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मधुमेह रोगियों के लिये मिलेट आहार एक वरदान
मिलेट में दो तरह के अनाज होते हैं- एक मोटा अनाज और दूसरा छोटे दाने का अनाज।
गोबर... काला सोना इसे न जलायें
हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है। यहां के किसान प्राचीन काल से ही अपनी खेती में पशुओं का गोबर एवं मलमूत्र का उपयोग करते हैं। लेकिन वास्तविकता में लोग इन्हें ना तो उचित रूप में जमा करते हैं और ना ही उचित ढंग से इस्तेमाल। इससे हमारे देश में गोबर की खाद की गुणवत्ता इतनी अच्छी नहीं होती है, जितनी होनी चाहिए।
खरीफ तिलहन फसलों में खाद प्रबन्धन
डॉ. अमित कुमार, डॉ. जसबीर सिंह एवं डॉ. दीपक कुमार
आर्टीफिशियल इंटेलीजैंसी द्वारा तुड़ाई के उपरांत उचित प्रबंधन
कृषि उपज की उपलब्धता, गुणवत्ता एवं सुरक्षा को यकीनन बनाने में कुशल कटाई के बाद प्रबंधन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यह खेतों से खपतकारों की मेजों की ओर जाता है। हालाँकि, महामारी ने पारपंरिक सप्लाई श्रृंखला को बिगाड़ दिया है, जिसमें मजदूरों की कमी, यातायात की पाबंदियाँ एवं मार्केट की अनिश्चितताएं शामिल हैं।
कद्दूजातीय सब्जी फसलों के प्रमुख रोग एवं कीट
कद्दू जातीय सब्जी फसलों में बीज उत्पादन के दौरान लगने वाले कीड़ों तथा उनका नियंत्रण :
बायोचार: स्वस्थ मृदा का आधार ( भूमि के लिए काला सोना )
आजादी के समय आधुनिक तकनीकियों की कमी के कारण खेती से बहुत ही कम अनाज उत्पादित होता था, इसलिए खाने के लिए अनाज विदेशों से मंगाया जाता था फिर जनसंख्या में तेजी से वृद्धि हुई और अनाज की और भी ज्यादा कमी महसूस होने लगी जिसके कारण नई किस्मों का प्रवेश, जन्म हुआ और अनाज उत्पादन में अत्याधिक वृद्धि हुई जिसका मुख्य कारण नई किस्मों का प्रवेश, आधुनिक तकनीकियों का समायोजन तथा कृषि में रासायनिक पदार्थों का उपयोग रहा।
मक्का के मुख्य रोग एवं उनकी रोकथाम
मक्का दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण अनाज फसलों में से एक है।
भूजल संरक्षण के लिए धान की बुवाई बदलने की जरूरत
भूजल को बचाने के लिए किसानों को धान की सीधी बुआई के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
बढ़ रहे तापमान के कारण मछली उत्पादन पर प्रभाव
एक नए अध्ययन में पाया गया कि पानी में रहने वाले जीवों का गर्म पानी से इनके विकास में तो वृद्धि हुई, लेकिन इनकी मृत्यु दर भी बढ़ गई है जिसकी वजह से छोटी और बड़ी मछलियों की आबादी बढ़ी है।
बंदरों के भय से धान-मक्का का विकल्प बनी औषधीय फसलें
जम्मू-कश्मीर के किसान बंदरों की वजह से काफी परेशान थे। बंदर उनकी पूरी फसल को बर्बाद कर रहे थे।
लहसुन की नई किस्म पिंक लहसुन
सफेद लहसुन तो आपने देखा भी होगा और सुना भी। क्या कभी गुलाबी लहसुन के बारे में सुना है? अब आप सिर्फ इसके बारे में सुनेंगे ही नहीं, देखेंगे भी और इसका स्वाद भी ले सकेंगे।
गेहूं-धान के फसली चक्कर में बदलाव एक चुनौती
पंजाब सरकार ने एक कमेटी बनाई है, जो राज्य में धान की फसल के उत्पादन के अलावा अन्य फसलों को बढ़ावा देने की संभावनाओं की तलाश करेगी।
अनाज के सुरक्षित भंडारण की विधि एवं हानिकारक कीट प्रबंधन
भारत एक कृषि प्रधान देश है। हम सदियों से अनाज पैदा करते हैं और इस आधुनिक खेती के दौर में अनाज का सुरक्षित भंडारण एक चुनौती बना हुआ है।
कपास में हाइब्रिड बीज का उत्पादन
भारत वर्ष में 90 प्रतिशत से ज्यादा क्षेत्रफल हाइब्रिड कपास के अंतर्गत आता है। प्रतिवर्ष कपास के बीज की मांग बढ़ने से कई निजी कंपनियां अधिक लाभ के कारण कपास का अधिकतर हाइब्रिड बीज तैयार करती हैं।
धान की फसल का विकल्प क्यों और क्या
धान अनाज की एक मुख्य फसल है। साठ के दशक के अंत से धान की पैदावार में अनुपम बढ़ोतरी हुई है।
कौशल की कमी कृषि यंत्रीकरण में बाधक है
नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (NCAER) द्वारा हाल ही में जारी श्वेत-पत्र के अनुसार भारत में कृषि मशीनरी उद्योग लघु एवं सीमांत किसानों की मांगों को पूरा करने में उल्लेखनीय चुनौतियों का सामना कर रहा है।
कृषि उद्योग के लिए डिजिटल मार्केटिंग
डिजिटल मार्केटिंग अलग-अलग मार्केटिंग प्रयत्नों को दर्शाती है जो इलैक्ट्रॉनिक डिवाईसों या इंटरनेट का प्रयोग करते हैं। कारोबार मौजूदा एवं संभावी ग्राहकों दोनों के साथ संपर्क स्थापित करने के लिए सोशल मीडिया, खोज इंजन, ईमेल एवं उनकी वैबसाइटों जैसे डिजिटल प्लेटफार्मों का प्रयोग करते हैं। इस किस्म की मार्केटिंग को अक्सर 'आनलाइन मार्केटिंग, वैब मार्केटिंग या 'इंटरनेट मार्केटिंग' कहा जाता है।
आम में शारीरिक विकार और उनका प्रबंधन
बागवानी - हरियाणा
किसानों को प्राकृतिक खेती की ओर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता
प्राकृतिक खेती - उत्तरप्रदेश
पूर्वोत्तर हरियाणा में धान की सीधी बिजाई एक प्रयत्न तो बनता है
धान की सीधी बिजाई से मृदा का स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण भी होता है। शोध कार्यों के अनुसार धान की सीधी बिजाई में पैसे की बचत व शुद्ध लाभ भी ज्यादा होता है। इस लेख में धान की सीधी बिजाई के अत्याधिक लाभ बताने की अपेक्षा एक आर्थिक विश्लेषण के द्वारा इस बात पर बल दिया जा रहा है कि धान की सीधी बिजाई का आर्थिक प्रबंधन कितना भी बुरा क्यों ना हो फिर भी इस विधि को अपनाने में किसान का आर्थिक रूप से नुकसान नहीं होता।
जिंक के साथ माइक्रोग्रीन्स का बायोफोर्टिफिकेशन कम कर सकता है भूखमरी
एक नए शोध के मुताबिक, छोटे पौधों में मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक खनिजों को शामिल करने का सबसे प्रभावी तरीका बायोफोर्टिफिकेशन विधियों का उपयोग करना है। शोधकर्ताओं ने बताया कि उनके द्वारा उत्पादित अन्य आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा पर भी इस तरीके से बुरा असर नहीं पड़ा। सब्जी फसल विज्ञान के सहायक प्रोफैसर फ्रांसिस्को डि गोइया के अनुसार, जिंक के साथ बायोफोर्टिफाइड माइक्रोग्रीन्स लोगों को भूखमरी के खतरे से बाहर निकाल सकता है।
सदी के अंत तक आधे रह जाएंगे किसान...
क्या आप जानते हैं कि इस सदी के अंत तक दुनिया भर में मौजूद खेतों की संख्या घटकर आधे से कम रह जाएगी।
भूमि के पानी संरक्षण के लिए उचित प्रयोग आवश्यक
पानी सुरक्षित
परपरागण वाले कीटों को सुरक्षित करना आवश्यक
विश्व मधुमक्खी दिवस हर साल 20 मई को दुनिया भर में मनाया जाता है। मधुमक्खी पालकों के कार्यक्रम जनता को मधुमक्खियों और मधुमक्खी पालन के महत्व के बारे में शिक्षित करते हैं। इन आयोजनों में मधुमक्खियों द्वारा परागणकर्ताओं के रूप में निभाई जाने वाली भूमिकाओं पर विशेष जोर दिया जाता है, साथ ही उनके वन आवरण को बढ़ाने की अहम भूमिका को उजागर किया जाता है।
गन्ने के रस के फायदे एवं स्वास्थ्य लाभ
गन्ना सफेद चीनी उत्पादन के लिए व्यापक रूप से कच्चे माल के रूप में जाना जाता है
कुकुर्बिट सब्जियां उगाने से संबंधित जानकारी
कूकरबिट्स कार्बनिक पदार्थों की समृद्ध सामग्री के साथ अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में अच्छी तरह से पनपते हैं। हल्की मिट्टी आमतौर पर जल्दी फसल पैदा करने के लिए पसंद की जाती है।
सूत्रकृमि द्वारा उत्पन्न सब्जियों का मूल गांठ या जड़ गांठ रोग की पहचान व उनका प्रबंधन
सब्जियों के खेत में रोगी पौधे व उनके लक्षणों को देखकर इस रोग की आसानी से पहचान की जा सकती है। मूल-गांठ सूत्रकृमि मुख्यतः जड़ों अथवा कंदों के परजीवी होते हैं अतः इनके द्वारा उत्पन्न पौधे के ऊपरी भाग के लक्षण अन्य दूसरे रोगों या पर्यावरण कारकों के समान ही प्रकट होते हैं।
अखाद्य तिलहन अरण्ड की व्यवसायिक खेती
अरण्ड खरपतवार मुकाबले के प्रति बहुत संवेदनशील फसल है। आरम्भ में खरपतवार अरण्ड के पौधे की अपेक्षा ज्यादा वृद्धि करते हैं। जिससे अरण्ड के पौधे की वृद्धि रूक जाती है। खरपतवार कीटों के प्रकोप में भी इजाफा करते हैं। अतः अरण्ड की अच्छी पैदावार लेने के लिए खरपतवार नियंत्रण अति आवश्यक है।
डिजिटल कृषि-भारतीय कृषि का भविष्य
तकनीकी समाधानों को लागू करने से खेतों का विश्वसनीय प्रबंधन और निगरानी संभव हो जाती है। चूंकि किसानों को वास्तविक समय में खेतों का पूर्ण डिजिटल विश्लेषण प्राप्त होता है, वे तदनुसार कार्य कर सकते हैं और अतिरिक्त कीटनाशकों, उर्वरकों को लागू करने और कुल पानी की खपत को कम करने की आवश्यकता नहीं होती है।
बीज का व्यापार, लाइसेंस के ना-ना प्रकार
बीज कृषि का प्रमुख आदान है, अतः उसकी गुणवत्ता श्रेष्ठ होनी चाहिए। इसी कारण भारत सरकार ने बीज की गुणवत्ता नियन्त्रण के लिए बीज अधिनियम-1966, बीज नियम-1968 लागू किया।