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जायदाद की खरीदारी का बेहतर वक्त
चरमराई अर्थव्यवस्था के बाद कोरोना के कहर ने भी रियल एस्टेट कारोबार को औंधेमुंह गिरा दिया है जिस से प्रोपर्टी अब सस्ती हो गई है. खरीदने वालों के लिए मकान खरीदने का यह अच्छा समय है.
अब तुम पहले जैसे नहीं रहे
कोई भी रिलेशनशिप आसानी से नहीं टूटती है. रिश्तों में धीरेधीरे दूरियां बढ़नी शुरू होती हैं और इस को अनदेखा किया तो एक समय ऐसा आता है जब दूरियां इस कदर बढ़ जाती हैं कि संबंध बेमानी हो जाते हैं.
रीतिरिवाजों में छिपी पितृसत्तात्मक सोच
हमारे समाज में ऐसी बहुत सी परंपराएं, रीतिरिवाज और संस्कार प्रचलन में हैं जिन का पालन सिर्फ महिलाओं को करना होता है और जो उन के कमतर दिखने की वजहें हैं.
कोरोना और अर्थव्यवस्था पर घिरते मोदी और ट्रंप
एक तरफ 'विकास' और 'अच्छे दिन' का वादा कर के नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने, तो दूसरी तरफ 'अमेरिकन फर्स्ट और 'ग्रेट अमेरिका अगेन' कह कर डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बने. सत्ता में पहुंचने के बाद दोनों की कथनी और करनी में जमीनआसमान का अंतर दिखा. एकदूसरे को दोस्त बताने वाले दोनों नेता न सिर्फ कोरोना को संभालने में नाकामयाब रहे, बल्कि दोनों के कार्यकाल में अर्थव्यवस्था भी चौपट हो गई.
काले कृषि कानून किसानों के लिए मोक्ष के द्वार
एक समय था जब काशी बनारस में पंडेपुजारियों की एक कोरियर सर्विस सीधे स्वर्ग से चलती थी, जिस में धर्मांध लोगों को सशरीर स्वर्ग भेजा जाता था. इतिहास के पन्नों में दर्ज जानकारी के अनुसार, काशी के पंडे भारी रकम ले कर बेवकूफ लोगों को पकड़ उन्हें बुर्ज पर चढ़ा देते थे. वहां कुछ मंत्र पढ़ कर यह कह कर उन्हें नीचे कुदा देते थे कि यहां मरने वाले सीधे स्वर्ग जाते हैं.
कई रोगों से बचाता है विटामिन सी
शरीर के स्वास्थ्य के सही संतुलन के लिए विटामिन्स की जरूरत होती है. अगर बात विटामिन सी की हो तो यह अन्य सभी विटामिन्स की तुलना में अधिक गुणकारी है, जो न सिर्फ शरीर में रोगमारू क्षमता बढ़ाता है बल्कि सौंदर्य को भी निखारता है.
21वीं सदी में भी मर्द मालिक औरत गुलाम
पितृसत्ता सिर्फ जोरजबरन वाली व्यवस्था नहीं रही है जिसे मात्र पुरुषों के बीच जनजागृति कर सुलझा लिया जाए, बल्कि इस का ठोस आधार सदियों से मजबूत रहा है जिस में महिलाओं के पैरों में भी सहमति की जंजीरें बंधती रही हैं.
करवाचौथ एकाकी महिला के लिए गाली
समाज में अकेली, निर्बल नारी को और ज्यादा अकेला व भयभीत करने के लिए करवाचौथ का सामूहिक प्रदर्शन धर्म के ठेकेदारों द्वारा आयोजित करवाया जाता है. करवाचौथ जैसा व्रत महिलाओं की एक मजबूरी के साथ उन को अंधविश्वास के घेरे में रखे हुए है जो पुरुषसत्ता को और भी मजबूत करता है. ऐसे में महिलाओं का करवाचौथ मनाना कितना उचित है, जानें.
"मासिकधर्म से जुड़ी सामाजिक वर्जनाओं को तोड़ने के लिए बनाई फिल्म" असिस सेठी
असिस सेठी की शौर्ट फिल्म 'ए ब्लडी मेस' को दुनियाभर में कई पुरस्कारों से नवाजा गया है. भारतीय मूल की कनाडाई निर्देशिका असिस ने न सिर्फ अवार्ड जीते बल्कि समाज में भारतीय महिलाओं की समस्याओं को सामने रखने की एक ईमानदार कोशिश की है.
दूसरों के सामने पत्नी का मजाक न उड़ाएं
ज्यादातर पति जब अपनी पत्नियों का दूसरों के सामने मजाक उड़ाते तो इस के पीछे उन का दिल दुखाने की कोई मंशा नहीं होती है, बल्कि ऐसा वे सिर्फ हंसी में करते हैं. लेकिन धीरेधीरे यही मजाक उन र्क आदत बन जाता है और पत्नी को दंश देना शुरू कर देता है.
कोरोनाकाल में सुरक्षित नहीं थिएटर में फिल्म देखना
अक्तूबर माह में सिनेमाहौल खुलने के आसार बन रहे हैं. इस से सिनेप्रेमियों और थिएटर में काम करने वालों में खुशी पसरी हुई है, लेकिन यह खुशी तमाम खतरों से भरी हुई है. कोरोना दौर में मनोरंजन के साथसाथ अगर सावधानियों व सुरक्षा का ध्यान न रखा गया तो खुशियों को ग्रहण लगते देर न लगेगी.
यूपी में रामराज नहीं अपराध राज
अपराध और अपराध की गिरफ्त में जकड़ता उत्तर प्रदेश. यह प्रदेश पहले से अधिक खतरनाक और हिंसक हो चला है. भगवा कपड़े पहना संत, नेता बन सत्ता में आया और अपराधमुक्त राज्य बनाने का दावा किया, लेकिन यह खोखला दावा आसमानी हो गया है और जमीन अपराध से लाल.
बलात्कार कानून बदलाव की जरुरत
बलात्कार निसंदेह महिलाओं के प्रति एक घृणित अपराध है लेकिन आजकल ऐसे बलात्कारों की संख्या तेजी से बढ़ रही है जिन में सहमति से संबंध बनते हैं और अदालतें बिना वास्तविकता पर विचार किए आरोपी को जेल भेज देती हैं. यह कैसी ज्यादती है, इस पर पढ़िए यह खास रिपोर्ट.
युवा बेहाल मांगे रोजगार
पिछले 4 महीनों में 50 लाख वेतनभोगी कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा चुका है. बेरोजगारी का आंकड़ा बढ़ कर 1.89 करोड़ पहुंच गया है. सीएमआईई द्वारा जारी बेरोजगारी का ताजा आंकड़ा भारत की इकोनौमी की रिकवरी पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है.
हार्डवर्किंग के बावजूद पुरुषों से पीछे महिलाएं
सिर्फ यही नहीं कि पुरुषों के साथ महिलाएं कंधे से कंधा मिला कर आगे बढ़ रही हैं बल्कि वे पुरुषों से ज्यादा मेहनत करने वाली भी साबित हुई हैं, लेकिन फिर भी उच्च पदों पर उन की संख्या कम है. ऐसा क्यों ?
न्याय के तराजू में धर्म का बाट क्यों
न्याय की मूर्ति की आंखों पर पट्टी बांध रखी है, सो, हाथ का देसी तराजू ही संतुलित होता है. पर अगर न्यायाधीश खुली आंखों से देख कर तराजू के पलड़ों में धर्म के बाट डाल कर फैसले करने लगे, तो समाज का सुधार कैसे होगा?
कट्टरवाद का केयरटेकर फेसबुक
भारत में मुख्यधारा का मीडिया अपनी विश्वसनीयता खो चुका है. मीडिया के कई संस्थान सत्ता के साथ सांठगांठ कर उस के हित के लिए देश में धार्मिक कट्टरता व नफरत फैलाने में लिप्त हैं. वे असल मुद्दों पर ज्यादा फोकस नहीं कर रहे. विकल्प के तौर पर फेसबुक और व्हाट्सऐप आमजन की अभिव्यक्ति के सरल माध्यम बने थे. लेकिन, क्या ये सच में आमजन की अभिव्यक्ति के सच्चे साधन बन पाए? अलगअलग हो रहे खुलासों से तो ऐसा लग रहा है कि फेसबुक कट्टरवाद का केयरटेकर सा बन गया है.
"मौका मिला तो मैं भी अपना टैलेंट दिखा सकता हूं "चंदन राय सान्याल
चंदन राय सान्याल ने अभिनय की शुरुआत थिएटर से की. सिनेमाई परदे पर वे जाने गए फिल्म 'कमीने' से. इस समय वे वैब सीरीज 'आश्रम' में अपने किरदार भोपा स्वामी से दर्शकों का ध्यान खींच रहे हैं. वे अपने अभिनय कैरियर की शुरुआत ले कर अब तक की जर्नी को रोचक बताते हैं.
उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों को लुभाने में जुटी भाजपा
मंडल कमीशन लागू होने के बाद भाजपा के राज में ब्राह्मण सदियों बाद पूरे देश में सत्ता में आए हैं. पर अब उन का एक वर्ग नाराज होने लगा है.
महंगी शिक्षा घटते रोजगार बंद होते कालेज
कोरोना के कारण मातापिता पर चौतरफा मार पड़ रही है. जहां एक तरफ नौकरी का खतरा सिर पर मंडरा रहा है, वहीं इन विषम परिस्थितियों में आसमान छूती स्कूलकालेज की फीस ने उन की कमर तोड़ दी है. आखिर करें तो करें क्या?
बौलीवुड का ड्रग कनैक्शन
बौलीवुड और ड्रग्स का रिश्ता पुराना रहा है. आंखें चुंधियाती दूधिया रोशनी से सराबोर बौलीवुड के पीछे नशे और अपराध की बजबजाती दुनिया भी है, यह कोई ढकीछिपी बात नहीं रह गई है.
वर्क फ्रोम होम के दौर में औफिस का क्या
लौकडाउन के चलते औफिस का काम घर से करने की पनपी संस्कृति अनलौक होने के बाद भी जारी रह सकती है, जैसा कि कई कंपनियां संकेत दे रही हैं. ऐसे में औफिस की क्या भूमिका होगी...
हमारी वर्जिनिटी हमारे लिए नहीं तो बचाएं क्यों?
पुरुषवर्ग लड़कियों से वर्जिन रहने की अपेक्षा करता है जबकि वही उन की वर्जिनिटी पर हमला करने से बाज नहीं आता. वहीं, स्त्रीवर्ग में अब यह सोच उभरने लगी है कि जब वर्जिनिटी उस की हो कर भी उस के लिए नहीं, तो वह उसे बचाए क्यों...
“मैं सिर्फ जीवन जीता हूं" नमित दास
अभिनेता नमित दास ने बौलीवुड ही नहीं, बल्कि छोटे परदे और कुछ वैब सीरीज में भी हाथ आजमाया है. साथ ही, वे संगीत का भी शौक रखते हैं और म्यूजिकल नाटक कर चुके हैं. ऐसी ही और भी अनसुनी बातें हैं जिन पर नमित ने खुल कर बात की.
कोरोनाकाल में क्या खाए क्या न खाएं
कोरोना के दौरान लोगों को पहले घर से कम से कम बाहर निकलना चाहिए. वहीं, डाइट में उन चीजों को शामिल करना चाहिए जो पौष्टिक होने के साथ लंबे समय तक सुरक्षित रहें.
मिक्स्ड कल्चर की महिलाओं से घबराए कट्टरवादी
अमेरिका में कट्टरवाद का सामना कर रहीं कमला हैरिस दुनिया की अकेली महिला नहीं हैं. हमारे देश भारत में भी ऐसे उदाहरणों की कमी नहीं जो बताते हैं कि भिन्न पृष्ठभूमि वाले कपल्स और उन की संतानों को प्रताड़ित व हतोत्साहित करने के लिए कैसे कैसे धार्मिक हथकंडे अपनाए जाते हैं.
कैसे शुरू होगी फिल्मों की शूटिंग
देश कोरोना महामारी के चलते काफी दिक्कत झेल चुका है. इस झटके से एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री भी अछूती नहीं रही जहां कई शोज और फिल्म की शूटिंग अधर में लटकी पड़ी हैं. कई निर्माता, कलाकार, स्टाफवर्कर कोरोना और आर्थिक मार दोनों झेल रहे हैं.
कांग्रेस पार्टी सवाल नेतृत्व का
नेतृत्व को ले कर कांग्रेस के 23 बड़े नेताओं द्वारा हाई कमान को लिखी गई चिट्ठी पर पार्टी में खूब घमासान मचा. इतिहास साक्षी है कि अनुभवी कांग्रेस ऐसी कई उठापटकों से हो कर आगे निकलती रही है. अब मुद्दा यह है कि इस विशाल राष्ट्रीय पार्टी की मिक्स्ड कल्चर वाली विचारधारा को क्या गैरगांधीनेहरु परिवार से आया कोई दूसरा नेता ढो पाएगा? जानें इस लेख में.
संविधान भक्त कोर्ट के कठघरे में
सुप्रीम कोर्ट में चला यह दिलचस्प मुकदमा है जिस में प्रशांत भूषण को 1 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई गई या फिर 3 महीने की कैद भुगतने को कहा गया. इस मुकदमे ने कई मिथक तोड़े हैं तो कई गढ़े भी हैं. लेकिन सुप्रीम कोर्ट की लाचारी और भी ज्यादा हैरान कर देने वाली है जो अपने ही बिछाए जाल में फंसा नजर आ रहा है. पेश है अदालतों की बदहाली की पड़ताल करती खास रिपोर्ट.
सपा-बसपा-कांग्रेस ब्राह्मण वोटबैंक के बहकावे में
भाजपा द्वारा अयोध्या में राम की मूर्ति लगाने के बीच समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में परशुराम की सब से ऊंची मूर्ति लगाने की बात क्या की कि बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस भी ब्राह्मणों को लुभाने पर उतर आईं. योगी सरकार को ब्राह्मणविरोधी बता ये पार्टियां ब्राह्मण वोटबैंक को तरहतरह से प्रभावित करने में लगी हैं.