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लहसुन की नई किस्म पिंक लहसुन
सफेद लहसुन तो आपने देखा भी होगा और सुना भी। क्या कभी गुलाबी लहसुन के बारे में सुना है? अब आप सिर्फ इसके बारे में सुनेंगे ही नहीं, देखेंगे भी और इसका स्वाद भी ले सकेंगे।
गेहूं-धान के फसली चक्कर में बदलाव एक चुनौती
पंजाब सरकार ने एक कमेटी बनाई है, जो राज्य में धान की फसल के उत्पादन के अलावा अन्य फसलों को बढ़ावा देने की संभावनाओं की तलाश करेगी।
अनाज के सुरक्षित भंडारण की विधि एवं हानिकारक कीट प्रबंधन
भारत एक कृषि प्रधान देश है। हम सदियों से अनाज पैदा करते हैं और इस आधुनिक खेती के दौर में अनाज का सुरक्षित भंडारण एक चुनौती बना हुआ है।
कपास में हाइब्रिड बीज का उत्पादन
भारत वर्ष में 90 प्रतिशत से ज्यादा क्षेत्रफल हाइब्रिड कपास के अंतर्गत आता है। प्रतिवर्ष कपास के बीज की मांग बढ़ने से कई निजी कंपनियां अधिक लाभ के कारण कपास का अधिकतर हाइब्रिड बीज तैयार करती हैं।
धान की फसल का विकल्प क्यों और क्या
धान अनाज की एक मुख्य फसल है। साठ के दशक के अंत से धान की पैदावार में अनुपम बढ़ोतरी हुई है।
कौशल की कमी कृषि यंत्रीकरण में बाधक है
नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (NCAER) द्वारा हाल ही में जारी श्वेत-पत्र के अनुसार भारत में कृषि मशीनरी उद्योग लघु एवं सीमांत किसानों की मांगों को पूरा करने में उल्लेखनीय चुनौतियों का सामना कर रहा है।
कृषि उद्योग के लिए डिजिटल मार्केटिंग
डिजिटल मार्केटिंग अलग-अलग मार्केटिंग प्रयत्नों को दर्शाती है जो इलैक्ट्रॉनिक डिवाईसों या इंटरनेट का प्रयोग करते हैं। कारोबार मौजूदा एवं संभावी ग्राहकों दोनों के साथ संपर्क स्थापित करने के लिए सोशल मीडिया, खोज इंजन, ईमेल एवं उनकी वैबसाइटों जैसे डिजिटल प्लेटफार्मों का प्रयोग करते हैं। इस किस्म की मार्केटिंग को अक्सर 'आनलाइन मार्केटिंग, वैब मार्केटिंग या 'इंटरनेट मार्केटिंग' कहा जाता है।
आम में शारीरिक विकार और उनका प्रबंधन
बागवानी - हरियाणा
किसानों को प्राकृतिक खेती की ओर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता
प्राकृतिक खेती - उत्तरप्रदेश
पूर्वोत्तर हरियाणा में धान की सीधी बिजाई एक प्रयत्न तो बनता है
धान की सीधी बिजाई से मृदा का स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण भी होता है। शोध कार्यों के अनुसार धान की सीधी बिजाई में पैसे की बचत व शुद्ध लाभ भी ज्यादा होता है। इस लेख में धान की सीधी बिजाई के अत्याधिक लाभ बताने की अपेक्षा एक आर्थिक विश्लेषण के द्वारा इस बात पर बल दिया जा रहा है कि धान की सीधी बिजाई का आर्थिक प्रबंधन कितना भी बुरा क्यों ना हो फिर भी इस विधि को अपनाने में किसान का आर्थिक रूप से नुकसान नहीं होता।
जिंक के साथ माइक्रोग्रीन्स का बायोफोर्टिफिकेशन कम कर सकता है भूखमरी
एक नए शोध के मुताबिक, छोटे पौधों में मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक खनिजों को शामिल करने का सबसे प्रभावी तरीका बायोफोर्टिफिकेशन विधियों का उपयोग करना है। शोधकर्ताओं ने बताया कि उनके द्वारा उत्पादित अन्य आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा पर भी इस तरीके से बुरा असर नहीं पड़ा। सब्जी फसल विज्ञान के सहायक प्रोफैसर फ्रांसिस्को डि गोइया के अनुसार, जिंक के साथ बायोफोर्टिफाइड माइक्रोग्रीन्स लोगों को भूखमरी के खतरे से बाहर निकाल सकता है।
सदी के अंत तक आधे रह जाएंगे किसान...
क्या आप जानते हैं कि इस सदी के अंत तक दुनिया भर में मौजूद खेतों की संख्या घटकर आधे से कम रह जाएगी।
भूमि के पानी संरक्षण के लिए उचित प्रयोग आवश्यक
पानी सुरक्षित
परपरागण वाले कीटों को सुरक्षित करना आवश्यक
विश्व मधुमक्खी दिवस हर साल 20 मई को दुनिया भर में मनाया जाता है। मधुमक्खी पालकों के कार्यक्रम जनता को मधुमक्खियों और मधुमक्खी पालन के महत्व के बारे में शिक्षित करते हैं। इन आयोजनों में मधुमक्खियों द्वारा परागणकर्ताओं के रूप में निभाई जाने वाली भूमिकाओं पर विशेष जोर दिया जाता है, साथ ही उनके वन आवरण को बढ़ाने की अहम भूमिका को उजागर किया जाता है।
गन्ने के रस के फायदे एवं स्वास्थ्य लाभ
गन्ना सफेद चीनी उत्पादन के लिए व्यापक रूप से कच्चे माल के रूप में जाना जाता है
कुकुर्बिट सब्जियां उगाने से संबंधित जानकारी
कूकरबिट्स कार्बनिक पदार्थों की समृद्ध सामग्री के साथ अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में अच्छी तरह से पनपते हैं। हल्की मिट्टी आमतौर पर जल्दी फसल पैदा करने के लिए पसंद की जाती है।
सूत्रकृमि द्वारा उत्पन्न सब्जियों का मूल गांठ या जड़ गांठ रोग की पहचान व उनका प्रबंधन
सब्जियों के खेत में रोगी पौधे व उनके लक्षणों को देखकर इस रोग की आसानी से पहचान की जा सकती है। मूल-गांठ सूत्रकृमि मुख्यतः जड़ों अथवा कंदों के परजीवी होते हैं अतः इनके द्वारा उत्पन्न पौधे के ऊपरी भाग के लक्षण अन्य दूसरे रोगों या पर्यावरण कारकों के समान ही प्रकट होते हैं।
अखाद्य तिलहन अरण्ड की व्यवसायिक खेती
अरण्ड खरपतवार मुकाबले के प्रति बहुत संवेदनशील फसल है। आरम्भ में खरपतवार अरण्ड के पौधे की अपेक्षा ज्यादा वृद्धि करते हैं। जिससे अरण्ड के पौधे की वृद्धि रूक जाती है। खरपतवार कीटों के प्रकोप में भी इजाफा करते हैं। अतः अरण्ड की अच्छी पैदावार लेने के लिए खरपतवार नियंत्रण अति आवश्यक है।
डिजिटल कृषि-भारतीय कृषि का भविष्य
तकनीकी समाधानों को लागू करने से खेतों का विश्वसनीय प्रबंधन और निगरानी संभव हो जाती है। चूंकि किसानों को वास्तविक समय में खेतों का पूर्ण डिजिटल विश्लेषण प्राप्त होता है, वे तदनुसार कार्य कर सकते हैं और अतिरिक्त कीटनाशकों, उर्वरकों को लागू करने और कुल पानी की खपत को कम करने की आवश्यकता नहीं होती है।
बीज का व्यापार, लाइसेंस के ना-ना प्रकार
बीज कृषि का प्रमुख आदान है, अतः उसकी गुणवत्ता श्रेष्ठ होनी चाहिए। इसी कारण भारत सरकार ने बीज की गुणवत्ता नियन्त्रण के लिए बीज अधिनियम-1966, बीज नियम-1968 लागू किया।
भोजन उत्पादों के प्रभावी मंडीकरण में पैकिंग एवं लेबलिंग की भूमिका
मौजूदा समय में पैकिंग का महत्व बढ़ता जा रहा है। विशेष तौर पर भोजन पदार्थों के मंडीकरण में पैकिंग वाला पहलू अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। वर्तमान समय का उपभोक्ता जानकार एवं जागरुक है। मंडियों के प्रसार एवं भोजन पदार्थों संबंधी चलंत मसलों के कारण वर्तमान उपभोक्ता गुणवत्ता भरपूर सुरक्षित एवं स्वस्थ भोजन पदार्थों की खपत की ओर बढ़ रहा है। भोजन पदार्थों की पैकिंग उपरोक्त दर्शाये गये संदर्भ में सफल होने के लिए सहायक सिद्ध हो सकती है।
वर्टिकल गार्डनिंग
भारत में अत्यंत तेज गति से हो रहे शहरीकरण के शहर के आसपास खेती करने योग्य भूमि निरंतर कम होती जा रही है। शहर के लोग घर के पास ही सब्जियों की खरीदारी को इच्छुक होते हैं।
टमाटर की फसल में एकीकृत कीट प्रबंधन
यह देखा गया है कि टमाटर की उपज और गुणवत्ता कम करने के कई कारक हैं जैसे बीज, नर्सरी का खराब स्रोत, पौधों की आबादी, समय से पहले रोपाई, किस्मों का अनुचित चयन, उर्वरकों और सिंचाई का अत्याधिक उपयोग, खरपतवारों की असमय जांच, कीट-पतंगों और बीमारियों की गंभीर समस्या।
धान की पौध उगाते समय सावधानियां
धान हरियाणा की महत्वपूर्ण फसल है। बढ़ती हुई माँग व निर्यात को देखते हुए धान की पैदावार में प्रति एकड़ बढ़ोतरी करना आवश्यक है जिसके लिए जरूरी है कि धान की पौध उगाने से लेकर रोपाई तक महत्वपूर्ण ध्यान दिया जाये। अगर धान की पौध स्वस्थ होगी तभी अच्छी पैदावार की सम्भावना की जा सकती है।
सण्डा विधि से धान की रोपाई
सण्डा का शाब्दिक अर्थ होता है तगड़ा या हृष्ट-पुष्ट (रोबस्ट) क्योंकि इस विधि से तैयार नर्सरी पहली सघन रोपाई तथा अच्छे प्रबन्ध के बाद हृष्ट-पुष्ट होती है जिसमें सूखा एवं बाढ़ दोनों सहने की क्षमता होती है।
हैविट अवार्ड विजेता डॉ. पीटर एस ओजीआंबो
डॉ. ओजीआंबो ने प्रत्येक साइंसदानों के साथ मिलकर सीडोपैरोनस्पोरा की लाग व ताप एवं पत्तों में नमी को निपटने के लिए एक नया मॉडल तैयार किया।
सब्जी की खेती से किस्मत बदलने वाले रामेश्वर सुथार
किसान रामेश्वर सुथार ने अपने गांव में सब्जी की खेती शुरू की है। वे 6 बीघा जमीन पर कई तरह की सब्जी उगा रहे हैं।
फंगस का बढ़ रहा है फसलों पर हमला
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि महत्वपूर्ण फसलों पर तेजी से बढ़ती फंगस हमलों से दुनियाभर में भूखमरी का संकट उत्पन्न होने का खतरा है, क्योंकि फंगस की वजह से बड़ी मात्रा में फसलें नष्ट हो रही हैं।
जलवायु परिवर्तन का फसलों पर हो रहा है प्रभाव
देश में बदलती जलवायु का असर कई हिस्सों में दिखाई दे रहा है, जहां गेहूं तथा अन्य फसलों के पकते समय ओलावृष्टि तथा बेमौसम बारिश ने काफी नुकसान पहुंचाया है। नुकसान लगभग देश के सभी हिस्सों में हुआ है लेकिन भारत के उत्तर पश्चिम और पूर्वी हिस्से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।
मधुमक्खियों के मरने के कारण कम हो सकता है सेब का उत्पादन
बेमौसमी बारिश और बर्फबारी ने हिमाचल के सेब बागवानों के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है। एक ओर जहां सेब और अन्य गुटलीदार फलों की सेटिंग (फूल से फल बनने की प्रक्रिया) में गहरा असर पड़ा है। वहीं दूसरी ओर पॉलिनेशन (परागण) के लिए रखी इटालियन मधुमक्खियों की मौत से बागवानों के साथ-साथ मधुमक्खी पालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।