साथ. लेकिन अपने बजट का भी रखें पूरा ध्यान. यहां आप को स्मार्टफोन की दुनिया के सब से बेहतर फीचर्स के साथ बेहतरीन फोन की जानकारी प्राप्त होगी.
औनलाइन फास्टिंग
वर्क फ्रोम होम यानी तकरीबन पूरा काम औनलाइन. जो भी नैट के जरिए ड्यूटी कर रहे हैं उन की ड्यूटी का समय तय नहीं है. वे 24x7 ड्यूटी पर रहते हैं. ऐसे में वे तमाम प्रोब्लम्स के शिकार हो रहे हैं. सो, उन्हें चाहिए कि वे औनलाइन फास्टिंग करें.
किसान आंदोलन उलट आरोपों से बदनाम कर राज की तरकीब
सरकार ने अपने पुराने हथियार को निकाल कर किसान आंदोलन में माओवादियों, देशद्रोहियों के शामिल होने का हल्ला मचाना शुरू किया तो कितने ही हिंदी, अंगरेजी चैनलों व अखबारों ने इस हल्ले को सरकार की फेंकी हड्डी समझ कर लपकने में देर न लगाई रातदिन एक कर दिए.
हवेली चाहे जाए मुजरा होगा ही
निजीकरण के फायदे वही गिना रहे हैं जिन की जेब में मोटा पैसा है. इन में से 90 फीसदी वे ऊंची जातियों के अंधभक्त हैं जो सरकार के लच्छेदार जुमलों के झांसे में आ जाते हैं. इन में से कई लोग शौक तो सरकारी नौकरी का पालते हैं लेकिन सरकारी कंपनियां बिक जाएं, तो उन पर कोई फर्क नहीं पड़ता. ऐसे में युवाओं को सोचना है कि बिन सरकारी कंपनी के सरकारी नौकरी कैसे संभव है.
लक्ष्मी पूजन फिर भी जेब खाली की खाली
कोरोना के नाम पर पूरे देश में केंद्र सरकार द्वारा असफल तालाबंदी लागू की गई. परिणाम इतना भयावह है कि तालाबंदी थोपे जाने के 8 माह बाद भी देश किसी भी स्तर पर संभल नहीं पाया है. मजबूरीवश देशवासियों ने इस साल तमाम त्योहारों पर हाथ भींच लिए और अब दीवाली, शादियों की धूमधाम भी तालाबंदी की भेंट चढ़ रही है.
पतिपत्नी के रिश्ते में कायम रखें रोमांस
पतिपत्नी के बीच अच्छे रिश्ते का होना एक सुखद एहसास होता है, जिसे दुनिया का हर व्यक्ति पाना चाहता है.
ध्वस्त होते 2 बड़े लोकतंत्र
अमेरिकी राजनीति का सिनैरियो भारत के सिनैरियो से मेल खाता है. दोनों देशों में दक्षिणपंथियों की सत्ता में बने रहने की लालसा के चलते लोकतंत्र का सत्यानाश हो रहा है. ध्रुवीकरण, नफरत और रंग/धर्म के भेदभाव की राजनीति भाजपा के चालचरित्र में ऐसी ही है जैसी ट्रंप प्रशासन में दिखी. ट्रंप हार गए हैं पर अमेरिका को दो फाड़ कर गए हैं.